I belong to block 23, Sargodha. Now I'm residing in Rawalpindi due to job. When I will go to Sargodha. I will take some photos/videos of Block 22 and send you. My father was migrated from Jhajjar Haryana. He was teacher in Government High School Jhajjar. His name Nazar Muhammad Khan nick name Master Nazroo. He retired from Government High School, Block 12, Sargodha in 1955. Sargodha city is well planned beautiful city.
Sir my maternal great grandfather was rai bahadur roshan lal katwal. He came from Sargodha. He is no more now. Would it be possible to know anything about him or his home? He was a well known zamindar there.
Mere forefathers kaithal district karnal se migrate kr k Sargodha aa gaye thay, tub se ab tk Sargodha mn abaad hain, mein 22 block mn ja kr koshish karun ga agar in ka Makaan mojood hua to pictures ap ko send kr dun ga
Merai mata pita village Chawa Tehsil Bhulwal District Sargodha sai thhey aur partition k baud Jagadhri mai settle ho gai agar koi link ho tou bate Mediratta
Great job keshuji. All these people are old (respectfully speaking), memory is fading please make more and more videos.This is the first video of yours I am watching keep it up and thank you.
दिल्ली में मोतिया खान और ईदगाह के पास कसाबपुरा में जानवर काटने का काम बहुत पुराने समय से होता आया है। आस पास के इलाके में जिनमे मुल्तानी ढांढा भी है, बहुत से मुस्लिम कसाई रहते थे जिनको कुरैशी कहते थे। विभाजन के समय इनमें से बहुत से पाकिस्तान चले गए और वहां से आए हिंदू इन जगहों पर बस गए। दिल्ली में मलका गंज, कहना सिंह मार्केट, राजेंद्र नगर, शोरा कोठी, बस्ती पंजाबियां आदि ऐसी ही कॉलोनियां हैं। यह शब्द कुरुक क्षेत्र नहीं, कुरु क्षेत्र है। कौरवों का प्रदेश होने से यह नाम पड़ा था।
केशव जी आपका यह कार्य सराहनीय है। मेरे नानी के पिता जी सरगोधा से आए थे । उनका नाम राय बहादुर रौशन लाल कटवाल था। वह मूलतः हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन रियासत मण्डी से थे ( जिसके नाम से दिल्ली में मण्डी हाऊस है ) । मेरी नानी का बचपन वहीं बीता । बड़े नाना जी तो इसी उम्मीद में स्वर्ग सिधार गए कि कभी वह सरगोधा जा पाएंगे | क्या यह सम्भव है कि पाकिस्तान में कोई उनके घर के बारे में जानकारी दे सके ।
I am son in law of Baweja ji . Thanks for your update . My Dada ji and father also from Sargodha and Sahiwal . My grandfather name was Avinashi Dass Chawla and father was Krisha Lal Chawla . Dada ji was a school teacher there . They were five brothers .
@@cytech11 remember the name of school? As I like to explore old sites would love to find ur location. I ve another friend from Delhi whose real uncle become Muslim and settled in Pakistan. He was also near Sahiwal I tried my best to find him but failed but I showed them their old house remaining His uncle name was Kashi Ram Baweja
@@cytech11 Kia aap ka prewar basicly chota Sahiwal se belong krta hy. Kia aap Radha krishan chawla ji ke prewar ko janty hn. Radha ji Honorari judge thy partition waqt.Wo mere Shehr Sahiwal ke Landloard' brave politision r honorable person the. Aaj 75 saal beet jany ke baad bhi ham nai nasal ke log Purany gey logon ka tazkra achhy shabton mn kerty hn. Sahiwal ke nearby gawn Chandna ka aik Baweja prewar Anbala chala geya tha. Salam♥ from🇵🇰
Aaj bhi hota hai ye in rural punjab and haryana. Its called pagg vatt bhra. Biggest example is parkash singh badal and om prakash chotala. They are pagg vatt bhra
मेरे दादाजी बताते थे कि हमारे गांव खबेकी जो कि खुशाब जिले में है, में एक हिंदू परिवार रहता था, मंगल राम और चरण दास, ये लोग दिल्ली चले गए थे. क्या कोई इनके बारे में जानता है, ये कहाँ हैं और कैसे हैं?
केशु भाई, कभी उत्तराखंड के तराई एरिया जिसमे उधमसिंह नगर,नैनीताल,रामपुर आना।यहाँ पर भी बहुत प्रवासी लोग हैं।जो मूलतः पाकिस्तानी रिफ्यूजी हैं।इनको तत्कालीन up goverment ने 12 12 एकड़ जमीनें आवंटित की। आपने पॉन्टी चड्डा सुना होगा वो भी लाहौर के थे और नैनीताल के भावर में बसे थे।
@@advocateparveenrana9476 राणा जी,उत्तराखंड/up के इतिहास लेखन में दोनों लोग,1947 में west पकिस्तान से आये लोग और 1971 में east पाकिस्तान से आये लोग दोनों शरणार्थी हैं,1947 के बाद तत्कालीन नैनीताल(आज का उधमसिंह नगर)के तराई एरिया में इन लोगों को बसाया गया इनके साथ साथ पूर्व सैन्यकर्मियों, स्वतंत्रता सेनानी लोगों को तराई आबाद करने के लिये बसाया गया। सब लोगों को फ्री के भाव जंगल काटकर जमीन बनाने की छूट दी गई। उसके बाद 1960 में पंतनगर यूनिवर्सिटी बनी,फिर 1971 के युद्ध के बाद बंगाली शरणार्थियों को बसाया गया। देखा जाए तो उत्तराखंड और up का तराई arae जिसमे नैनिताल जनपद की 1 तहसील और उधमसिंह नगर की जसपुर,काशीपुर,बाजपुर,रुदूपुर,गदरपुर पंजाबी शरणार्थियों से भरी हैं, जब कि दिनेशपुर, सितारगंज, पंतनगर बंगाली लोगों से भरी हैं। ये बात अलग हैं वो यहाँ (उत्तराखंड) के मूल निवासियों से ज्यादा जोत वाले हैं। वैसे आजकल इस मुद्दे में कोई बात नही करता सब अपने को यही का बताते हैं। एक खास बात और यहाँ जमीन का आवंटन सिख समाज को किया गया जब कि पंजाबी हिंदुओं को शहरों में दुकानें और मकान दिए गए। तराई का इतिहास गूगल सर्च करके भी आप ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लोकल यूनिवर्सिटी KU में इस बारे में बहुत सारे शोध पत्र और थीसिस जमा हैं।मौका मिले तो कभी देखना
@@KeshuFilms केशु भाई जी मैं यही का रहने वाला हूँ पर इंडिया से आउटसाइड जॉब करता हूँ। पर आप कभी नानकमत्ता गुरुद्वारा आने का प्लान बनाना। आप को सब ये सब इलाके दिख जायेगे।ये बेल्ट रामपुर की मलिक, स्वार तहशील, बिजनोर चांदपुर, नूरपुर,अफजलगढ़ तहशील तक फैली हैं। येएक बात और यहाँ सिख समाज की लोअर कास्ट भी हैं, जिन्हें हम राय सिख बोलते है,वो भी यहाँ आबाद हैं। वैसे आपकी आवाज बहुत मार्मिक हैं, मुजे पसंद आती हैं।
आदरणीय केशू भाई साहब को सादर नमस्कार आप दिल्ली में आए बहुत अच्छा लगा लेकिन ये गलत बात है कि हमसे मिल कर नही गए कम से कम बता तो दिया करो हमे भी सेवा का मौका दो एक बार खातिरदारी करने का। लास्ट वीक ही आपसे बात हुई थी फ़ोन पर जब मैं करनाल गया था मुझे बिलकुल भी ध्यान नहीं रहा कि आप करनाल नही कुरुक्षेत्र में रहते हैं। कोई बात नहीं अबकी बार दिल्ली आओ तो खबर कर देना। मेरे दोस्त की माता जी है जोकि मुल्तान से ही है अंकल जी के इंटरव्यू के लिए भी आपकों बोला था एक बार कई साल पहले आप आ नही पाए उनका अब देहांत हो चुका है। आंटी बची है टाईम मिले तो आना। मुल्तान से आकर वे लोग हिसार में बसे थे लेकिन रहते है वे दिल्ली में।
TM jaisy gandi zehniyat k log india Pakistan me bhot ziyada hain yeh to socho zulm dono sides hua 1000000 masoom insan mary gay sirf saazish se jo k100 % British thi
I belong to block 23, Sargodha. Now I'm residing in Rawalpindi due to job. When I will go to Sargodha. I will take some photos/videos of Block 22 and send you. My father was migrated from Jhajjar Haryana. He was teacher in Government High School Jhajjar. His name Nazar Muhammad Khan nick name Master Nazroo. He retired from Government High School, Block 12, Sargodha in 1955.
Sargodha city is well planned beautiful city.
Sir my maternal great grandfather was rai bahadur roshan lal katwal. He came from Sargodha. He is no more now. Would it be possible to know anything about him or his home? He was a well known zamindar there.
Mere forefathers kaithal district karnal se migrate kr k Sargodha aa gaye thay, tub se ab tk Sargodha mn abaad hain, mein 22 block mn ja kr koshish karun ga agar in ka Makaan mojood hua to pictures ap ko send kr dun ga
My ancestors were also from Sargodha,
Where in sargodha? I am from Sargodha
Laudable presentation and interview.
Very nice video. Keep it up Keshu Multani ji. God bless you. Ameen
Ji G S society sec. 13 Rohini mein hai.jahan se shayad aage kuchh mil sake.
Bahut achha laga ki yah parivar sakushal pahuncha.
Atyant sukhad.
my fater was from sargodha block 4 -1996 i vist sargodha
Merai mata pita village Chawa Tehsil Bhulwal District Sargodha sai thhey aur partition k baud Jagadhri mai settle ho gai agar koi link ho tou bate Mediratta
Great job keshuji. All these people are old (respectfully speaking), memory is fading please make more and more videos.This is the first video of yours I am watching keep it up and thank you.
Thanks ji
Nice ❤🎉
Keshu Bhai Allah Aapko Himmat Dai
Very nice very beautiful sir thanks
Uncle g Punjabi Tehsil Sahiwal District Sargodha waly area my jo boli jati hy wo thora bhot bol rhy hn
दिल्ली में मोतिया खान और ईदगाह के पास कसाबपुरा में जानवर काटने का काम बहुत पुराने समय से होता आया है। आस पास के इलाके में जिनमे मुल्तानी ढांढा भी है, बहुत से मुस्लिम कसाई रहते थे जिनको कुरैशी कहते थे। विभाजन के समय इनमें से बहुत से पाकिस्तान चले गए और वहां से आए हिंदू इन जगहों पर बस गए। दिल्ली में मलका गंज, कहना सिंह मार्केट, राजेंद्र नगर, शोरा कोठी, बस्ती पंजाबियां आदि ऐसी ही कॉलोनियां हैं।
यह शब्द कुरुक क्षेत्र नहीं, कुरु क्षेत्र है। कौरवों का प्रदेश होने से यह नाम पड़ा था।
केशव जी आपका यह कार्य सराहनीय है। मेरे नानी के पिता जी सरगोधा से आए थे । उनका नाम राय बहादुर रौशन लाल कटवाल था। वह मूलतः हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन रियासत मण्डी से थे ( जिसके नाम से दिल्ली में मण्डी हाऊस है ) । मेरी नानी का बचपन वहीं बीता । बड़े नाना जी तो इसी उम्मीद में स्वर्ग सिधार गए कि कभी वह सरगोधा जा पाएंगे | क्या यह सम्भव है कि पाकिस्तान में कोई उनके घर के बारे में जानकारी दे सके ।
जी ज़रूर आप अपना सम्पर्क सूत्र भेजिए
Mn Sargodha se hun, ap axcet location bta dein mn us jaga ki pics aur videos send kr dun ga
Very nice
Our grand parents village kot maira gagrot tehsel nowshera jk before1947please upload vedio
Am from Sargodha, in block 22 wall of Gaoshala still exist, and there is no ground now, college is constructed there long ago
I am son in law of Baweja ji . Thanks for your update . My Dada ji and father also from Sargodha and Sahiwal . My grandfather name was Avinashi Dass Chawla and father was Krisha Lal Chawla . Dada ji was a school teacher there . They were five brothers .
@@cytech11 remember the name of school? As I like to explore old sites would love to find ur location. I ve another friend from Delhi whose real uncle become Muslim and settled in Pakistan. He was also near Sahiwal I tried my best to find him but failed but I showed them their old house remaining
His uncle name was Kashi Ram Baweja
@@cytech11
Kia aap ka prewar basicly chota Sahiwal se belong krta hy.
Kia aap Radha krishan chawla ji ke prewar ko janty hn.
Radha ji Honorari judge thy partition waqt.Wo mere Shehr Sahiwal ke
Landloard' brave politision r honorable person the.
Aaj 75 saal beet jany ke baad bhi ham nai nasal ke log Purany gey logon ka tazkra achhy shabton mn kerty hn.
Sahiwal ke nearby gawn Chandna ka aik Baweja prewar Anbala chala geya tha.
Salam♥ from🇵🇰
@@akbaralijindani9290 aap Chandana se hain?
@@TariqNiazi868 maloom hota hai hm sb qareebi ilaqoun se taluq rakhtay hain
Good job bro
Mere dada ji juti me mouchi me madhakar laye th vanh ke logo ne madad ki thi
I am from 22 block near gaoshala
My lovely city sargodha
Aaj bhi hota hai ye in rural punjab and haryana. Its called pagg vatt bhra.
Biggest example is parkash singh badal and om prakash chotala. They are pagg vatt bhra
True
Meri family kurkshatra se last me ganganagar aye
Majoka sargodha me kafi hain, ap peeche se kahan ho
kesho bhai mery gaon ka name manka riast alwer h,kya ap mery gaon ka pta kr skty hn, afzal ranghr rajput
Tahseel ya police station ka naam bhi bataiye may malum karke btata hun
मेरे दादाजी बताते थे कि हमारे गांव खबेकी जो कि खुशाब जिले में है, में एक हिंदू परिवार रहता था, मंगल राम और चरण दास, ये लोग दिल्ली चले गए थे. क्या कोई इनके बारे में जानता है, ये कहाँ हैं और कैसे हैं?
Meri mummy bhi Sargodha 25 block main rehti thi jo snatan mandir ke pass Pani ki jagah thi use ram niwas kehte the
Unke papa manaktala Arora tha
Apki age kitni hai
Kis jagah se ho aap@@renukalia7935
केशु भाई, कभी उत्तराखंड के तराई एरिया जिसमे उधमसिंह नगर,नैनीताल,रामपुर आना।यहाँ पर भी बहुत प्रवासी लोग हैं।जो मूलतः पाकिस्तानी रिफ्यूजी हैं।इनको तत्कालीन up goverment ने 12 12 एकड़ जमीनें आवंटित की। आपने पॉन्टी चड्डा सुना होगा वो भी लाहौर के थे और नैनीताल के भावर में बसे थे।
आप अपना नंबर ज़रूर दीजियेगा अगर आप वहीँ के हैं ?
Bhai ye sab migrated log h na ki refugees jo Western Punjab se aae the batware ke samay Jai Hind
@@advocateparveenrana9476 राणा जी,उत्तराखंड/up के इतिहास लेखन में दोनों लोग,1947 में west पकिस्तान से आये लोग और 1971 में east पाकिस्तान से आये लोग दोनों शरणार्थी हैं,1947 के बाद तत्कालीन नैनीताल(आज का उधमसिंह नगर)के तराई एरिया में इन लोगों को बसाया गया इनके साथ साथ पूर्व सैन्यकर्मियों, स्वतंत्रता सेनानी लोगों को तराई आबाद करने के लिये बसाया गया। सब लोगों को फ्री के भाव जंगल काटकर जमीन बनाने की छूट दी गई। उसके बाद 1960 में पंतनगर यूनिवर्सिटी बनी,फिर 1971 के युद्ध के बाद बंगाली शरणार्थियों को बसाया गया। देखा जाए तो उत्तराखंड और up का तराई arae जिसमे नैनिताल जनपद की 1 तहसील और उधमसिंह नगर की जसपुर,काशीपुर,बाजपुर,रुदूपुर,गदरपुर पंजाबी शरणार्थियों से भरी हैं, जब कि दिनेशपुर, सितारगंज, पंतनगर बंगाली लोगों से भरी हैं।
ये बात अलग हैं वो यहाँ (उत्तराखंड) के मूल निवासियों से ज्यादा जोत वाले हैं। वैसे आजकल इस मुद्दे में कोई बात नही करता सब अपने को यही का बताते हैं।
एक खास बात और यहाँ जमीन का आवंटन सिख समाज को किया गया जब कि पंजाबी हिंदुओं को शहरों में दुकानें और मकान दिए गए।
तराई का इतिहास गूगल सर्च करके भी आप ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लोकल यूनिवर्सिटी KU में इस बारे में बहुत सारे शोध पत्र और थीसिस जमा हैं।मौका मिले तो कभी देखना
@@KeshuFilms केशु भाई जी मैं यही का रहने वाला हूँ पर इंडिया से आउटसाइड जॉब करता हूँ। पर आप कभी नानकमत्ता गुरुद्वारा आने का प्लान बनाना। आप को सब ये सब इलाके दिख जायेगे।ये बेल्ट रामपुर की मलिक, स्वार तहशील, बिजनोर चांदपुर, नूरपुर,अफजलगढ़ तहशील तक फैली हैं। येएक बात और यहाँ सिख समाज की लोअर कास्ट भी हैं, जिन्हें हम राय सिख बोलते है,वो भी यहाँ आबाद हैं।
वैसे आपकी आवाज बहुत मार्मिक हैं, मुजे पसंद आती हैं।
Apni jaankaari theek karo ye sab REFUGEE nahi hain . Bina soche samjhe kuch mat likho .
Kesho multani ji apka ye kam bahut sraniya h m chati hun meri mummy ka bhi aap ek session le kar video banay
आप कहाँ है?
Sahiwal city me mostly karnal pani pat k migrated Muslim abad hain
1940 mein hi 22 block bana tha yeh tamam blocks Sargodha mein 1940 mein baney they en Ka Ghar abi bi hoga
Yes in olden days Hindu Muslim also become pagre badal bahi.
I am form sargodha block 16
भूलवश कहना सिंह मार्केट लिखा गया। सही शब्द "लहना सिंह मार्केट" है।
Shoker hai koi sargodha ka b Mila ann .I am from sargodha.
Aj bhi sahiwal me mundir majod hain
आदरणीय केशू भाई साहब को सादर नमस्कार आप दिल्ली में आए बहुत अच्छा लगा लेकिन ये गलत बात है कि हमसे मिल कर नही गए कम से कम बता तो दिया करो हमे भी सेवा का मौका दो एक बार खातिरदारी करने का। लास्ट वीक ही आपसे बात हुई थी फ़ोन पर जब मैं करनाल गया था मुझे बिलकुल भी ध्यान नहीं रहा कि आप करनाल नही कुरुक्षेत्र में रहते हैं। कोई बात नहीं अबकी बार दिल्ली आओ तो खबर कर देना। मेरे दोस्त की माता जी है जोकि मुल्तान से ही है अंकल जी के इंटरव्यू के लिए भी आपकों बोला था एक बार कई साल पहले आप आ नही पाए उनका अब देहांत हो चुका है। आंटी बची है टाईम मिले तो आना। मुल्तान से आकर वे लोग हिसार में बसे थे लेकिन रहते है वे दिल्ली में।
जी मैं ज़रूर बताऊंगा
Yah zulam master tara singh ne kia us kha gya tha punjab taqsem nah hone tho magar us gdha ne taqseem kra dia yah history hea
Pura punja Pakistan me jata, bantwara n hota to 10 lak aur hindu aur sikh maare jate, Amritsar aur ludhiana me v
Kashu bhai humary baray bhi shahabad say bharay aya thay
shahpur?
Ye bohat bara zulam howa ,jinah per laanat
British pr laanat jis ne sazish ki ar 100000 masoom insanyat mari gai agar jinnah pr lanat to phir gandhi pr bhi laanat
TM jaisy gandi zehniyat k log india Pakistan me bhot ziyada hain yeh to socho zulm dono sides hua 1000000 masoom insan mary gay sirf saazish se jo k100 % British thi
Mere nanke bhi Grover hai
In Punjabi saying ' Pagg Batt Praa'
Sahiwal me bhi bhot hindu thay
I was born in Block 14 in 1973 .