am so impressed by this young man I never ever watched any bhashan before now I just want so see some bit but his impressive speech turned me to watch full speech ur fighting for justice for middle n low class's that's impossible in india we should support like this person's to make a nice leader I support u kanayyah Kumar
Great speech Modi u hav to learn something about from kanaya kumar.he spoke fearlessly about classification of society. We nepali peoples want as good neighbor not big brother.
+Amardeep Sandhu ask modi and ur bureaucracy,they r doing blocked we made constitution for our country. If they continue such behavior,Nepal will establish as neighbor like pakistan.
+kiran abha Modi already learnt it, that's why he is able to reach where he is today. Before you keep on giving lecture to Modi, let me remind you he comes from the same background and he has also faced these problems. That is why he is not just talking but delivering the work in terms of actions govt is doing today..
I oppose both kind of ppl. I oppose those who wrongly alleged Kanhaiya to be anti-national using doctored video & lies, just bcoz he was talking in support of Indians and opposing some policies. I also oppose those ppl who r trying to make Kanhaiya hero, just bcoz he gave bhasan, just by giving some good bhasan and opposing all bad things, u can not solve all problems, for that u need some really workable solution for peace & prosperity. Hero worshipping is very wrong.
+ak220880 ek baat tou manni padegi dimag hai apMe AZADI KISI KI JEB MAI NAHI RAKHI JO NIKAAL KE DE DIYA 60 SAAL CONGREES NE RAAJ KIYA TOH USKE LIYE EK LAFZ BHI BURAI KA NAHI NIKALA KYU BHAI USKO BHI KHOPACHE MAI LO YE BHEDBHAO KISS LIYE BHASHAN TOU 10 ON 10 HAIN LEKIN BHASAHN TOU HUM SAALO SE SUN RAHE HAI 4 DEEN KI CHANDANI SABIT HOGA YE BANDA BHI
माफ़ कीजिएगा अगर किसी की भावनाओ को चोट पहुची हो | मै तो बस इतना कहना चाहता हु की क्या हम वो लोग है जिन्हें 2 मिनट मे किसी ने कुछ कह दिया, और हम बिना कुछ सोचे समझे निकल पड़े सड़को पर????? आप को Media ने कह दिया इन लोगो ने देश विरोधी नारे लगाये और आपने मान लिया ! बिना सच्चाई जाने, बिना कोई Research किये??? सच तो यह है की दिल्ली पुलिस के पास कोई सबुत नहीं है, की JNU के Students ने देश विरोधी नारे लगाये | हमारे लोगो को (खासकर युवाओ को) Media और नेता चला रहे है | Please निचे लिखे कुछ तथ्य पड़ लीजिये | १. अंग्रेजों ने उनकी हुकूमत के खिलाफ लड़ने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डालने के लिए यह देशद्रोह का कानून आईपीसी 124ए बनाया था। २. जब भारत आजाद हुआ था तब कई देशभक्तो ने इस कानून को बंद किये जाने की दलीले दी थी | ३. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी इसे 'बेहद आपत्तिजनक और अप्रिय' कानून बताया था। ४. आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि अब ब्रिटेन ने ये कानून अपने संविधान से हटा दिया है, लेकिन भारत के संविधान में ये विवादित कानून आज भी मौजूद है। ५. कन्हैया कुमार का खुद का भाई सेना में है और देश के लिए लड़ रहा है | ६. हमारा देश कोई बहुत अच्छी स्थिति मे नहीं है | यहाँ गरीबी है , भ्रष्टाचार है, कई सामजिक बुराइया है | और हम यह Debate कर रहे है की कौन देशद्रोही है और कौन नहीं |
आजादी के नारे जरुर लगे थे। भ्रुष्टाचार और मनुवाद जैसी बुराइयो से आजादी के नारे लगे थे, जिसे Video Editing कर आपको बताया गया । * वो JNU ही था जिसने 1984 में हुए दंगो में, अपनी जान बचाते सीखो को सहारा दिया | उस समय JNU सिख शरणार्थियो, दुखियो का गड बन गया और यही के विद्यार्थियों ने उनके रहने, खाने का इंतजाम किया | * वो JNU ही था, जो निर्भया हत्याकांड के समय निर्भय होकर सबसे पहले सडको पर उतरा था | *सच तो यह है की इस मुद्दे को दुसरे गंम्भीर मुद्दों को छुपाने के लिए उठाया गया है, और कन्हैया उसमे बलि का बकरा बन गया है | भारत एक महान देश है, इस देश और देशवासियों को में नमन करता हु पर PLEASE नेताओ के इशारो पे चलना बंद करो, अपना दिमाग लगाओ |
हो सकता है बंधू आप ठीक कह रहे हो। परंतु हमारे मस्तिष्क में सवाल है । आप कहे तो पूछ लेते है। वो जो इवेंट हुआ था Jnu में उसका क्या मतलब था। 1 attention पाना या। 2 समाज सेवा करना। ans plz अगर आप अपने कैंपस के कुछ चन्द लोगो को नियंत्रित रख पा रहे है। तो देश के मुद्दे किस प्रकार से ठीक करेंगे। 1 नारे बाजी करके 2 धरना देकर ans plz
Gaurav Sharma * वो JNU ही था जिसने 1984 में हुए दंगो में, अपनी जान बचाते सीखो को सहारा दिया | उस समय JNU सिख शरणार्थियो, दुखियो का गड बन गया और यही के विद्यार्थियों ने उनके रहने, खाने का इंतजाम किया | * वो JNU ही था, जो निर्भया हत्याकांड के समय निर्भय होकर सबसे पहले सडको पर उतरा था | अगर मै अपने कैंपस के कुछ चन्द लोगो को नियंत्रित रख पाता, तो जरुर में नारे बाजी करता | क्योकि, इसी वजह से तो देश और लोगो का ध्यान मुद्दे पर जाता है, और वो उस मुद्दे की सच्चाई को समझ कर आगे कदम उठाते | आज हालत ये है कि तमाम ऐसे छात्र जिनका इस घटना से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था, अपनी पढ़ाई, करियर और रहने की जगह तक को लेकर परेशान हैं। देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में विवादों में आए इन छात्रों को अब मकान मालिकों ने चलता करने का मन बना लिया है। नौ फरवरी की घटना पर अनुराग कहते हैं कि इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। उस दिन शाम के समय भीड़ काफी ज्यादा थी और चंद लोगों ने विवादास्पद नारे लगाए लेकिन अब तक यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि वे छात्र कैंपस के थे या नहीं। अनुराग कहते हैं कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए लेकिन उन चंद छात्रों के लिए सभी छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ करना कहां का न्याय है। अनुराग ने कन्हैया की रिहाई की भी मांग की और कहा कि बिना किसी जांच के उन्हें उठा ले जाना लोकतंत्र की हत्या है। *आखिर में एक बात कहूंगा बंधू: JNU ने जो किया उससे एक रुपये का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हरियाणा में जो हुआ उसमे हजारो करोड़ का नुकसान हो गया | कल के छोरे को हीरो बनाने से अच्छा है की हम देश के असली मुद्दों पर ध्यान दे | अब जरा मेरे सवाल का जवाब दे की, क्यों हरियाणा के जाट आन्दोलन का विरोध नहीं हो रहा? क्या ये मुद्दा, हरियाणा के मुद्दे से लोगो का ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है ?
thank you BJP for making Kanhaiya so famous. today world is talking about him who get such opportunity if idiots not in power. modi sarkar means comedy sarkar LOL
U R SPONTANEOUS brother.... Excellent mate, cheers from Kerala!!! synonyms: ''KANHAIYA'', unplanned, unpremeditated, unrehearsed, impulsive, impetuous, unstudied, impromptu, extempore, extemporaneous; unforced, voluntary, unconstrained, unprompted, unbidden, unsolicited; (of a person) having an open, natural, and uninhibited manner. synonyms: natural, uninhibited, relaxed, unaffected, open, genuine, easy we can see one side is true/genuine and the other side we saw its fake/planned.
एक भारतीय होने के नाते मै भी ये मानता हूँ देश में गरीबी, भुखमरी और जातिवाद है, इसके अलावा किसानों की हालत भी बहुत खराब है लेकिन इसके लिए केवल मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है, मोदी सरकार को आये हुए केवल डेढ़ साल हुए हैं, इससे पहले अगर कांग्रेस सरकार से इन समस्याओं पर ध्यान दिया होता तो अब तक देश से ये सभी समस्याएँ ख़त्म हो चुकी होतीं। कोई भी काम जादू से नहीं होता बल्कि इसके लिए योजनायें बनाकर उन्हें लागू करना होता है। यह (कन्हैया,लेफ्टिस्ट) मोदी सरकार का पांच साल भी इन्तजार नहीं कर सकते और बिना उन्हें मौका दिए उन्हें उखाड़ फेंकने की बात कर रहा है । #Fake_Hero कल रात JNU में " श्री कन्हैया सिंह जी" का भड़ासपूर्ण भाषण और उसमें RSS, मोदी, भाजपा, ABVP, हिटलर आदि को कोसने-गरियाने के बाद देश को यह पता चला है कि - १) गरीबी... - पिछले डेढ़ साल में आई है... २) शोषण... - पिछले डेढ़ साल से अधिक हो गया है... ३) असमानता... - सिर्फ पिछले डेढ़ साल में बढ़ी है... ४) पूंजीवाद... - डेढ़ साल पहले ही पैदा हुआ है... ५) मनुवाद... - डेढ़ साल पहले था ही नहीं... ६) दलितों पर अत्याचार... - डेढ़ साल से ही होने शुरू हुए हैं... ७) आतंकवाद... - डेढ़ साल पहले तक नामोनिशान भी नहीं था... कहने का तात्पर्य यह है कि 2004 से 2014 तक भारत का "स्वर्णिम काल" था... और कन्हैया के "बौद्धिक पिताओं" द्वारा ३० साल तक शासित राज्य पश्चिम बंगाल दुनिया का सबसे खुशहाल और समृद्ध राज्य है... मै आपको(कन्हैया,लेफ्टिस्ट) यही सुझाव दूंगा की आप कम से कम पांच साल तक इन्तजार तो कर लो, अगर सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया तो हम भी आपके साथ विरोध में शामिल हैं लेकिन अभी से झूठी, दोगली और मक्कारी वाली बातें मत करो। देश में नकारात्मकता मत फैलाओं, देश के विकास की गति मत रोको।
ab to ye kanaiya public k nazaro me hero ban gaya. ab to phele se bhi jayda 10 kadam aage nikal ke naara laga raha hai..OUR NEXT POLITICIAN- KANHAIYA KUMAR
KANHAIYA KUMAR & AZADI How long can one remain a “student”? How good is an institution if a student cannot pass out of it? And who is qualified to lecture on life or the country? I was curious to know about the student Kanhaiya Kumar. It seems, according to his Wikipedia page, he finished school in 2002 which should make him atleast 31 years old today. The Page mentions that thereafter “he moved to Patna and joined College of Commerce” without mentioning the year of joining or completion. I came across an article in Telegraph (February, 19,2016) which mentioned that he was an undergraduate student at the college between 2003-2007. I will ignore the gap of one year between finishing school and commencing the undergraduate course and also its completion taking a year longer but his Wikipedia Page says “he moved to Delhi and joined JNU” without mentioning the year he so did but mentions “he became President in 2015”. It has been nine years since he finished graduation (which was after a break of a year and took a year longer than usual) and he is nowhere near completing his PhD. It was in the eight year of his undertaking the PhD course - three years more than the maximum it should take to complete the PhD - that he became the President of the Student Union perhaps because he found studying pointless by then. The PhD itself, incidentally, is not Centre for Political Studies (which deals with subjects of multiculturalism, federalism and social justice) but “African Studies”! The JNU site of Centre for African Studies says that it provides funding support to faculty for field visits to Africa and supports academic activities like research seminars, and publications. It is not known whether Kanhaiya ever visited Africa or he organised any seminars on African studies but the Delhi High Court Order releasing him on interim bail records that he resented cancellation of a program “Against the judicial killing of Afzal Guru & Maqbool Bhatt’ the permission for which was applied by Umar Khalid on the proforma (believe it or not) for ‘Poetry Reading - The Country Without A Post Office.’ In his speech on release Kanhaiya is reported to have said, “Let me just say it is not easy to get admission in JNU neither it is easy to silence those in JNU.” What he omitted to mention was the fact those admitted do not find it easy to leave the institute much like Kanhaiya who stays there in his ninth year, remaining a student in his thirty first year trying to complete a course with which he has shown no affinity (despite the “difficulty” in getting admission) even four years beyond the maximum time taken to complete it. Bravado in a place of comfort (he chooses not to leave JNU) without proven accomplishment in the discipline undertaken (he has proven incapacity in African Studies) and an abject failure to make an honest living (not every Indian enjoys the luxury of an indefinite education and most need to settle soon into a livelihood to sustain themselves) shows only an empty pursuit of ambition and a selfish misuse of position making not only a mockery of education but entailing in addition the lampooning of livelihood something which will not behove any responsible individual. Kanhaiya is least competent to lecture anyone on life or country. It is not the best way to live life if one inexplicably remains a “student” till 31. And such a person definitely does not live like an ordinary honest Indian (education for whom is an opportunity which is respected) whose cause he claims to espouse. It is easy to advocate action. It is deliberation that is difficult. Before lecturing us did he deliberate on his condition - a thirty one year old student! And while mentioning the targeting of JNU did he wonder why so prestigious a university could not make him complete his course in time? And then ofcourse the stirring love for country. Azadi “within” the country is battle cry. Who but Kanhaiya will know about it. It is the freedom to remain a student for ever, the freedom never to leave the University, the freedom not to complete courses but spend time making speeches, the freedom never to work, the freedom to merely speak, the freedom to be a demagogue or a soap-box orator, the freedom to rouse emotions and stir hysteria and the freedom to denounce punishments lawfully administered as “judicial killings” under the guise of “poetry reading”, the freedom to replace Kanhaiyaism for all other isms! Kanhaiya is definitely not the role model for the bearer of national standards and in fact epitomises the very wrongs in the system which are stymieing it. Sourced from Aman Lekhi
Sacchi baate keh raha h khaniya kumar salute vichro ko apke superb broo Ph.d ka ladka comments dene se pahile education m ad kijiyega kyuki kam sikhe huve logo ko nahi samjega wo uske khilaf hi comments karnge educated log sochnge uske bare m superb khhniyaji
yaar se kahan se hero ban gaya am I watching Dhanush in Raanjhnaaa???.......What are his credentials??? He is dropping names like his career depends on it.... Sedition charges were uncalled for...but that is a faulty medieval law...that needs to be mended...and that will not happen till an incident occurs that shakes the Parliament from its heavy sleep.....like section 377, Juvenile Justice Act But making this guy a hero...we have a seriously misguided media...I was a research scholar at IIT and I do not remember having the time to do or follow all this.....this is student politician at work...and not a scholar devoted to research
ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के कह रही है झोपड़ी औ' पूछते हैं खेत भी, कब तलक लुटते रहेंगे लोग मेरे गांव के बिन लड़े कुछ भी यहां मिलता नहीं ये जानकर, अब लड़ाई लड़ रहे हैं लोग मेरे गांव के कफ़न बांधे हैं सिरों पर हाथ में तलवार है, ढूंढने निकले हैं दुश्मन लोग मेरे गांव के हर रुकावट चीख़ती है ठोकरों की मार से, बेडि़यां खनका रहे हैं लोग मेरे गांव के दे रहे हैं देख लो अब वो सदा-ए-इंक़लाब, हाथ में परचम लिए हैं लोग मेरे गांव के एकता से बल मिला है झोपड़ी की सांस को, आंधियों से लड़ रहे हैं लोग मेरे गांव के देख 'बल्ली' जो सुबह फीकी दिखे है आजकल, लाल रंग उसमें भरेंगे लोग मेरे गांव के
+Prince Sagar likes or dislikes count kar liyo samajh mein aa jayega Woh kya hai ki hum bhakth logon ki tarah payment nahi paate is liye cmnt nahi karte. PLEASE DONT REPLY BACK. AND IF YOU REPLY DONT EXPECT A REPLY FROM ME
Jatt Boy in Air Ok toh fir bol na Kanhaiyya ko JNU se chup chup kar kyun bahar nikal raha he. Khule dil se nimkalne ko bol. Kon kitna pasand karta he samaz jayega woh.
bhuot sahi mere dost jeyuo yr keya baat kahi he mai to koi college Mai padne wala boy nhi phir bhi jo tum ne jo desh ki ekta ki baat ki wo buhto hi power full baat he tumhari ye sahi he ke RSS ke or BJP ke bhadwey es haq ki awaj ko dabna chahte hen tum lado dost hum tumhare saat hen
जेल से छूटने के बाद छात्र संघ के कन्हैया के भाषण को सुन कर मुझे कुत्तों की प्रवृति याद आ गयी.. भौंकते हैं … जब कोई ठोकता है तो कुंकाते हैं यानि कैं कैं करते हैं और फिर कुछ दूरी पर जाकर भौंकने लगते हैं.. जिस न्याय व्यवस्था को मानते नही उसी से न्याय मांगने लगते हैं । याद किजिये भाषण के अगले दिन ये महाशय चैनल पर पूरे जोश के साथ नज़र आये-- जब गिरफ़्तारी हुई तो इनके तेवर ढीले पड़ गये- और जब अदालत में ठुकाई हुई तो ये दीन हीन हो गये । वैसे जेल में रहने का कुछ तो प्रभाव हुआ ही जो इनकी ग्रामर थोड़ी ठीक हो गयी पहले इन्हे “भारत से आज़ादी” चाहिये थी लेक़िन जेल से छूटने के बाद “भारत में” आज़ादी चाहिये हो गयी ।
+dev patel U said absolutely right thing. But falsely alleging ppl as anti-national just for opposing some policies or bhasan, that is also wrong. although i agree blindly trusting him is also wrong. hero worship is wrong thing. But by wrongly accusing him for anti-national sloagans, just bcoz he was speaking in favor of Indians & against some policies, u made him hero. I oppose both kind of ppl who wrongly accused him to be anti-national, and i oppose those also who are making him hero just bcoz of bhasan.
Logon ne esi tarah kejriwal ko provoke kia tha aur usne bjp congress dono ki hawa nikal di ab kanhaiya ko provoke mat karo warna bjp aur congress dono bhrashta parties ka safaya ho jayega...
In this whole lot of people no one is worried about finding those people who actually raised the anti national slogans this group and kanahiya is clearly have a political motive....that's why in this whole speech he is talking about government failure on some issues.....and making fun of Modi.
he not only ashamed himself but also his parent and country to,aaj tak ya kay seekha,sabhi teacher fail ho gaye jo esa teach keya hai, azadi fullfil stomach se nahi melti bate, bhoot meenath karni padti hai .
+Shardul Kanase Idiots need time to learn intelligent can learn fast he is PHD student. not a modi who is not seen college there no educated person u find in BJP id they have some common sense dont show a doctored video atleast use a common sense that in today technology it is easily tracked
farzi aadmi..... another politicians who wants a position by portraying a negative picture of NAMO.... please don't support dis kind of politics ny more
+Nitesh Gupta good. Then, why did not u called him anti-modi. why u called him anti-national with false allegation. U mean 69% Indians who did not supported modi, those all ppl are anti-national.
+ak220880 i didn't said he is anti-national.... he is another politician....u can say he is another kejriwal.... dramebaaz😂😂😂 Its easy to put allegation on Modi Ji rather than doing something gud to prove himself
Kis baat ki aazadi. ..? Pakad ke rakha hai kya kisine..? 35 saal ka hai ye. . Abhi tak kuch kaam dhanda bhi nahi kia Abhi tak padh raha ha... Aur who bhi Subsidy ke paise se Kuch kaam karega tabhi paise aayega na Tabhi gareebi se aazadi milegi naa. .. Don't worry kuch nahi hua tho ABP, NDTV, Congress wale kanhaiya ko Royalty de denge
he is a student he is ajucated person he is no everything battter then our government and why should not people come together and say we are Indian not the u r Muslim ur Hindu ur Christian lesson to him what he is saying wrong In that
azadi ???? for what to increase reservation from 30% to 51% to 99% to decided which state should be part of India & which should not to say anything against your own country on who's soil you born and bought up to missuse freedom of speech guys I'm requesting you to plz understand simple logic, to make any change you need to act something positive, Dr. Ambedkar first achieved his educational qualification on basis of which he makes ppl lessen to him, no one were challenged his talent. blame game were/is/will not serve any purpose to run world largest/biggest democracy is not so simple, for tht we required very talented guys at right place, by giving flammable speech some fellow's like this guy thinks thy can achieve tht seat, we already had expirance this in Delhi (Mr. arvind kejriwla). think abt it...
Kahnaiya ka Delhi high court ke muh par tamacha hain..... Aaj Delhi high court bhee soch rahan hoga..... Apne par........ Tum Jo kahana chahate jnu ke bahar aa kar kahon........ Tum ko zanata kaya aur jnu ke bahar ke students kaya sochte hain........
salute to you Mr. kanhaiya
jai Hind.....
Jai Bharat.....
desh ab enlogo ki makkariyo ko maaf nhi krega
am so impressed by this young man I never ever watched any bhashan before now I just want so see some bit but his impressive speech turned me to watch full speech ur fighting for justice for middle n low class's that's impossible in india we should support like this person's to make a nice leader I support u kanayyah Kumar
Great speech
Modi u hav to learn something about from kanaya kumar.he spoke fearlessly about classification of society.
We nepali peoples want as good neighbor not big brother.
did we ever claim that we r ur so called big brothers?
+Amardeep Sandhu ask modi and ur bureaucracy,they r doing blocked we made constitution for our country. If they continue such behavior,Nepal will establish as neighbor like pakistan.
+kiran abha go to pakistan..we dont need u...go go...right now..huh
+kiran abha Modi already learnt it, that's why he is able to reach where he is today. Before you keep on giving lecture to Modi, let me remind you he comes from the same background and he has also faced these problems. That is why he is not just talking but delivering the work in terms of actions govt is doing today..
Tum china walo ki chato hamare yaha ungli mat karo
Rising sun.... luv his speech n thinking of inclusive india...
Sabki aazadi... sabko samanta.
Excellent speech...........................
Shame on Indian media ,not on Kanhaiya....
Well said keep going man
power of education
superb kanhaiya ..
Salute to you Mr Kanhaiya (Jai, Bheem) azadi azadi jatiwad se azadi azadi------azadi
really a great man ...aise logo ki is desh ko zaroorat hai
wooooo this is awesome
SALUTE YOU BROTHER..KANHAIYA U ARE MY HERO...WE ARE WITH YOU
great personality.... good job.
salute we are with you my frnd
finally,love to see kanhaiya back on track with full of energy...you're a fighting champs dear... keep it going....
Lal Salam
Kanhaiya is great
I oppose both kind of ppl.
I oppose those who wrongly alleged Kanhaiya to be anti-national using doctored video & lies, just bcoz he was talking in support of Indians and opposing some policies.
I also oppose those ppl who r trying to make Kanhaiya hero, just bcoz he gave bhasan, just by giving some good bhasan and opposing all bad things, u can not solve all problems, for that u need some really workable solution for peace & prosperity.
Hero worshipping is very wrong.
+ak220880 ek baat tou manni padegi dimag hai apMe AZADI KISI KI JEB MAI NAHI RAKHI JO NIKAAL KE DE DIYA 60 SAAL CONGREES NE RAAJ KIYA TOH USKE LIYE EK LAFZ BHI BURAI KA NAHI NIKALA KYU BHAI USKO BHI KHOPACHE MAI LO YE BHEDBHAO KISS LIYE BHASHAN TOU 10 ON 10 HAIN LEKIN BHASAHN TOU HUM SAALO SE SUN RAHE HAI 4 DEEN KI CHANDANI SABIT HOGA YE BANDA BHI
+ak220880 You r nowhere.You do not know your mind.
Asoke Chakraborty
im with Me, humanity, and nation. One sud decide his support based on these things.
u maybe a sheep but im not.
+Asoke Chakraborty please enlighten us
+ak220880 *"Loyalty to the country always. Loyalty to the government when it deserves it."* ~ Mark Twain.
माफ़ कीजिएगा अगर किसी की भावनाओ को चोट पहुची हो | मै तो बस इतना कहना
चाहता हु की क्या हम वो लोग है जिन्हें 2 मिनट मे किसी ने कुछ कह दिया, और
हम बिना कुछ सोचे समझे निकल पड़े सड़को पर?????
आप को Media ने कह दिया इन लोगो ने देश विरोधी नारे लगाये और आपने मान लिया ! बिना सच्चाई जाने, बिना कोई Research किये???
सच तो यह है की दिल्ली पुलिस के पास कोई सबुत नहीं है, की JNU के Students ने देश विरोधी नारे लगाये |
हमारे लोगो को (खासकर युवाओ को) Media और नेता चला रहे है |
Please निचे लिखे कुछ तथ्य पड़ लीजिये |
१.
अंग्रेजों ने उनकी हुकूमत के खिलाफ लड़ने वाले भारतीय स्वतंत्रता
सेनानियों को जेल में डालने के लिए यह देशद्रोह का कानून आईपीसी 124ए
बनाया था।
२. जब भारत आजाद हुआ था तब कई देशभक्तो ने इस कानून को बंद किये जाने की दलीले दी थी |
३. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी इसे 'बेहद आपत्तिजनक और अप्रिय' कानून बताया था।
४.
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि अब ब्रिटेन ने ये कानून अपने संविधान से हटा
दिया है, लेकिन भारत के संविधान में ये विवादित कानून आज भी मौजूद है।
५.
कन्हैया कुमार का खुद का भाई सेना में है और देश के लिए लड़ रहा है |
६.
हमारा देश कोई बहुत अच्छी स्थिति मे नहीं है | यहाँ गरीबी है , भ्रष्टाचार
है, कई सामजिक बुराइया है | और हम यह Debate कर रहे है की कौन देशद्रोही
है और कौन नहीं |
तो कया वो विडीओ झुठे थे
आजादी के नारे जरुर लगे थे।
भ्रुष्टाचार और मनुवाद जैसी बुराइयो से आजादी के नारे लगे थे, जिसे Video Editing कर आपको बताया गया ।
* वो JNU ही था जिसने 1984 में हुए दंगो में, अपनी जान बचाते सीखो को सहारा दिया | उस समय JNU सिख शरणार्थियो, दुखियो का गड बन गया और यही के विद्यार्थियों ने उनके रहने, खाने का इंतजाम किया |
* वो JNU ही था, जो निर्भया हत्याकांड के समय निर्भय होकर सबसे पहले सडको पर उतरा था |
*सच तो यह है की इस मुद्दे को दुसरे गंम्भीर मुद्दों को छुपाने के लिए उठाया गया है, और कन्हैया उसमे बलि का बकरा बन गया है |
भारत एक महान देश है, इस देश और देशवासियों को में नमन करता हु पर PLEASE नेताओ के इशारो पे चलना बंद करो, अपना दिमाग लगाओ |
हो सकता है बंधू आप ठीक कह रहे हो। परंतु हमारे मस्तिष्क में सवाल है ।
आप कहे तो पूछ लेते है।
वो जो इवेंट हुआ था Jnu में उसका क्या मतलब था।
1 attention पाना या।
2 समाज सेवा करना।
ans plz
अगर आप अपने कैंपस के कुछ चन्द लोगो को नियंत्रित रख पा रहे है।
तो देश के मुद्दे किस प्रकार से ठीक करेंगे।
1 नारे बाजी करके
2 धरना देकर
ans plz
Gaurav Sharma
* वो JNU ही था जिसने 1984 में हुए दंगो में, अपनी जान बचाते सीखो को सहारा दिया | उस समय JNU सिख शरणार्थियो, दुखियो का गड बन गया और यही के विद्यार्थियों ने उनके रहने, खाने का इंतजाम किया |
* वो JNU ही था, जो निर्भया हत्याकांड के समय निर्भय होकर सबसे पहले सडको पर उतरा था |
अगर मै अपने कैंपस के कुछ चन्द लोगो को नियंत्रित रख पाता, तो जरुर में नारे बाजी करता | क्योकि, इसी वजह से तो देश और लोगो का ध्यान मुद्दे पर जाता है, और वो उस मुद्दे की सच्चाई को समझ कर आगे कदम उठाते |
आज हालत ये है कि तमाम ऐसे छात्र जिनका इस घटना से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था, अपनी पढ़ाई, करियर और रहने की जगह तक को लेकर परेशान हैं। देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में विवादों में आए इन छात्रों को अब मकान मालिकों ने चलता करने का मन बना लिया है।
नौ फरवरी की घटना पर अनुराग कहते हैं कि इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। उस दिन शाम के समय भीड़ काफी ज्यादा थी और चंद लोगों ने विवादास्पद नारे लगाए लेकिन अब तक यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि वे छात्र कैंपस के थे या नहीं। अनुराग कहते हैं कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए लेकिन उन चंद छात्रों के लिए सभी छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ करना कहां का न्याय है। अनुराग ने कन्हैया की रिहाई की भी मांग की और कहा कि बिना किसी जांच के उन्हें उठा ले जाना लोकतंत्र की हत्या है।
*आखिर में एक बात कहूंगा बंधू: JNU ने जो किया उससे एक रुपये का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हरियाणा में जो हुआ उसमे हजारो करोड़ का नुकसान हो गया |
कल के छोरे को हीरो बनाने से अच्छा है की हम देश के असली मुद्दों पर ध्यान दे |
अब जरा मेरे सवाल का जवाब दे की, क्यों हरियाणा के जाट आन्दोलन का विरोध नहीं हो रहा?
क्या ये मुद्दा, हरियाणा के मुद्दे से लोगो का ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है ?
very interesting
what a man...salute
jai hind jai bharT👍👍
hats off u brother...
Laal salaam
thank you BJP for making Kanhaiya so famous. today world is talking about him who get such opportunity if idiots not in power. modi sarkar means comedy sarkar LOL
good speech by the kanaiya kumar i like him
Modi fussss
U R SPONTANEOUS brother.... Excellent mate, cheers from Kerala!!!
synonyms: ''KANHAIYA'', unplanned, unpremeditated, unrehearsed, impulsive, impetuous, unstudied, impromptu, extempore, extemporaneous; unforced, voluntary, unconstrained, unprompted, unbidden, unsolicited;
(of a person) having an open, natural, and uninhibited manner.
synonyms: natural, uninhibited, relaxed, unaffected, open, genuine, easy
we can see one side is true/genuine and the other side we saw its fake/planned.
nice
Thanks bhaiya ji
inquilaab zindabad
GOOD AVP NEWS JAY BHIM LAL SALAM KANHAIYA JI
एक भारतीय होने के नाते मै भी ये मानता हूँ देश में गरीबी, भुखमरी और जातिवाद है, इसके अलावा किसानों की हालत भी बहुत खराब है लेकिन इसके लिए केवल मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है, मोदी सरकार को आये हुए केवल डेढ़ साल हुए हैं, इससे पहले अगर कांग्रेस सरकार से इन समस्याओं पर ध्यान दिया होता तो अब तक देश से ये सभी समस्याएँ ख़त्म हो चुकी होतीं। कोई भी काम जादू से नहीं होता बल्कि इसके लिए योजनायें बनाकर उन्हें लागू करना होता है। यह (कन्हैया,लेफ्टिस्ट) मोदी सरकार का पांच साल भी इन्तजार नहीं कर सकते और बिना उन्हें मौका दिए उन्हें उखाड़ फेंकने की बात कर रहा है ।
#Fake_Hero
कल रात JNU में " श्री कन्हैया सिंह जी" का भड़ासपूर्ण भाषण और उसमें RSS, मोदी, भाजपा, ABVP, हिटलर आदि को कोसने-गरियाने के बाद देश को यह पता चला है कि -
१) गरीबी... - पिछले डेढ़ साल में आई है...
२) शोषण... - पिछले डेढ़ साल से अधिक हो गया है...
३) असमानता... - सिर्फ पिछले डेढ़ साल में बढ़ी है...
४) पूंजीवाद... - डेढ़ साल पहले ही पैदा हुआ है...
५) मनुवाद... - डेढ़ साल पहले था ही नहीं...
६) दलितों पर अत्याचार... - डेढ़ साल से ही होने शुरू हुए हैं...
७) आतंकवाद... - डेढ़ साल पहले तक नामोनिशान भी नहीं था...
कहने का तात्पर्य यह है कि 2004 से 2014 तक भारत का "स्वर्णिम काल" था... और कन्हैया के "बौद्धिक पिताओं" द्वारा ३० साल तक शासित राज्य पश्चिम बंगाल दुनिया का सबसे खुशहाल और समृद्ध राज्य है...
मै आपको(कन्हैया,लेफ्टिस्ट) यही सुझाव दूंगा की आप कम से कम पांच साल तक इन्तजार तो कर लो, अगर सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया तो हम भी आपके साथ विरोध में शामिल हैं लेकिन अभी से झूठी, दोगली और मक्कारी वाली बातें मत करो। देश में नकारात्मकता मत फैलाओं, देश के विकास की गति मत रोको।
kaas me bhi jnu me hota i selute jnu jo esi vichaar dhara ke log peda krta he good knhiyaa kumaar best of the luck
great young man
ab to ye kanaiya public k nazaro me hero ban gaya. ab to phele se bhi jayda 10 kadam aage nikal ke naara laga raha hai..OUR NEXT POLITICIAN- KANHAIYA KUMAR
Yeah...!! :) kanhaiya (Y) . . Good going
80 percent current in their speech
KANHAIYA KUMAR & AZADI
How long can one remain a “student”? How good is an institution if a student cannot pass out of it? And who is qualified to lecture on life or the country?
I was curious to know about the student Kanhaiya Kumar. It seems, according to his Wikipedia page, he finished school in 2002 which should make him atleast 31 years old today. The Page mentions that thereafter “he moved to Patna and joined College of Commerce” without mentioning the year of joining or completion. I came across an article in Telegraph (February, 19,2016) which mentioned that he was an undergraduate student at the college between 2003-2007. I will ignore the gap of one year between finishing school and commencing the undergraduate course and also its completion taking a year longer but his Wikipedia Page says “he moved to Delhi and joined JNU” without mentioning the year he so did but mentions “he became President in 2015”.
It has been nine years since he finished graduation (which was after a break of a year and took a year longer than usual) and he is nowhere near completing his PhD. It was in the eight year of his undertaking the PhD course - three years more than the maximum it should take to complete the PhD - that he became the President of the Student Union perhaps because he found studying pointless by then. The PhD itself, incidentally, is not Centre for Political Studies (which deals with subjects of multiculturalism, federalism and social justice) but “African Studies”! The JNU site of Centre for African Studies says that it provides funding support to faculty for field visits to Africa and supports academic activities like research seminars, and publications. It is not known whether Kanhaiya ever visited Africa or he organised any seminars on African studies but the Delhi High Court Order releasing him on interim bail records that he resented cancellation of a program “Against the judicial killing of Afzal Guru & Maqbool Bhatt’ the permission for which was applied by Umar Khalid on the proforma (believe it or not) for ‘Poetry Reading - The Country Without A Post Office.’
In his speech on release Kanhaiya is reported to have said, “Let me just say it is not easy to get admission in JNU neither it is easy to silence those in JNU.” What he omitted to mention was the fact those admitted do not find it easy to leave the institute much like Kanhaiya who stays there in his ninth year, remaining a student in his thirty first year trying to complete a course with which he has shown no affinity (despite the “difficulty” in getting admission) even four years beyond the maximum time taken to complete it.
Bravado in a place of comfort (he chooses not to leave JNU) without proven accomplishment in the discipline undertaken (he has proven incapacity in African Studies) and an abject failure to make an honest living (not every Indian enjoys the luxury of an indefinite education and most need to settle soon into a livelihood to sustain themselves) shows only an empty pursuit of ambition and a selfish misuse of position making not only a mockery of education but entailing in addition the lampooning of livelihood something which will not behove any responsible individual.
Kanhaiya is least competent to lecture anyone on life or country. It is not the best way to live life if one inexplicably remains a “student” till 31. And such a person definitely does not live like an ordinary honest Indian (education for whom is an opportunity which is respected) whose cause he claims to espouse. It is easy to advocate action. It is deliberation that is difficult. Before lecturing us did he deliberate on his condition - a thirty one year old student! And while mentioning the targeting of JNU did he wonder why so prestigious a university could not make him complete his course in time?
And then ofcourse the stirring love for country. Azadi “within” the country is battle cry. Who but Kanhaiya will know about it. It is the freedom to remain a student for ever, the freedom never to leave the University, the freedom not to complete courses but spend time making speeches, the freedom never to work, the freedom to merely speak, the freedom to be a demagogue or a soap-box orator, the freedom to rouse emotions and stir hysteria and the freedom to denounce punishments lawfully administered as “judicial killings” under the guise of “poetry reading”, the freedom to replace Kanhaiyaism for all other isms!
Kanhaiya is definitely not the role model for the bearer of national standards and in fact epitomises the very wrongs in the system which are stymieing it.
Sourced from
Aman Lekhi
Good speech
Jai bheem laal salaam
Democratic youth of India
Welcome lal salam
Very good kanhiaya....
desh tumhare sath he
waah knaiyya Ji Tera kya kahna BHAI u r the best PM Ji Ab bolo phat gayi na
look like great orator even this young age
nice g
i am agree with you Kanhaiya
from which statment... sir...?
great speach kanhaiya zindabad zindabad....
जनता के टैक्स का पैसा सरकार इनकी इन हरकतों के लिए है या पढ़ाई के लिए ?
From 19:40😍😍😍
good kanahiya
Sacchi baate keh raha h khaniya kumar salute vichro ko apke superb broo
Ph.d ka ladka comments dene se pahile education m ad kijiyega
kyuki kam sikhe huve logo ko nahi samjega wo uske khilaf hi comments karnge educated log sochnge uske bare m superb khhniyaji
19:51
BJP RSS FINISHED !
great
Jai bheem
Zindabad...Outstanding speech
sailut to u mr. kanhiya kumar ...lal salam lal salam
Jay Congress Jay Kanahya
Jai Bhim 💙
Smriti Irani are you listening!!!!!!!!!!!!!!!!!
future neta
ek bihari 200000000par bhari
Laal salaam
sach ki jeet ho kr rhegi salute bro
great kanhayya
Kanehya bahut achha hai
yaar se kahan se hero ban gaya am I watching Dhanush in Raanjhnaaa???.......What are his credentials??? He is dropping names like his career depends on it.... Sedition charges were uncalled for...but that is a faulty medieval law...that needs to be mended...and that will not happen till an incident occurs that shakes the Parliament from its heavy sleep.....like section 377, Juvenile Justice Act
But making this guy a hero...we have a seriously misguided media...I was a research scholar at IIT and I do not remember having the time to do or follow all this.....this is student politician at work...and not a scholar devoted to research
ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के
अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के
कह रही है झोपड़ी औ' पूछते हैं खेत भी,
कब तलक लुटते रहेंगे लोग मेरे गांव के
बिन लड़े कुछ भी यहां मिलता नहीं ये जानकर,
अब लड़ाई लड़ रहे हैं लोग मेरे गांव के
कफ़न बांधे हैं सिरों पर हाथ में तलवार है,
ढूंढने निकले हैं दुश्मन लोग मेरे गांव के
हर रुकावट चीख़ती है ठोकरों की मार से,
बेडि़यां खनका रहे हैं लोग मेरे गांव के
दे रहे हैं देख लो अब वो सदा-ए-इंक़लाब,
हाथ में परचम लिए हैं लोग मेरे गांव के
एकता से बल मिला है झोपड़ी की सांस को,
आंधियों से लड़ रहे हैं लोग मेरे गांव के
देख 'बल्ली' जो सुबह फीकी दिखे है आजकल,
लाल रंग उसमें भरेंगे लोग मेरे गांव के
✊✊🇳🇵🇳🇵
Red salute
Samriti Irani bol is bachey ke barey kaisa lga speech.
+PARMINDER KHARAUD
Yahake Baaki Comments padh. Samaz jayega kesa laga woh.
+Prince Sagar likes or dislikes count kar liyo samajh mein aa jayega
Woh kya hai ki hum bhakth logon ki tarah payment nahi paate is liye cmnt nahi karte.
PLEASE DONT REPLY BACK.
AND IF YOU REPLY DONT EXPECT A REPLY FROM ME
Jatt Boy in Air
Ok toh fir bol na Kanhaiyya ko JNU se chup chup kar kyun bahar nikal raha he. Khule dil se nimkalne ko bol. Kon kitna pasand karta he samaz jayega woh.
welcome 2nd arvind kejriwal.
I challenge him to come debate. Tell his lovers that if he has the balls he should take this challenge.
I want to debate
I solute kanahiya kumar sir
bhuot sahi mere dost jeyuo yr keya baat kahi he mai to koi college Mai padne wala boy nhi phir bhi jo tum ne jo desh ki ekta ki baat ki wo buhto hi power full baat he tumhari ye sahi he ke RSS ke or BJP ke bhadwey es haq ki awaj ko dabna chahte hen tum lado dost hum tumhare saat hen
जेल से छूटने के बाद छात्र संघ के कन्हैया के भाषण को सुन कर मुझे कुत्तों की प्रवृति याद आ गयी.. भौंकते हैं … जब कोई ठोकता है तो कुंकाते हैं यानि कैं कैं करते हैं और फिर कुछ दूरी पर जाकर भौंकने लगते हैं.. जिस न्याय व्यवस्था को मानते नही उसी से न्याय मांगने लगते हैं । याद किजिये भाषण के अगले दिन ये महाशय चैनल पर पूरे जोश के साथ नज़र आये-- जब गिरफ़्तारी हुई तो इनके तेवर ढीले पड़ गये- और जब अदालत में ठुकाई हुई तो ये दीन हीन हो गये । वैसे जेल में रहने का कुछ तो प्रभाव हुआ ही जो इनकी ग्रामर थोड़ी ठीक हो गयी पहले इन्हे “भारत से आज़ादी” चाहिये थी लेक़िन जेल से छूटने के बाद “भारत में” आज़ादी चाहिये हो गयी ।
+sanjay khandelwal ha ha ha right said
abey beepppppppp jativad se azadi chahta hai to kyu reservation 2 chillate ho..
tallest tree breaks faster in storm.....your time is coming
Ohh 3 years over time not came still
great kanhaiya
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
bhasan dena aasan he if you have guts join the system and try to work for them.don't just throwing question and provoked students
+dev patel U said absolutely right thing.
But falsely alleging ppl as anti-national just for opposing some policies or bhasan, that is also wrong.
although i agree blindly trusting him is also wrong. hero worship is wrong thing. But by wrongly accusing him for anti-national sloagans, just bcoz he was speaking in favor of Indians & against some policies, u made him hero.
I oppose both kind of ppl who wrongly accused him to be anti-national, and i oppose those also who are making him hero just bcoz of bhasan.
Logon ne esi tarah kejriwal ko provoke kia tha aur usne bjp congress dono ki hawa nikal di
ab kanhaiya ko provoke mat karo warna bjp aur congress dono bhrashta parties ka safaya ho jayega...
according to sir kanaihya ,,, JNU is the most intellect place in india...
jatiwad se aazadi bhi chahiye aur fir jati aadharit reservation bhi...
In this whole lot of people no one is worried about finding those people who actually raised the anti national slogans
this group and kanahiya is clearly have a political motive....that's why in this whole speech he is talking about government failure on some issues.....and making fun of Modi.
he not only ashamed himself but also his parent and country to,aaj tak ya kay seekha,sabhi teacher fail ho gaye jo esa teach keya hai, azadi fullfil stomach se nahi melti bate, bhoot meenath karni padti hai .
AFTER SEEING THIS
PARENTS SHOULD THINK ABOUT THEIR CHILDS CARRIER
+Shardul Kanase Idiots need time to learn intelligent can learn fast he is PHD student. not a modi who is not seen college there no educated person u find in BJP id they have some common sense dont show a doctored video atleast use a common sense that in today technology it is easily tracked
+Shardul Kanase Am pretty sure your "CARRIER" has not been a right career so far! :D
+Nemoter M lol :D
+newstime 123
MORON
GURU BHAKT
+Nemoter M
hahaha
MY MISTAKE
THANK YOU FOR CORRECTION
close the collage coz they are of no use or else ask communzt party to pay for them
farzi aadmi..... another politicians who wants a position by portraying a negative picture of NAMO....
please don't support dis kind of politics ny more
+Nitesh Gupta good. Then, why did not u called him anti-modi. why u called him anti-national with false allegation.
U mean 69% Indians who did not supported modi, those all ppl are anti-national.
+ak220880 exactly.
+ak220880 i didn't said he is anti-national.... he is another politician....u can say he is another kejriwal.... dramebaaz😂😂😂
Its easy to put allegation on Modi Ji rather than doing something gud to prove himself
Nitesh Gupta
gud, than why he was being harassed by falsely alleging him as anti-national deliberately. u can have simply said that he is politician.
+Nitesh Gupta What's wrong with that?
Padai mein man Lagao.. Politics do it after passing from college
ab ye rajniti karega . kyoki highlite ho hi gya . isne achhi plan banai hai .
Kis baat ki aazadi. ..?
Pakad ke rakha hai kya kisine..?
35 saal ka hai ye. .
Abhi tak kuch kaam dhanda bhi nahi kia
Abhi tak padh raha ha...
Aur who bhi Subsidy ke paise se
Kuch kaam karega tabhi paise aayega na
Tabhi gareebi se aazadi milegi naa. ..
Don't worry kuch nahi hua tho
ABP, NDTV, Congress wale kanhaiya ko Royalty de denge
well said brother
Bsdk
Apni bhakti Saabit krte rho ...Puja kr Modi ki
@@piyushkumarchandravanshi6243tab main Modi भक्त था , लेकीन अब समज अा गया
कन्हेया कुमार सही था..aur मोदी चुतीया
Kk Lal
he is a student he is ajucated person he is no everything battter then our government and why should not people come together and say we are Indian not the u r Muslim ur Hindu ur Christian lesson to him what he is saying wrong In that
azadi ???? for what
to increase reservation from 30% to 51% to 99%
to decided which state should be part of India & which should not
to say anything against your own country on who's soil you born and bought up
to missuse freedom of speech
guys I'm requesting you to plz understand simple logic, to make any change you need to act something positive, Dr. Ambedkar first achieved his educational qualification on basis of which he makes ppl lessen to him, no one were challenged his talent.
blame game were/is/will not serve any purpose
to run world largest/biggest democracy is not so simple, for tht we required very talented guys at right place,
by giving flammable speech some fellow's like this guy thinks thy can achieve tht seat, we already had expirance this in Delhi (Mr. arvind kejriwla).
think abt it...
ro
haathi ghoda palki..
jai KANHIYAA lal ki
pack up bjp your all drama..
Ye India Ka Kuch Naie Ho Sakthi.kiskay Aazadi Chaiyea ?
tight slap
Kahnaiya ka Delhi high court ke muh par tamacha hain..... Aaj Delhi high court bhee soch rahan hoga..... Apne par........ Tum Jo kahana chahate jnu ke bahar aa kar kahon........ Tum ko zanata kaya aur jnu ke bahar ke students kaya sochte hain........