दादाजी के नाम से खतियान है , और उस जमीन का आजतक रसीद नहीं कटा । ना ही हम लोग पास एक भी रसीद है , लेकिन खतियान में लगान लिखा हुआ है (मतलब कि बेलगान नहीं है) तोह अब जमाबंदी कायम कैसे होगा । पहली बात की बेलगान नहीं है दूसरी बात एक भी रसीद नहीं है और ना हीं जमाबंदी कायम है ।
दादाजी के नाम से खतियान है , और उस जमीन का आजतक रसीद नहीं कटा । ना ही हम लोग पास एक भी रसीद है , लेकिन खतियान में लगान लिखा हुआ है (मतलब कि बेलगान नहीं है) तोह अब जमाबंदी कायम कैसे होगा । पहली बात की बेलगान नहीं है दूसरी बात एक भी रसीद नहीं है और ना हीं जमाबंदी कायम है ।