|| ॐ श्री गंगाई नाथाय नमः || ■ समर्थ सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग की दिव्य वाणी में मंत्र दीक्षा द्वारा कुण्डलिनी जागरण ■ सिद्ध योग (ध्यान) ■ स्वचालित योग (ऑटोमेटिक योग) ■ पूर्णतः निःशुल्क _________________________ ■ ध्यान की विधि - ● आरामदायक स्थिति में बैठकर 2 मिनिट के लिए खुली आँखों से गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग के चित्र को एकाग्रता से देखें व ध्यान स्थिर करने हेतु गुरुदेव से करुण प्रार्थना करें। ● अब आँखें बंद करके दोनों भौहों के बीच आज्ञाचक्र पर ( जहाँ तिलक या बिंदी लगाते हैं ) गुरुदेव के चित्र को याद करके मन ही मन ( बिना होंठ - जीभ हिलाए ) 'संजीवनी मंत्र' का 15 मिनिट तक निरन्तर मानसिक जाप करते रहे , इस दौरान अपनी आँखें बंद रखें। ● ध्यान के दौरान किसी भी प्रकार की यौगिक क्रिया ( आसन , बंध , मुद्रा व प्राणायाम आदि ) अथवा विशेष अनुभूति होने पर उन्हें रोकने का प्रयास न करें व उन्हें सहज में होने दें। ● ये यौगिक क्रियाएँ तन - मन व आत्मा की शुद्धि के लिए मातृशक्ति कुण्डलिनी स्वयं अपने नियंत्रण में करवाती है। ● रोजाना सुबह - शाम 15 मिनिट खाली पेट ध्यान करें। ● 'संजीवनी मंत्र' का मन ही मन यथासंभव दिनभर जाप करते रहें। अपने कष्टों से मुक्ति एवं आध्यात्मिक प्रगति के लिए पूज्य सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग से अंतर्मन प्रार्थना आवश्य करें। ________________ ★ गुरुदेव की दिव्य आवाज में ' संजीवनी मंत्र ' सुनने हेतु कॉल करें - +91 8010882288 __________________________ ■ सिद्ध योग (ध्यान) से निम्न परिवर्तन - ● सभी प्रकार के साध्य - असाध्य रोगों से पूर्ण मुक्ति सम्भव। ● सभी प्रकार के नशों से पूर्ण मुक्ति संभव। ● विद्यार्थियों की स्मरणशक्ति व एकाग्रता में अभूतपूर्व वृद्धि। ● आध्यात्मिकता के पूर्ण ज्ञान के साथ भूत , वर्तमान एवं भविष्य की घटनाओं को ध्यान के दौरान प्रत्यक्ष देखना और सुनना। ● गृहस्थ जीवन में रहते हुए 'भोग' व 'मोक्ष' दोनों तत्त्वों की सहज प्राप्ति। ● ईश्वर की प्रत्यक्षानुभूति व साक्षात्कार। ● संपूर्ण मानव जाति का दिव्य रूपांतरण। ● आर्थिक , पारिवारिक , सामाजिक व व्यावसायिक परेशानियों से छुटकारा संभव। _________________________ ■ अधिक जानकारी हेतु - ● Whatsapp - +91 8200255821 ● Website - www.gurusiyag.in ● Email - Info@gurusiyag.in
Jai. Guru. Maa
Mera Guru Maa 🙏 .. you're Great..
🙏🙏Sadgurudev ji ke charno mai koti koti parnam 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ਕੰਵਲ ਅਗਿਆਨਤਾ ਦੂਰ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਗਿਆਨ, ਬਹੁਤ ਡੂੰਘਾ ਗਿਆਨ।ਗੁਰੂ ਜੀ ਚਰਨਾਂ ਨਾਲ ਲਾ ਲਵੋ।🌹🌹🙏🙏🙏🙏
Radhy radhy gurumaa ji ,
Jai gurudev🙏🙏
🙏🙏
Jgd Naman Guru Di.
Mere shone murshed ji.
Jai,guru,maa,sadh,budhe,do
जय गुरुदेव जी
Jai gurumaa shatash naman koti pranaam 🙏guru seva shreshth hai om gurve namah
Pranam gurumaa. U r an enlightened soul d u r doing a great service to mankind.
Really so much spiritial knowledge given by your videos. Continue to guide us. Thanks.
🙏🏻🧡🧡🧡🧡🧡🧡🧡🙏🏻🌹
Jai Jai gurumaa 💐🌹 🌹🌺 🌺🌿 🌿🌿 🌱🌿 🌱🌿 🌱🌱 🌿🌱 🌱
Guru maa ji pranaam aapko
|| ॐ श्री गंगाई नाथाय नमः ||
■ समर्थ सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग की दिव्य वाणी में मंत्र दीक्षा द्वारा कुण्डलिनी जागरण
■ सिद्ध योग (ध्यान)
■ स्वचालित योग (ऑटोमेटिक योग)
■ पूर्णतः निःशुल्क
_________________________
■ ध्यान की विधि -
● आरामदायक स्थिति में बैठकर 2 मिनिट के लिए खुली आँखों से गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग के चित्र को एकाग्रता से देखें व ध्यान स्थिर करने हेतु गुरुदेव से करुण प्रार्थना करें।
● अब आँखें बंद करके दोनों भौहों के बीच आज्ञाचक्र पर ( जहाँ तिलक या बिंदी लगाते हैं ) गुरुदेव के चित्र को याद करके मन ही मन ( बिना होंठ - जीभ हिलाए ) 'संजीवनी मंत्र' का 15 मिनिट तक निरन्तर मानसिक जाप करते रहे , इस दौरान अपनी आँखें बंद रखें।
● ध्यान के दौरान किसी भी प्रकार की यौगिक क्रिया ( आसन , बंध , मुद्रा व प्राणायाम आदि ) अथवा विशेष अनुभूति होने पर उन्हें रोकने का प्रयास न करें व उन्हें सहज में होने दें।
● ये यौगिक क्रियाएँ तन - मन व आत्मा की शुद्धि के लिए मातृशक्ति कुण्डलिनी स्वयं अपने नियंत्रण में करवाती है।
● रोजाना सुबह - शाम 15 मिनिट खाली पेट ध्यान करें।
● 'संजीवनी मंत्र' का मन ही मन यथासंभव दिनभर जाप करते रहें। अपने कष्टों से मुक्ति एवं आध्यात्मिक प्रगति के लिए पूज्य सद्गुरूदेव श्री रामलाल जी सियाग से अंतर्मन प्रार्थना आवश्य करें।
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★ गुरुदेव की दिव्य आवाज में ' संजीवनी मंत्र ' सुनने हेतु कॉल करें - +91 8010882288
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■ सिद्ध योग (ध्यान) से निम्न परिवर्तन -
● सभी प्रकार के साध्य - असाध्य रोगों से पूर्ण मुक्ति सम्भव।
● सभी प्रकार के नशों से पूर्ण मुक्ति संभव।
● विद्यार्थियों की स्मरणशक्ति व एकाग्रता में अभूतपूर्व वृद्धि।
● आध्यात्मिकता के पूर्ण ज्ञान के साथ भूत , वर्तमान एवं भविष्य की घटनाओं को ध्यान के दौरान प्रत्यक्ष देखना और सुनना।
● गृहस्थ जीवन में रहते हुए 'भोग' व 'मोक्ष' दोनों तत्त्वों की सहज प्राप्ति।
● ईश्वर की प्रत्यक्षानुभूति व साक्षात्कार।
● संपूर्ण मानव जाति का दिव्य रूपांतरण।
● आर्थिक , पारिवारिक , सामाजिक व व्यावसायिक परेशानियों से छुटकारा संभव।
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