KUPIT YAGYASAINI | MAHABHARAT | VAISHNAVI SHARMA | SATISH SRIJAN | QUPIT YAGYASAINI | KRISHNA
Вставка
- Опубліковано 1 жов 2023
- KUPIT YAGYASAINI | MAHABHARAT | VAISHNAVI SHARMA | SATISH SRIJAN | QUPIT YAGYASAINI | KRISHNA
Poet : Satish Srijan
Recitation By : Vaishnavi Sharma
Special Thanks to @LNiteshKumar
Video & Music Production : 9Frequencies Studios
#Mahabharat #vaishnavisharma #krishna
Social Media Handles :
Instagram : raagvaishnavi?u...
🚫* ANTI-PIRACY WARNING *
This content is Copyright to @Raagvaishnaviofficial Any unauthorized reproduction, redistribution, or re-upload is strictly prohibited of this material. Legal action will be taken against those who violate the copyright of the following material presented!
2021. All copyrights are reserved with 9Frequencies Records Pvt Ltd.
©️®️ Raag Vaishnavi - Розваги
सुबह के 7 बजे सुन रहा, आज का दिन बन गया। आपके चेहरे के भाव के लिए निशब्द हूं। ऐसा लग रहा की आप ही द्रौपदी हैं और सबसे प्रश्न पूछ रही हैं। ❤
I agree
I agree toooo
😂😂😂
@@siddharthyashvardhanchaube6618 what's so funny? Chumtiya h kya?
अद्भुत
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
है भीष्म पितामाह कुछ बोलो
कुलवधु है तुम्हें पुकार रही
दुर्योधन जो व्यवहार किया
ये तुम सबको क्या लगा सही
मेरा केश पकड़कर लाया है
करता दुशासन दुर्व्यवहार
आर्यों की सब माताओं ने
क्या नहीं दिया कोई संस्कार
मैंने तो दांव नही खेला
चौसर की शाही क्रीड़ा मे
है दोष नहीं जब कहीं मेरा
तो क्यों मैं ऐसी पीड़ा मे
संपत्ति ना मैं किसी राजा की
जो हारे मुझको खेल जुआ
दादा तुम तो नीति प्रिय हो
तब तू क्यूं यू लाचार हुआ
जब गंगा सूत कुछ कह ना सका
कृष्णय ने राजा से पूछा
दुर्योधन इतना दृष्ट है तो
सम्राट दंड है क्यू सूजा
द्रौपदी ने बारी बारी से
प्रश्नों का ढेर लगा डाला
धृतराष्ट्र , विदुर और द्रोणा के
मानो मोह पर हो ताला
आखिर में बरसी पांडव पर
आखिर में बरसी पांडव पर
किस बूते पर हो मेरे पिया
कुछ कहो भतारो क्या सूजा
मुझको बाजी में लगा दिया
मछली की आँख भेदना था
वो करके ब्याह के लाए हो
अर्जुन गांडीव कहाँ गुम है
क्यूं ऐसे शीश झुकाए हो
जब मीन चक्षु संधान किया
तब हृदय मेरा हर्षाया था
मन ही मन मे एएहलादित थी मै
मन चहा वर जो पाया था
माँ कुंती ने मुझे बाँट दिया
बन गए पति पांचों भाई
दुर्दशा देख ऐसे मेरी
तुम सबको लाज नहीं आई
मैं समझी थी बड़भागन हू
रणवीरो की मे सबला हू
पर अब ऐसा लगता मुझको
डरपोको की मे अबला हू
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
है गदा कहाँ गांडीव कहाँ
क्या जंग लगी तलवारों को
सौ सौ धिक्कार तुम्हे मेरा
धिक्कार तेरे हथियारों को
अरे घुंघरू बांधो चूड़ी पहनो
गालियों में नाचो छम छम छम
नहीं बेचारी मुझको समझो
नैय्यहर से भाई बुलाए हम
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
हुआ पांचों का बल क्षीण तो क्या
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी है
उद्दंड नीच आताताई
को कभी ना देते माफी है
जो पता लगा मेरे विरन को
जो पता लगा मेरे विरन को
क्षण भर ना देर लगाएंगे
नंगे पैरों हिरणागति से
मेरे वीर कन्हैया आयेंगे
नहीं भगिनी मैं लचारो की
मधुसूदन मेरा भाई हैं
लगता दुशासन दुर्योधन
तेरी मौत शीश पर आई हैं
होती है भ्रुक्ति वक्र जहां
कोहराम वही मच जाता है
केशव हथियार उठाले तो फिर
काल भी ना बच पाता है
जो आए भैया सभा मध्य
यदि आए भैया सभा मध्य
तो कोई नहीं बच पाएगा
जब चक्र सुदर्शन घूमेगा
सब मूली सा कट जायेगा
ना बने निपुती माँ तेरी
ना बने निपुती माँ तेरी
कौरव सूत गण कुछ गौर करो
अतिशय अक्षम्य अपराध किया
ना सिर मृत्यु का मोर धरो
इतना सुन गरजा दुर्योधन
इतना सुन गरजा दुर्योधन
दुशासन देर लगाओ ना
निर्वस्त्र करो पांचाली को
जंघा पर मेरी बिठाओ ना
अग्रज की आज्ञा पाकर के
दुशासन पट को रहा खींच
द्रौपदी अधीर हुई मन मे
साड़ी हाथों से रही भींच
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
कुछ ना सुजा तब तैर भरी
बोली सुनिए मेरे गिरधारी
अब कोई नहीं अतिरिक्त तेरे
प्रभु लाज रखो है लाचारी
कान्हा की शान निराली है
कान्हा की शान निराली है
वो दौड़े दौड़े आते है
जब कोई अर्ध पुकार करे
निर्बल का बल बन जाते है
था चक्र सुदर्शन चला दिया
जब गज ने टेर लगाई थी
एक सेन्यनाई के खातिर बस
अपनी ठाकुरई बिसराई थी
मुट्ठी भर तंदूर के बदले
दो लोक सुदामा पाया था
एक बार पुरिंद्र के कारण
ऊंगली पर अचल उठाया था
अब की द्रौपदी की बारी थी
अब की द्रौपदी की बारी थी
रो रो कर कृष्ण पुकारी थी
हो गए रास्ते बंद सभी
अब अंतिम राह मुरारी थी
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
हुए कृष्ण कृपालु कृष्णा पर
माधव जो करुण पुकार सुनी
जहाँ देखो साड़ी ही साड़ी
धरती अम्बर तक चीर बुनी
अनव्रत खींचता रहा चीर पर
छोर दूसरा पा ना सका
हो गया चूर थक कर लेकिन
साड़ी की थहा ना लगा सका
था बहुत अचंभित दुशासन
था बहुत अचंभित दुशासन
ये नारी है या साड़ी है
द्रौपदी मे हार्ड मांस भी है
की सारी नारी साड़ी है
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
मूर्छित होकर गिरा दुशासन
निर्वस्त्र द्रौपदी कर ना सका
दस सहस्र हस्त का बलशाली
शर्मिंदा था बस मर ना सका
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
कभी यज्ञसेनी ने नटवर को
साड़ी का टुकड़ा बांधा था
बदले में आज मुरारी ने
साड़ी में साड़ी बांधा था
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है
👏👏
Nice 👍👍
Bahut pyara
Bhut sundar hai
👏👏👏🔥🔥
श्री कृष्ण भाव के भूखे है
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है
ऋण चूकता करते ब्याज सहित
माधव की लीला न्यारी है 🧡
श्री कृष्ण भाव के भूखे है ,
भक्तो की श्रद्धा प्यारी है ।
ऋण चुकता करते ब्याज सहित माधव की लीला न्यारी है......।❤
Goosebumps in every line😱❤
"Mere Krishn akele kaafi hai"
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Yes just 🔥
Madhusudan humare bhai hai also goosebumps moment
Felt like mata draupadi herself said this lines 🙇🏻♀️
Radhe Radhe
💝
Mata Draupadi ko paanch pati hone par koi apatti nahi thi. Hoti toh wah Mahabharat mein ullekh hota
Radhe radhe Krishnam Jagatguru
Sach m kisi ke dil ki gahraie ko samajhna bahut mushkil h jo apne iss line m kaha h.
दीदी जी आपको देखकर लगता है की साक्षात् माँ द्रोपती ही बोल रही है आपके चरणो मे कोटि कोटि नमन दीदी| आप पर श्रीकृष्ण की कृपा हमेशा बनी रहे 🙏🙏
"यदि आए भईया सभा मध्य।" इन पंक्तियों पर आपके चेहरे के भावों ने रोगटें खड़े कर दिए। इतनी सुन्दर प्रस्तुति सच में पहली बार सुन रही। आपके चेहरे की आभा आपके वाणी की पूरक जान पड़ रही। बेहद खूबसूरत। ❤️
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Aap ki antim pankti
आपके चेहरे की आभा आपके वाणी के पूरक जान पड़ रही है
क्या खूब उकेर दिया आपने इन्हे 🙏
Same feeling bhai emotions pls goosebumps
बहुत सुंदर मेने मेरे जीवन इतनी अच्छी कविता नहीं सुनी जितनी भी तारीफ़ करू उतनी कम है और कोई कल्पना भी नहीं कर सकता आज मैं 5 बजे उठा तब मैंने फेसबुक खोला और आपकी कविता सुने का मुझे सौभाग्य मिला अद्भुत ❤❤❤❤❤🙏🙏🙏👌👌👌
But aap comment tho UA-cam pr kr rhe ho 😅
Link se *redirect* huee honge brother...
वाह बहन!! आपने बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है, प्रशंसा करने के लिए मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है 😮😮😮😮😊😊😊😊🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हर लड़कियों को तुम्हारी ही तरह वीर😠 बनना चाहिए, और सिर्फ कविता में ही नहीं वास्तव में शस्त्र उठा कर वीरता दिखानी चाहिए, लड़ना चाहिए 😊👍🏼
👍🏼Nice poem👏🏼👏🏼👍🏼
👍👍
Right
But desh kanoon se chalta hai or ek average aadmi Kai untrained females ko hand to hand combat me Hara Sakta hai. Aur wo hare ga bhi tab jab wo thak jayega na ki injury ke chalte . Only elite Mma female fighter can stand against an average man.
I'm literally crying because this is how my mother felt helpless but kanha ji always saved her ❤
Same to same
Seems like draupadi literally herself is questioning. Soo beautiful literally 😍🥹
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
जितनी सुंदर यह कविता है, उतनी ही सुंदर तरीक़े से इसे अपना स्वर दिया है।
Made my day
मानों पूरा दृश्य सामने चल रहा और आँख भर गयी, मन गुस्से और शर्म से भर गया 😢😢
बहुत सुंदर व्याख्यान किया आपने 👍
अदभुत रचना और अति उत्कृष्ट प्रस्तुति... चेहरे के भाव तथा वाणी का ओज पंक्तियो के साथ पूर्ण न्याय करते हुए... अंत तक आते आते कान्हा की महिमा सुन कर आंखों से अश्रु धारा सहज रूप से प्रस्फुटित हो चली...
धन्य हैं आप दोनो जिन पर मां शारदा की ऐसी कृपा है... और सदा यूं ही बनी रहे।
जय श्री कृष्ण 🙏
यकीन मानो कल से पहले मैं इन मोहतरमा को जानता ही नहीं था और कल ही इनका एक कविता देखा तब से उनके सारे गाने कविता सारे दिल में उतर गए हैं कितनी खूबसूरत यह कला है इनकी आवाज से लगता है कि इनका आध्यात्मिक बहुत मजबूत है प्रभु श्री कृष्णा को लेकर.....
वैष्णवी जी आपके माता पिता धन्य है कि आपको इतने अच्छे संस्कार और परवरिश दिया...
भगवान आपको बहुत खुश रखे
नारीशक्ति🙏
पति से ज्यादा भाई से साथ ज्यादा सुरक्षित मानती है!
देवी द्रोपदी जी ने दृष्टिकोण से बतलाया दिया!!!!🙏🇮🇳🚩
कितनी बेहतरीन रचना और उससे भी सुंदर अभिव्यक्ति, आज के आधुनिक समाज के कला के लिए इतना समर्पण, भगवान आपको आध्यात्मिक तरक्की के रास्ते पर बहुत आगे ले जाए😊
I have been listening to this for a week, without missing a day and honestly it makes me cry every time. Today's youth will be more interested in knowing about their own religion if there were more content creators like you. It is inspirational, you father is an amazing poet and writer
एक एक शब्द ह्रदय चीर गया🥺🥺🥺
मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रहीं हैं🙇🙇🙇🙇
आपकी इस रचना में मानो स्वयं मां द्रौपदी प्रश्न कर रही हो 🙏🙏🙏🙏
Bilkul,
शुरू से अंत तक शरीर का रोंगटा खड़ा रहा 😢❤....इससे ज्यादा कुछ शब्द नहीं मेरे पास 😢 हरे कृष्ण❤️🚩❤
Mere bhai me to sirf roya ..gjb gjb
वेदना .. शायद यही द्रौपदी के हृदय में भी रही होगी। अद्भुत पाठ।
प्रथमतया आपकी प्रस्तुति को इंस्टाग्राम पर सुना था ... सुनकर सारा चित्र नेत्रों के समक्ष उपस्थित हो..तबसे आपकी सारी कविताएं सुनता हूं दीदी!! मेरी माताश्री और मेरा पूरा परिवार को सुनता है.....आपकी और पंक्तियां अपेक्षित हैं.......
आपके चरणों में सादर प्रणाम है दीदी ❤❤
आँशु न रुक पा रहा है, ऐसा लग रहा हैं सदृश्य देख रहा हूं।
धन्य आपके पिता जो आपके जैसा पुत्री पाया। उनके कृति का शृंगार इससे बेहतरीन नही हो पाता।
Couldn’t stop shedding my tears. So well written and well delivered. It seemed like Draupadi herself was saying all these.
मेरे कृष्ण अकेले काफ़ी हैं।💖🙌🏻
इतकी सुंदर रचना कदाचित कोणालाच जमलेली नसावी ❤ अप्रतीम आहे ❤
मैं बहुत पहले से महाभारत का सारा वीरों का गाथा और कविता बहुत बार सुना हु
लेकिन आज ये सुन दिल गदगद हो गया😊😊😊😊😊❤❤❤
Mera bhi yahi haal hai
हे देवी आप तो महान हो ।
क्या बोले निशब्द हू । मौन हू❤आप ही दुर्गा आप ही काली।
आपकी आवाज बहुत आकर्षित हैं सुनने पर मजबूर कर देती है चाहे जितने व्यस्त हो सुन कर ह्रदय भर आया ऐसी वाणी जैसे मां सरस्वती सुना रही हो 🙏❤️❤️
आपकी कविता ने मन को बांधकर रख दिया। आपके चेहरे के हाव-भाव से मैं मोहित हो गई।एक क्षण लगा, द्रौपदी मेरे सामने खड़े होकर प्रश्न पूछ रही है। बहुत ही शानदार कविता रही। आपके काव्य पाठ में आपकी सुंदरता झलक रही थी। वाह वाह अति अद्भुत 😊
❤😢दुखद कि आज हर स्त्री द्रौपदी है, पर कृष्ण बहुत कम। पर इस कविता से उस अदृश्य पर उम्मीद हुई
निश्चित ही यह दुष्कर्म अमानवीय था, और इसके लिए सभी पात्रों को एक ही दंड मिलना चाहिए था मृत्यु दंड और मिला भी जो जो भी इस दुष्कर्म के सहभागी थें इस वीभत्स घटना के पक्षधर थे सभी को मृत्यु दंड ही मिला, परन्तु इस घटना से थोड़ा पीछे देखिए दो प्रकरण पहला स्वयंवर प्रकरण जिसमें कर्ण को बेइज्जत की थी खुद इन्होंने ही आपको यदि सूतपुत्र से विवाह नहीं करना था तो उन्हें आमंत्रित किया ही क्यों और इसने तो धनुष भी उठा लिया था खैर इसका कोई भी उत्तर किसी के भी पास नहीं है और दुसरा प्रकरण है राजा को अंधा कहके बेइज्जत करना इसका भी कोई उत्तर नहीं है तो चर्चा तो इनका भी होना चाहिए जैसे वो प्रकरण अक्षम्य है ठीक उसी प्रकार ये दोनों प्रकरण भी अक्षम्य है
Maturity is realising, the whole game of Mahabharata by Krishna, was only for Draupadi and not for the entitlement of Pandavas ❤❤
Nhi a Satya nhi hai
Droupadi aane se phele bhi bahut ghatnaye ghati hai.
@@debumandal5556yahi sat hai. Pata nahi hai toh bolo matt
Today I watched this Priceless voice of purest women(Yagyashaini) of the world ..🙏❤️
You have to agree that everyone got goosebumps when she started talking bout' SHREE KRISHNA🛐❤
Adbhut ❤ ankho m anshu aa gye yrr sun k ur inki face k look amazing 😍 bht hi badiya reaction tha words ni h di mere pass apk liye sitaram 🙏🏿❤️ apko sitaram ji ap pe apni kripa bnaye rkhe sitaram 🙏🏿❤️ di 😊
अतिउत्तम हृदय मन एक दम प्रफुल्लित हो गया आप जैसी वीरांगनाओं आवश्यकता हैं इस देश को आपको मेरा सहृदय सम्मान सहित प्रणाम 🙏🙏
एक एक शब्द वान के जैसे हृदय को भेदती चली गई,, बहुत ही उत्तेजित कर देने वाली कविता है,,,,, माधव की लीला न्यारी है ❤🙌🏻🙏🏻
आपकी ये कविता सुन ऐसा लगता है मानो हम वही उपस्थित है एकदम हृदय तक छूता है आपकी कविता बहुत बार सुनता हु दिल नही भरता और नमस्कार है आप जैसी नारी को जो आज के कलयुग में भी अपने कविता से द्वापर युग तक एक क्षण के लिए सैर करा जाएं राधे कृष्णा ❤❤
I am definitely not the first one and not the last one who's is going to say this , your voice and the expression you have while expressing . It literally gave goosebumps
JAI SHREE KRISHNA .
अपनों से मीली क्रुरता और कहाँ खोजें
वो दौर भी केसे सहा होगा किसी ने जिनके अपने ही पापी बने होंगे
सहने वालों ने कल्पना भी नहीं कि होगी की हम मे से ही है दुष्प्रवृत्ति के जन..
अति सुन्दर प्रस्तुति आंखें खोलने वालीं
Didi I'm really crying inside after listen this...ek time ko laga ki dropadi ki soul aapme aagyi h ❤❤Handoff to you I'm really crying Jo aapka bolne ka tune , expression all looks like draupadi ji ki trhhh ❤❤❤❤❤.
Greet work didu ❤
आपको सुन कर मन्न को बहुत शांति मिली । बहुत अच्छे से वर्णन किया है आपने।
चेहरे का भाव वर्णन को और भी ह्रदय स्पर्शी बनाता है बहुत अच्छा व्याख्यान है
बहोत सुंदर कविता मेरे रोंगटे खड़े थे
नी:शब्द हूं आंख से आशु आ गए ऐसा लगा जैसे मैं खुद उस किरदार को जी रही हूं आप पर कान्हा जी की कृपा बनी रहे
जय श्री कृष्ण जय माधव🙏🙏
गद् गद् हो गया धन्य धन्य हो गया 🙏🙏🚩🚩
आपका एक एक शब्द इतना भावुक करने वाला था.....
ऐसा लग रहा था मानो स्वयं द्रौपदी सभा में सबसे प्रश्न कर रही हो....❤️🥀
राधे राधे 🙏🏻💝
अद्भुत प्रस्तुति आजकल के स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रस्तुति हमें देखने को मिलती है सुनने को मिलती है बहुत बहुत धन्यवाद आपका❤
मन भर गया और आंख से आसूं निकल आए 🙏आपकी आवाज से ही ऐसे लगा की ये सारा खेल मेरी आखों के सामने चले रहा हो जैसे 🙏 सलाम है आपकी बुलंद आवाज को 🙏
Sahi kaha yaar
I couldn't stop crying listening to it. Thanks for sharing your powerful art with us❤
जितना सुन्दर लिखा हुआ है, उतना ही सुन्दर आपने वाचन किया। हिवड़े में रच बस गयी है ये रचना ❤
निःशब्द हूँ... समझने में पूर्णतः असमर्थ हूँ की आपके मुखभावों की प्रशंसा करूँ या शब्दों की....एक शब्द में कहूँ तो "अद्भुत"👍😊
आपकी कविता सुनकर आंखें भर आई मैं लड्डू गोपाल की सेवा करती हूं लड्डू को अपना भाई माना है वो भी हमेशा मेरे साथ रहते है ।।🙏🙏
अध्भुत, अचंभित, कोटि कोटि नमन आपके पिता को और आपको I विस्मय विभूत कर दिया अपने I
रोंगटे खड़े हो गए ।इतनी मनोहर रचना सुनकर वही दृश्य आंखों के सामने नाच गया ।😢
"Ma'am" Words are missing to describe such a Beautiful speech (VAANI),✨ TRULY RESPECTFUL FROM THE HEART ❣️✨💫 🙏🏻
मैं क्या कहूं बस निशब्द हूं । बस इतना कहूंगा कि सतीश सृजन जी इस रचना के लिए उन्हें कोटि कोटि नमन 🙏🏻 और आप ने जैसे इस रचना का पाठ किया है यकीन मानिए मेरी आंखों में आंसू बस टपके नहीं लेकिन आंखें भर जरूर आई थी । सच में ऐसा लग रहा था कि द्रौपदी स्वयं अपनी पीड़ा सुना रही हैं । आपको शत शत नमन 🙏🏻
I have no words to describe this masterpiece!💕
Your words and your expressions made me feel as if Draupadi herself is saying these ! The best explanation of 'cheer - haran' ! I just couldn't resist my tears !🙌🏻❤️😭
अद्भुत, रोमांचकारी, भवबिभोर कर देने वाली कविता एवम्ं काव्य प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है।
2:20 मेरे कृष्ण अकेले काफी है उदंड, नीच,आताताई को कभी न देते माफी है Right ❤heart touching line 😢
Poem is Embodiment of divine.Just WOW.may u be always blessed.
Madhusudan mera bhai hai...mere kanha ...❤
Lady, U are so powerful and ur words are too🔥✨
Really heart touching 😶
I got tears in my eyes😥
Radhe radhe🙏
हे तेजस्विनी आपको नमन 🙏 साक्षात् कृष्णे के भाव , जय श्री राधेश्याम
कोई फायदा नहीं वो पहले से सेट है चमचागिरी से कुछ नहीं मिलने वाला 😂
कविता तो असामान्य रूपसे अतिउत्तम ही हैं पर जिस प्रकार आपने कविता पढी हैं मैं गदगद हो गया. मैं एक कथक नर्तक हूँ और आपका हर एक शब्द सूनकर मन में संचारी भाव जागृत हो गये. 🙏🙏
वाह वाह क्या अद्भुत रचना है 🥰🥹🥹 नेत्र अश्रु से भर गये।
Speechless 🤐totally feeling one of the words you say ❤i am LITTELLY having goosebumps now❤❤❤🎉
आप जो बोलती है वो चेहरे के भावो से भी इतना match करता h🙏
अद्भुत प्रस्तुति आजकल की स्मार्टफोन के समय में ऐसी लेखनी अविश्वसनीय है मेरे लिए और हम धन्य हैं जो अभी भी ऐसी प्रसूति हमें देखने को मिलती है और सुनने को आजकल वक्त बहुत बदल गया है हम पश्चिमी संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भुलते जा रहे हैं धन्यवाद❤❤❤❤❤❤
Bahut pehle suna tha..aaj 6 baje subah ye sun rhi hun.. sun ke hi wo pehle din ki trha goosebumps aa rhe h🙏👏👏❤apka bolna wahhh❤
सतीश सृजन जी को इतनी सुंदर कविता लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद साथ ही आपको कविता में जान डालने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
सत् सत् नमन आदरणीया अग्रजा जी। अद्भुत, अद्वितीय,अनिर्वचनीय, अतुलनीय, अलौकिक 🙏🙏🙏
अति सुन्दर प्रस्तुति और हृदय को छू लेने वाली लेखनी। आपका प्रस्तुतीकरण अदभुत रहता है।
Bahut hi sundar panktiyan Hain...
Jai shree Krishna🙇🙇🙇
So beautiful..the poem and the recital!! I was crying as you were reciting ❤❤❤❤
स्नेह-प्रेम-श्रद्धा स्वीकारें, देवी.
आपको सुन-देख सका.
ईश्वर का आभार.
Amazing 👏
Loved the words used by your father -> Krishnaa for Draupadi, Purandhar for Indra, Natwar for Sri Krishan!
कविता सुन रौंगटे खड़े हो गए
Jai shree Krishna ❤
कृष्णा सदा सहायते 🙏
आपको जय जय सियाराम 🙏🚩
आपने भाव विभोर कर दिया आपको
बहुत बहुत कोटि कोटि धन्यवाद 🙏🚩
केवल सुनते रहो ख़त्म ही नहीं होता 🙏🚩
Poetry + Face expression= Goosebumps
Nailed it Dii♥️😘
EXPRESSION ABOVE EXPECTATION
no grievances, no complaints EXCELLENT
Draupadi mata ka dard apke mukh ke vao me dikh Raha h behen😢bahat hi achha kiya h apne bht acchha likha h❤keep it up.. madhav bless you 🙏
प्रभु को और माता याज्ञसेनी को मेरा प्रणाम 🙏🚩
अद्धभुत कोई शब्द नहीं.... अति सुन्दर मन मोह लिया...
Haye raam रोंगटे खड़े हो गए 😢😢😢❤ मेरे माधव ❤❤❤
RadheRadhe
Mere aankhon mein to ashu aa gaye😢❤
Jay ShreeKrishna
Goosebump just because of this rhythmetic poet and her sophisticated expression...Great job..
Goosebumps..., i was searching whole video a while ago after watching it on insta, but i got it randomly today.
Sadhubaad to both creator and reciter.❤
If you had given the role of Panchali, it would have undoubtedly been the finest portrayal.❤👏🏻
सुंदर भाव अभिव्यक्ति...आरोह अवरोह के साथ वाचन 👌👌👌
Apka expression dekh ke laga ki drupadi hi kadhi ho kar sawal puch rhi hai apka iss video ko dil se pranaam hai
I’ve never heard anything quite as powerful as this . That’s all I have to say. I could come up with something else, but no words would do it justice.
Really a masterpiece , and the way you are reciting it , feels like Draupadi herself is asking questions.
Loved it!!
Di just have no word to say agar app itna feel krwa rahe so mai soch rai ki sach mai unhone kaise kaha hoga 🙋♀️a salute to u
જય શ્રી કૃષ્ણ બહુ સુંદર કવિતા છે મહાભારતની તમારો અવાજ પણ મધુર છે જય શ્રી કૃષ્ણ જય નારાયણ જય ગોપાલા
Apki awaj me suchme dard sa lg rha h mano jesi real voice h Mahabharat me apki awaj to dropti se bhi madur h esa lg rha h ki earphone lga kr Aram se sojao aankh band krke
Gjb ki voice h apki
You are underrated, the poetry, the expression, the voice everything is just perfect. Hats off to you and your father 👏 It's just beautiful.