ये बहुत ही शानदार समाचार है। इन लोगों ने ही भारत का नाश किया है।ये दो, ढाई सौ परिवार ही इस देश की न्याय व्यवस्था पर काबिज नहीं हो सकते। अब एक परीक्षा के तहत ही ये चयन आयोजित होने चाहिए। जय श्री राम। Y
बॅंकका एक चपरासी पाच सालके बाद दुसरी जगह ट्रान्सफर होता है,मगर वकील से बना जज उसी कोर्टमे जजमेंट देता है,यह है हमारे न्याय संस्थाका निष्पक्षपाती कार्यशैली😮
नेहरू गांधी फॅमिली ने खुदकी सत्ता ( कुर्सी ) बचानेके जुडीशिअल सिस्टीम को व्हॅसिनेट किया गया था ताकी सिस्टमकें बाहर का कोईभी जज ना बने और हमारी कुर्सी बची रहें |😡😡
कालेजियम सिस्टम तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए तथा u p s c के माध्यम से परीक्षा लिया जाना चाहिए। आरक्षण के तहत् एक भी उम्मीदवार की भर्ती नहीं किया जाना चाहिए। नैशनल ला कालेज से पढ़े हुए छात्रों को नौकरी में फार्म भरने और परीक्षा देने की योग्यता को निर्धारित किया जाना चाहिए।
सबसे पहले इन जजों पर अपनी अपनी सम्पत्ति को जनता के सामने पेश करनी चाहिए ताकि जो भी भस्टाचारी जज हो उन पर कार्रवाई हो सके तभी हिन्दुस्थान में कानून व्यवस्था सही ढंग से चले हिन्दू जाग रहा है बटोगे तो कटोगे यह नारा नहीं है हिन्दुओं के लिए मंत्र है जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
सन् 2016 में कलोजिएम के पक्षधर जजों के आदेश पर केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर समाप्त कर देना चाहिए था, ये सब केन्द्र सरकार का बना या है केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली पर हर किसी की नजर रहती है
Very good analysis and informations, it appears that the present Collegium System may amend it's way of recommendations so that there is no discussion about it either in Government or in Public, Jai Shri Ram Jai Jai Shri Ram !!!
सुप्रीम कोर्ट को एक मेरिट मैप और टाइम लाइन के डिटेल्स देकर बताना चाहिए कि भारत में कैसे एक चाय वाले का लड़का भारत का CJI बन सकता है। यदि इस तरीके की संभावना किताबी तौर पर भी नहीं है, तो फिर सब बातें हवा हवाई है। खानदानी जज नहीं बनेंगे तो पास पड़ोस के और दूर के रिश्तेदार बनेंगे। कोई फायदा नहीं होगा।
90 din se jyada koi bhi supreme court ka judge na bane esa kaanoon parliament me Banana chahiye agar jaroori ho to uska karyakaal or 90din sirf president bardha sakta he kewal 90din ke liye
डॉक्टर लोगों को भी कोलेजियम अपनाना चहिए, उनके बच्चों को परीक्षा नहीं देनी चाहिए, क्यों वो कह सकते हैं मेरे बच्चे मेरे साथ दस या पंद्रह साल से प्रैक्टिस कर रहा है, रोगों की सब दवा जानता है इस लिए उसे परीक्षा देने की जरूरत नहीं।
Judiciary reform turant karo ?? Baki logon ko bhi mouka do ?? Yahan bhi pareewarwadee kaam ho raha hai ?? Time bond judgement Judges please do reform,, what you are giving to next generation ?? Contribute for nation building ***
If IAS and even Clerical positions are filled after checking competence, then Why Judiciary which has to perform far sensitive tasks than a clerk, their competence is not checked in a scientific way?
NJAC lao desh ki SC aur HC mei parvarvad ka niyukti samvidhan ke khilaf jaa rahe hain, isko khatam karna sarkar ki bahut bada dayitwa hain, very nice analysis Rajeev ji Jai Hind.
न्यायपालिका के बारे में आपकी विवेचना बहुत ही निष्पक्ष और सटीक रही पत्रकार तो वैसे हर मुद्दे पर बोलते हैं लेकिन एक आप ही हैं जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष आ रही समस्याओं जिससे उसका भरोसा जनता में कम हो आप खुलकर बोलते हैं
Isiliye to कहा जाता हैं कि मोदी जी भले ही पीएम है लेकिन सिस्टम पर कब्जा कांग्रेस का है ,सुप्रीम कोर्ट से राहुल को हर बार राहत मिल जाती है। धक्का कांड में भी कोई सजा नहीं होगी भले ही सबूत पक्के हो ।
Undoubtedly a good beginning .But it should lead towards the implementation of NJAC . The judges of higher judiciary can't be given unbridled power and they must be accountable like other officials drawing salary from public funds .
Modi govt should once again bring NJAC which was passed by parliament. Supreme court cannot appoint their own relative judges depriving intelligent other judges to become SC judges. Also NJAC bill passed by parliament should prevail in the interest of nation.
Judges of SC and HC knows that the candidate they selected by partiality never clear competition if held for judges post. They verywell knows that the selected by collegium system never compatible judges who provide fair and clean judgements. These all judges are taking salary from public but provide judgements in fever of courts fixtures lawyers to earn huge amount of fees they charged to clients. But if competition is applied,non of these judges will be selected who are selected by partiality.
These all judges and CJI never agree on Referendum to do abolish done against Collegium system run by SC judges. When they refuse NJAC which was passed by parliament and send for applying, rejected by these Collegium judges. Is they have right to refuse the system passed by parliament whose loksabha MP was selected by public and judges are selected by judges. They verywell knows that their partiality in judges selection must go on. These judges verywell knows that non of them will be selected if selected by competition. This is their compatibility.
Sarkar koi hoa bhai bhatijavad and influential as well as cash for selection never end for example politics, judiciary, UPSC, PSC civil and even PSU and Pvt sector.
Collegium bhang jo upsc exam ho, phir select, exam govt le, interview judge ka panel le, 20% judge mannit kre govt and 10% judge recommend kre wd support of all high court judge support
In my opinion. collegium me judges judges ko niyukt karte hai. Matlab ye ho sakta hai ki, sonia ka concurrences le jate theey. Wo cia, isi agent aur soros gang ka log bhi hai. Isliye ho sakta hai ki, NJAC ko sc batil kiye theey. Taki, Soros ka manmani judiciary me barkarar rahe. isliye Indian judiciary ka hal itna gira hua hai. Isko sudharna e hai.
Judge banane ke pahle declaration lijiye, ea special clause lagaie ki ki Wo kisi judge ya political hugh ups ke reletive nshi hain aur yah candidate ka self declaration hona chahiye, recommendation ke pahle.
सीजेआई पद के लिए बहुत योग्य व्यक्ति की ही नियुक्ति होनी चाहिए ताकि देश का सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बना रहे।
जज की नियुक्ति भाई भतीजवाद का शिकार, नई प्रतिभा के लिए अवसरों की कमी ।
ये बहुत ही शानदार समाचार है। इन लोगों ने ही भारत का नाश किया है।ये दो, ढाई सौ परिवार ही इस देश की न्याय व्यवस्था पर काबिज नहीं हो सकते। अब एक परीक्षा के तहत ही ये चयन आयोजित होने चाहिए। जय श्री राम। Y
बॅंकका एक चपरासी पाच सालके बाद दुसरी जगह ट्रान्सफर होता है,मगर वकील से बना जज उसी कोर्टमे जजमेंट देता है,यह है हमारे न्याय संस्थाका निष्पक्षपाती कार्यशैली😮
कालेजियम सिस्टम पूर्ण रूप भाई भतीजा विवाद वा भ्रष्टाचारी विवस्था के जनक है।
rushwatkhor Auranzeb hitlerism
कोलेजियम खत्म हो
कोलेजियम सिस्टम सरकार बंंद कर दे
Sarkar to bill la chuki lekin collegium apne hit ke bhala kyo Manti??
सभी जानते हैं इस बात को!जज की भी हो गई है अपनी प्रजाति! ,खास किस्म की नस्लों के जजों को सुप्रीम कोठे पर किसने बैठाई!
❤❤❤❤❤❤❤
Parivaik court !
"Collegium" system must be abolished with immediate effect.
right away ,Dalle kotha
नेहरू गांधी फॅमिली ने खुदकी सत्ता ( कुर्सी ) बचानेके जुडीशिअल सिस्टीम को व्हॅसिनेट किया गया था ताकी सिस्टमकें बाहर का कोईभी जज ना बने और हमारी कुर्सी बची रहें |😡😡
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@@ellisahuja8484 Thanks
Ab to ye satya manne ko ko desh vivas hai
कोलेजियम स्कीम रहते न्याय की अपेक्षा नहीं रखना चाहिए।
System se nyay ki apekchha kyo ?
NJAC must be imposed by the Govt.
Qualified judges रहेंगे तभी गरीब जनता को पूरा और त्वरित न्याय मिल सकेगा...
कालेजियम सिस्टम तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए तथा u p s c के माध्यम से परीक्षा लिया जाना चाहिए। आरक्षण के तहत् एक भी उम्मीदवार की भर्ती नहीं किया जाना चाहिए। नैशनल ला कालेज से पढ़े हुए छात्रों को नौकरी में फार्म भरने और परीक्षा देने की योग्यता को निर्धारित किया जाना चाहिए।
जजों की नियुक्ति प्रति स्पर्धा परीक्षा ही होना चाहिए
agreed 100%.
Sahi analysis
Hope further improvements in supreme judiciary 😊
Disqualified judges are the problem.
Shame on Chandrachud who was also against any changes to the collegium
सबसे पहले इन जजों पर अपनी अपनी सम्पत्ति को जनता के सामने पेश करनी चाहिए ताकि जो भी भस्टाचारी जज हो उन पर कार्रवाई हो सके तभी हिन्दुस्थान में कानून व्यवस्था सही ढंग से चले हिन्दू जाग रहा है बटोगे तो कटोगे यह नारा नहीं है हिन्दुओं के लिए मंत्र है
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
Aapne sahi kaha par judge ye chahenge kyo ?
जजों के लिए योग्यता परीक्षा भी होनी चाहिए।
and every 2-3 years training classes and exam too!
सन् 2016 में कलोजिएम के पक्षधर जजों के आदेश पर केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर समाप्त कर देना चाहिए था, ये सब केन्द्र सरकार का बना या है केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली पर हर किसी की नजर रहती है
Collegium Systeme is not a fair practice. It encourages napotism.
This is also anti- Constitutional. 👍
Very good analysis and informations, it appears that the present Collegium System may amend it's way of recommendations so that there is no discussion about it either in Government or in Public, Jai Shri Ram Jai Jai Shri Ram !!!
impossible Haram ka khane ko milta hai kyon chhorein
Judges are not selecting Judges,they are choosing Judges.
Collegium system must be abolished
सुप्रीम कोर्ट को एक मेरिट मैप और टाइम लाइन के डिटेल्स देकर बताना चाहिए कि भारत में कैसे एक चाय वाले का लड़का भारत का CJI बन सकता है। यदि इस तरीके की संभावना किताबी तौर पर भी नहीं है, तो फिर सब बातें हवा हवाई है। खानदानी जज नहीं बनेंगे तो पास पड़ोस के और दूर के रिश्तेदार बनेंगे। कोई फायदा नहीं होगा।
Definitely we need to do something about it, it cannot continue like this
Bahut khusi ka samachar.
90 din se jyada koi bhi supreme court ka judge na bane esa kaanoon parliament me Banana chahiye agar jaroori ho to uska karyakaal or 90din sirf president bardha sakta he kewal 90din ke liye
This system is one kind gift to judge who are familiar to collegium system.
Thanks Rajeevkumar ji for big information and analysis 🙏 👍
बहु प्रतीक्षित सुधार जो अति आवश्यक है।
डॉक्टर लोगों को भी कोलेजियम अपनाना चहिए, उनके बच्चों को परीक्षा नहीं देनी चाहिए, क्यों वो कह सकते हैं मेरे बच्चे मेरे साथ दस या पंद्रह साल से प्रैक्टिस कर रहा है, रोगों की सब दवा जानता है इस लिए उसे परीक्षा देने की जरूरत नहीं।
अगर न्याय व्यवस्था में पारदर्शकता नहीं तो न्याय दान पारदर्शक होना कठिन होता है
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Very good
Very good decision, once any one is judge, family membwr should not be Judge , is very good for country.
Collegium System Nahi hona chahiye.
Judiciary reform turant karo ??
Baki logon ko bhi mouka do ??
Yahan bhi pareewarwadee kaam ho raha hai ??
Time bond judgement
Judges please do reform,, what you are giving to next generation ??
Contribute for nation building ***
Collegium needs to be abolished and appointment through competitive exam should be in place
Let there will be REFERENDUM to abolish Collegeum.
Correct 👌
If IAS and even Clerical positions are filled after checking competence, then Why Judiciary which has to perform far sensitive tasks than a clerk, their competence is not checked in a scientific way?
NJAC lao desh ki SC aur HC mei parvarvad ka niyukti samvidhan ke khilaf jaa rahe hain, isko khatam karna sarkar ki bahut bada dayitwa hain, very nice analysis Rajeev ji Jai Hind.
❤❤❤❤❤❤❤
Collegium was created with sole objective of Creating judges from Family loyalty !
JAI SHRI RAM 🙏
This is the End of career of all Close to Gandhi Darbar and Congressi Judges Jai Shree Ram
जय हिन्द🙏🇧🇴
जय श्री राम🙏🙏
Bilkul sahi baat bayaye Executive Editor Shree ❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏Rajeev Sir sat sat dhanyawad Jay Hind 🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
न्यायपालिका के बारे में आपकी विवेचना बहुत ही निष्पक्ष और सटीक रही पत्रकार तो वैसे हर मुद्दे पर बोलते हैं लेकिन एक आप ही हैं जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष आ रही समस्याओं जिससे उसका भरोसा जनता में कम हो आप खुलकर बोलते हैं
Let there will be REFERENDUM to abolish Collegeum.
Whether supreme court is in a higher position than parliament.
1.Exam lo
2.Experiance ko consider karo
3. Past performance
4. Action taken to reform judiciary
5. Transfer etc etc
Hope Modi ji should be very strict in breaking collegium system & enforce NJAC for the effective enforcement of judgement for common man.
Isiliye to कहा जाता हैं कि मोदी जी भले ही पीएम है लेकिन सिस्टम पर कब्जा कांग्रेस का है ,सुप्रीम कोर्ट से राहुल को हर बार राहत मिल जाती है। धक्का कांड में भी कोई सजा नहीं होगी भले ही सबूत पक्के हो ।
Us Bakat Desh ke Shan Hon’ble Judge Mr H. R. Khanna ji Zinda Dil tha.🙏🏻
Judges appointment via competition ho -mamla talent hunt ka hai nation wide 🙏
*OLD WINE IN S NEW BATTLE*
देश के लिए अवश्यक निर्णय ठरेगा
All the problems are remaining in judiciary system due to weakness of central governmen .
🙏👍❤ Rajivji, I thought about this a lot. My 2cents. Nepotism is against meritocracy. This is also a reason for corruption and imbalance in society. 🙏
संभिधान सरकार संसद और हिंदुओ के विपरीत यदि me lords koi कार्य करते है तो इनके विरुद्ध भी सरकार को एक्शन लेने का अधिकार होना चाहिए
Collegium recommendation must be reviewed by the SC and the central government for a better tomorrow
do u thing SC bikta nahi set nahi hota??
The issue being raised here certainly requires serious consideration. An equitable solution needs to be found.
पुरुष आयोग भी बनना चाहिए तत्काल परिवारों और लड़कों को बचाने के लिए...
Judicial system must be reformed
Let there will be REFERENDUM to abolish Collegeum.
Every law or procedure must be based on logic, transparency n judiciousness. Judiciary can't act as dictator n must be answerable to GOI / president.
Undoubtedly a good beginning .But it should lead towards the implementation of NJAC . The judges of higher judiciary can't be given unbridled power and they must be accountable like other officials drawing salary from public funds .
Sahi judge ke liye exam hone chahiye, collegium to turant khatm hona chahiye
भारत का न्यायतंत्र सर मुख्तियार के वृति का विरोध करता हैं लेकिन न्यायतंत्र में ही सर मुख्तियारी है l
Why not to impose national judiciary service commission
Quite Right Step
Jai. Hind. Jai. Sri. Ram ki. Jai. Jai. Vnde. Matrm. Ki. Jai. Jai. Bhart Mataji. Ki. Jai .
I want to change it collegium system
Its time to shun collegium nepotism
Modi govt should once again bring NJAC which was passed by parliament. Supreme court cannot appoint their own relative judges depriving intelligent other judges to become SC judges. Also NJAC bill passed by parliament should prevail in the interest of nation.
একই কথা কত দিন ধরে শুনতে হবে? লোকসভা বড় না সুপ্রিম কোর্ট বড়?
कॉलेजियम सिस्टम इज द मदर of courruption it should b removed
Judges of SC and HC knows that the candidate they selected by partiality never clear competition if held for judges post. They verywell knows that the selected by collegium system never compatible judges who provide fair and clean judgements. These all judges are taking salary from public but provide judgements in fever of courts fixtures lawyers to earn huge amount of fees they charged to clients. But if competition is applied,non of these judges will be selected who are selected by partiality.
Let there will be REFERENDUM to abolish Collegeum.
Let there will be REFERENDUM to abolish Collegeum.
These all judges and CJI never agree on Referendum to do abolish done against Collegium system run by SC judges. When they refuse NJAC which was passed by parliament and send for applying, rejected by these Collegium judges. Is they have right to refuse the system passed by parliament whose loksabha MP was selected by public and judges are selected by judges. They verywell knows that their partiality in judges selection must go on. These judges verywell knows that non of them will be selected if selected by competition. This is their compatibility.
Njac phir se laya jaye.
Good analyser
𝗡𝗝𝗔𝗖 𝘀𝘁𝗿𝗶𝗰𝘁𝗹𝘆 𝗶𝗺𝗽𝗹𝗲𝗺𝗲𝗻𝘁, 𝘁𝗵𝗶𝘀 𝗽𝗮𝘀𝘀𝗲𝗱 𝗯𝗶𝗹𝗹.
No Collegium system in the system of requirements of judges in India.
Sarkar koi hoa bhai bhatijavad and influential as well as cash for selection never end for example politics, judiciary, UPSC, PSC civil and even PSU and Pvt sector.
😮😮 परिवार वाद 😮😂😂😂
Justice may not be expected during the system of collegium and genious persons are neglected.
Colagium Ko hatana chahiye
Stop cllegiam system.❤❤❤❤❤
very nice perspective
Appreciabne.
JaiSriRam
Vakeelon ki Age bhi Nishchit ki Jani Chahiye
खानदानी पेशा बदलना चाईहे.
काबिलियत पर कुर्सी मिले.
चाहे वो पॉलिटिक्स हो या नौकरी.
System totaly galat hai paribad pratha bandh hona chahiye judge ka appointment open market se hona chahiye
Collegium bhang jo upsc exam ho, phir select, exam govt le, interview judge ka panel le, 20% judge mannit kre govt and 10% judge recommend kre wd support of all high court judge support
Judges ke appointments me jo gharaneshahi ke virodh me janandolan karneki jarurat hai
Sarkar ki himmat nhi coll. Ko choone ki.....bekar ki bahas.
I like this video
Jay shree Ram
Collegium khatam ho,njac lagu ho
In my opinion. collegium me judges judges ko niyukt karte hai. Matlab ye ho sakta hai ki, sonia ka concurrences le jate theey. Wo cia, isi agent aur soros gang ka log bhi hai. Isliye ho sakta hai ki, NJAC ko sc batil kiye theey. Taki, Soros ka manmani judiciary me barkarar rahe. isliye Indian judiciary ka hal itna gira hua hai. Isko sudharna e hai.
Judge banane ke pahle declaration lijiye, ea special clause lagaie ki ki Wo kisi judge ya political hugh ups ke reletive nshi hain aur yah candidate ka self declaration hona chahiye, recommendation ke pahle.