मान्यवर लोगों ने जब खेती छोड़ी तो बाघ,रीछ ने गांवों के अंदर आना शुरू कर दिया।और अब लोगों ने पालतू जानवरों का पालन भी कम कर दिया है।अगर पालतू जानवरों की संख्या भी कम हो गयी तो फिर इंसानों पर अटैक होगा।ये स्थिति बहुत ख़तरनाक है।दो साऊ पहले मैं गर्मियों की छुट्टी में घर गया तो मार्निंग वॉक पर बड़कोट के पानी के ऊपर बैंड तक जाता था।एक दिन सुबह के छ बजे के आसपास मैं इसी बैंड के करीब पहुंचा जहां पर आपकी बाईक पार्क थी तो मैंने ऊपर से एक बिल्ली नीचे उतरते देखी।उसने मेरी तरफ देखा और सड़क से नीचे उतर गयी।जब मैंने बाद में ध्यान दिया कि इस बिल्ली की पूंछ तो बहुत लंबी है। फिर मुझे एहसास हुआ कि वो बिल्ली नहीं बल्कि बाघ था।
@HIMALAYANJOGEE ब्रिटिश काल में चंपावत और रूद्रप्रयाग में नरभक्षी बाघों का आतंक था जिन्होंने लगभग पांच सौ से ऊपर इंसाओ को मारा था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने इन बाघों को नरभक्षी घोषित करते हुए शिकारी बंदूकधारियों की नियुक्ति की।इसके बावजूद भघ इतने इंसानों को क्यों नहीं बचाया जा सका व वे शिकारी कयी महीनों बाद बाघों को मार पाये,ये अलड कहानी है।पर आज तो इंसानों के बाघ के मारने के बाद भी उसे नरभक्षी घोषित करने के लिए धरने प्रदर्शन करने पड़ते हैं।आज की सरकार के अनुसार एट दो हत्याओं से साबित नहीं होता कि बाघ नरभक्षी है।😁
मान्यवर ये बाघ नहीं चरक लग रहा है, जो दरवाज़े तोड़कर और छप्पर फाड़कर कर छानी (गौशाला ) में घुसकर पशुऔं का शिकार करता है औल अधिक तर ये ठंडी के महीनों में ही वारदात करता है
हर गांव में यही हालत है हमारे गांव दि उ सा में भी हर तरफ तेंदुआ का आतंक है हर दिन किसी न किसी जानवर को अपना निवाला बना रहा है वन विभाग कुछ भी नहीं कर रहा है
हर गाँव की यही समस्या है जोगी जी. तेंदुए की आवाज़ साफ आ रहीं है वीडियो के आखिर में. मेरे हिसाब से आपको अपने साथ एक pepper स्प्रे भी रखना चाहिए. इसे आप किसी भी जानवर पर 10 फ़ीट दूर से भी use कर सकते हो. 🙏
सामान्यतः कोई भी तेंदुवा या बाघ या शेर एक समय में सिर्फ एक ही जानवर का शिकार करता है. जानवर हम मानवों की तरह जमाखोरी में यकीन नहीं रखते. जब भूख लगी एक मारा और खाया और दूसरा तब तक नहीं जब तक की भूख न लगे. एक तेंदुवे द्वारा एक ही रात में 12 बकरियों मारना बहुत ही असामन्या घटना है और वह भी दरवाजा तोड़कर. “दया ” कुछ तो गड़बड़ है.
मान्यवर लोगों ने जब खेती छोड़ी तो बाघ,रीछ ने गांवों के अंदर आना शुरू कर दिया।और अब लोगों ने पालतू जानवरों का पालन भी कम कर दिया है।अगर पालतू जानवरों की संख्या भी कम हो गयी तो फिर इंसानों पर अटैक होगा।ये स्थिति बहुत ख़तरनाक है।दो साऊ पहले मैं गर्मियों की छुट्टी में घर गया तो मार्निंग वॉक पर बड़कोट के पानी के ऊपर बैंड तक जाता था।एक दिन सुबह के छ बजे के आसपास मैं इसी बैंड के करीब पहुंचा जहां पर आपकी बाईक पार्क थी तो मैंने ऊपर से एक बिल्ली नीचे उतरते देखी।उसने मेरी तरफ देखा और सड़क से नीचे उतर गयी।जब मैंने बाद में ध्यान दिया कि इस बिल्ली की पूंछ तो बहुत लंबी है। फिर मुझे एहसास हुआ कि वो बिल्ली नहीं बल्कि बाघ था।
नरेश भाई आप का कहना सही है लेकिन आजकल गाँव में बहुत डर है... सरकारें निकम्मी हैँ
@HIMALAYANJOGEE ब्रिटिश काल में चंपावत और रूद्रप्रयाग में नरभक्षी बाघों का आतंक था जिन्होंने लगभग पांच सौ से ऊपर इंसाओ को मारा था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने इन बाघों को नरभक्षी घोषित करते हुए शिकारी बंदूकधारियों की नियुक्ति की।इसके बावजूद भघ इतने इंसानों को क्यों नहीं बचाया जा सका व वे शिकारी कयी महीनों बाद बाघों को मार पाये,ये अलड कहानी है।पर आज तो इंसानों के बाघ के मारने के बाद भी उसे नरभक्षी घोषित करने के लिए धरने प्रदर्शन करने पड़ते हैं।आज की सरकार के अनुसार एट दो हत्याओं से साबित नहीं होता कि बाघ नरभक्षी है।😁
Maine bhi Sun Liya Baki awaaz bahut jor se a rahi hai
बाघ द्वारा यह समस्या बहुत ही गंभीर बनी हुई है। ❤
बहुत बड़ी समस्या है 🙏🙏
मान्यवर ये बाघ नहीं चरक लग रहा है, जो दरवाज़े तोड़कर और छप्पर फाड़कर कर छानी (गौशाला ) में घुसकर पशुऔं का शिकार करता है औल अधिक तर ये ठंडी के महीनों में ही वारदात करता है
जी हो सकता है.. चरख हो.. चरख वेंसे किसी ने भी नही देखा शायद आजतक
Maine bhi Sun Li Bagh ki awaaz bahut jor se sunai de rahi hai
गाँव में अब जानवर ही हैँ इंसान तो पलायन कर चुके हैँ जी 🙏🙏🙏
Hello sir thanks I will be waiting for your aali blog
🌹🙏🙏🙏🙏
अरे ये तो मेरी बुआ का घर है
मामाजी बकरी पालन करते हैं
बहुत दुख हुआ सुनके
🙏🙏🙏
अत्यंत दुखद समाचार जी कि आजकल गढ़वाल के गांवों में बाघ का आतंक छाया है मेरा मानना है कि इसका कारण पलायन ही है।
सही बात धन्यवाद 🙏🙏🙏
हर गांव में यही हालत है हमारे गांव दि उ सा में भी हर तरफ तेंदुआ का आतंक है हर दिन किसी न किसी जानवर को अपना निवाला बना रहा है वन विभाग कुछ भी नहीं कर रहा है
जी पूरे उत्तराखण्ड का यहीं हाल है... बहुत डर है गाँव में
❤❤❤
🙏🙏🙏
जोगी जी 🙏 आप लाईसेंस बनाओ गन बहुत जरूरी हो गई है अब गांवों के हालत देखकर
🙏🙏🙏🙏
Hor Hor mohadeb joy maa gonga.
Joy ho probhu ji.
Swami Satyakamananda Varanasi
हर हर महादेव 🙏🙏
Aawaj aari h bahut omg kya hoga ab bahut dar ho gya gaon me
भुली जो डर गया सो मर गया... और डर आगे ही जीत है 😂😂 लिम्का पियो मस्त रहो 😂😂
सरकार को स्पेशल संज्ञान लेना चाहिए
सत्य कहा आपने लेकिन सरकार कोई संज्ञान नही लेती 🙏
Keya kare bheji sabhi jagha yahi hal hai
🙏🙏🙏
बाघ के दहाड़ने की आवाज तो 🤔🤔🤣
🙏🙏🙏
दुःखद है कैसे कोई bakre पालन कर सकता है
बड़ा कठिन है जी 🌹
Han ji hamko bhi sunaayi di
🙏🙏🙏
🎉
🙏🙏
Yeh baag nahi yeti hai , yeh bhalu k jesa hota jai or ese hi darwaja tod kr shikar karta hai or winter me he aata hai
माफ़ी चाहता हूँ बहन येति.. यहाँ नही.. बर्फीले पहाड़ों में होते हैँ जिनको आजतक साइंस वैज्ञानिक भी नही तलाश कर पाए.. ये तेंदुआ या रीछ ही हो सकता है
Bada dukh ho raha hai sunkar gaon mein itna aatank Ho Rakha Hai
क्या करें जी पूरे उत्तराखण्ड का यही हाल हैँ
Bhaiya namaste Bhaiya apki ijaat ho to mai apki last wali choti clip apne vlog yai shorts par dal sakta hu ❤❤😊
ओके भुल्ला कोई बात नही... Use कर सकते हो 👍👍
@@HIMALAYANJOGEE thanku bheji
Ban vibhvab ko batao turant karawai karin
🙏🙏
कुकरे ती जी नमस्कार भाई जी आप फरीदाबाद
मे क हाँ मतलब कोनसी जगह रहते है।
क्योकि फरीदाबाद मैभी रहता हूँ।
बिष्ट जी मी सेक्टर 49 मा रेंन्दु 🙏🙏
Awaj Ani cha bag ki
जी भैजी म्यार वू चाय पर बुलायु च अर वू धै लगे कि भूनु च कि मी आणू छौ 😂😂😂
Sir ji pranam
भेज्जी प्लीज आशीर्वाद दयावा प्लीज ❤🌹🙏🙏🙏
Uttarakhand.Govt.Gimaydar.hai.
सही कहा आपने 🌹🙏🙏
बाघ नही है चरक उर्फ रिछ , दरवाजा खोलकर मार रहा है हमारे गांव में भी मारा हिमालयन रिछ है जी
नेगी जो भी जानवर लेकिन पहाड़ों के लिए खतरा है
उत्तराखंड में बाघ और सूअर का आतंक है भाई जी
बहुत बुरा समय है नेगी जी 🌹🙏
Bahut sundar vlog banada cha bheji tum ❤
हर गाँव की यही समस्या है जोगी जी.
तेंदुए की आवाज़ साफ आ रहीं है वीडियो के आखिर में.
मेरे हिसाब से आपको अपने साथ एक pepper स्प्रे भी रखना चाहिए. इसे आप किसी भी जानवर पर 10 फ़ीट दूर से भी use कर सकते हो. 🙏
जी लिंगवाल जी मै पेपर स्प्रे भी साथ रखता हूँ..धन्यवाद आपका बहुत दिनों बाद आपका कमैंट्स आया 🙏🙏
सामान्यतः कोई भी तेंदुवा या बाघ या शेर एक समय में सिर्फ एक ही जानवर का शिकार करता है. जानवर हम मानवों की तरह जमाखोरी में यकीन नहीं रखते. जब भूख लगी एक मारा और खाया और दूसरा तब तक नहीं जब तक की भूख न लगे. एक तेंदुवे द्वारा एक ही रात में 12 बकरियों मारना बहुत ही असामन्या घटना है और वह भी दरवाजा तोड़कर. “दया ” कुछ तो गड़बड़ है.
🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Kukreti ji ye bag bahut he paresan kar yali
मिली नी च भैजी निथर एक बांठी आपका वास्ता भी देखी ल्योंण छायी 😂😂😂🙏🙏🙏❤🌹