Bharat Kumar Gangaditya
Bharat Kumar Gangaditya
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आया मोचो दंतेसरी, बुआ भैरम आय(हल्बी गीत)
आया मोचो दंतेसरी, बुआ भैरम आय,
भाई दण्डकार, बहिन इन्दराबती, सुंदर मोचो,
तुमके सरन सरन आय,तुमके सरन सरन आय, मंय आंय बस्तर जिला चो आदिवासी पीला।
बैलाडीला बैलाडीला।।
(रचनाकार- काशीनाथ सामंत "बस्तरिया")
पीएम श्री नवोदय विद्यालय धरमपुरा जगदलपुर के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत गीत।
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जुहार बस्तर माटी (हल्बी गीत)
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जुहार जुहार जुहार तुके जुहार आय, मोचो बस्तर माटी तुके जुहार करूँसे।जुहार जुहार जुहार तुके जुहार आय, मोचो बस्तर माटी तुके पांय पड़ूंसे।। (हल्बी गीत की प्रस्तुति, पीएम श्री नवोदय विद्यालय धरमपुरा जगदलपुर के विद्यार्थियों द्वारा, गीत रचना-भरत कुमार गंगादित्य)
22 September 2023
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22 September 2023
वक़्त के साये में ज़िन्दगी
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छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं पर आधारित हल्बी गीत (राज्य स्तरीय कला जत्था कार्यशाला रायपुर)
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ईया ईया दादा दीदी मन ईया।। बाड़ती बाट ने आमी हिंडवां ईया।। कितरो फायदा देयसे आमके सरकार, पूरे एउन हुनके आनवां ईया।। छत्तीसगढ़ सरकार आमचो छत्तीसगढ़ सरकार। छत्तीसगढ़ सरकार आमचो छत्तीसगढ़ सरकार।। @ रचना -भरत कुमार गंगादित्य
22 June 2022
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मारी रोसोना पारंपरिक गीत बादल संस्थान के कलाकारों के द्वारा
बस्तर जगार शिल्प महोत्सव में हल्बी रचना की प्रस्तुति
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हरिक हरिक रवां हो हरिक हरिक हरिक गावां हो,आमी आंव बस्तरिया।। नुआ जुग दखा इली,नुआ राज दखा इली। आमचो देस चो भाईग होली राजा, नुआ सुरुज दखा दिली।। चइत परब गाउं हो,गोड़ोन्दि नाचुक जाऊं हो,अभी आंव बस्तरिया।। हरिक हरिक रवां हो,हरिक हरिक गावां हो,आमी आंव बस्तरिया।। राज रैयत हरिक होला,नुआ समया आय बलला। कुड़ुम छुटली बाजली मोहरी बाजा, राज चो रैयत हरिक होला।। जमुना उवाट छांडलु हो,नुआ उवाट धरलु हो ,आमी आंव ...
बासंती उल्लास जगाओ(बसंत पर आधारित रचना)
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'बासंती उल्लास जगाओ' नित नूतन स्वर लेकर उर में, रंग भरे हों अपने सुर में, नव जागृति नवगीत बनाकर, नव-सुर नव लय-तान उठाओ।।१।।बासंती... चित्रात्मक प्रकृति की शोभा, नवल फूटती सी यह आभा, पुष्प खिले चहुं ओर ,धरित्री कहती है मन भर मुसकाओ।।२।।बासंती... विमल भावना सबके उर में, बढ़ें सभी बासंती सुर में, निजता को लेकर समग्रता के हित मन को तुम समझाओ।।३।।बासंती... अंतर्मन को आल्हादित कर, प्रतिभाओं के हित फू...
आदरणीय ऋषि शर्मा "ऋषि"" जी की ग़ज़लें, साभार-आदरणीय ऋषि शर्मा जी।न
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ये ज़मीं क्या आसमां पर भी लिखा मिल जाएगा ग़ौर से देखो ज़रा मेरा पता मिल जाएगा -ऋषि शर्मा "ऋषि"
कोरोना जागरूकता गीत (छत्तीसगढ़ी),Corona Jagrukta Geet(Chhattisgarhi), रचनाकार-भरत कुमार गंगादित्य।
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आवव भईया आवव बहिनी ,जुर-मिल आघू आवन। अजब बिमारी आय कोरोना,जुर-मिल ए ला भगावन।। -भरत कुमार गंगादित्य।
कोरोना जागरूकता गीत हल्बी बोली में
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कोरोना बेमारी आय जीवधरा ना दादा-दीदी,चेतू राहा ना। घरे रहुन एचो संगे लड़ा ना दादा-दीदी,चेतू राहा ना।। डंडकि डंडकि साबुन संगे,हाथ धोवते राहा। घरे राहा जिवना काजे,काहांय तुमि नि जाहा।। सियान सांगलो नंगत गोठ के धरा ना दादा-दीदी,चेतू राहा ना।। कोरोना बेमारि आय जीवधरा ना दादा-दीदी, चेतू राहा ना।।1।। खुबे काम आसे जाले ,घर ले निकरा तुमी। थोमना आपको ढाकुन रतोर ,उवाट करा तुमी।। लाफी ले जुहार करतो उवाट क...
कोरोना जागरूकता गीत हल्बी बोली में
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कोरोना जागरूकता गीत हल्बी बोली में
Bastariya parab nritya(बस्तरिया परब नृत्य)
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आकाशवाणी जगदलपुर के नैमित्तिक प्रतियोजकों के द्वारा, रेडियो किसान दिवस,१५फरवरी२०१९ के अवसर पर।
हल्बी गीत-मिलुन मिसुन रतोर आय ना जुग बदलतो बेरा
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शिल्प कला प्रदर्शनी,कवि सम्मेलन
है फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का यही...(गीत)
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है फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का यही...(गीत)

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