Anhad - First tear of Ecstasy | Madhyamavathi Meditation | Nabbu Bhatt | Sounds of Isha | Sadhguru
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- Опубліковано 12 вер 2024
- Beautiful Lyrics by - Nabbu Bhatt
( / nabbu07.official )
Composition - @soundsofisha
( / sounds_of_isha )
Vocals | Music- Agam
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Beautiful thumbnail Artwork by Aditya Kumar Pandey
( / boyinart )
छट रहा कोहरा घना ये, नया सवेरा है,
हैं प्रकाशमान रैन, नया बसेरा है।
मेरी आँखें तुम्हें झंके, स्वप्न बुनती हैं,
ध्वनि सुंदर आत्मा, अनहद सुनती हैं।
ना कोई रह सकता दूर भगवान से,
आस लेकर पास आया हूँ, तेरे मन से,
रोशनी जलाती हृदय में जगमगाती है
प्रीत साँची भाव निर्मल, नदिया बहती है,
ध्वनि सुंदर आत्मा, अनहद सुनती है।
मेरी आँखें तुम्हें झंके, सपने बुनती हैं,
ध्वनि सुंदर आत्मा, अनहद सुनती हैं।
बैठो संग में बातें करो,
अंतरमन की तारे सुनो,
बातों ही बातों में
सत्य भी कहो
लायक हु जो चरणों में रखो
ध्वनियाँ नाम तेरा रहे जपती हैं।
हर घडी मेरी साँसे तुम्हे भजति हैं
छट रहा कोहरा घना, ये नया सवेरा है,
हैं प्रकाशमान रैन, नया बसेरा है।
आश्रु की बूंदें पलकें भीगी,
उतरें दिल में तुम प्रीत जागी,
धुन कोई कानों में मेरे बजी
खिल उठे मुरझासे फूल सभी।
आउ द्वारें, तेरे द्वारें, राहें खिलती हैं,
मिलना तो हो तुम्हें, होगा रीत कहते हैं।
मेरी आँखें तुम्हें झंके, सपने बुनती हैं,
ध्वनि सुंदर आत्मा, अनहद सुनती हैं।
छट रहा कोहरा घना, ये नया सवेरा है,
हैं प्रकाशमान रैन, नया बसेरा है।
Intro Song description line by Apoorva Singh
Special thanks to Apoorv Tripathi for giving me the idea of this song