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विज्ञात की कलम
India
Приєднався 19 жов 2016
श्री राम चालीसा/ shree ram chalisa
#Ayodhyarammandir #रामलला #प्राणप्रतिष्ठा #ramchalisa #bhaktigeet #रामभक्त #vigyatkikalam
श्री राम चालीसा
राम नाम कलिकाल में, गूँज रहा चहुँ ओर।
साधु महात्मा ऋषि सभी, बैठे भाव विभोर।
नगर अयोध्या सज गया, स्थापित करके राम।
जाग उठा हिंदुत्व अब, रोम-रोम ले नाम।।
1
जय जय जय दशरथ के नंदन।
कौशल्या सुत के पग वंदन।।
2
चैत्र मास नवमी दिन आया।
राम जन्म पावन दिन पाया।।
3
अवध पुरी में मंगल छाये।
तुम आये त्रय भ्राता लाये।
4
भरत चरत लक्ष्मण से भाई।
बेमाता दे दिव्य बधाई।।
5
विष्णु पूर्ण अवतार बताये।
देव वहाँ दर्शन को आये।।
6
सूर्य वंश का चमका तारा।
वर्षों का ये कष्ट निवारा।।
7
यज्ञ पुत्र कामेष्टि विचारे।
दशरथ पाये सुत अति प्यारे।।
8
ज्ञान बढ़ाये गुरु की शिक्षा।
तब वशिष्ठ ऋषि से ली दीक्षा।।
9
होकर विश्वामित्र सहायक।
बनते त्रेता युग के नायक।।
10
सुनकर विश्वामित्र पधारे।
मांगे दोनों सुत ये प्यारे।।
11
कौशल्या सी माता गर्वित।
पुत्र विषय चर्चा सुन चर्चित।।
12
जनकपुरी में नित यश मण्डित।
किया धनुष शिव का जब खण्डित।।
13
परशुराम हो क्रोधित आये।
राम तुम्हे वे शीश नवाये।।
14
सिया स्वयंवर मंगल बेला।
गूँजा सुर कौशिक का चेला।।
15
हर्ष अवध में छाया अद्भुत।
राम सिया की जोड़ी अच्युत।।
16
राज तिलक की फिर तैयारी।
राज तजा वनवास विचारी।।
17
स्वर्ण हिरण को मार गिराया।
धनुष विधा का मान बढ़ाया।।
18
सिया हरण से ऐसी खोई।
पंचवटी हो सूनी रोई।।
19
राम व्यथा से आँसू छूटे।
देख जटायु वहाँ दृग फूटे।।
20
राम तुम्हारी ये अनुकम्पा।
कह सुग्रीव खिला पुर पम्पा।।
21
मर्यादा की सीख सिखाई।
लंक अहम की तब जलवाई।।
22
सागर को भी आये छाले।
राम धनुष जब तीर उठाले।।
23
सिंधु सेतु की नीति बनाये।
सोच सकारात्मक फल पाये।।
24
कुंभकर्ण खल रावण बाली।
इनसे करदी धरणी खाली।।
25
पुनः अयोध्या आप पधारे।
राज तिलक आकर स्वीकारे।।
26
राम राज की उत्तम बातें।
दिन पुलकित थे हर्षित रातें।।
27
दण्ड बिना सब नीति व्यवस्थित।
धर्म कर्म में जन रहते नित।।
28
श्रुतियाँ मंगल गायन करती।
सुर सरगम रागों को भरती।।
29
राम हरे जब अन्तस् बोले।
राम गिरह उर की तब खोले।।
30
महादेव के कंठ विराजे।
महामंत्र धुन सुर-पुर गाजे।।
31
विष मंथन का ताप मिटाएँ।
राम नाम निशिवासर गाएँ।।
32
काज अड़े क्षण में बन जाए।
पर्वत भी राई कहलाए।।
33
समरस के भूपाल बड़े हैं।
जीवन के सब नियम कड़े हैं।।
34
सत्यनिष्ठ रहना सिखलाते।
मानवता के दोष मिटाते।।
35
राम-नाम के जो हैं साधक।
उन्हें समस्या कैसी बाधक।।
36
तन-मन के ज्यूँ रोग निवारक।
श्रेष्ठ कही ये औषधि कारक।।
37
शबरी और अहिल्या तारे।
हनुमत के भी राम सहारे।।
38
भाव धार जो मन से पढ़ता।
नित्य सफल हो सीढ़ी चढ़ता।।
39
शत बारी पढ़ते चालीसा।
कटता बंधन बिस्वे बीसा।।
40
ये विज्ञात हुआ जब अर्पित।
बना राम का शिष्य समर्पित।।
राम हृदय हनुमान के, कहते हैं विज्ञात।
राम मिलें हनुमत बिना, बड़ी कठिन ये बात।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
श्री राम चालीसा
राम नाम कलिकाल में, गूँज रहा चहुँ ओर।
साधु महात्मा ऋषि सभी, बैठे भाव विभोर।
नगर अयोध्या सज गया, स्थापित करके राम।
जाग उठा हिंदुत्व अब, रोम-रोम ले नाम।।
1
जय जय जय दशरथ के नंदन।
कौशल्या सुत के पग वंदन।।
2
चैत्र मास नवमी दिन आया।
राम जन्म पावन दिन पाया।।
3
अवध पुरी में मंगल छाये।
तुम आये त्रय भ्राता लाये।
4
भरत चरत लक्ष्मण से भाई।
बेमाता दे दिव्य बधाई।।
5
विष्णु पूर्ण अवतार बताये।
देव वहाँ दर्शन को आये।।
6
सूर्य वंश का चमका तारा।
वर्षों का ये कष्ट निवारा।।
7
यज्ञ पुत्र कामेष्टि विचारे।
दशरथ पाये सुत अति प्यारे।।
8
ज्ञान बढ़ाये गुरु की शिक्षा।
तब वशिष्ठ ऋषि से ली दीक्षा।।
9
होकर विश्वामित्र सहायक।
बनते त्रेता युग के नायक।।
10
सुनकर विश्वामित्र पधारे।
मांगे दोनों सुत ये प्यारे।।
11
कौशल्या सी माता गर्वित।
पुत्र विषय चर्चा सुन चर्चित।।
12
जनकपुरी में नित यश मण्डित।
किया धनुष शिव का जब खण्डित।।
13
परशुराम हो क्रोधित आये।
राम तुम्हे वे शीश नवाये।।
14
सिया स्वयंवर मंगल बेला।
गूँजा सुर कौशिक का चेला।।
15
हर्ष अवध में छाया अद्भुत।
राम सिया की जोड़ी अच्युत।।
16
राज तिलक की फिर तैयारी।
राज तजा वनवास विचारी।।
17
स्वर्ण हिरण को मार गिराया।
धनुष विधा का मान बढ़ाया।।
18
सिया हरण से ऐसी खोई।
पंचवटी हो सूनी रोई।।
19
राम व्यथा से आँसू छूटे।
देख जटायु वहाँ दृग फूटे।।
20
राम तुम्हारी ये अनुकम्पा।
कह सुग्रीव खिला पुर पम्पा।।
21
मर्यादा की सीख सिखाई।
लंक अहम की तब जलवाई।।
22
सागर को भी आये छाले।
राम धनुष जब तीर उठाले।।
23
सिंधु सेतु की नीति बनाये।
सोच सकारात्मक फल पाये।।
24
कुंभकर्ण खल रावण बाली।
इनसे करदी धरणी खाली।।
25
पुनः अयोध्या आप पधारे।
राज तिलक आकर स्वीकारे।।
26
राम राज की उत्तम बातें।
दिन पुलकित थे हर्षित रातें।।
27
दण्ड बिना सब नीति व्यवस्थित।
धर्म कर्म में जन रहते नित।।
28
श्रुतियाँ मंगल गायन करती।
सुर सरगम रागों को भरती।।
29
राम हरे जब अन्तस् बोले।
राम गिरह उर की तब खोले।।
30
महादेव के कंठ विराजे।
महामंत्र धुन सुर-पुर गाजे।।
31
विष मंथन का ताप मिटाएँ।
राम नाम निशिवासर गाएँ।।
32
काज अड़े क्षण में बन जाए।
पर्वत भी राई कहलाए।।
33
समरस के भूपाल बड़े हैं।
जीवन के सब नियम कड़े हैं।।
34
सत्यनिष्ठ रहना सिखलाते।
मानवता के दोष मिटाते।।
35
राम-नाम के जो हैं साधक।
उन्हें समस्या कैसी बाधक।।
36
तन-मन के ज्यूँ रोग निवारक।
श्रेष्ठ कही ये औषधि कारक।।
37
शबरी और अहिल्या तारे।
हनुमत के भी राम सहारे।।
38
भाव धार जो मन से पढ़ता।
नित्य सफल हो सीढ़ी चढ़ता।।
39
शत बारी पढ़ते चालीसा।
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40
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संजय कौशिक 'विज्ञात'
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श्रावणी का हर्ष खिलता
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#shravni #vigyat #shubhamehta #rakshabandhan #song गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी द्वारा लिखित यह रचना जिसे शुभा मेहता जी ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है। शास्त्रीय गायन की इस अद्भुत प्रस्तुति को अवश्य सुनें और अपना स्नेहाशीष दें। आपका विश्वास ही हमारी प्रेरणा है।
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बेहतरीन रचना और प्रस्तुति
बहुत सुन्दर लक्ष्मी चालिसा । मन भावन स्वर । 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jai Kuldevi Maa Bhimeshwari Beri Wali Ji Ki
वाह दुर्गा माँ की अति सुंदर स्तुति 🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर रचना गायन मधुरिम
Jai ho beri vali matarani
🙏🙏
Jai Kuldevi Maa Bhimeshwari Beri Wali Ji Ki
Jai maa beriwali ki
Jai kuldevi MaaBhimeshwari jiki
अतिसुंदर 👌
अद्भुत । सुन्दर प्रस्तुति...
जय हो
अद्भुत अद्वितीय लेखन और गायन
बहुत खूब महोदय। हार्दिक बधाई
मधुर प्रस्तुति🎉
Jay mata di
बहुत सुन्दर। बहुत बहुत बधाई महोदय
Jai ho beriwali mata ki
Jai mata bhimeshvari
उत्कृष्ट सृजन और प्रस्तुतीकरण।
बहुत सुंदर वाह जय श्री गणेश
बहुत सुन्दर
सादर नमन गुरुदेव....
लाजवाब ग़ज़ल और मधुर स्वर के साथ प्रस्तुतिकरण की ढेर सारी बधाई और शुभकानाऐ। सम्मानीय सर जी।❤
जय मां भवानी
जय माता दी
जय मां बेरी वाली
❤❤❤❤❤❤❤
JaiMatadi ♥️ meri pyari maa bahgwati bhimesweri devi ko pernam pernam pernam baarmbar pernam sukerya nameskar Jai bholenath ki Jai Shri Ganesh ji ki Jai baba bhrunath ki 🙏 ❤🎉
Jai Kuldevi Maa Bhimeswari Beri Wali Ji Ki
Jai Maa Bhimeswari Beri Wali Ji Ki
Durg CG ❤🎉🎉🎉🎉🎉❤bolo Mata beri wali Mata Rani Ji ki Jai Ho 🌼🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🐒🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🥦🕉️
Thanks sir
Jai maa beti wali
meri kuldevi mere bacho ko theek se swasth kar do. Jai maa
Jai mata di jai maa bhemesawari devi ki sada jai ho mata.
*🚩 जय बेरीवाली माता 🚩* बेरीवाली महामाई तूने, हर भगत का साथ निभाया है.. हारे हुए की साथी बन कर, सब का दुःख मिटाया हैं..।। *🌹🙏जय माता की🙏🌹* *जय कुलदेवी बेरीवाली भीमेश्वरी माई*
Jai maa Bhime
अप्रतिम
सुंदर लेखनी की मधुर प्रस्तुति🎉
वाह बहुत सुंदर रचना,मधुर प्रस्तुति,बेहतरीन संगीत 👌🏻👌🏻
शानदार प्रस्तुति
Jai Mata Di 🙏 Radhe Radhe 🙏
Jai maa beriwali Mata ji ki. Jai ho kuldavi beriwali Mata ji ki
Jai maa beri wali🙏🙏
Jai Maa Beri Wali
Jay Mata beri wali meri kul ki Devi
सुंदर लेखन, सुंदर संगीत से संवार कर मधुर कण्ठ से मनभावन प्रस्तुति
नमन
Jai Kuldevi Maa Bhimrshwari Beri wali Ji