श्रीकृष्ण विवाह के सम्पूर्ण रहस्य ब्रज में कितने स्थानों पर हुआ है राधारानी के साथ विवहा "सबूतों"

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 2 жов 2024
  • आज के विडिओ में आप "श्रीकृष्ण" के उन 5 स्थानो के बारे जाने जंहा पर "श्री कृष्ण" और "राधारानी" जी का विवहा हुआ और ये रहस्यमई विडिओ है और सभी विवहाओ के सबूत मिले है हमें रसीली ब्रज यात्रा में और राधा सुधा श्री कृष्ण चिंतन में राधे राधे
    श्रीकृष्ण विवाह के सम्पूर्ण रहस्य ब्रज में कितने स्थानों पर हुआ है राधारानी के साथ विवहा "सबूतों"
    #radhakrishna #radharani #radharanikavivahkrishnakesathkabhuwa #radhakrishnaserial #shrikrishna #panditpradeepmishraonradharanicontroversy #pradeepmishraradharanicontroversy #panditpradeepmishra #pradeepmishraradhaspeech #pradeepmishracontroversialspeech #premanandmaharajvspradeepmishra #panditpradeepmishraji

КОМЕНТАРІ • 4

  • @KapilDev-rg1nu
    @KapilDev-rg1nu 3 місяці тому +2

    Jai Shri Krishna

    • @sampurnbrajdarshan
      @sampurnbrajdarshan  3 місяці тому

      Jay shri radhe bankey bihari lal ki shri radha shri radha

  • @dharmikdigitalmedia
    @dharmikdigitalmedia 3 місяці тому +1

    भगवान श्री कृष्ण की नगरी बृज धाम भांडीर वन लीला प्रसंग 🌿🌿🌹🌹🌹🙏
    गर्ग संहिता एवं गीत गोविन्द के अनुसार एक समय नन्द बाबा श्रीकृष्ण को लेकर गोचारण हेतु भाण्डीरवन में पधारे । सघन तमाल, कदम्ब वृक्षों और हरी-भरी लताओं से आच्छादित यह वन बड़ा ही रमणीय सघन वन होने के कारण इसमें सूर्य की रश्मियाँ भी बहुत ही कम प्रवेश करती थीं। सहसा चारों ओर काले-काले मेघ घिर आये तथा प्रचण्ड आँधी के साथ कुछ-कुछ वर्षा भी प्रारम्भ हो गई । चारों तरफ अंधकार हो गया। नन्दबाबा दुर्योग देखकर भयभीत हो उठे । उन्होंने कन्हैया को अपने अकं में सावधानी से छिपा लिया । इसी समय वहाँ नख से शिख तक श्रृंगार धारण की हुई अपूर्व सुन्दरी वृषभानु कुमारी श्रीराधिकाजी उपस्थित हुई । उन्होंने नन्दबाबा के आगे अपने दोनों होथों को पसार दिया , मानों कृष्ण को अपनी गोद में लेना चाहती हो । नन्दबाबा को बहुत ही आश्चर्य हुआ । उन्होंने कृष्ण को उनके हाथों मं समर्पित कर दिया । श्रीमती राधिका कृष्ण को लेकर भाण्डीरवन के अन्तर्गत इसी भाण्डीरवट की छाया में ले गई। वहाँ पहुँचते ही श्रीकृष्ण मन्मथ-मन्मथ किशोर के रूप में प्रकट हो गये। इतने में ललिता, विशाखा आदि सखियाँ तथा चतुर्मुख ब्रह्मा भी वहाँ उपस्थित हुए दोनों की अभिलाषा जानकर ब्रह्माजी ने वेद मन्त्रों के द्वारा किशोर-किशोरी का गान्धर्व विवाह सम्पन्न कराया श्रीमती राधिका और श्रीकृष्ण ने परस्पर एक दूसरे को सुन्दर फूलों के हार अर्पण किये । सखियों ने प्रसन्नतापूर्वक विवाहकालीन गीत गाये और देवताओं ने आकाश से पुष्पों की वृष्टि की। देखते-देखते कुछ क्षणों के पश्चात् ब्रह्माजी चले गये । सखियाँ भी अन्तर्धान हो गईं और कृष्ण ने पुन: बालक का रूप धारण कर लिया । श्रीमती राधिका ने कृष्ण को पूर्ववत उठाकर प्रतीक्षा में खड़े नन्दबाबा की गोदी में सौंप दिया। इतने में बादल छट गये। आँधी भी शान्त हो गई । नन्दबाबा कृष्ण को लेकर अपने नन्द ब्रज में लौट आये।
    || श्री कृष्ण: शरणं मम ||*
    🌹"""" जय श्री कृष्ण """""🌹
    🙏🌹 छैला बृजबासी 🌹🙏