Koham
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BG0927 जीवनमें शास्त्रसंमत जो भी कार्य हम करते हैं, परमात्माको अर्पण करदेनेसे चित्तशुद्धी होती है।
#koham3469
जो कुछ हम करें वह परमात्मा को याद करते हुवे उन्हीं को समर्पित करते हुवे करें तो हमारे राग द्वेष मिट जाते हैं। क्यूँकि परमात्मा के लिये समर्पण भाव से जो भी करे उस में राग द्वेष होने की गुंजाईश है ही नहीं। राग द्वेष मिट जाने से चित्त शुद्धी होती है जिससे मोक्ष की अनुभूति होती है।
जय श्रीकृष्ण🙏
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BGS0620a साक्षी आत्मा का आत्मा द्वारा आत्मा में अपना शुद्ध स्वरूप का दर्शन। ध्यान की दो व्याख्याएँ।
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#koham3469 यत्रोपरमते चित्तं निरुद्धं योगसेवया ।यत्र चैवात्मनात्मानं पश्यन्नात्मनि तुष्यति ।। ।।06:20।। यत्र = जिस अवस्था में; उपरमते = उपराम हो जाता है; चित्तम् = चित्त; निरुद्धम् = निरूद्व हुआ; योगसेवया = योग के अभ्यास से; यत्र =जिस अवस्था में (परमेश्वर के ध्यान से ); च = और; एव = ही; आत्मना = शु़द्व हुई सूक्ष्म बुद्धि द्वारा; आत्मानम् = परमात्मा को; पश्यन् = साक्षात् करता हुआ; आत्मनि = सच्चि...
VC29 33a साधन चतुष्ट्य संपत्ति अर्जित होने के बाद ज्ञान प्राप्ति के लिये गुरुकी सेवा और मार्गदर्शन।
Переглядів 1334 години тому
#koham3469 उक्तसाधनसम्पन्नस्तत्त्वजिज्ञासुरात्मन: ॥ ३३ ॥ उपसीदेदगुरुं प्राज्ज॑ यस्मादबन्धविमोक्षणम्‌। उक्त साधन-चतुष्टयसे सम्पन्न आत्मतत्त्वका जिज्ञासु प्राज्ञ (स्थितप्रज्ञ ) गुरुक निकट जाय, जिससे उसके भव-बन्धकी निवृत्ति हो।
BG0926b परमात्माकी पूजामें वस्तु नहीं भावका प्राधान्य है। उनकी return gift ज्यादा कीमती होती है।
Переглядів 4816 годин тому
#koham3469 भगवान भाव के भूखे हैं, इसलिये भाव से अर्पण की हुई पत्र, पुष्प, फल, जल थोडी सी मात्रा में ही क्यूँ न हो, भगवान उसका स्वीकार कर लेते हैं (खाते हैं - अश्नामि)। शंकराचार्यजी अश्नामि शब्द का अर्थ गृह्णामि करेते हैं। और भाव से अर्पित की गई कोई भी वस्तु अनुगृह्णामि ऐसा कहा है। भगवान सिर्फ लेकर संतुष्ट नहीं होते बल्कि बहुमूल्य return gift भी दे देते हैं। यह बात हमने श्रीकृष्ण - सुदामा जी के ...
BGS0619c आत्मध्यानस्थ योगीकी मनस्थितीको दियेकी स्थीर ज्योतिकी उपमा दी गयी है। प्रत्याहारसे समाधी।
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#koham3469 योगी जो आत्मध्यान में निमग्न है, उन के चित्त की तुलना दिये की स्थीर ज्योत के साथ करी गयी है। ज्योत को जलने के लिये प्राणवायु जरूरी है यानि बिलकुल निर्वात जगह (total vacuum) में ज्योत का होना नामुमकिन है। वैसे ही बिलकुल विचारशून्य मन (thoughtless mind) का होना भी असंभव है। जैसे ज्योत को oxygen वैसे ही मन को विचार। लेकिन ज्योत को सिर्फ oxygen की जरूरत है, हवा के तेझ झोंके की नहीं। वैसे...
VC27 28c निष्काम कर्मयोग एवं उपासनायोग के द्वारा साधन चतुष्ट्यके अनुसंधान पश्चात ज्ञानयोगमें प्रवेश।
Переглядів 9821 годину тому
#koham3469 आदि श्रीशंकराचार्यजी ने साधन चतुष्ट्य के बारे में दर्शाया। यह आत्मसात करने की विधीकी चर्चा नहीं करी है क्यूँकि ये बातें भगवद्गीतामें गहराईसे बतायी गयी हैं। विवेक चूडामणिका अध्ययन करनेको जिज्ञासु भगवद्गीतासे निष्काम कर्मयोग एवं उपासनायोग भलीभांति परिचित होना चाहिये। इसके बाद ज्ञानयोगमें प्रवेशा जा सकता है। यह सब कैसे उपलब्ध होगा इसकी एक झलक इस सत्रमें रखी गयी है। जय श्रीकृष्ण।🙏
BG0926a अहंकार मुक्त शुद्ध मन से अर्पण की हुई कोई भी चीज़ भगवान स्वीकार कर लेते हैं।
Переглядів 4814 днів тому
#koham3469 पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन: ।। ।।09:26।। पत्रम् = पत्र; पुष्पम् = पुष्प; फलम्‌ = फल; तोयम् = जल(इत्यादि); य: = जो (कोई भक्त); मे = मेरे लिये; भक्त्या = प्रेम से; प्रयच्छति = अर्पण करता है; तत् = वह(पत्र पुष्पादिक); अहम् = मैं (सगुणरूपसे प्रकट होकर प्रीतिसहित); भक्तयुपहृतम् = प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ; अश्रामि = खाता हूं ; प्रयता...
BGS0619b वायुरहित स्थानमें स्थित दीपक चलायमान नहीं होता, ध्यानमें लगे हुए योगीके चित्तकी कही गयी है।
Переглядів 7314 днів тому
#koham3469 यथा दीपो निवातस्थो नेंग्ङते सोपमा स्मृता ।योगिनो यतचित्तस्य युञ्जतो योगमात्मन: ।। ।।06:19।। यथा = जिस प्रकार; दीप: = दीपक; निवातस्थ: = वायुरहित स्थान में स्थित; न = नहीं; इन्गते = चलायमान होता है; सा = वैसी ही; उपमा = उपमा; स्मृता = कही गई है; योगिन: = योगियोंके; यतचित्तस्य = जीते हुए चित्त की; युज्जत: = अभ्यास करते हुए; योगम् = योगका; आत्मन: = चित्तकी. जिस प्रकार वायुरहित स्थान में ...
VC27 28b शरीरका तादाम्यरूपी अज्ञान त्यजकर अपने स्वरूपका बोध करनेकी तीव्र इच्छाको मुमुक्षता कही है।
Переглядів 12514 днів тому
#koham3469 अहंकारादिदेहान्तान्बन्धानज्ञानकल्पितान्‌ । स्वस्वरूपावबोधेन मोक्तुमिच्छा. मुमुक्षता॥ २८ ॥ अहंकारसे लेकर देहपर्यन्त जितने अज्ञान-कल्पित बन्धन हैं, उनको अपने स्वरूपके ज्ञानद्वारा त्यागनेकी इच्छा “मुमुक्षुता' है।
BG0925 देवोंकी पूजा करनेसे देवलोक,पितृ पूजासे पितृलोक, भूतपिशाच भूतोंको और परमात्माकी पूजासे मुक्ति।
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#koham3469 यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रता: । भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् ।। ।।09:25।। यान्ति = प्राप्त होते हैं ; देवव्रता: = देवताओं को पूजने वाले ; देवान् = देवताओं को ; पितृन् = पितरों को ; यान्ति = प्राप्त होते हैं ; पितृव्रता: = पितरों को पूजने वाले ; भूतानि = भूतों को ; यान्ति = प्राप्त होते हैं (और) ; भूतेज्या: = भूतों को पूजने वाले ; यान्ति = प्राप्त ह...
BGS0619a आत्मध्यानस्थ चित्तकी, हवाके स्थीर वातावरणमें रहे दिये की अचल ज्योत की तरह उपमा दी गयी है।
Переглядів 5221 день тому
#koham3469 यथा दीपो निवातस्थो नेंग्ङते सोपमा स्मृता ।योगिनो यतचित्तस्य युञ्जतो योगमात्मन: ।। ।।06:19।। यथा = जिस प्रकार; दीप: = दीपक; निवातस्थ: = वायुरहित स्थान में स्थित; न = नहीं; इन्गते = चलायमान होता है; सा = वैसी ही; उपमा = उपमा; स्मृता = कही गई है; योगिन: = योगियोंके; यतचित्तस्य = जीते हुए चित्त की; युज्जत: = अभ्यास करते हुए; योगम् = योगका; आत्मन: = चित्तकी. जिस प्रकार वायुरहित स्थान में ...
VC26-28a अहंकारसे देहपर्यन्त जितने अज्ञान-कल्पित बन्धनको अपने स्वरूपके ज्ञानद्वारा त्यागनेकी इच्छा।
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#koham3469 अहंकारादिदेहान्तान्बन्धानज्ञानकल्पितान्‌ । स्वस्वरूपावबोधेन मोक्तुमिच्छा. मुमुक्षता॥ २८ ॥ अहंकारसे लेकर देहपर्यन्त जितने अज्ञान-कल्पित बन्धन हैं, उनको अपने स्वरूपके ज्ञानद्वारा त्यागनेकी इच्छा “मुमुक्षुता' है।
रासपञ्चाध्यायी ०६ गोपीगीतमें गोपियोंका बिलखना, कृष्ण के प्रति अतीव संवेदना से कृष्ण प्रगट हुवे।
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#koham3469 यह रास निरंतर चलता रहता है। नरसिंह महेताने शिवजी की कृपासे सदेह दर्शन किये। हमारे चित्ताकाशमें यह रास निरंतर चलता रहे और हमें भी भगवान श्रीकृष्ण का सान्निध्य उपलब्ध हो ऐसे मनोभाव के साथ रासपञ्चाध्यायी के अध्ययन को विराम। गोपीगीत का गान सुश्री माधवी मधुकर झा जी के सुमधुर कंठसे सुनने का अवसर मिला। हम माधवी जी का हृदयपूर्वक आभारसह ऋणस्वीकार करते हैं। जय श्रीकृष्ण।🙏
रासपञ्चाध्यायी ०३ चीरहरण लीला में भगवान ने गोपियों को देहभान से मुक्त कर के रास रचाने का वादा किया।
Переглядів 102Місяць тому
रासपञ्चाध्यायी ०३ चीरहरण लीला में भगवान ने गोपियों को देहभान से मुक्त कर के रास रचाने का वादा किया।
रासपञ्चाध्यायी ०२ भगवान मन की तीव्रतम ईच्छा की परितृप्ति करते हैं।
Переглядів 53Місяць тому
रासपञ्चाध्यायी ०२ भगवान मन की तीव्रतम ईच्छा की परितृप्ति करते हैं।
रासपञ्चाध्यायी ०१ शारदीय पूर्णिमा के अनुसंगत रास लीला का भावजगत में विचरण एवं विवरण।
Переглядів 98Місяць тому
रासपञ्चाध्यायी ०१ शारदीय पूर्णिमा के अनुसंगत रास लीला का भावजगत में विचरण एवं विवरण।
BG0924 भगवान के दो स्वरूप हैं। एक मानव देहसे सीमित (finite) और दूसरा असीमित (infinite).
Переглядів 1142 місяці тому
BG0924 भगवान के दो स्वरूप हैं। एक मानव देहसे सीमित (finite) और दूसरा असीमित (infinite).
BGS0618c जबजब सभी कामनाऔंसे मुक्त चित्त आत्मतत्त्वमें रममाण होता है तबतब ऐसा व्यक्ति योगी कहलाता है।
Переглядів 652 місяці тому
BGS0618c जबजब सभी कामनाऔंसे मुक्त चित्त आत्मतत्त्वमें रममाण होता है तबतब ऐसा व्यक्ति योगी कहलाता है।
VC25 27 शमादि षट्कसंपत्ति का छठा अंग - समाधान। ब्रह्ममें एकरूपता और चित्तका लालनपालन नहीं।
Переглядів 712 місяці тому
VC25 27 शमादि षट्कसंपत्ति का छठा अंग - समाधान। ब्रह्ममें एकरूपता और चित्तका लालनपालन नहीं।
BG0923b इष्टदेवमें पूरी श्रद्धा रखें लेकिन दूसरे किसी स्वरूपकी निंदा न करें।सभी एकही परब्रह्म हैं।
Переглядів 912 місяці тому
BG0923b इष्टदेवमें पूरी श्रद्धा रखें लेकिन दूसरे किसी स्वरूपकी निंदा न करें।सभी एकही परब्रह्म हैं।
BGS0618b विचारशून्य मन और मात्र आत्मतत्वमें रत मन दो अलग हैं। जब मन आत्मरत होता है तब योग बनता है।
Переглядів 2242 місяці тому
BGS0618b विचारशून्य मन और मात्र आत्मतत्वमें रत मन दो अलग हैं। जब मन आत्मरत होता है तब योग बनता है।
VC24 24c शास्त्र के कथनों को और यही कथन गुरुवाणीसे कहे जाना जिसे हमेंशां सत्य मानना यही श्रद्धा है।
Переглядів 652 місяці тому
VC24 24c शास्त्र के कथनों को और यही कथन गुरुवाणीसे कहे जाना जिसे हमेंशां सत्य मानना यही श्रद्धा है।
BG0923a पूर्णज्ञानी नहीं ऐसे सकाम भक्त भोतिक समृद्धि और निष्काम भक्त भगवान को प्राप्त करना चाहते है
Переглядів 862 місяці тому
BG0923a पूर्णज्ञानी नहीं ऐसे सकाम भक्त भोतिक समृद्धि और निष्काम भक्त भगवान को प्राप्त करना चाहते है
BGS0618a मन को अनात्म विषयों से निवृत्त करके आत्मतत्त्व की और मोडने की प्रक्रिया योग का हिस्सा है।
Переглядів 722 місяці тому
BGS0618a मन को अनात्म विषयों से निवृत्त करके आत्मतत्त्व की और मोडने की प्रक्रिया योग का हिस्सा है।
BGS0618 Patanjali04 धारणा, ध्यान, सविकल्प समाधि से अष्टांगयोग। जिसका फल निर्विकल्प समाधि।
Переглядів 632 місяці тому
BGS0618 Patanjali04 धारणा, ध्यान, सविकल्प समाधि से अष्टांगयोग। जिसका फल निर्विकल्प समाधि।
VC22 24b छ: प्रमाणों में शब्द प्रमाण मुख्य है। शास्त्र और गुरुवाक्य में सत्यताकी अनुभूति श्रद्धा है।
Переглядів 432 місяці тому
VC22 24b छ: प्रमाणों में शब्द प्रमाण मुख्य है। शास्त्र और गुरुवाक्य में सत्यताकी अनुभूति श्रद्धा है।
BG0922f भगवान की अनन्य भक्ति करनेवालों के योग क्षेम का भगवान स्वयं खयाल करते हैं।
Переглядів 632 місяці тому
BG0922f भगवान की अनन्य भक्ति करनेवालों के योग क्षेम का भगवान स्वयं खयाल करते हैं।
BGS0618 Patanjali03 धारणा, ध्यान और समाधि। सविकल्प और निर्विकल्प समाधि।
Переглядів 522 місяці тому
BGS0618 Patanjali03 धारणा, ध्यान और समाधि। सविकल्प और निर्विकल्प समाधि।

КОМЕНТАРІ

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 9 днів тому

    Jay Shree Krushna bhai I missed it and shall go thru it shortly Pranaam 🙏🙏

  • @rahulsing4213
    @rahulsing4213 13 днів тому

    जय सीताराम मैं आपके ग्रुप में जुड़ना चाहता हूं कृपया मेरा उत्तर दें

    • @koham3469
      @koham3469 13 днів тому

      अध्यात्ममें आप की रुचि का अभिवादन। अपना मोबाईल नंबर बताईए, आप को ग्रूप में शामिल कर लेंगे। जय श्रीकृष्ण।🙏

    • @koham3469
      @koham3469 12 днів тому

      @rahulsing4213 अपना मोबाईल नंबर बताईए, आप को WhatsApp ग्रूप में शामिल कर लेंगे। जय श्रीकृष्ण।🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 14 днів тому

    Jay Shree Krushna bhai

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 15 днів тому

    Jay Shree Krushna bhai

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 15 днів тому

    Jay Shree Krushna bhai Example of Deep and Oxygen comparing same with and vruti (vichar) is worth remembering you need both Vichar will not come in Man for a person who either at sleep or dead Thanks and Pranaam🙏🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 18 днів тому

    Jay Shree Krushna bhai🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 22 дні тому

    Jay Shree Krushna bhai 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 23 дні тому

    Jay Shree Krushna bhai Asang shashtren dadhen chhitva સંબંધ વિચ્છેદ થી પરમાત્મા સન્મુખ અને સંસાર થી વિમુખ Getting back to original default state સાધન નો ઉપયોગ લક્ષ સુધી જ, જેમ. નદી પાર કરવા નાવ પ છી નાવ છોડી દેવા ની આભાર ભાઈ 🙏🙏🙏

  • @dilipparekh1363
    @dilipparekh1363 Місяць тому

    गोपी गीत का शब्दार्थ के साथ श्री भास्करभाई का भावानुवाद का खुबसूरती से प्रस्तुति सराहनीय है। कृपया अवश्य सुने। जय श्री कृष्ण।

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    બસ આ રીતે આપણી યાત્રા નિરંતર ચાલતી રહે તેવી એકમાત્ર ઈચ્છા 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    ભાવસભર ગોપી ગીત થી તરબોળ કરી દીધા ધન્યતા નું વર્ણન કરવું અસંભવ No words to write further 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    ભાવસભર ગોપી ગીત થી તરબોળ કરી દીધા ધન્યતા નું વર્ણન કરવું અસંભવ No words to write further 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai You made all Of us drenched by reciting Gopi Geet so much of Bhav darshan It is really soothing experience Thanks Prannam

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai So far no desire is left pending now to become Gopi is becoming strong desire Thanks and Pranaam🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai We are getting feeling that we are all in Vrindavan Thanks and Pranaam 🙏🙏🙏😊

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai You only put a drop of Amrosia ( Amrut) in our mouth Now desire to drink it has increased Sublime of Bhakti is enormous and very fruitful Thanks and Pranaam 🙏🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai I didn’t miss it after listening to your recording It was worthy to note too many connecting dots Glad to know that Shadripoo also help us to find Krushna at our door Amazing Raasadhyay Thanks and Pranaam 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 Місяць тому

    Jay Shree Krushna bhai Glimpses on RaasLeela subject is worth listening to Thanks and Pranaam 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Thanks for me remain connected in spite of not able to attend in person Ahbbar🙏🙏

  • @ravikantdubey7748
    @ravikantdubey7748 2 місяці тому

  • @ravikantdubey7748
    @ravikantdubey7748 2 місяці тому

    Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare. Hare Ram Hare Ram ram Ram Hare hare

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai 🙏🙏🙏

  • @rajnigupt4479
    @rajnigupt4479 2 місяці тому

    Apse kaise jud sakte hai🙏🙏

    • @koham3469
      @koham3469 2 місяці тому

      आप इस लिंक को क्लिक करके हमारे वोट्सअप ग्रूपमें शामिल हो सकते है। वहाँ हमारे सभी वर्गोंकी माहिती आपको मिलेगी। chat.whatsapp.com/Ikks7eb3ytBJtpJqldQqXT जय श्रीकृष्ण।🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Your example of cheque book indicating only finite number And we have to remember Parmatma an infinite power has pierced our Man and engraved like engraving on shilp ( writing on stone) Pranaam 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Man position with respect to swaswaroop / Atma

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai As usual liked your examples of Prakash/ light and fish to understand Man Besides your experienced comments in Shraddha is worth noting /listening and implementing at our end Pranaam 🙏🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Excited to learn that sooner we will start with Brahmasutra after completing Vivek Chudamani 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai And was glad to know that the difference between faith and Shraddha Enjoyed the session so much that eagerly waiting for next one on Samadhan Prannam

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Since we were out of station we couldn’t attend class However recording helped to bridge the continuity Pleased to note like lord Krushna you are taking us through nursery jr and sr kg Sakam bhakt Agnani bhakt and Nishkam bhakt Upasanayog / Bharati yog gives us Anant Anand which keeps increasing our by hour against Akhand Anand which one gets through karmyog and /or gyanyog Second shatkam is very interesting and can not afford to miss it Prannam bhai🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Thank you bhai Jay Shree Krushna 🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Understood the meaning of key word Viniyantam Thank you so much Pranaam 🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai🙏🙏 An example of Learning SA for musical classes is more apt for study of spiritual classes The same principle applies here continuous study consistently for a long period of time . Prannam

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 2 місяці тому

    Nice illustration, many many thanks

    • @koham3469
      @koham3469 2 місяці тому

      Thank you! Cheers!

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree krushna bhai Learnt two new Sanskrit words Upajivya and Upjivi Primary and. Secondary respectively Thank you and Hari OM Pranaam 🙏🙏🙏

    • @koham3469
      @koham3469 2 місяці тому

      आप सन्निष्ठा और सातत्य से अध्ययन कर रहें हैं यह प्रभु का आप पर विशेष कृपा प्रसाद है। बने रहिये। जय श्रीकृष्ण।🙏

    • @VasantMahakulkar
      @VasantMahakulkar 2 місяці тому

      Sampurn jankari Hindi me prastut ki gayi hai, yeh mahatvapurna hai, dhanyavad.

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 2 місяці тому

    Jay Shree Krushna Short and sweet and long and short of Eight important steps of Aastangyog of Maharshi Raman Patanjali ABHHAR 🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Thank you bhai Understood the concept of Astangyog of Maharshi Raman Patanjali to collaborate the understanding of chapter 6 on Atma sainyam yog Looking forward for next session eagerly 🙏🙏🙏🙏

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 3 місяці тому

    Uttama bhakti LA titan varnan

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 3 місяці тому

    Bahut sundar jankari Bhakti par

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 3 місяці тому

    Baghitale Sundar aahe

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 3 місяці тому

    Very nice information on bhakti

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Thank you very much for giving examples which helps us to digest the meaning of Shashtra easily 🙏🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Pranaam bhai Enjoyed the session further with examples of Mishra and Shree Ramkrushna Paramhans Learnt new word Dadhmyaham against vahamyaham Lecture is indeed enriching besides spiritual aspects Jay Shree Krushna

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Jay shree Krushna bhai Thanks for sharing your valuable comments and interpretation of shloka in line with shashtras 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai We both enjoyed it and helped us to enrich our spiritual knowledge We hope our Yatra which we embark upon continued eternity 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Jay Shree Krushna bhai Thank you for your untiring efforts to bring concept of Sanatan dharma 🙏🙏🙏

  • @navanitpandya5196
    @navanitpandya5196 3 місяці тому

    Unfortunate I missed it Indeed as usual very interesting session Aham and IDam is equal to Ahamta and Mamta or not Thanks to throw light on this if different Pranaam bhai 🙏🙏🙏🙏

  • @ravikantdubey7748
    @ravikantdubey7748 3 місяці тому

    Sadar namaste

  • @ritapanchal4282
    @ritapanchal4282 3 місяці тому

    Very nice Explanation about paramatma our योगक्षेमं वहाम्यहम्

  • @VasantMahakulkar
    @VasantMahakulkar 3 місяці тому

    Jivanacha mantra sangitla aahe