गुरुजी आपकी मेहनत और लगन को देखते हुए आपके चरणों में नमन है मेरा एक दुख है मुझे की करोड़ो हिंदुओ को इकठ्ठा होकर यह मांग करनी पड़ रही है संसद में कोन बैठे है मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री हिंदू फिर भी गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा का बिंदु नहीं डाल पा रहे हमारे चुने हुए नेता क्या इसकी अनुमति दूसरे देश देंगे हम अपने ही नेताओ से कितने समय से गिड़गिड़ा रहे है और यह घमंड में चूर नेता हमारी आस्था हमारी भावना से खेल रहे है जो नोट बिना पूछे बंद कर सकते हैं वह क्या गो माता को राष्ट्र माता का सम्मान नही दे सकते है क्या ? गो सेवक हिम्मत सिंह ।
🙏🚩परम् पूज्य् गौऋषी अनंतश्रीविभूषित गोपालमणि जी महाराज से निवेदन है कि आप जनता को समझाने की अपेक्षा इन व्यास गादी पर बैठे महाशय श्रीप्रदीप मिश्रा जी को समझाइए यह क्यों शिवप्रिय गौ माता की कभी चर्चा भी अपनी कथा के दौरान नहीं करते हैं ।शास्त्रों की अर्थी निकालने में लगे हुए हैं। 24000 श्लोक की शिव महापुराण मैं से आज तक इन्होंने एक भी श्लोक नहीं बोला है इनसे आप कहिए कि कम से कम यह शिवमहापुराण का घर पर पारायण कर लिया करें क्या गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित अनुवाद वाली कथा पढ़कर जनता को शिव महापुराण के बहाने अपनी ही बातें बताते रहते हैं। इनकी कथा सुनने ऐसे लोग आ रहे हैं जिनमें आध्यात्मिकता का नितांत अभाव है अगर इनके श्रोताओं को भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर जाते समय रास्ते में कोई मरणासन्न या बीमार गाय मिल जाए तो वह गाय का उपचार करने की अपेक्षा मंदिर में जाकर शिवजी को एक लौटा जल चढ़ाने को प्राथमिकता देंगे ऐसा है इनका श्रोता वर्ग क्योंकि यह श्रोता वर्ग को चमत्कारिकता की ओर ले जा रहे हैं एवं भगवत् प्राप्ति का जो अंतिम लक्ष्य होता है जिसे लोग कहते हैं उससे दूर ले जा रहे हैं। यह भूल गए हैं कि संसार में भगवान शिव से बड़ा गौ भक्त कोई नहीं है शिवप्रिय गूगल एवं बेलपत्र एवं गोरोचन की उत्पत्ति गौमाता से ही हुई है। आज जो धरती पर वेद लक्ष्णा देशी भारतीय गौ माता घूम रही है वह शिवजी के वाहन नंदी के ही वंशज हैं जो अंगोल प्रजाति की हैं। गौ सेवा का प्रतिपाद्य "गोतंत्र" जिसे भगवान शिवजी ने माता पार्वती को सुनाया है उसके अनुसार- गोमय रोचना मूत्रं क्षीरं दधि घृत गवाम्। षडग्ङानि पवित्राणि संशुध्दिकरणानि च।। गोमयादुत्थित: श्रीमान् बिल्ववृक्ष शिवप्रिय:। तत्रास्ते पद्महस्ता श्री: श्रीवृक्षेस्तेन स स्म्त:। बीजान्युत्पलपद्मानां पुनर्जातानि गोमयात।। गोरोचना च मांगल्या पवित्रा सर्वसाधिका। गोमूत्र गुग्गुलुर्जात सूगंधि: प्रियदर्शन:। आहार: सर्वदेवानां शिवस्य च विशेषत:।।
अनुवाद:- गौओं से उत्पन्न दूध, दही, घी ,गोबर मूत्र और गोरोचन ये6 अंग (गोषडंग) अत्यंत पवित्र है और प्राणियों के सभी पापों को नष्ट कर उन्हें शुद्ध करने वाले हैं। श्री संपन्न बिल्ववृक्ष गौओं के गोबर से ही उत्पन्न हुआ है यह भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय है क्योंकि उस वृक्ष में पद्महस्ता भगवती लक्ष्मी साक्षात निवास करती है इसलिए इसे श्रीवृक्ष भी कहा जाता है ।बाद में नीलकमल एवं रक्तकमल के बीज भी गोबर से ही उत्पन्न हुए थे गौओंके मस्तक से उत्पन्न पवित्र गोरोचन समस्त अभीष्ट की सिद्धि करने वाला तथा परम मंगलदायिनी है। अत्यंत सुगंधित गुग्गुल नाम का पदार्थ गौऔ के मूत्र से ही उत्पन्न हुआ है। यह देखने से भी कल्याण करता है ।यह गुग्गुल सभी देवताओं का आहार है, विशेष रूप से भगवान शंकर का प्रिय आहार है संसार के सभी मंगलप्रद एवं सुंदर से सुंदर आहार तथा मिष्ठान आदि सब के गौऔ के दूध से ही बनाए जाते हैं सभी प्रकार की मंगल कामनाओं को सिद्ध करने के लिए गाय का दही लोकप्रिय है देवताओं को परम तृप्त करने वाला अमृत नामक पदार्थ गाय के घी से ही उत्पन्न हुआ है ब्राह्मण और गो यह दो नहीं है अपितु एक ही कुल के दो पहलू या रूप हैं ब्राह्मण में तो मंत्रों का निवास है और गो में हविष्य स्थित है इन दोनों के सहयोग से ही विष्णु स्वरूप यज्ञ संपन्न होता है-यज्ञो वै विष्णु:। गौऔ से ही यज्ञ की प्रवृत्ति होती है और गौऔ में सभी देवताओं का निवास है छहो अंग शिक्षा, कल्प, निरुक्त, व्याकरण, छंद, ज्योतिष और पद, जटा शिखा, रेखा आदि क्रमों के साथ सभी वेद गौऔ में ही सुप्रतिष्ठित है। 📚गीताप्रेस गोरखपुर कल्याण-नवंबर, 2022
गौ जीवन सर्वश्रेष्ठ है
जय गौ माता जय गोपाल जय गुरुदेव दाता
गौ माता राष्ट्र माता
Maaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa 🕉️🕉️🙏🙏
Jai gau Mata Jai gopal jai gurudev bhagwan
Jai gurudev Jai gaumata maa
Jai guru Maharaj ji, गौमाता राष्ट्रमाता
Jai Gau Mata
Jai gau mata 🙌🙌💕💕💕💕💕
Jai shree krishna
जय गौ माता 🙏🙏
Jay ho gurudev ji
Jai Gau Mata ji ki 🙏🙏
Maa maa maa maa maa maa 🙏🙏🙏🙏🙏🌹
Jay shree krishna Jay Gau Mata Jay gurudev
Jay Gau mata rastymata maaa
Jai gau mata 🙏🙏🙏🙏🙏 jai gurudev 👏👏👏👏👏👏 jai gopal.... maaaaaa 🙏
माँ
Jai go ma 🙏
Jai gua mata ki 🙏🙏🙏
🕉️🔱🚩🇮🇳🔔मा🐄🌹👣🌹जय श्रीराम 🌹 जय हनुमान जी 🏹🌞🌹🐒🌹 गौमाता राष्ट्रमाता बनाने में पूरा देश सहायक बने 🙏
Maaaaaaaaaa
जय गो माता की
❤jai gau man
Maaa❤❤❤❤❤❤
जय गौमाता राष्ट्र माता 🙏🙏
#Gau_Mata_Rashtriya_Mata
गुरुजी आपकी मेहनत और लगन को देखते हुए आपके चरणों में नमन है मेरा एक दुख है मुझे की करोड़ो हिंदुओ को इकठ्ठा होकर यह मांग करनी पड़ रही है संसद में कोन बैठे है मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री हिंदू फिर भी गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा का बिंदु नहीं डाल पा रहे हमारे चुने हुए नेता क्या इसकी अनुमति दूसरे देश देंगे हम अपने ही नेताओ से कितने समय से गिड़गिड़ा रहे है और यह घमंड में चूर नेता हमारी आस्था हमारी भावना से खेल रहे है जो नोट बिना पूछे बंद कर सकते हैं वह क्या गो माता को राष्ट्र माता का सम्मान नही दे सकते है क्या ?
गो सेवक हिम्मत सिंह ।
Kamdhenu vande mataram
Jai Shree Gopal Mani ji Maharaj gaumaata ki sari kthayen u tube pr daal dijiye
🙏🚩परम् पूज्य् गौऋषी अनंतश्रीविभूषित गोपालमणि जी महाराज से निवेदन है कि आप जनता को समझाने की अपेक्षा इन व्यास गादी पर बैठे महाशय श्रीप्रदीप मिश्रा जी को समझाइए यह क्यों शिवप्रिय गौ माता की कभी चर्चा भी अपनी कथा के दौरान नहीं करते हैं ।शास्त्रों की अर्थी निकालने में लगे हुए हैं। 24000 श्लोक की शिव महापुराण मैं से आज तक इन्होंने एक भी श्लोक नहीं बोला है इनसे आप कहिए कि कम से कम यह शिवमहापुराण का घर पर पारायण कर लिया करें क्या गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित अनुवाद वाली कथा पढ़कर जनता को शिव महापुराण के बहाने अपनी ही बातें बताते रहते हैं।
इनकी कथा सुनने ऐसे लोग आ रहे हैं जिनमें आध्यात्मिकता का नितांत अभाव है अगर इनके श्रोताओं को भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर जाते समय रास्ते में कोई मरणासन्न या बीमार गाय मिल जाए तो वह गाय का उपचार करने की अपेक्षा मंदिर में जाकर शिवजी को एक लौटा जल चढ़ाने को प्राथमिकता देंगे ऐसा है इनका श्रोता वर्ग क्योंकि यह श्रोता वर्ग को चमत्कारिकता की ओर ले जा रहे हैं एवं भगवत् प्राप्ति का जो अंतिम लक्ष्य होता है जिसे लोग कहते हैं उससे दूर ले जा रहे हैं।
यह भूल गए हैं कि संसार में भगवान शिव से बड़ा गौ भक्त कोई नहीं है शिवप्रिय गूगल एवं बेलपत्र एवं गोरोचन की उत्पत्ति गौमाता से ही हुई है। आज जो धरती पर वेद लक्ष्णा देशी भारतीय गौ माता घूम रही है वह शिवजी के वाहन नंदी के ही वंशज हैं जो अंगोल प्रजाति की हैं। गौ सेवा का प्रतिपाद्य "गोतंत्र" जिसे भगवान शिवजी ने माता पार्वती को सुनाया है उसके अनुसार-
गोमय रोचना मूत्रं क्षीरं दधि घृत गवाम्।
षडग्ङानि पवित्राणि संशुध्दिकरणानि च।।
गोमयादुत्थित: श्रीमान् बिल्ववृक्ष शिवप्रिय:।
तत्रास्ते पद्महस्ता श्री: श्रीवृक्षेस्तेन स स्म्त:।
बीजान्युत्पलपद्मानां पुनर्जातानि गोमयात।।
गोरोचना च मांगल्या पवित्रा सर्वसाधिका।
गोमूत्र गुग्गुलुर्जात सूगंधि: प्रियदर्शन:।
आहार: सर्वदेवानां शिवस्य च विशेषत:।।
अनुवाद:- गौओं से उत्पन्न दूध, दही, घी ,गोबर मूत्र और गोरोचन ये6 अंग (गोषडंग) अत्यंत पवित्र है और प्राणियों के सभी पापों को नष्ट कर उन्हें शुद्ध करने वाले हैं। श्री संपन्न बिल्ववृक्ष गौओं के गोबर से ही उत्पन्न हुआ है यह भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय है क्योंकि उस वृक्ष में पद्महस्ता भगवती लक्ष्मी साक्षात निवास करती है इसलिए इसे श्रीवृक्ष भी कहा जाता है ।बाद में नीलकमल एवं रक्तकमल के बीज भी गोबर से ही उत्पन्न हुए थे गौओंके मस्तक से उत्पन्न पवित्र गोरोचन समस्त अभीष्ट की सिद्धि करने वाला तथा परम मंगलदायिनी है। अत्यंत सुगंधित गुग्गुल नाम का पदार्थ गौऔ के मूत्र से ही उत्पन्न हुआ है। यह देखने से भी कल्याण करता है ।यह गुग्गुल सभी देवताओं का आहार है, विशेष रूप से भगवान शंकर का प्रिय आहार है संसार के सभी मंगलप्रद एवं सुंदर से सुंदर आहार तथा मिष्ठान आदि सब के गौऔ के दूध से ही बनाए जाते हैं सभी प्रकार की मंगल कामनाओं को सिद्ध करने के लिए गाय का दही लोकप्रिय है देवताओं को परम तृप्त करने वाला अमृत नामक पदार्थ गाय के घी से ही उत्पन्न हुआ है ब्राह्मण और गो यह दो नहीं है अपितु एक ही कुल के दो पहलू या रूप हैं ब्राह्मण में तो मंत्रों का निवास है और गो में हविष्य स्थित है इन दोनों के सहयोग से ही विष्णु स्वरूप यज्ञ संपन्न होता है-यज्ञो वै विष्णु:।
गौऔ से ही यज्ञ की प्रवृत्ति होती है और गौऔ में सभी देवताओं का निवास है छहो अंग शिक्षा, कल्प, निरुक्त, व्याकरण, छंद, ज्योतिष और पद, जटा शिखा, रेखा आदि क्रमों के साथ सभी वेद गौऔ में ही सुप्रतिष्ठित है।
📚गीताप्रेस गोरखपुर कल्याण-नवंबर, 2022
-"जी!•• अवश्य‼♨️🚩
Jai gau mata
Jai Gau Mata
Jai Guru Ji