वश में किया हुआ मन सबसे अच्छा मित्र होता है, लेकिन ये अनियंत्रित हो जाए तो सबसे बड़ा शत्रु हो जाता है हम सुखी हैं या दुखी, मन की स्थिति पर ही निर्भर करता है। अगर मन ही अशांत है तो सभी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी व्यक्ति दुखी ही रहता है। मन शांत रहेगा तो व्यक्ति अभावों में भी प्रसन्न रह सकता है।
Bhut hi sandar vichar 👌👌👌
Very well said 👍
jai ho
वश में किया हुआ मन सबसे अच्छा मित्र होता है, लेकिन ये अनियंत्रित हो जाए तो सबसे बड़ा शत्रु हो जाता है हम सुखी हैं या दुखी, मन की स्थिति पर ही निर्भर करता है। अगर मन ही अशांत है तो सभी सुख-सुविधाएं होने के बाद भी व्यक्ति दुखी ही रहता है। मन शांत रहेगा तो व्यक्ति अभावों में भी प्रसन्न रह सकता है।