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Baal Br. Pt. Sumat Prakash Ji
India
Приєднався 28 січ 2019
बाल ब्र. पं. सुमतप्रकाश जी, खनियांधाना (मध्यप्रदेश) द्वारा किय गये प्रवचनों की शृंखला प्रस्तुत है :
आदरणीय पंडितजी साहब से संपर्क करने के लिए इस नंबर सिर्फ व्हाट्सअप करें : +91 94275-86417
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03. पुण्य का पक्ष संक्लेश कराता है
भव-रोग
(तर्ज : ज्ञान ही सुख है राग ही दुख है ...)
ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना,
राग में रोग है, राग ही रोग है।। टेक ।।
ज्ञानमय आत्मा, राग से शून्य है,
ज्ञानमय आत्मा, रोग से है रहित।
जिसको कहता तू मूरख बड़ा रोग है,
वह तो पुद्गल की क्षणवर्ती पर्याय है ।। 1 ।।
उसमें करता अहंकार-ममकार अरु,
अपनी इच्छा के आधीन वर्तन चहे।
किन्तु होती है परिणति तो स्वाधीन ही,
अपने अनुकूल चाहे, यही रोग है।। 2।।
अपनी इच्छा के प्रतिकूल होते अगर,
छटपटाता दुखी होय रोता तभी।
पुण्योदय से हो इच्छा के अनुकूल गर,
कर्त्तापन का तू कर लेता अभिमान है ।। 3 ।।
और अड़ जाता उसमें ही तन्मय हुआ,
मेरे बिन कैसे होगा ये चिन्ता करे।
पर में एकत्व-कर्तृत्व-ममत्व का,
जो है व्यामोह वह ही महा रोग है।। 4 ।।
काया के रोग की बहु चिकित्सा करे,
परिणति का भव रोग जाना नहीं।
इसलिये भव की संतति नहीं कम हुई,
तूने निज को तो निज में पिछाना नहीं ।। 5 ।।
भाग्य से वैद्य सच्चे हैं तुझको मिले,
भेद-विज्ञान बूटी की औषधि है ही।
उसका सेवन करो समता रस साथ में,
रोग के नाश का ये ही शुभ योग है ।। 6।।
रखना परहेज कुगुरु-कुदेवादि का,
संगति करना जिनदेव-गुरु-शास्त्र की।
इनकी आज्ञा के अनुसार निज को लखो,
निज में स्थिर रहो, पर का आश्रय तजो ।। 7 ।।
रचनाकार - आ. बाल ब्रह्मचारी श्री रवीन्द्रजी 'आत्मन्'
source : सहज पाठ संग्रह (पेज - 97)
(तर्ज : ज्ञान ही सुख है राग ही दुख है ...)
ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना,
राग में रोग है, राग ही रोग है।। टेक ।।
ज्ञानमय आत्मा, राग से शून्य है,
ज्ञानमय आत्मा, रोग से है रहित।
जिसको कहता तू मूरख बड़ा रोग है,
वह तो पुद्गल की क्षणवर्ती पर्याय है ।। 1 ।।
उसमें करता अहंकार-ममकार अरु,
अपनी इच्छा के आधीन वर्तन चहे।
किन्तु होती है परिणति तो स्वाधीन ही,
अपने अनुकूल चाहे, यही रोग है।। 2।।
अपनी इच्छा के प्रतिकूल होते अगर,
छटपटाता दुखी होय रोता तभी।
पुण्योदय से हो इच्छा के अनुकूल गर,
कर्त्तापन का तू कर लेता अभिमान है ।। 3 ।।
और अड़ जाता उसमें ही तन्मय हुआ,
मेरे बिन कैसे होगा ये चिन्ता करे।
पर में एकत्व-कर्तृत्व-ममत्व का,
जो है व्यामोह वह ही महा रोग है।। 4 ।।
काया के रोग की बहु चिकित्सा करे,
परिणति का भव रोग जाना नहीं।
इसलिये भव की संतति नहीं कम हुई,
तूने निज को तो निज में पिछाना नहीं ।। 5 ।।
भाग्य से वैद्य सच्चे हैं तुझको मिले,
भेद-विज्ञान बूटी की औषधि है ही।
उसका सेवन करो समता रस साथ में,
रोग के नाश का ये ही शुभ योग है ।। 6।।
रखना परहेज कुगुरु-कुदेवादि का,
संगति करना जिनदेव-गुरु-शास्त्र की।
इनकी आज्ञा के अनुसार निज को लखो,
निज में स्थिर रहो, पर का आश्रय तजो ।। 7 ।।
रचनाकार - आ. बाल ब्रह्मचारी श्री रवीन्द्रजी 'आत्मन्'
source : सहज पाठ संग्रह (पेज - 97)
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02. ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना, राग में रोग है, राग ही रोग है
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भव-रोग (तर्ज : ज्ञान ही सु है राग ही दु है ...) ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना, राग में रोग है, राग ही रोग है।। टेक ।। ज्ञानमय आत्मा, राग से शून्य है, ज्ञानमय आत्मा, रोग से है रहित। जिसको कहता तू मूर बड़ा रोग है, वह तो पुद्गल की क्षणवर्ती पर्याय है ।। 1 ।। उसमें करता अहंकार-ममकार अरु, अपनी इच्छा के आधीन वर्तन चहे। किन्तु होती है परिणति तो स्वाधीन ही, अपने अनुकूल चाहे, यही रोग है।। 2।। अपनी ...
04. रोग को भोग मत समझो
भव-रोग (तर्ज : ज्ञान ही सु है राग ही दु है ...) ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना, राग में रोग है, राग ही रोग है।। टेक ।। ज्ञानमय आत्मा, राग से शून्य है, ज्ञानमय आत्मा, रोग से है रहित। जिसको कहता तू मूर बड़ा रोग है, वह तो पुद्गल की क्षणवर्ती पर्याय है ।। 1 ।। उसमें करता अहंकार-ममकार अरु, अपनी इच्छा के आधीन वर्तन चहे। किन्तु होती है परिणति तो स्वाधीन ही, अपने अनुकूल चाहे, यही रोग है।। 2।। अपनी ...
01. ज्ञान में राग न ज्ञान में रोग न
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भव-रोग (तर्ज : ज्ञान ही सु है राग ही दु है ...) ज्ञान में राग ना, ज्ञान में रोग ना, राग में रोग है, राग ही रोग है।। टेक ।। ज्ञानमय आत्मा, राग से शून्य है, ज्ञानमय आत्मा, रोग से है रहित। जिसको कहता तू मूर बड़ा रोग है, वह तो पुद्गल की क्षणवर्ती पर्याय है ।। 1 ।। उसमें करता अहंकार-ममकार अरु, अपनी इच्छा के आधीन वर्तन चहे। किन्तु होती है परिणति तो स्वाधीन ही, अपने अनुकूल चाहे, यही रोग है।। 2।। अपनी ...
15. अनुयोग मंथन शिविर | निर्णय पूर्वक ही ध्यान होता है | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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14. अनुयोग मंथन शिविर | चार अनुयोगों का प्रयोग गुरु चरणों में रहकर सीखा जाता है | ब्र. सुमतप्रकाशजी
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जैन समाज के नये कन्या विद्यालय "सर्वार्थसिद्धि" में अपनी बालिकाओं को अवश्य भेजें | ब्र.सुमतप्रकाशजी
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संपर्क सूत्र - राजकुमार शास्त्री 9414103492 डॉक्टर महेश जैन 94065 27501
13. अनुयोग मंथन शिविर | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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13. अनुयोग मंथन शिविर | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
12. अनुयोग मंथन शिविर | तत्वचिंतन में उपयोग धरते रहें | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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11. अनुयोग मंथन शिविर | होवे चंचलता मन में कदाचित कभी | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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10. अनुयोग मंथन शिविर | भिन्न अनुभव करें आत्मा को सदा | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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09. अनुयोग मंथन शिविर | धैर्य पूर्वक सदा तत्वचिंतन करें | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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08. अनुयोग मंथन शिविर | धर्म त्यागने से दुख बढ़ता अरे | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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08. अनुयोग मंथन शिविर | धर्म त्यागने से दु बढ़ता अरे | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
07. अनुयोग मंथन शिविर | धर्म त्यागने से दुख बढ़ता अरे | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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06. अनुयोग मंथन शिविर | ज्ञायक की रुचि में द्वादशांग का ज्ञान सहज हो जाता है | ब्र. सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,6 тис.16 годин тому
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05. अनुयोग मंथन शिविर | इष्ट का कभी वियोग नहीं होता | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 2,3 тис.16 годин тому
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04. अनुयोग मंथन शिविर | धर्म करने वालों को संकट आते हैं पर वे दुखी नही होते | ब्र श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,5 тис.19 годин тому
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03. अनुयोग मंथन शिविर | मोह का अभाव या मोह पुष्ट | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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02. अनुयोग मंथन शिविर | अकर्तृत्व | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 2,7 тис.21 годину тому
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01. अनुयोग मंथन शिविर | पुण्य पर भी भरोसा हमें है नहीं | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 3,4 тис.21 годину тому
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14. श्रावक प्रतिक्रमण | अप्रभावना का स्वरूप और निवृत्ति की भावना | आ. बाल ब्र. श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,5 тис.День тому
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13. श्रावक प्रतिक्रमण | पांच पापों का प्रतिक्रमण | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,2 тис.День тому
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12. श्रावक प्रतिक्रमण | नोकषाय प्रतिक्रमण | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
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11. श्रावक प्रतिक्रमण | क्रोध मान माया लोभ वश पाप किए हो | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,4 тис.День тому
11. श्रावक प्रतिक्रमण | क्रोध मान माया लोभ वश पाप किए हो | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
10. श्रावक प्रतिक्रमण | यथाशक्ति दान न दिया हो | आ. बाल ब्रह्मचारी श्री सुमतप्रकाशजी
Переглядів 1,7 тис.День тому
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09. श्रावक प्रतिक्रमण | संयम की अनुमोदना न की हो, सहायक न बने हो | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
Переглядів 1,8 тис.День тому
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08. श्रावक प्रतिक्रमण | मेरे दोष मिथ्या क्यों हो और कैसे हों ?? सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
Переглядів 1,9 тис.14 днів тому
08. श्रावक प्रतिक्रमण | मेरे दोष मिथ्या क्यों हो और कैसे हों ?? सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
07. श्रावक प्रतिक्रमण | लोकनिंद्य व्यसन की अनुमोदना | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास | ब्र सुमतप्रकाशजी
Переглядів 97414 днів тому
07. श्रावक प्रतिक्रमण | लोकनिंद्य व्यसन की अनुमोदना | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास | ब्र सुमतप्रकाशजी
06. श्रावक प्रतिक्रमण | जुआ मांस मदिरा सेवन पर स्त्री रमण का भाव पक्ष | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
Переглядів 1,8 тис.14 днів тому
06. श्रावक प्रतिक्रमण | जुआ मांस मदिरा सेवन पर स्त्री रमण का भाव पक्ष | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
02. श्रावक प्रतिक्रमण | पर्याय के लक्ष्य से नाना दोषों की उत्पत्ति | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
Переглядів 1,9 тис.14 днів тому
02. श्रावक प्रतिक्रमण | पर्याय के लक्ष्य से नाना दोषों की उत्पत्ति | सिद्धायतन, द्रोणगिरी प्रवास
Jay Jinendra
Jay Jinendra
Raag hi dukh hai 🙏
Bhout sunder hai 🙏
जय जिनेंद्र पंडितजी और सभी साधर्मियोंको🙏🙏
Surendar nagar. Gujarat
Jaijinendra. Ghatkopar
Jay jinendra 👏 pandit ji
Jai jinendra pandit Ji
Jai jinendra Panditji ko vandan 🙏🙏🙏
Jai jinendra ji 🙏🏻🙏🏻
जय जिनेंद्र पंडितजी और साधर्मियोंको🙏🙏
Jai jinendra
Jai jinendra ji from Ashok Nagar
Jay shachidanad 👏 pandit ji
जय जिनेन्द्र
Jai Jinendra 🙏🙏🙏
Adress bhaj Dey please
Kaha per hai
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai Jinendra Hai Je suis Chandra hmmm tu es trop bien je t'aime putain Sexe
Jai Jinendra ❤
Pranam guruji 🙏
Jai Jinendra 🙏🙏🙏
Saader jay jinedra 🙏 America
Bahut hi sunder anumodna
Berasia Jai jinendra
दान पर short clip plzz
जय जिनेंद्र पंडितजी और साधर्मियोंको🙏🙏
Jay jinendra 👏 pandit ji
🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय जिनेंद्र
सब जीव भगवान है 🙏🙏
Bahut bahut dhanvyad🙏🏻🙏🏻
Jai jinendra 🙏🏻🙏🏻
Jai jinendra Panditji ko vandan 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र पंडितजी और साधर्मियोंको🙏🙏
Jai jinendra
प्रणाम
Bahut bahut anumodna
Bhout sunder vevachan h ptji 🙏
Jai jinendra
Jay jinendra 👏 pandit ji koti koti vandan.
Surendar nagar. Gujarat
Jay jinendra 👏 pandit ji.
Pranam guruji 🙏
Jai jinedra
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मिथ्या हो का अर्थ गजब का समझाया आदरणीय पंडितजी साहब ने।अनंत उपकार🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र पंडितजी और साधर्मियोंको🙏🙏
Bahut sundar.. atikram-vichar . vyatikram- planning. atichaar- नियम toota. Anachar- swachandi...
Jai jinendra ji from Ashok Nagar