मछली पालन करके उनको गाजर मूली की तरह काटकर खाना और खिलाना बड़ा पाप और हिंसा का कार्य है । मछली आदि समुद्र पानी के प्राणी है उनको पानी में अपना जीवन व्यतीत करने दीजिए । मनुष्य के लिए ईश्वर ने धनधान्य साग सब्जी फल फूल खूब बनाएंहैं, उनका सेवन कीजिए। घी दूध है उनका सेवन कीजिए, वही सात्विक है और भक्ष्य है। पाप से बचना ही मनुष्य धर्म है
बहुत वडिया जानकारी दी आपने | 🙏
धन्यवाद
नमस्ते सर जी , हमारा वाटर सर्वे का काम हे अगर जरुरत लगे तो आप सम्पर्क कर सकते हे,
@@er.sachinahirwar426 Sure
मछली पालन करके उनको गाजर मूली की तरह काटकर खाना और खिलाना बड़ा पाप और हिंसा का कार्य है । मछली आदि समुद्र पानी के प्राणी है उनको पानी में अपना जीवन व्यतीत करने दीजिए । मनुष्य के लिए ईश्वर ने धनधान्य साग सब्जी फल फूल खूब बनाएंहैं, उनका सेवन कीजिए। घी दूध है उनका सेवन कीजिए, वही सात्विक है और भक्ष्य है। पाप से बचना ही मनुष्य धर्म है