डंक और भडली द्वारा वर्षा की भविष्यवाणी || राजस्थानी बातपोश
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- Опубліковано 26 сер 2024
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डिंगल रसावल में आज प्रस्तुत है
-:: डंक और भडली द्वारा वर्षा की भविष्यवाणी ::
|| ऐतिहासिक बातपोश ||
लेखक एवं स्वर - दीपसिंह भाटी , निदेशक : डिंगल रसावल
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♦ Video Edited by - Surendra Pal Singh
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#डिंगलरसावल #बातपोश #dingalrasawal #baatposh #deepsinghbhati
जुग-जुग जीवो दीपजी , चोखी बात बताई।
संस्कृति रा सारथी, थे हिवडे ज्योत जलाई।।
वाह हुक्म दिप सिंह जी डंक भाडली रा दुहा सुण ने दिल खुश हो गयो हुक्म
ये बात पूर्णतया सत्य है कि आज भी गाँव, ढाणी में बुजुर्गों द्वारा जो भविष्यवाणी की जाती है, वो तो वर्तमान विज्ञान और वैज्ञानिकों को भी चुनौती पेश करती है, कुदरती पहुलओं का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता जे कि हमारे पुरखों,बुढियो के द्वारा जो अनुमान लगाया जाता है वो आज किसी चमत्कार से कम नही, आज की हकीकत है हमें बुजुर्गों के पास बैठेने का समय नही तो आगे की बाते तो बेमानी हो जाती है,हमें इस धरोहर के ज्ञान को समझने का प्रयास जरूर करना चाहिए ।।👌👌💐💐
10:36 10:37 10:37 10:37 10:41 10:41 10:41 10:44 10:44 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
जय माता जी री सा हुकुम दीपसिंह जी भाटी साहब,🙏🙏🙏🙏🙏
हुकुम एक अरज है आप सूँ,
आप सुगन री चौखी बात बताई,
म्हारा धणियों ए बातों आज रे समय में कठे ई मिळे नी हुकुम, आपरो घणे मोन हृदय सूँ आभार, साधुवाद,
एक म्हारो सवाल है हुकम मैं तो घणे ई गुणीजनो ने पूछोयो पण म्हारो मन शान्त नी हुओ,
प्रश्न हो है हुकुम कि स्वपन में बीज रो चोंद दीसे तो ईं रो के अर्थ होवे सा,
मने आशा ही नी पूरो विश्वास है कि आप उत्तर जरूर देवोला,
केये है कि,
भौं बिन भला नी नीपजे, माँ बिन भला नी होय।
घणी खम्मा हुकुम, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वाह दीपसिंह जी।
माँ देगराय सदा आपरे सहाय रेवे।
स्वरूप भुआसा की कृपा बनी रहे।।
🙏जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 🙏
🙏अतिउतम सा ऐसुगन कदे चूके नी सा🙏
!सूरज बारकर कुडाळो, चाँद बारकर होय।
!डंक कहे बडळी, डेरियां पाणि जोय।।
!!मागमास गरबवास। फागणमे फागबाजे।
!चैत्रमास भीजलुकोवे। धुरबेसांगा केशवधोवे।
!जेठमास जायतपँनतो।नीरुके जळबरसंनतो।
🙏जयश्री अरज भूलचूक माफ करज्यौसा🙏
💅💅जयदयाल दान रतनू घोङारण 🙏🙏
वा भाटी साब वा आपरे मूख में सरसवती बोले हैं
💅जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 💅
💅अतिउतम बातबखांणी सुगन तो सोळेआना सही ढुके सा इमे कोई फरखनी।।
💅दो आखर नजर भूलचूक माफकरे सा💅
!चेत मास सुखल पख दस दिन भीज लुकोई रख, आठम निम निरत कर जौय जांबरसे वा दुरभक होय।।जेठ बीती पूनंम पङवा जैइन्दर धरहरे असाड सांवण काड कोरो भादूङे बिरखा करे 💅जयदयाल रतनू घोङारण 💅
वाह भाटी साहब
आभार हुक्म
वाह चारन री वातडी वारे चारण वाह जिवता रेजो जुग मे अमर कथा रा वखाण
बहुत बहुत खुशी की बात, इस वर्ष सूर्य के आगे मंगल होने से जून जुलाई में बारिस कम होगी, रोहिणी ज्यादा तपी नही, कही कही वर्षा होने से भी कही कही अकाल भी पड़ सकता हैं, आप इसी प्रकार के वीडियो भेजा करे
आप रो घनो घनो आभारी इन्दा जोलियालि. 🙏🙏
हुकुम मनै भी इतिहासकारी बातोपोश घणी प्यारी लागे सा। ओर हमे वही बातपोश चौखी लगती है जो पुरखो से मुखजुबानी सुनने को मिले।
🚩जय माता जीरी सा 🚩जय क्षत्रिय धर्म
जय हो जय हो सुन्दर बहुत ही सुन्दर रचनाओं को सुनकर मन प्रसन्न हो गया है सर जी ।
आप री बात सही है हुक्म
बहुत-बहुत धन्यवाद हुकम
तीतर पंखी बादली, विधवा काजल रेख।वा बरह वा घर कर ,ईंम मीन न मेख।।
बहुत खूब
बहुत खूब 🙏
आपणी संस्कृति अर् साहित्य ने बचावण रो ज़ोरदार प्रयास 🙏
शानदार प्रस्तुति। आज एक बार फिर आपका विडिओ देखा व अपनी जानकारी मे बढोतरी की कोसिस की।
वाह साहब वाह दिल खुश हो गया
यही है हमारी सभ्यता, संस्कृति और विरासत
वाह बरसात रा जोर शुगन बताया हो ऐ शुगन देख जमाने और काल रा ठा पेल काढ सकेई मीनख
धन्य हो दिपसिह जी सा मेंने पहले टुटे फुटे दोहे याद थे लेकिन आप ने आज उजाला कर दिया ह्रदय में अब लिख लुंगा सा मेरे पास राजस्थानी कहावत में वर्षा री डॉ विक्रम सिंह राठौड़ री किताब है सा
PDF बनाकर भेजो सा
कवि राज दिपसिहजी खमा घणी जय माताजी रि सा मुकेश सोनी नरता से
वर्षा ग्रामीण जीवन में कितना महत्व रखती है यह बात इस वीडियो से पता चल ही जाती है ।
प्राचीन समय में कहीं ना कहीं ऐसे रीति रश्मे थे, जो आज काफी जाने अनजाने है, लेकिन थे वैज्ञानिक।।
वाह क्या बात है जी मजा आ गया
जय हो, , , बहुत ही सुन्दर वृत्तांत, , , , , , , , अभिभूत हुया सा नई जानकारी लेर।।।। आभार आपरो
दुर्जन की कृपा बुरी भली सजन की त्रास
सूरज जद गर्मी करे तो मेह बरसन की आस
गजब का सन्देश, आप को बधाई 🙏
धन्य है अदरणीय भाटी श्री दीपसिंहजी पूर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत करवाने पर मै कुम्भा रूपाणी आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ 💐💐🙏🙏
@@dingalrasawal हुक्म
धन्य हो आदरणीय श्री दीपसिंह जी भाटी साहब आपने पुर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत कराया मैं प्रमेश कुमार चवदहीया बायतु
@@dingalrasawal इस लिंक पर कुछ भी नहीं बता रहा है
सर जी आप को मेरी तरफ सु कोटि कोटि प्रणाम ✌👍🌹🌹🙏
अति सुन्दर धन्य धन्य धन्य धन्
तीतर पंखी बादली विधवा काजल रेख
आ बरसे ऊवा घर करे जिन में मीन न मेख
आपने सही कहा ये बुजुर्ग हमारी धरोहर है सच तो यह है इस परम्परा की रक्षा की जरूरत है।
हम डंक ऋषि की संतान ने हमें अपने पूर्वजों पर बहुत गर्व है 🙏
Bahut hi jog ri vaat batai hkm
बहुत सुन्दर कार्य एवम विडिओ धन्यवाद भाईसाहब
साधुवाद सा
जय हो भाटी सा आप री
जय श्री हुकुम बहुत ही अच्छा लगा सुनकर दिल बाग बाग हो गया पर आपने बताया नहीं की डंक ऋषि की वर्तमान पीढ़ी कोन है
I like so sweet ❤️ Dingal Rasawal👋👋🌧️🐦👌👌😷🙏
इस ऐतिहासिक बात के लिए दाता हमारा नतमस्तक प्रणाम
Bahut Aacha kavita or duhha de Aapne varsha ki varta Kahi hai Hkm,
Gajabsa
सानदार बारेमासो वा सा वा।
Thank you sir
अति सुन्दर i respect you sir
You are the great
❣️❣️
अतिसुन्दर विवरण।
गजब सदेंश
आभार सा
Dhanyvad shriman aapko aapane dakot Brahman itihaas bataya hai
🙏🚩
Wah saa wah, rajasthani sahityekar tao ab fingure tips par hi honge.
बहुत बढ़िया जानकारी है
😊
इस किताब के लिक अमेजॉन पर खुल नहीं रही है
सही बात है सर आपके इस अनुरोध को हम जरूर पूरा करेंगे आपके द्वारा प्रदान किया गया ज्ञान हमारे हमारे आने वाली पीढीयो़ के काम आएगा
🙏🙏🙏
आपरी बात साव साची है के इण वाईयौं अर सुगनों रे मुजब बुढ़िया बडेरा आवण आळे जमाने रा भा बांधता जको 100% साच निकळतो । इण भांत वि.स. 2076 में आवण आळे जमाने रे विगत मैं वैशाख री चादणी आठ्म ने एक कविता लिखी थी जिणरो परिणाम 99% म्हारे शिव पड़गने में रहयो तो ...........
समत् 2076 वैशाख शुक्ल , अष्टमी ने सोमवार ।
पश्चिम दिशा री बादळी , बरसी मुसलधार ।।
क्रगत में आश्लेच बरसियो , बंधी जमाने री आस ।
धोरों में धान मोकळो होसी , गायों ने घणी घास ।।
छः ओना तील होसी , बारह ओना बाजरो ।
ईतरी तो आस हैं , पसे मिळसी आपो आपरे भागरो ।।
मुंगो में मोळ रहसी , मोठ होसी अत्ति जोर ।
ग्वार री गत्ती मोळी रहसे , भादरवे गाजसी घणी घोर ।।
भेड़ बकरीयों रे हो जासी , होळी लग रो चारो ।
जमानों तो जबरो आसी , हणों गायों नें मती भुखों मारो ।।
आगम री गत किण नी जाणी , सुरता करो विचार ।
सियोतरे रे साल री साखी , लिखी कवि प्रेम सुथार ।। 🙏🙏 इण कविता में म्हारे खास मकसद ओ हो के लोग काळ रे भै सुं ओईणी गांयो अर बळधों ने चारों नी नोंख भुख नी मारे । पण मातेश्वरी रे आशिर्वाद सुं बात साची वैगी ।
डिंगल रसावल ने जय,माताजी री सा
Jay mata ji ri sa hkm
गुरु इसमें से दो सुकून तो बराबर
thenk's sir
Jay Shri Ram
ओपरो मारवाड़ मनसू दुल्यो सा
लोगो ने केता भी समझाओ भले मगर पेसोन ही आपने शरीर री नही लोगो ने जय सारदा
bahut bahut badhai
🎉🎉🎉
रोयण पते न तावङे मघा न वाजे वाव मत बान्धो सायबा झुपङी रे वो बङले री साख
Hukm thanks
Wah hkm bahoot khoob
आसोज माह समुद्री बाजें कार्तिक साख स्वाई।
दीपसिंह जी आपरे मुख में साक्षात सरस्ती विराजे है
आप सु अनुरोध है आप मोनो बिरखा रे अलावा दूसरे सुगनो ने बारे में भी बतावो सा
आप से पुनः अनुरोध करो हो
જયમાતાજી જેઠવા રાજ
आज रे भागदौड़ ओर थोथे जमाने मे इण सुगना रो घणो महत्व है पण सुगनीया रो तोटो आई गयो है
बहुत सुंदर
Jordar deepji
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
👌👌👌👌
जय आईजी री सा
Ati sundar hukm
👌👌👌
पशु पक्षियों रा शुगन रे बारे में जानकारी रो विडियो बनाए
डंक भड़ली समेत बारिश की भविष्यवाणी वाली किताबें कहा कैसे मिल सकती हैं
🌈
Wah deep jee ba
दिपसिहंजी जय माताजीरी सा मै पूराराम पुरोहित गाव खिरोङी तहसील सीतलवाणा जिला जालोर मैरै को भी डिगनरसा़ल किताबी खरीदनी है जी
First viewer
आपको तो कोई जवाब नही है
शानदार हुकम,,,
@@dingalrasawal ,,, आभार हुकम।
पोथी मिल गई सा,,, धन्यवाद।
राम राम सा
जै माता जी री
Jay ho
जय श्री हुक्म भाटी साब ने आपरे
तो वाता घेणे ही फुकरे लागे सा
Jay mata ji ri hukm dip ji ba
Marvar kahani yo ka ithiyas hai
सण तगी तुंसड़ तोंतो बावळिये सर भार
डंक कहे सुण भडळी ए तीने काळ रा पार
जय हो सा
बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻👍❤️❤️
साधुवाद सा
Ye book kha se milegi sir
भाटी साब सोढा का इतिहास कि पुस्तक लिखी हूई है क्या
प्रणाम जी डंक भडळी रो साहित्य छप्योङो है कांइ सा
Aasu mas smadri to kati sakh sawai
इंदौ की उत्पत्ति कहां से हुई एक बार वीडियो में जरूर बताएं
उत्पत्ति का पता नहीं।पर इंडिया नाम इन्दों से पड़ा है।इन्दा सरदार भेड़े चराने महाराष्ट्र बोर्डर पर गए ।वंहा वास्कोडी गामा समुन्द्र रास्ते से आया तो भारत की धरती पर रखते ही देश का नाम पूछा इन्दों ने देखा हमारी जाति पूछ रहे है।उन्होंने ने सबने एक एक कर इन्दा कहा।वास्कोडि गामा ने इंडिया नाम दे दिया
Jay shree krishna hkm 🙏 bahut hi badhiya jankari sa , sarahniya
Bahut bahut abhar sa 🙏
Right Saab 1kg ghee one time Mai koi 100 bar jeem gayo 1974 my birth year 6fit 4 Inch height 92 kg weight aaj bhi 0.5 kg ghee jeem saku koi har Jeet kare to
Deep sa hawa re bare me to hamare yaha to yeh doha he, savan bhaje Suriyo bhadarve parwahi aasoja ro paschim baje to kartik sakh sawai
जोरदार काकोसा बहुत खुब सिखने को मिले हुकम
मेने तो ऐक गुरुप बनाया ऊनका नाम
डिगंल रसावल रखा है हुकम
जिसमे आपका विडियो ही भेजा जाता है काकोसा
मे श्रवणसिह भाटी तापु जोधपुर
9799337815