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Baal Br. Pt. Sumat Prakash Ji
India
Приєднався 28 січ 2019
बाल ब्र. पं. सुमतप्रकाश जी, खनियांधाना (मध्यप्रदेश) द्वारा किय गये प्रवचनों की शृंखला प्रस्तुत है :
आदरणीय पंडितजी साहब से संपर्क करने के लिए इस नंबर सिर्फ व्हाट्सअप करें : +91 94275-86417
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09. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 18.12.24 दोपहर
09. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 18.12.24 दोपहर
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08. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 18.12.24
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08. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 18.12.24
07. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 17.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
भोजन चर्या | श्रद्ध्येय बा. ब्र. रविन्द्रजी आत्मन् (बड़े पंडितजी साहब)
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भोजन चर्या | श्रद्ध्येय बा. ब्र. रविन्द्रजी आत्मन् (बड़े पंडितजी साहब)
06. अक्षय निधि | आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह // जबलपुर प्रवास // 16.12.24 दोपहर
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
05. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 16.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
04. अक्षय निधि | आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह // जबलपुर प्रवास // 15.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
03. अक्षय निधि (आ.बा.ब्र.रविन्द्र जी कृत - सहज पाठ संग्रह) // जबलपुर प्रवास // 14.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
02. साध्य को जानना ही साधना है // अक्षय-निधि // सहज पाठ संग्रह // 12.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
47. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 11.12.24
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47. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 11.12.24
01. प्रवृत्ति परिणाम में अंतर // अक्षय-निधि // सहज पाठ संग्रह // 11.12.24
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अक्षय-निधि प्रभु वीतराग अनुपम मुद्रा, अक्षय निधि मुझे बताती है। हूँ ज्ञानघनं प्रभु रूप स्वयं, सम्यक् श्रद्धा उमगाती है।। टेक ।। वर्णादिक पुद्गल भावों से, मेरा न कभी भी नाता है। निर्बन्ध स्वरूप भूला मोही, झूठे सम्बन्ध बताता है।। प्रभु मुक्त दशा ल निज निर्बन्ध स्वरूप की याद सुआती है ।। 1 ।। एकत्व और कर्तृत्व व्यर्थ ही, झूठा पर में मान लिया। अनुकूल लगे तब मान किया, प्रतिकूल मानकर क्रोध किया।। विभु...
46. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 10.12.24
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46. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 10.12.24
45. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 09.12.24
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45. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 09.12.24
44. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 08.12.24
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44. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 08.12.24
43. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 07.12.24
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43. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 07.12.24
42. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // अनुपचरित असद्भुत, सद्भुत व्यवहारनय
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42. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // अनुपचरित असद्भुत, सद्भुत व्यवहारनय
41. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 05.12.24
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41. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 05.12.24
40. समयसार का सार // षटकारक - संप्रदान, अपादान // मधुवन प्रवास // 04.12.24
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39. समयसार का सार // षटकारक - कर्ता, कर्म, करण // मधुवन प्रवास // 03.12.24
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38. समयसार का सार // मिथ्या एकांत-मिथ्या अनेकांत एवं सम्यक एकांत-सम्यक अनेकांत // मधुवन प्रवास 02.12
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37. समयसार का सार // अकार्यकारणत्व शक्ति एवं परिणम्य-पारिणामिकत्व शक्ति // मधुबन प्रवास // 30.11.24
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37. समयसार का सार // अकार्यकारणत्व शक्ति एवं परिणम्य-पारिणामिकत्व शक्ति // मधुबन प्रवास // 30.11.24
36. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 29.11.24
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35. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 28.11.24
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34. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 27.11.24
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34. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 27.11.24
33. समयसार का सार - कलश 247 // मधुवन प्रवास // 26.11.24
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33. समयसार का सार - कलश 247 // मधुवन प्रवास // 26.11.24
32. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 25.11.24
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31. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 24.11.24
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31. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 24.11.24
30. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 23.11.24
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30. समयसार का सार // मधुवन प्रवास // 23.11.24
29. समयसार का सार - सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार 317 // मधुवन प्रवास // 22.11.24
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29. समयसार का सार - सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार 317 // मधुवन प्रवास // 22.11.24
28. समयसार का सार - सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार // मधुवन प्रवास // 21.11.24
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28. समयसार का सार - सर्वविशुद्धज्ञान अधिकार // मधुवन प्रवास // 21.11.24
Jay shachidanad 🙏🙏
Pranam guruji 🙏
Pranam guruji 🙏
Great 🙏Jai Jinendra 🙏
🙏🙏🙏
In vidyalayon me donation kaise ho sakta hai, batane ki krupa kare. Dhanyawad 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay shachidanad 🙏🙏
ये जो दोनो भाई हैं इनके नाम कोई मुझे बता सकता है क्या, क्या ये amayan में ही रहते हैं
Namostu Muniraj 🙏🏻
🙏🙏🙏
Jai jinendra
🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र 🙏🏻🙏🏻 सिंगोड़ी छिंदवाड़ा
🙏🙏🙏
Pranam guruji 🙏
Jay shachidanad 🙏🙏
जय जिनेन्द्र पंजी बैंगलोर
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊
SunitaJani 0:34
Pranam guruji 🙏
Jitendra Jain Mau अमायन
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
Pranam guruji 🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏J. J. 🙏🙏Panditji, gehu chunte hue, chashme ki swa chhta ho to kankad saaaaaare nikal hi jayenge, bach nahi sakte , sahi hai na, karm ke kankaro ka bhi ek din safaya hoga hi hoga. Bahut Bahhutt Dhanyawad Pandit ji. 🙏🙏✅🙏🙏
🙏🙏🙏
112 uttam
Jai jinendra pandit ji
Jaijinendra. Ghatkopar
Jai jinendra
(Nairobi)🙏JaiJinendra 🙏Aap ka khub Aabhar,, Dhanyavad 🙏🙏
Jay shachidanad 🙏🙏
Jai Jinendra Pandit ji
Pranam guruji 🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय जिनेन्द्र जी😊
Bhahut marmik pravchan
Jai jinendra 😊
Jay shachidanad 🙏🙏
🙏🙏🙏
श्री नंदीसंक्षेपण भाग
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