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RADHA KRISHNA SHUKLA
India
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पंडित राधा कृष्ण सरल जी महाराज परम पूज्य गुरूजी कि सरल वाणी पसंद है तो अवश्य इस चेनल को सबस्क्राइब कीजिये और विडियो शेयर करे | यदि आप वीडियो पसंद करते हैं तो दूसरों के साथ साझा करना न भूलें और अपने विचार साझा करें
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श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Shrimad Bhagwat zindagee ka safar karane vaale
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश
ज़िन्दगी का सफ़र करने वाले अपने मन का दीया तो जला ले,
रात लम्बी है गहरा अँधेरा,
कौन जाने कहा हो सवेरे,
तू है अनजान मंजिल का राही,
चलते रहना ही है काम तेरा,
रोशनी से डगर जगमगा ले,
अपने मन का दीया तो जला ले,
सुनी सुनी है ये मंजिल की राहे,
चूमना तेरे कदमो को चाहे,
गहन वन में कही खो न जाना,
भटक जाये न तेरी निगाहे,
हर कदम तू सोच के उठा ले ,
अपने मन का दीया तो जला ले,
zindagee ka safar karane vaale apane man ka deeya to jala le,
raat lambee hai gahara andhera,
kaun jaane kaha ho savere,
too hai anajaan manjil ka raahee,
chalate rahana hee hai kaam tera,
roshanee se dagar jagamaga le,
apane man ka deeya to jala le,
sunee sunee hai ye manjil kee raahe,
choomana tere kadamo ko chaahe,
gahan van mein kahee kho na jaana,
bhatak jaaye na teree nigaahe,
har kadam too soch ke utha le ,
apane man ka deeya to jala le,
Those who are travelling through life, light the lamp of your mind,
The night is long and the darkness is deep,
Who knows where you are in the morning,
You are a traveller to an unknown destination,
Your job is to keep moving,
Let the path shine with light,
light the lamp of your mind,
This path to the destination is lonely,
I want to kiss your feet,
Don't get lost in the deep forest,
Don't let your gaze wander,
Take every step after thinking,
Light the lamp of your heart,
भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था.
उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था.
देवकी, कंस की चचेरी बहन थीं.
कंस ने अपने पिता राजा उग्रसेन को गद्दी से हटाकर खुद राजा बन लिया था.
कंस ने देवकी का विवाह वासुदेव से कराया था.
एक आकाशवाणी के मुताबिक, देवकी के गर्भ से पैदा होने वाली आठवीं संतान कंस की मौत का कारण बनेगी.
कंस ने देवकी को मारने का फ़ैसला किया और वासुदेव-देवकी को कैद कर लिया.
देवकी ने सात बच्चों को जन्म दिया, लेकिन कंस ने उन सभी का वध कर दिया.
वासुदेव ने कृष्ण को एक टोकरी में रखकर यमुना नदी पार करके वृंदावन ले गए.
वहां यशोदा और नंद ने कृष्ण का पालन-पोषण किया.
कृष्ण ने कंस के अत्याचारों को खत्म किया और धर्म की स्थापना की.
महाभारत के युद्ध के बाद कृष्ण ने द्वारका पर 36 सालKans Vadh: भगवान श्रीकृष्ण (ShriKrishna) ने अपने ही मामा कंस का वध (Kans Vadh) कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन किया था. यही वजह है कि इस तिथि को कंस वध के तौर पर भी जाना जाता है. कृष्ण जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मामा कंस का वध भी है. भगवान श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन लीलाओं से भरा हुआ है. उनके जन्म से लेकर अंतिम वक्त तक सभी कुछ उनकी लीला ही नजर आती है. कृष्ण जी का जन्म भी विकट परिस्थितियों में हुआ था जिसकी वजह दुष्ट मामा कंस ही था. एक भविष्यवाणी की वजह से राजा कंस अपने ही भांजे श्रीकृष्ण को मारना चाहता था, इसके लिए उसने कई प्रयास भी किए लेकिन आखिर में उसका अंत भगवान श्रीकृष्ण के हाथों ही हुआ.कृष्ण एक बहुत नटखट बच्चे हैं। वे एक बांसुरी वादक हैं और बहुत अच्छा नाचते भी हैं। वे अपने दुश्मनों के लिए भयंकर योद्धा हैं। कृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जिनसे प्रेम करने वाले हर घर में मौजूद हैं। वे एक चतुर राजनेता और महायोगी भी हैं। वो एक सज्जन पुरुष हैं, और ऐसे अवतार हैं जो जीवन के हर रंग को अपने भीतर समाए हुए हैं। जानते हैं उनके आस-पास के लोग उन्हें किस रूप में देखते थे
2.श्री कृष्ण की बचपन की कहानी
कृष्ण जन्म
वसुदेव ने अपने आठवें पुत्र को नंद और यशोदा की पुत्री के स्थान पर रख दिया और उस नन्ही बच्ची को लेकर वापस आ गए। जब कंस वहाँ पहुंचा तो वसुदेव और देवकी ने उसे कहा इसे छोड़ दो ये तो लड़की है। पर कंस नहीं माना उर उसने उस बच्ची को जमीन पर पटकना चाहा। पर वो बच्ची जमीन पर नहीं गिरी उसने एक अलग ही रूप धारण कर लिया...
कृष्ण का बाल्यकाल
कृष्ण माखन चुराया करते थे, और माखन ही गोप गोपियों की आजीविका थी। ऐसे में वे कृष्ण की माँ से शिकायत करतीं थीं। पर कृष्ण मासूम बनकर उन्हें फिर से मना लेते थे।
ज़िन्दगी का सफ़र करने वाले अपने मन का दीया तो जला ले,
रात लम्बी है गहरा अँधेरा,
कौन जाने कहा हो सवेरे,
तू है अनजान मंजिल का राही,
चलते रहना ही है काम तेरा,
रोशनी से डगर जगमगा ले,
अपने मन का दीया तो जला ले,
सुनी सुनी है ये मंजिल की राहे,
चूमना तेरे कदमो को चाहे,
गहन वन में कही खो न जाना,
भटक जाये न तेरी निगाहे,
हर कदम तू सोच के उठा ले ,
अपने मन का दीया तो जला ले,
zindagee ka safar karane vaale apane man ka deeya to jala le,
raat lambee hai gahara andhera,
kaun jaane kaha ho savere,
too hai anajaan manjil ka raahee,
chalate rahana hee hai kaam tera,
roshanee se dagar jagamaga le,
apane man ka deeya to jala le,
sunee sunee hai ye manjil kee raahe,
choomana tere kadamo ko chaahe,
gahan van mein kahee kho na jaana,
bhatak jaaye na teree nigaahe,
har kadam too soch ke utha le ,
apane man ka deeya to jala le,
Those who are travelling through life, light the lamp of your mind,
The night is long and the darkness is deep,
Who knows where you are in the morning,
You are a traveller to an unknown destination,
Your job is to keep moving,
Let the path shine with light,
light the lamp of your mind,
This path to the destination is lonely,
I want to kiss your feet,
Don't get lost in the deep forest,
Don't let your gaze wander,
Take every step after thinking,
Light the lamp of your heart,
भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था.
उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था.
देवकी, कंस की चचेरी बहन थीं.
कंस ने अपने पिता राजा उग्रसेन को गद्दी से हटाकर खुद राजा बन लिया था.
कंस ने देवकी का विवाह वासुदेव से कराया था.
एक आकाशवाणी के मुताबिक, देवकी के गर्भ से पैदा होने वाली आठवीं संतान कंस की मौत का कारण बनेगी.
कंस ने देवकी को मारने का फ़ैसला किया और वासुदेव-देवकी को कैद कर लिया.
देवकी ने सात बच्चों को जन्म दिया, लेकिन कंस ने उन सभी का वध कर दिया.
वासुदेव ने कृष्ण को एक टोकरी में रखकर यमुना नदी पार करके वृंदावन ले गए.
वहां यशोदा और नंद ने कृष्ण का पालन-पोषण किया.
कृष्ण ने कंस के अत्याचारों को खत्म किया और धर्म की स्थापना की.
महाभारत के युद्ध के बाद कृष्ण ने द्वारका पर 36 सालKans Vadh: भगवान श्रीकृष्ण (ShriKrishna) ने अपने ही मामा कंस का वध (Kans Vadh) कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन किया था. यही वजह है कि इस तिथि को कंस वध के तौर पर भी जाना जाता है. कृष्ण जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मामा कंस का वध भी है. भगवान श्रीकृष्ण का संपूर्ण जीवन लीलाओं से भरा हुआ है. उनके जन्म से लेकर अंतिम वक्त तक सभी कुछ उनकी लीला ही नजर आती है. कृष्ण जी का जन्म भी विकट परिस्थितियों में हुआ था जिसकी वजह दुष्ट मामा कंस ही था. एक भविष्यवाणी की वजह से राजा कंस अपने ही भांजे श्रीकृष्ण को मारना चाहता था, इसके लिए उसने कई प्रयास भी किए लेकिन आखिर में उसका अंत भगवान श्रीकृष्ण के हाथों ही हुआ.कृष्ण एक बहुत नटखट बच्चे हैं। वे एक बांसुरी वादक हैं और बहुत अच्छा नाचते भी हैं। वे अपने दुश्मनों के लिए भयंकर योद्धा हैं। कृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जिनसे प्रेम करने वाले हर घर में मौजूद हैं। वे एक चतुर राजनेता और महायोगी भी हैं। वो एक सज्जन पुरुष हैं, और ऐसे अवतार हैं जो जीवन के हर रंग को अपने भीतर समाए हुए हैं। जानते हैं उनके आस-पास के लोग उन्हें किस रूप में देखते थे
2.श्री कृष्ण की बचपन की कहानी
कृष्ण जन्म
वसुदेव ने अपने आठवें पुत्र को नंद और यशोदा की पुत्री के स्थान पर रख दिया और उस नन्ही बच्ची को लेकर वापस आ गए। जब कंस वहाँ पहुंचा तो वसुदेव और देवकी ने उसे कहा इसे छोड़ दो ये तो लड़की है। पर कंस नहीं माना उर उसने उस बच्ची को जमीन पर पटकना चाहा। पर वो बच्ची जमीन पर नहीं गिरी उसने एक अलग ही रूप धारण कर लिया...
कृष्ण का बाल्यकाल
कृष्ण माखन चुराया करते थे, और माखन ही गोप गोपियों की आजीविका थी। ऐसे में वे कृष्ण की माँ से शिकायत करतीं थीं। पर कृष्ण मासूम बनकर उन्हें फिर से मना लेते थे।
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मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू में गिरधर तेरी आरती man mein basaakar teree moorti utaaroo mein
Переглядів 657 годин тому
मन में बसाकर तेरी मूर्ति उतारू में गिरधर तेरी आरती लिरिक्स मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती॥ करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन, दर्द की दवा तुम्हरे पास है, जिंदगी दया की है भी मांगती, मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती॥ मांगु तुझसे क्या मै यही सोचु भगवन, जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण, सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा, चिंता है तुझको प...
श्री कृष्ण बाल लीला कथा भाग 2 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उ प्र shri krishna bal leela
Переглядів 539 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था. उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था....
श्री कृष्ण बाल लीला कथा श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उ प्र shri krishna bal leela katha
Переглядів 10112 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था. उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था....
तेरा पल पल बीता जाए मुख से जप ले नमः शिवाय॥Tera Pal Pal Bita Jaaye Mukh Se Jap Le namah shivay
Переглядів 51714 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश तेरा पल पल बीता जाए, मु से जप ले नमः शिवाय। तेरा पल पल बीता जाए, मु से जप ले नमः शिवाय॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, मु स...
श्री कृष्ण लीला कंस वध कथा श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तरप्रदेश Shri Krishna KansVadh
Переглядів 20516 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था. उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था....
श्री कृष्ण जन्म कथा भाग - 3 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Shri Krishna Janma.
Переглядів 12716 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था. उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था....
श्री कृष्ण जन्म कथा भाग - 2 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Shri Krishna Janma
Переглядів 19219 годин тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश भगवान श्रीकृष्ण जन्म कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था. उनका जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. श्रीकृष्ण के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम देवकी था....
श्री कृष्ण जन्म कथा भाग - 1 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Shri Krishna Janma
Переглядів 11621 годину тому
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गजेंद्र मोक्ष कथा भाग - 1 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Gajendra Moksham
Переглядів 7121 годину тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश गजेंद्र मोक्ष की कथा, श्रीमद् भागवत पुराण में वर्णित है. यह एक दंतकथा है, जिसके मुताबिक, गजेंद्र नाम का एक हाथी था जो त्रिकूट पर्वत पर स्थित ऋतुमत नाम के उद्यान में रहता था. वह झुंड का मुखिया था. एक दिन, गजेंद्र पास की झील में कमल के फूल लेने गया, तभी वहां र...
ध्रुव चरित्र कथा भाग - 4 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Dhruv dhruva charitra
Переглядів 193День тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश ध्रुव चरित्र कथा, हिन्दू धर्मग्रंथों में बताई गई है. यह कथा विष्णु पुराण और भागवत पुराण में आती है. ध्रुव, भगवान विष्णु के महान भक्त थे. ध्रुव की कथा इस प्रकार है: ध्रुव, उत्तानपाद और सुनीति के पुत्र थे. ध्रुव की मां सुनीति बड़ी रानी थीं, लेकिन राजा उत्तानपा...
ध्रुव चरित्र कथा PART 3 ,श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Bhakt dhruva charitra
Переглядів 257День тому
आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री राधा कृष्ण शुक्ला सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश ध्रुव चरित्र कथा, हिन्दू धर्मग्रंथों में बताई गई है. यह कथा विष्णु पुराण और भागवत पुराण में आती है. ध्रुव, भगवान विष्णु के महान भक्त थे. ध्रुव की कथा इस प्रकार है: ध्रुव, उत्तानपाद और सुनीति के पुत्र थे. ध्रुव की मां सुनीति बड़ी रानी थीं, लेकिन राजा उत्तानपा...
ध्रुव चरित्र कथा ,श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Bhakt Dhruv dhruva charitra
Переглядів 189День тому
ध्रुव चरित्र कथा ,श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Bhakt Dhruv dhruva charitra
ध्रुव चरित्र कथा भाग -2 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश
Переглядів 74День тому
ध्रुव चरित्र कथा भाग -2 श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -4
Переглядів 67День тому
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -4
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part 3
Переглядів 68День тому
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part 3
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -5
Переглядів 71День тому
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -5
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -8
Переглядів 73День тому
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श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Part 6
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श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश Part 6
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -2
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श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश part -2
श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश
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श्रीमद भागवत कथा रंजीतपुर भाऊपुर कानपुर उत्तर प्रदेश
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आप श्रवण कर रहे है परम् पूज्य श्री सरल जी महाराज जी के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा
जब-जब होय धर्म की हानी, बाढहि असुर अधम अभिमानी। आध्यात्मिक एवं धार्मिक चैनल
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जब-जब होय धर्म की हानी, बाढहि असुर अधम अभिमानी। आध्यात्मिक एवं धार्मिक चैनल
बाबा पशुपति नाथ नेपाली मंदिर भागवत महापुराण एवं रूद्र महा यज्ञ
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बाबा पशुपति नाथ नेपाली मंदिर भागवत महापुराण एवं रूद्र महा यज्ञ
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