निज गिरा पावनि करन कारन राम जसु तुलसीं कह्यै। रघुबीर चरित अपार बारिधि पारु कबि कौनें लह्यो।। उपबीत ब्याह उछाह मंगल सुनि जे सादर गावहीं।बैदेहि राम प्रसाद ते जन सर्बदा सुखु पावहीं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना। कहहिं तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारि सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।। एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पदुम पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹🌹
जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम 🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷
सीता सचिव सहित दोउ भाई। सृंगबेरपुर पहुॅंचे जाई। उतरे राम देवसरि देखी।कीन्ह दंडवत हरषु बिषेसी।। लखन सचिवॅं सियॅं किए प्रनामा सबहि सहित सुखु पायउ रामा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा।तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।सखा परम परमारथु एहू।मन क्रम बचन राम पद नेहू।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
महाराज जी के चरणों में सत सत नमन
रति होऊ अविरल अमल सियरघुबीर पद नित, नित नई 🙏 हे करूणा निधान 🙏🚩🌹
जाऊं कहां तज चरण तिहारे, ताकों नाम पतित पावन जग 🙏🌹🚩🌻
पूज्य महाराज को कोटि कोटि प्रणाम जी 🙏🏻 जय श्री राम जी 🙏🏻 🙏🏻
मांगी नाव न केवट आना, कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना।।🙏🌹🚩
परम् पूज्य श्री गुरुदेव जी महाराज जी को कोटि कोटि नमन सादर प्रणाम जय श्री सीता राम 🙏 हर हर महादेव 🙏🚩🌹
निज गिरा पावनि करन कारन राम जस तुलसी कहो, रघुबीर चरित अपार बारिधि पारु कवि कोने लहो 🙏
जय श्री सीताराम महराज जी 🙏🌹 हर-हर महादेव 🙏🌹मेरे राघव 🙏🌹
सीताराम चरण रति मोरे अनुदिन बढउ अनुग्रह तोरे
❤ जय सिया राम जी ❤❤ जय श्री हनुमान जी महाराज जी की ❤❤ जय श्री सतगुरु देव जी महाराज जी की❤
आप सभी हरि अनुरागी भक्तो को सादर प्रणाम जय श्री सीता राम 🙏 हर हर महादेव 🙏🚩🌹
जासु नाम सुमिरत एक बारा। उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।सोइ कृपालु केवटहि निहोरा। जेहिं जगु किय तिहु पगहु ते थोरा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 बहुत कीन्ह प्रभु लखन सियॅं नहिं कछु केवटु लेइ।बिदा कीन्ह करुनायतन भगति बिमल बरु देइ।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
सुनु जननी सोइ सुतु बड़भागी। जो पितु मातु बचन अनुरागी।।तनय मातु पितु तोषनिहारा। दुर्लभ जननी सकल संसारा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹तात तुम्हारि मातु बैदेही। पिता रामु सब भाॅंति सनेही।।अवध तहाॅं जहॅं राम निवासू। तहॅंइॅं दिवसु जहॅं भानु प्रकासू।। जौं पै रामु सीय बन जाहीं।अवध तुम्हार काज कछु नाहीं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
देखि रूप लोचन ललचाने।हरषे जनु निज निधि पहिचाने।।थके नयन रघुपति छवि देखें। पलकन्हिहुॅं परिहरीं निमेषें।। अधिक सनेहॅं देह भै भोरी।सरद ससिहि जनु चितव चकोरी।। लोचन मग रामहि उर आनी।दीन्हे पलक कपाट सयानी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Jay ho gurudev apko koti koti pranam
Jai Jai Siya Ram Maharaj Ji 🙏
निज गिरा पावनि करन कारन राम जसु तुलसीं कह्यै। रघुबीर चरित अपार बारिधि पारु कबि कौनें लह्यो।। उपबीत ब्याह उछाह मंगल सुनि जे सादर गावहीं।बैदेहि राम प्रसाद ते जन सर्बदा सुखु पावहीं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना। कहहिं तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारि सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।। एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पदुम पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹🌹
सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु।आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹नामु मंथरा मंदमति चेरी कैकेई केरी।अजस पेटारी ताहि करि गई गिरा मति भोरी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जय जय सियाराम 🙏🌷🙏
सादर जय सियाराम 🌹🙏🏻
Jay gurudev ki jay ho
Oooooom Jai Jai Shre ShitaRam Jai Jai ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam ShitaRam Jai Jai Hanuman
Shree Gurudev
सुनहु प्रानप्रिय भावत जी का। देहु एक बर भरतहि टीका।।मागउॅं दूसर बर कर जोरी।पुरवहु नाथ मनोरथ मोरी।।तापस बेष बिसेषि उदासी। चौदह बरिस रामु बनबासी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Jai shree Ram
सकल अमानुष करम तुम्हारे। केवल कौसिक कृपाॅं सुधारे।आजु सुफल जग जनमु हमारा। देखि तात बिधुबदन तुम्हारा।।जे दिन गए तुम्हहि बिनु देखें।ते बिरंचि जनि पारहिं लेखें।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
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Jai shree ram
🙏🙏🙏व्यास पीठ व गुरुदेव को दंडवत प्रणाम व मानस परिवार को सादर जय जय सियाराम जी🙏🙏
हर हर महादेव 🌷🙏🌷
Jai shree ram🙏🙏🙏🙏
Jay jay shree Ram ji ❤
हर हर हर महादेव 🙏🌹🙏
Jai shree ram
जय श्री राम 🙏🌹🙏
जय श्री राम
Jay shri ram🙏🙏
जय श्री राम 🙏
Jai shree Ram
जय श्रीराम जी
Jay jay shree Ram ji 🙏 ♥️