बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.. करता कदर कौन माता मही की, अगर जन्म लेनें के रिश्ते ना होते आजाद होता, ना वतन ये हमारा, अगर ये फरिश्ते सर कटाये ना होते वतन पर मरनें वालों का कलेजा नम नही होता, वही नाहर है होता जिसे मौत का गम नही होता.. कटा दे देश पे जो सर वही सरदार होता है, माता मही के गले का हार होता है..
भाव प्रमाण एवं अद्वितीय प्रस्तुति 👍👍
बहुत बहुत धन्यवाद 🥰🌸🙏
Wah wah wah zindabad ❤️❤️
वन्दे मातरम्!🥰😇🙏
अति सुन्दर प्रस्तुति 👌
बहुत बहुत धन्यवाद!🙏🥰
शानदार, अति सुन्दर 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद!
Jai Hind ❤️
जय हिन्द! वन्दे मातरम्!
Josh se bhardiya , behtarin
अद्भुत, भई बहुत खूब😘
बहुत बहुत धन्यवाद 😇🥰😇🥰🙏
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..
करता कदर कौन माता मही की, अगर जन्म लेनें के रिश्ते ना होते
आजाद होता, ना वतन ये हमारा, अगर ये फरिश्ते सर कटाये ना होते
वतन पर मरनें वालों का कलेजा नम नही होता, वही नाहर है होता जिसे मौत का गम नही होता..
कटा दे देश पे जो सर वही सरदार होता है, माता मही के गले का हार होता है..
धन्यवाद! आपकी ये पंक्तियां भी सुंदर है!🥰🙏😇
Bhaiya bahut sundar
🥰🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🥰