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Trilok Astrology
India
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Aaj ka Rashifal 16 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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Aaj ka Rashifal 15 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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Aaj ka Rashifal 14 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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Aaj ka Rashifal 13 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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Aaj ka Rashifal 9 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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Aaj ka Rashifal 8 November 2024 | मेष से मीन राशि तक सटीक राशिफल
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7 November 2024 | Aaj ka Rashifal | सबसे सटीक राशिफल
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Aapse personal consultant karna hai
@@VikasGahlot04 WhatsApp me 7906637357
Sir fess charges kya hai
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मेरा 6 में उच्च का है लेकिन अस्त ओर वक्री है अच्छे फल देगा या बुरे सूर्य है साथ में
पापकर्तरी दोष का भी बताओ कुछ
राहु चंद्र का है मन बोहोत विचलित रहता है और मन शांत नहीं रहता कभी
Sir meen rashi m rahu ho to kya chandal dosa Banta hai
20 अगस्त 1990 6 pm gangapur city Rajasthan government job kab tak kis field me hogi merriage kb tk hogi wife kese hogi 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Pranam guruji
लाईक २० मुझे मेरे बेटे के बारे मे जाना है उसका नाम सुयोग हेडाऊ है.जन्मस्थळ महाराष्ट्र वर्धा. जन्मतारीख 24/5/1999. जन्म का समय 8:32 AM. उसने आयटी इंजीनियरिंग किया है उसे जॉब नही मील रही.
Sir meri job ya business kb hogi
14 6 1989 subah 10 tarkki kab hogi
Name:keval. date of birth:2/11/2004 Gender:Male birth of time:7:20pm(19:20pm) Birth palace:keshod,Gujarat Q.मेरी कुंडली में Ips,Dupty sp (state level) अधिकारी बनने के योग हैं की नहीं?
03/07/1973 1:05 shivaji deshpande shiggaon haveri karanataka india
03/07/1973 1:05am Shiggaon haveri karanataka india faince probelms
🎉🎉🎉🎉
In my lagna chart I have Saturn in leo sign in my 1st house 2th house emty 3 house is also enty 4th house emty 5th house is in my 6th house I have rahu in 7th house Jupiter and moon in 8th house mar and Venus 9th house is empty 10house sun and mercury and in 11house I is empty and the 12 house have ketu about my career and about
Five house is empty
Sir jaha 9 likha he vha mera rahu he our jha 3 likha he vha mera ketu he to kya hota he
Sir mera kounsa grah Active h aane vaale 2 months mai.3-21990.time 4:10 Am
Name soniya saikia Di. 3/11 2005 Pob jabalpur madhya pradesh Tob 2 30pm not sure of time Mera ? Hai ki- I want to know about my 12 ,hs result kesa hoga mera 2xm acha nhihwa
Channel ko subscribe karlo aap and jab mea live aauga tab aap apna ek question phuch skte hai 🙏🙏 Otherwise you can contact me on WhatsApp 7906637357
Thanks sir. Good information
Sir meri kundli ke bare me janna na he
My whatsapp number : 7906637357
Please add transcript - cउसमें कमी पेशी हो सकती है। थोड़ा कम ज्यादा और जो योग का नखरे होते हैं। कुंडली में वो मार कैसे होते हैं यानी की यानी की उनका रिज़ल्ट कैसे नेगेटिव होता है। वो हूँ वो सारा। इनका प्लेसमेंट पर डिसाइड करता है की कुंडली में कौन सा ब्रेकअप पर बैठा है वो मैं अभी आपको बताऊँगा। तो मंगल ग्रह बना योगकारा गिरे और शुक्र ग्रह बना इनका। योग कर और ये मार्ग रे। तीसरे भाग पर आते हैं। बुद्धियुक्तों पर बुद्ध देवता को मिला है तीसरा भाव और छठा भाव यानी तीसरे घर का मालिक और छठे घर का मालिक बिना वो देवता जैसे कि तीसरा कर होता है छोटे भाई बहन। छोटी यात्राएं। फ़िज़ूल की मेहनत ये सब कुछ होता है। हमारा तीसरा भाव छठे भाव को होता है। रोग, ऋण, रिपोर्ट, बिमारी, कोर्ट कचहरी, मुकदमा, लड़ाई, झगड़े ये सब कुछ आते हैं छठे भाव में तो यानी के देवता इस कुंडली में अति मारग्रेट बन जाते हैं। सुख से ज्यादा बी नेगेटिव जो रिज़ल्ट देगा। इस स्कूल में वो बनता है वो देवता। ये फ़ोन किया तो रखवा। चौथे घर का मालिक बनता है चंद्रमा देवता जो की। मंगल देवता का फ्रेंड है, मित्र ग्रह हैं। तो ये कुंडली में अच्छा रिज़ल्ट देंगे यानी के कारक ग्रह में ही आएँगे। ये होता है हमारे कंफर्ट का, हमारी मदर का हाउस होमलैंड का, प्रॉपर्टी का, सारी सुख, सुविधा का ये 4000 होता है। अगर कुंडली में तो ये चंद्रन मांग रहा है। इस चीज़ को दिखाता है प्रॉपर्टी वीइकल, कम्फर्ट ये सब कुछ इसमें 4000 दिखाता। है। पांचवें घर पे? आते हैं। इसलिए बनता है सूर्य सूर्य देवता का। तो सूर्य देवता। है। इसमें दिखाते हैं संतान को और अनसर्टेन गेंद जो होते है लाइफ में वो सब क्रिएटिविटी। ये सब दिखाते हैं। फिर ताओं को सूर्य देवता इसमें बने योग कारक यानी के योग कारक बनते हैं। सूर्य देवता में चावल की कुंडली। में। तो मंगल देवता को सूर्य देवता? इसमें जो बने हैं और साथ में गुरु। गुरु ग्रेवी इसमें योग कारक बनेंगे क्योंकि ये त्रिकोण में आते हैं, त्रिकोण के स्वामी बनते हैं तो त्रिकोण हम एक साथ शुभ रिज़ल्ट देते हैं। और इसका डीप्ली देखना पड़ेगा। प्लेसमेंट पर प्लेसमेंट डिसाइड करेगी। ए ग्रेट। की क्या इसका? कितना अच्छा प्रभाव रहेगा तो गुरु ग्रह को मिला है। इनका नवम भाव स्वार्थ में इनका 12 भाव नवम भाव होता है। दूर की यात्रा का और हमारे पिता में स्थान होता हैं, भाग्य का कारक होता हैं, भाग्य का स्थान होता है ये और। जितना भी हमें ईश्वर से जो। आशीर्वाद मिलता है वो सब कुछ। इसमें आता है। स्पिरिचूऐलिटी का भी इसका होता है ना इन हाउस? बार वगैरह होता है हमारे फिजूलखर्ची। दूर की यानी की। विदेश यात्रा विदेश सैटलमेंट। हॉस्पिटल के खर्चे सारे। ये यात्रा ये सब कुछ होता है 92 घर का तो गुरु ग्रह ने इन दोनों भाई को सँभाला हुआ है और गुरु रहे हैं कुंडली में योगकारक बनते हैं। शनि ग्रह इस कुंडली में दसवें घर के मालिक बनते हैं और साथ में 11 घर के मालिक बनते। है वो भी। है। समजरे में आते हैं क्योंकि मंगल ग्रह के ये शत्रु बनते हैं। मित्र ग्रह नहीं है शत्रु। तो इस संग्रह की श्रेणी में आते हैं शनि ग्रह तो ये मिलाजुला रिज़ल्ट देंगे। ना कोई ज्यादा पॉज़िटिव ना कोई ज्यादा नेगेटिव। बाकी सब कुछ डिपेंड करेगा। शनि देव की प्लेसमेंट पर की वो कैसे बैठे हैं, कुंडली में कितने डिग्री का हो? फिर बैठे है कौन से नक्षत्र में बैठे हैं, कौन से स्थान में हो पर बैठे हैं। तो मंगल, सूर्य, गुरु ये तीनो बने इसमें और साथ में चले वहाँ पोंगल, चंद्रमा, सूर्य और गुरु ये बनते है इसमें योग कारक। शुक्र बनते है। इसमें वाला ग्रह है और बुध बनते है। इसमें अति मारक शैली गैर बनते हैं। इसमें समुद्री है। प्लेसमेंट के लिए मैं इसमें एग्जाम्पल देते हैं। जैसे की मान लो किसी। का? मंगल फ़ोर था, उसमें आकर बैठ जाएं और यहाँ पर हो जाए।
मतलब नीच का हो जाए तो इसका जो प्रभाव होगा वो अच्छा नहीं होगा। नेगेटिव होगा किस चीज़ के लिए? यहाँ पर 4000 तक प्रॉपर्टी बाकी हेल्थ अच्छी नहीं होगी, प्रॉपर्टी में सुख की कमी होगी। यहाँ से दृष्टिगत चौथी यहाँ। तो हमारी जो लाइफ पार्टनर हैं उससे हमारी। अच्छी नहीं बनेगी। टेंट हाउस को बनेगी, जिसकी जो दृष्टि, उसमें हमारा जो टेंथ होता है करण का उसमें कमी पेशी रहेंगी। कामकाज में और हमारी इच्छा पूर्ति लाभ में भी एक कमी करेगा और ये हेल्थ में भी। डिस्टरबैंस दिखाता है मंगल ग्रह अगर यहाँ पर नीचे हो जाता है और अगर। किसी ने आपको। बता दिया की इसको अब मूंग रत्न पहन लो तो फिर तो क्या ये कहना है आपके? बॉम्बे का रिज़ल्ट रहेगा इन सब चीजो बोले। एक एग्जाम्पल देते है, मान लो किसी का फिर था उसका मालिक इसका बना सुर, लय और ये योग कारक है और अगर ये यहाँ पर तुला में आ जाए तुला राशि में तो ये नीचे हो जायेगा। तो ये भी अच्छा गर्मी देगा क्योंकि। यहाँ भी ये नीचे हो जाता है। तो सुल्तान से रिलेटेड वो हमारी लाइफ पार्टनर से रिलेटेड और टेली वेदीज़ बिज़नेस से लेके इसमें हमें बहुत नेगेटिव रिज़ल्ट मिलेंगे तो इसका अभी तक नहीं पहनना है और बाकी बहुत कुछ देखना। सर ये सूर्य ग्रह लगन में आ जाए यानी की फर्स्ट उसमें आ जाए और मेरे साथ। सीमा जाये तो ये बन जाएगा। उच्च वगैरह बन जाएगा। हो जाएगा तो इसमे सबसे अच्छा इसका रिज़ल्ट रहेगा। उसकी पर्सनालिटी बहुत अच्छी रहेंगी। नेम फेम बहुत रहेगा। सरकार से बहुत मदद मिलेंगे इसको। उत्तर का यह योग बन जायेगा इसमें। तो ये ऐसे। ही इनका रिकॉर्ड किया जाता है। प्लेसमेंट के हिसाब से इनका रिज़ल्ट आज मैंने आपको बताया में जलावन के बारे में की। कौन कौन से योग कारक ग्रह बनते हैं। मार्ग बनते हैं और अति मार्ग बन बनते है। इसमें और समग्र इसमें कौन सा बनता है वो मैंने आपको बताया। लेक्चर 12 कंप्लीट होता है। आप सबको वीडियो पसंद आई हो। लाइक करें, शेर करें, सब्सक्राइब जरूर करें मेरे चैनल को नमस्कार।
Please translate - आज आपको बताने वाला हूँ। कि गिरोह की दृष्टि के बारे में यानिकी ग्रहों की दृष्टि क्या होती है और एक राय जहाँ पर बैठता है वहाँ से कितने भाव को देखता है, कितने घर को देखता है, वो उनसे भी रिज़ल्ट देता है। जैसे की आज मैं आपको बताऊँगा। नौ ग्रह के बारे में। नौ में से सवाल करें मेन होते हैं और दो करे जो होते है वो चाहे उठते हैं। राहु और केतू। शुक्र। की जो दृष्टि होती है, स्वाति भी होती है, मेन दृष्टि और एक ही होती है। यानी की नौ ग्रहों की सब की एक दृष्टि तो सेम होती हैं जो। होती है। सातवीं। दृष्टि उसमें चाहिए। राहु, केतु हो या कोई भी गिरा हो सबकी साथ। ही दृष्टि सेम। रहेंगी जहाँ भी बैठेंगे जिसे घर में देखेंगे। उसको सातवीं सातवीं दृष्टि से ही देखेंगे। सातवीं दृष्टि उनकी मेन दृष्टि रहेंगी, जिससे घर में भी वो बैठे हैं। तो शुक्र ग्रह की सातवीं दृष्टि होती है और एक ही दृष्टि शुक्रिया की होती है और कोई दृष्टि नहीं होती। सूर्य की वो चंद्रमा ग्रह की इन दोनों के बीच एक दृष्टि होती है और स्वादों में बुध ग्रह की भी एक दृष्टि होती है। सातवीं दृष्टि और उनकी और कोई दृष्टि नहीं होती है। अब हम बात करते हैं। मंगल ग्रह के।
मंगलोरे अब आप ये देखो की कुंडली में आपका मंगल किसी भी भाव में हो या निकित। 12। घर में से किसी भी घर में हुआ तो वहाँ से वो उसकी जो दृष्टि होती है चार, सात और आठ यह उसकी दृष्टि होगी। मंगल ग्रह की तो मंगल है। अगर मान लो यहाँ पर है तो चौथी दृष्टि कौन सी होगी? 123 और चार यानी की मंगल यहाँ से चौथे घर को देखेगा यानी की चौथी दृष्टि से इस भाव को देखेगा और पांच छह को 7 साल में दृष्टि से इस घर को देखेगा और आर्टिस्ट इसकी यहाँ पर बैठे। तो चार सात। और रक्त ये मंगल की तीन दृष्टियां होती है। अब अगर ऋषिका। मंगल यहाँ पर है तो 1234 चौथी दृष्टि यहाँ पर, 5677 में दृष्टि यहाँ पर और आठ आठ दृष्टि यहाँ पर। इस तरह के से आपकी कुंडली में कहीं भी मंगल होगा तो वहाँ से 478 ये इसकी मंगल ग्रह की तीन जस्टिन होती है। अब बात करते हैं। गुरु बृहस्पति ग्रह की इसकी कौन कौन सी दृष्टि होती है गुरु वृहस्पति ग्रह की और राहु और केतु की इन तीनों ग्रह की। दृष्टि या सेम होती हैं, पांचवी, सातवीं और नौ में। 579 बृहस्पति गृह लागू और केतु इन तीनों की दृष्टि से मुक्ति है पर रिज़ल्ट इनका सबका अलग होता है क्योंकि गुरुगृह। की अलग सुबह होता है और राहु केतु का अलग होता है। जैसे की। मैंने आपको पि ली पिछले वीडियो में। क्या होता है? तो गुरु ग्रह की बात करते हैं गुरु। ग्रह की दृष्टि कौन? कौन सी होती है 1234? पांचवी दृष्टि यहाँ पर बढ़ेगी छह और सात सातवीं दृष्टि यहाँ पर बढ़ेगी आठ और लोग नो मी दिस दृष्टि यहाँ पर बढ़ेगी तो गुरु ग्रह की गुरु बृहस्पति ग्रह की 5 साल दोनों दृष्टि होती है। मान लो किसी का गुरुवार है यहाँ पर है तो 12345 और विदेशी यहाँ पर 677 विदेशी यहाँ पर आठ और नौ वीं दृष्टि यहाँ पर तो पांच। सात, नौ दृष्टि इसकी। गुरु बृहस्पति के राशि होती है। अब हम बात करते हैं शनि ग्रह। थी। शनि ग्रह थी एक तो शनि ग्रह जो होता है सबसे पॉवरफुल होता है। यानी की जज होता है नियम कायदे कारण हो ये सब जस्टिस। और दुख पीड़ा का भी। सुनील सर, ये मैंने आपको पिछले वीडियो में सब कुछ बताया हुआ है, ये सब के बारे में क्या क्या होते हैं? तो शनि की रहती जो दृष्टि होती। है तीन, सात और 10। दृष्टि होती है। यानी की अगर किसी और शनि यहाँ पर है तो एक, दो और तीन तीसरी दृष्टि यहाँ पर 45677 दृष्टि यहाँ पर और 8910। दसवीं दृष्टि यहाँ। पढ़ें। अगर किसी को शक नहीं करें यहाँ पर है, तो यहाँ से एक दो और तीन तीसरे देश के यहाँ पर 45677 दृष्टि यहाँ पर और 91010 विदेशी यहाँ पर शनि ग्रह की पढ़ाई। अब जो आपको खेलना है इसमें एक क्वेश्चन करोगे आपकी या गिनते कहा से हो यानी की जो है जहाँ पर बैठा है जीस भाव में बैठा है, वहीं से उसका फर्स्ट हाउस गिना जाएगा। यानी की मंगल अगर यहाँ पर है तो पहला घर, दो सिटी घर, तीसरा घर, चौथा घर ऐसे नहीं की मंगलिया बोले आप यहाँ से गिर रहे हो की 1234 ऐसा नहीं होगा। मंगल अगर यहाँ पर है तो यही से इसका फर्स्ट घर यही होगा फर्स्ट, सेकंड, थर्ड और फोर्थ। ऐसे गिना जाएगा ऐसे जैसे मैंने आपको बताया की 3710 दृष्टि होती है तो पहली दृष्टि यहाँ पर यानी की जहा पर बैठा है वो ये एक दो और तीसरा समझ गया आप तो ये शनि ग्रह मैंने आपको बताया। ऐसे ही इसी तरीके से लागू ग्रह तो राहु ग्रह की 579 दृष्टि होती हैं। गुरु बृहस्पति ग्रह की तराई तो 112345 दृष्टि यहाँ पर 677 दृष्टि यहाँ पर 899 विदेशी यहाँ पर केतु ग्रह कभी ऐसे होता है 12345 छह सात वो यहाँ पर आठ। तू ही मैंने आपको सभी गजब के बारे में बताया। शुक्र ग्रह की सातवीं दृष्टि होती है, एक दृष्टि होती है सूर्य, चंद्र, बुध इन तीनों की भी समदृष्टि होती है। स्वाति होती है। जहाँ भी बैठेंगे वहा से सातवें स्थान को देखेंगे। साथ ही वह आपको देखेंगे। मोबाइल अगर किसी को सूर्य के यहाँ पर है तो यहाँ से वो सातवें स्थान को यहाँ पे देखेगा। अगर किसी का सूत्र है यहाँ पर है तो यहाँ से सूर रहे हैं इस घर को देखेगा अपने से सामने वाले को देखेगा 180 डिग्री पर। देखेगा? ऐसे ही चन्द्र। और बुध? इनकी भी समदृष्टि होती है यह भी अपने से सातवें स्थान को देखते हैं। तो आज मैंने आपको बताया जो गेहूं की दृष्टि के बारे में एक ही दृष्टि कौन कौन सी होती है तो इनका क्या क्या परिणाम होगा? वो डीप्ली एनालिसिस करके होगा और सारी चीजों को। मिलाकर साढ़े पिटिशन को जो को माफ़ माफ़ कर होगा। कि क्या क्या? ये ग्रह दिखा रहे हैं और कितना इनका असर होगा? सब कुछ देखने के बाद तब जाकर एक पीटिशन होती है। तो आज का लेक्चर 10 ये कंप्लीट हुआ। ग्रहों की दृष्टि के बारे में आप सब को पसंद आई वो वीडियो तो लाइक करिये, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें नमस्कार।
Please translate - नमस्कार दोस्तों मश्रूं दृश्य त्यागी आप सबका स्वागत करता हूँ अपने चैनल में त्रिलोकेशी में। और आज हमारे लेक्चर है नाइन। जो हमारी सीरीज चल रही है लर्न एस्ट्रोलॉजी की, जिसमें आपको खुशी का रहा हो कि ज्योतिष कृषि के जन्म के बारे में कैसे सीखा जाए और कैसे पड़ा जाए और अपने जीवन के बारे में हम कैसे प्रेरित कर। सकते हैं कि। किस समय पर क्या इवेंट होगा हमारी लाइफ में और बहुत से लोग पूछते हैं की ये जन्मकुंडली कैसे बनती है? तो मैं आपसे वो बता दूँ की जन्म कुंडली बनाने के लिए डेट ऑफ बर्थ टाइम हो पर तो प्लेस ऊपर तो ये तीन चीजों की जरूरत होती है तब जाकर हम एक जन्म कुंडली बनाते हैं और किसी की लाइफ के बारे में क्रेडिट। तो चलिए हम अपने आज लेक्चर चलते हैं और मैं आपको आज बताने वाला हूँ गिरोह की डिग्री के बारे में। यानी की जो ग्रह होता है उसकी जो डिग्री होती है जीरो से लेकर 30 डिग्री तक का एक ग्रह होता है और आपकी कुंडली में हर तरह की अलग अलग डिग्री होगी। और वो दिखाते हैं की वो कितने रिज़ल्ट देने के लिए। बैठे है आपकी? उँगली में यानी की अगर किसी का। मेष लगन है और मिर्च लगाने में उसका जो योग कर गृह बनेगा और वो मंगल ग्रह। बनेगा। तो इसका मतलब। मंगल ग्रह जो है वो अच्छा रिज़ल्ट देगा पर उसकी डिग्री डिसाइड करेगी कि वो कितना अच्छा रिज़ल्ट देगा। ये कितना बेकार रिज़ल्ट देगा क्योंकि डिग्री में होती है तो ये देखना भी बहुत जरूरी होता है की कितनी डिग्री का एक ग्रे पैठा हुआ है हमारी कुंडली में। और साथ के साथ आज मैं आपको बताने वाला हूँ की जो गए होते हैं और उनकी मार्गी राशि होती है और बकरी राशि होती है। आपने सुना होगा कि मार्गी और वक्री तो मैं आपको बता दूँ। जो मार्ग होते हैं वो सूर्य और चंद्रमा हमेशा मार्ग होते हैं और जो बकरी होते हैं, बकरी होते हैं यानी की राहु केतु हमेशा बकरी होते हैं। ये दिनों ये जो दोनों है लाओगे तू ये दोनों हमेशा वकील रहेंगी और जो सूर्य चंद्रमा है ये दोनों हमेशा रहेगा। और बकरी की राय अगर आपकी कुंडली में और भी कोई ये बनता है राहु केतु के अलावा तो वह बहुत इतना पोटेंशिअल लगते है की वो आपकी लाइफ में अच्छा रिज़ल्ट देंगे। अगर वो आपकी कुंडली में केंद्र त्रिकोण के मालिक बनते हैं तो अगर अच्छे लगे बनते हैं और वो बकरी वगैरह बैठे है तो वो अच्छे रिज़ल्ट ही नहीं बहुत अच्छा देंगे। लगभग तीन गुना अच्छा रिज़ल्ट देंगे सामान्य जैसे और अगर वो छठे, आठवें और बारहवीं स्थान के मालिको पर बैठे हैं, बकरी हो गया है तो वह बेकार रिज़ल्ट लेंगे क्योंकि वो के। स्वामी बनते हैं। और मैं आपको बताता हूँ ग्राहकों की डिग्री के बारे में। ये वक्त एक डिग्री या ये होती अवस्था और ये होते डीज़ल ट? जैसे मैंने बताया ज़ीरो से 30 डिग्री तक का 1 घंटे की देरी होती है। तो?
फिर किसी की रहे गी जीरो डिग्री से लेकर छे डिग्री तक होगा। कोई तो वो बाल अवस्था में आएगा। बाल अवस्था तरीके वो ग्रह अपनी बिलकुल जैसे एक बच्चा होता है, छोटा बच्चा होता है उस अवस्था में होगा ना की यानी की वो अच्छे रिज़ल्ट नहीं देगा। वो 25% ही रिज़ल्ट देगा। उसकी जो पोटेंशिअल होगी 25% की ही उसकी होगी रिज़ल्ट देने की। अब आते हैं। छे डिग्री से 12 डिग्री के बीच में अगर कोई गिरा होगा तो वह कुमार अवस्थी में आएगा। यानी की टीनएज में आएगा तो वह 50% यानी की 50% रिज़ल्ट देने के लिए वो रहेगा फ्रेन्ड? उसमें इतनी पोटेंशिअल लेगी की वो 50% वो रिज़ल्ट आपको देगा। तीसरे नंबर का होता। है। 12 डिग्री से लेकर 18 डिग्री तक। अगर कोई प्लांट। होता है। आपकी कुंडली में तो मैं युवावस्था में आएगा। या यानी के। वो यंग होगा, फ्लैट और ये हैं 100% रिज़ल्ट देगा। एक सबसे अच्छा पोज़ीशन होती है कुंडली में ग्रह की डिग्री की। 12 से 18 डिग्री की। अगर कोई भी गिरा होगा तो वे अपना 100% रिज़ल्ट देगा। आपकी कुंडली में कोई भी रहे हो। तो ये सब से बेस्ट होता है, हम जो परसेंट रिज़ल्ट देता है। 18 डिग्री से 24 डिग्री तक अगर कोई भी ग्रह होगा तो मैं वृद्धावस्था में आएगा यानी की उसका रिज़ल्ट एक तरीके से बहुत ही कमजोर हो गया। वो भी रहे वो ना के बराबर ही उसका रिज़ल्ट होगा यानी की थोड़ा बहुत ही उसका रिज़ल्ट आएगा। और वो शुरू। होगा। शुद्ध होगा तो उसके हिसाब से कुली में उसको देखना पड़ेगा क्योंकि कौन? से भाव का स्वामी। बनता है और वो क्या दिखा रहा है? अच्छा दिखा रहा है या बुरा दिखा रहा है उसी हिसाब से? वो। उसका रिज़ल्ट आएगा ये। मृतावस्था का होता है। अब आते हैं 24 डिग्री से 30 डिग्री। तक के बीच। में ये इसमें। डेढ़ जाता है ये ग्रैंड यानी की बिल्कुल ही स्काइप जल जो होता है बिलकुल ही गिराया का खत्म हो। वो बिलकुल ये करेंगे जैसे बूढ़ा आदमी होता है, वो कुछ काम नहीं कर पाता। उसी हिसाब से यह भी गिर है। जो होता है जो भी डिग्री से 30 डिग्री के बीच में अपना रिज़ल्ट कुछ नहीं दे पाए और सबसे अच्छा जो रिज़ल्ट देगा वो यहाँ पर 100% मिलेगा। युवा अवस्था में देगा अगर कोई भी रहे 12 डिग्री से 18 डिग्री के बीच में हवा ऊँगली में तो है अच्छा रिज़ल्ट ही देगा। तो जैसे मैंने आपको बताया ये डिग्रियां होती है दुबारा बता देता हूँ जीरो डिग्री से छह डिग्री के। बीच में ये। 25% रिज़ल्ट देगा आपको छे डिग्री से 12 डिग्री के बीच में ये आपको 50% रिज़ल्ट देगा ही ग्रह। 12 डिग्री से 18 डिग्री के बीच में ये युवावस्था होता है। ये 100% जो देता है जो सबसे अच्छा होता है। 18 डिग्री से 24 डिग्री के बीच। में ये वृद्ध होता है, होता है यानी की ये मोती कमजोर। रिज़ल्ट देगा वो। बेकार चल देगा मतलब अच्छा रिज़ल्ट नहीं। देगा। 24 डिग्री से 30 डिग्री के बीच में ये डेड हो जाता है। ये बिलकुल ही बेकार रिज़ल्ट देखा तो आगये ब्लैक चलना ही था जो मैंने आपसे हुआ था या आप सबको पसंद आया हो तो वीडियो कॉल लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। नमस्कार।
Please add transcript - मैंने आपको बताया कि गिरोह की उच्च राशि कौन सी होती है, उपग्रहों की नीचे राशि कौन सी होती है, यानी की ग्रह कौन सी राशि में सबसे ज्यादा अच्छा रिज़ल्ट देंगे और ग्रह है कौन सी राशि में अपना सबसे बैड रिज़ल्ट सबसे खराब रिज़ल्ट दे। और जो मेरा टॉपिक है, जन्मकुंडली का वो है जो हमारे कुंडली में भाव होते हैं। यानी के कौन से घर इसमें अच्छे होंगे, कौन से स्थान इसमें खराब होंगे, कौन से स्थान सबसे ज्यादा खराब होंगे? यानी की आपको आपने सुना भी होगा कि केंद्र स्थान हमेशा अच्छा होता है। त्रिकोण हमेशा अच्छा होता है, बुरा होता है, ऐसा नहीं होता है। केंद्र भाव कभी कभी खराब भी रिज़ल्ट देता है, कैसे रिज़ल्ट देता है। अगर मान लो की ये नवम भाव यानी की जो त्रिकोण भाव होते हैं, पहला, पंचम और नवम ये तीनों स्थान हमारे त्रिकोण स्थान होते हैं और अगर। नौवें स्थान का मालिक अगर इस स्थान में आ जाए यानी कि गुरुग्राम में 10 वीं स्थान में आ जाए, वो नीच का हो जाए तो इसको मतलब वो अच्छा रिज़ल्ट नहीं देगा। वो खराब रिज़ल्ट देगा क्योंकि वो नीच का हो गया है और हम गुरुराया का हम रतन भी नहीं बना सकते हैं उस व्यक्ति को क्योंकि उसका भी बैड रिज़ल्ट ही रहेगा। ऐसे ही पहले हम बात करते हैं केंद्र स्थान कौन कौन? से जनम कुंडली। में होते हैं। पहले स्थान चौथा स्थान सातवें स्थान थोड़ी 10 वां स्थान ये जो कुंडली के जो केंद्र है यानी सेंटर है, ये चारों स्थान चारों भाव कुंडली के केंद्र भाव होते हैं। और ये ज़्यादातर अक्षय प्रभावी देते हैं, अच्छे रिज़ल्ट देते हैं। जब तक इनकी डीप्ली ऐलिस ही ना की जाए कि इनके मालिक कहाँ पर बैठे हैं, वो कैसे गिरा है, वो वो क्या रिज़ल्ट दिखा रहे हैं, क्या प्रशिक्षण दे रहे हो? ऐसे ही जो त्रिकोण होता। पहला स्थान का मालिक और जन्म स्थान का मालिक और नवम भाव के स्थान का मालिक। ये तीनों त्रिकोण होते हैं। और ये भी अच्छा ही कहा गया है पर जमीन के किराये अच्छे। नहीं होंगे बोलने? में अगर वो छठे स्थान में होंगे, आठवीं में होंगे, बारहवीं में होंगे तो मैं अच्छा रिज़ल्ट में हम देंगे क्योंकि वो तेरी बाहों में चले गए हैं। तेरी बहु कौन कौन से होते? हैं। आपने सुना ही। होगा। छठा भाव आठवें भाव बहुत बहुत बड़ा छे और और 12। ये तीनों स्थान कोहली में। बुरे बताए गए हैं। अच्छे रिज़ल्ट नहीं होता क्योंकि छठा स्थान होता है रोग ऋण, रिपु, कोर्ट कचहरी, मुकदमा, लड़ाई, झगड़ा, वाद विवाद ये सब छठा स्थान दिखाता है।
Please add closed captions - नमस्कार दोस्तों ने ऑस्ट्रेलिया, अभिषेक त्यागी आप सबका स्वागत करता हूँ अपने चयन त्रिलोक, एस्ट्रोलॉजी। जैसे की हमारी सिरीज़ चल रही है लर्न एस्ट्रोलॉजी की और मैं आप सब को सीखा रहा हूँ कि जोतिष कैसे सीख जाएं और ज्योतिष के बारे में ये सब चर्चा चल रही है। बेसिक से लेकर ऐडवान्स तक मैं आपको सिखाऊंगा की क्या स्टोरी होती है और क्या सूजी का फायदा होता है और हम कैसे ज्योतिष का फायदा उठा सकते हैं। अपने। यू। आज लेक्चर। सिक्स। और मैं आज आपको बताने वाला हूँ ग्रहों के दिशा बोल के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं। उड़ाओ आज मैं आप सबको एक टिप भी दूंगा कि जो घर में गृह गले सोते हैं और बहुत ही घरों में दिक्कतें होती है पेशों की और बहुत दिक्कत चलती रहती है तो उसके लिए मैं आपको एक सबको एक उपाय बताऊँ हो तो बने रहिए वीडियो में। तो और की। बात हम जो शुरू करने वाले हैं। वो ग्रहों की दिशा बल्कि है जैसे एक तो। ये कुंडली है। कुली में ये। दिशा होती है ये ईस्ट ये वेस्ट ये नोट। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण इस हिसाब से इसमें ये जिसे मैंने पहले आपको बताया ये बारहवां होते हैं। तो इसमें जो हमारे साथ गिरे हमें दो चाय गिरे होते हैं तो सात गिरे। हैं उसमें से। गुरुग्रं और बुध ग्रह हैं। ये पहले भाव में ये दिगबल हो गए यानी की दिगबल का मतलब है इनको जो स्ट्रेंथ रहे गी वो सबसे ज्यादा। स्ट्रांग ये यहाँ पर। रहेंगी। अब आप अपनी कुंडली में ये मत देखिए कि यहाँ पर कौन सी त सी है, क्या है क्या नहीं। पोस्ट की जो बोल जाओ सिर्फ ये देखो की ये पहला भाव होता है और इस भाव में अगर गुरु को या उद्योग तो ये इस भाव में दिवाली होंगे। इनकम है मतलब भी आपको बताऊँगा की गुरु को क्या मतलब होगा। इस भाग में होंगे और गुरु का क्या मतलब होगा? अगर इस भाव में होंगे दिवाली होकर बैठेंगे। ऐसे ही ये दसवें भाव में सूर्य होंगे। मंगल होंगे तो यहाँ पर दिनभर लिए होंगे। ऐसे ही शनि ग्रह सातवें स्थान में होंगे, सातवें भाव में होंगे तो यहाँ पर दिख बलि होंगे। उसी तरह से चंद्रमा, ग्रह और शुक्र भी अगर फोर्थ स्थान में नहीं, फोर्थ भाव में स्थिति स्थान में दिवाली होंगे। और मैं आपको बताने वाला हूँ की ये गुरुग्रं है। अगर पहले भाव में दिवाली होंगी तो इसका क्या मतलब होगा? पहला स्थान होता। है हमारी बॉडी, हमारी पर्सनैलिटी, हमारा ऐटिट्यूड स्वयं हम खुद। तो इसका मतलब गुरु क्या होता? है। गुरु होता है की यार। गुरु होता है वेस्ट हम नॉलेज। कंसल्टैंसी। दूसरों को सलाह देना ये सब गुरु के अंडर में आता है। यानी कि इसकी गुरु के कारक होते। हैं तो अगर किसी। का?
गुरु फर्स्ट भाव में होगा, पहले स्थान में होगा। दिवाली होगा तो उसका मतलब होता है वह इंसान एक तो कॉन्फिडेंट होगा। पॉज़िटिव होगा और उसकी पर्सनैलिटी जो होगी अच्छी होगी। बट अगर वो जूपिटर समय उसकी लाइफ में आएगा तो उसको वो थोड़ा हेल्थी बना देगा क्योंकि गुरु होता है चैरिटी का कारक। इसी वजह से। वो फैलाव देता है। जीस भाव में वो ग्रुप बैठेगा। कुलड़ी में उसी भाव का कारक को वो मजबूत बनाता है यानी कि अगर किसी का यहाँ पर होगा तो उसको शरीर को। फ्लाइट देगा कर देगा। तो ये गुरु। का मतलब हुआ। अगर बूथ बैठेगा पहले स्थान में तो बुध होता है। बुद्धि तो अगर पहले स्थान में होगा, दिवाली चलाया जाएगा तो उस इंसान में बुद्धि बहुत होगी और उसकी राइटिंग स्किल्स बहुत अच्छी रहेंगी और उसकी कम्यूनिकेशन स्किल्स भी बहुत अच्छी होगी क्योंकि बहुत होता है कम्यूनिकेशन स्किल्स और राइटिंग और साथ में उसको बिज़नेस करने का बहुत मन रहेगा कि मुझे अपनी लाइफ में बिज़नेस करना है क्योंकि बुध होता है व्यापार तो वो अपने जीवन में व्यापार भी करेगा वो क्योंकि बूथ स्वामी स्थान को देखता है। व्यापारी स्थान को देखता है वो कारक होता व्यापार का तो वो जीवन में व्यापार जरूर करेगा। इंसान वो सक्सेसफुल रहे। अब चलते हैं हम सूर्य के। सूर्य और मंगल के। बारे? में। सूर्य दसवें स्थान में दिवाली होता है और सूर्य का मतलब होता है सरकार और सूर्य होता है एनर्जी ऊर्जा। हम सब जो जी रहे हैं, हम जो खा पी रहे हैं। ये सबकुछ सूर्य के बदौलत है तो इसका मतलब हुआ की अगर सूर्य अगर किसी का दसवें स्थान में हुआ और दसवें स्थान होता है हमारे कर्म का, हमारे कामकाज का, हम जीवन में क्या कम करेंगे? तो इसका मतलब हुआ कि सरकार से रिलेटेड भी हमारा काम होगा। कोई सरकारी रिलेटेड टेंडर या कुछ भी सरकारी जॉब होती है जैसे की तो वो सरकारी नौकरी दिखाता है सूर्य ग्रह अगर यहाँ। पर होगा और भी और। चीज़े देखी जाती है बट सू लेंगे ना। यहाँ पर दिखाता है ये चीज़। मंगल ग्रह पर आते हैं मंगल ग्रह अगर दसवें स्थान में हुआ तो ये दिवाली का होगा और मंगल गिरे हमारी बॉडी का कारक होता है, फिटनेस का कारक होता है। ओह, ये हमारे एनर्जी का, गुस्से का, इस सब चीज़ का हिम्मत का ही मंगल के कारक होता है और अगर मंगल ग्रह टेंट हाउस में होगा, दसवीं स्थान में होगा, दीप्ल्य होगा। इसका मतलब हुआ कि वह इंसान अपने कर्म को लेकर बहुत हिम्मत वाला होगा, साहसी होगा और हर परिस्थितियों को लेकर वो। डटा रहेगा हार नहीं मानेगा कभी भी अपने काम। को ले पाए। और ये साउथ दिशा होती है। अब चलते हैं शनि है। शनि ग्रह यानी के। लॉयल्टी मेहनत इसे नहीं गया होता है और कंसिस्टेंसी इंसानी गए दिखाता है। न्याय जोग ये सब शनि ग्रह के अंडर में आते हैं। तो इसका मतलब हुआ अगर शनि ग्रह से सातवें स्थान में होगा तो हमारे जीवन साथी जो होगा वो लोवेल होगा। मेहनती होगा हाँ थोड़ा रंग में उसका सांवला आ सकता है क्योंकि शनि ग्रह सातवें स्थान में। ये चीज़ दिखायेगा लाइफ पार्टनर के लिए क्योंकि सनी जो होता है थोड़ा सा लगता है तो यहाँ पर ये। क्या?
दिखायेगा। तो और यहाँ पर ये दीपावली होता है शनि ग्रह। अब चलते हैं हम चौथे भाव पर ये डायरेक्शन है। उत्तर निशा ये और उसमें चन्द्रमा और शुक्र जो होंगे, ये दोनों यहाँ पर दिवाली होंगे। चौथा स्थान होता है। हमारे सुख का, हमारी व्हीकल का, प्रॉपर्टी का, लैन्ड का ये सब कारक 4000 होता है और अगर शुक्र है यहाँ पर आता है तो शुक्र होता है लग्जरी कंफर्ट वेहिकल का ये। तो वो 4000 रहेगा तो उसका मतलब रहता है की उस इंसान को लक्ज़री मिले गी क्योंकि यहाँ पर दिवाली हो गया तो उसको कुंडली में लिखा गया है ऊपर वाले ने लिख दिया की भाई तुझको लग्जरी मिलेंगी। कम्फर्ट मिलेगा, पैसा मिलेगा क्योंकि जो शुगर होता है वो लक्ष्मी होती है। तो धन मिलेंगे, सुख मिलेगा। हर सुख सुविधा मिले गी क्योंकि ये सुख उस उस चीज़ का पारा होता है और चौथा स्थान सुख का होता है किसी भी तरह का सुख। चन्द्रमा चन्द्रमा हमारी माता का कारक होता है तो अगर फ़ोर तो स्थान में चन्द्रमा गया होगा तो हमारी माता की हेल्थ भी अच्छी रहेंगी और हमारा मन भी। अच्छा रहेगा क्योंकि फोर्थ में। हैपीनेस का होता है, कम्फर्ट का होता है और मन होता है हमारे। हर चीज़ से होता है माँ तो अगर हमारा मन अच्छा है तो सब कुछ अच्छा रहेगा तो अगर चन्द्रमा करें 4000 होगा तो सब कुछ अच्छा ही रहेगा तो ये चन्द्रमा और शुक्र का कॉम्बिनेशन। इस हाउस में दिवाली का। आता है। ये जरूरी नहीं है कि आपकी कुंडली में ये दोनों ग्रह एक साथ हो। एक भी ग्रह होगा तो काफी अच्छा रहेगा। ऐसा यहाँ पर गुरु को या बुड़ोग वो भी बहुत अच्छा रहेगा। सूर्य और मंगल में से कोई एक यहाँ पर हो वो भी बहुत अच्छा रहेगा। और शायद यहाँ पर जिसमे। होता है यहाँ पर होगा तो दीवाली हो गई और ये चारों इसकी डायरेक्शन होती है ईस्ट वेस्ट, नॉर्थ साउथ। हाँ, वो जैसे मैंने। आपको बताया जो मैं आज आपको टिप्स दूंगा। कोई उपाय की घर में सुख शांति के लिए वो आपको करना है क्योंकि जो भी गृह क्लेश होता है कुछ भी बाधा आती है उसको हमारी संकट मोचन हनुमान जी दूर करेंगे तो सबसे बढ़िया है डेली सुबह या शाम में वो आपको देखना है कब आप कंफर्ट लोग उस चीज़ में एक बार हनुमान चालीसा सेवा करना ही करना है। एक बार करके देखिये 40 दिन तक इस चीज़ को और ये उपाय आपकी लाइफ को बहुत चेंज करेगा। अगर आपको ये सब कुछ पसंद आया हो तो वीडियो को लाइक करें, शेर करें और चीन को सब्सक्राइब जरूर करें। नमस्कार।
Please add closed captions - नमस्कार दोस्तों मेट्रो दर्शक त्यागी आप सबका स्वागत करता हूँ अपने चैनल त्रिलोक एस्ट्रोलॉजी में आज हम बात करने वाले हैं लेक्चर फिफ्थ जो हमारा है 27 नक्षत्रों के बारे में। जैसा कि पहले मैंने बताया आपको नौ ग्रह होते हैं, बार राशि होती है, उसी प्रकार हमारे 127 नक्षत्र होते हैं। ये भी इतने जरूरी होते हैं जैसे की हमारे ग्रह। और राशियां होती। हमारा जो जन्म की जो राशि होती है वो इन्हीं पर निर्धारित होती है और हमारा कोई ना कोई यू सी हमारा नक्षत्र बनता है जनम का। तो मैं आपको बताने वाला हूँ 27 नक्षत्र के बारे में जिसने की पहनना छात्र बनता है। हमारा अश्विनी नक्षत्र? दूसरा बनता है वर्णी नक्षत्र। तीसरा बनता है फिर, तिका और नक्षत्र। चौथा बनता है रोहिणी नक्षत्र। पांचवें बनता है न जज़ीरा नक्षत्र? छटा बनता है। आद्रा नक्षत्र। सातवाँ होता है पुनर्वसु नक्षत्र। आठवा होता है पुष्य नक्षत्र? होता है। दसवां होता है मघा नक्षत्र। 11 का होता है पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र। बार बार होता है उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र? तेरा होता है हस्त नक्षत्र। चूरू में होता है चित्रा नक्षत्र होता है स्वाती नक्षत्र सोलवा होता है, विशाखा नक्षत्र संग्रह होता है अनुराधा नक्षत्र। अठारहवां होता है जीस टा नक्षत्र। उन्नीसवां होता है मूड नक्षत्र। बिस्वा होता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 21 वां होता है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र। बाईसवां होता है श्रवण नक्षत्र? तेईसवां होता है धनिष्ठा नक्षत्र? चौबीसवां होता है शतभिषा नक्षत्र। पच्चीसवाँ होता है, पूर्व पादरीपद। 26 का होता है पुत्र भाद्रपद नक्षत्र और 27 वां और अंतिम जो नक्षत्र होता है वो बोलता है रेवती नक्षत्र ये तो हो गए हमारे 27 नक्षत्र फ़ोर। साइड में लिखे हुए। हैं। ये हैं इन सबके। मालिक यानी की गए हैं। इन तीनों के जो मालिक बनेंगे वो बनेंगे के धोरे यानी के अश्विनी मँगा उरमूल इन तीनों नक्षत्र के जो स्वामी बनेंगे वो बनेंगे केतु ग्रह। इसी प्रकार भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा ये तीनों नक्षत्र के जो स्वामी बनेंगे वो बनेंगे शुक्र। इसी प्रकार कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा इन तीनों के नक्षत्र के मालिक जो मन नहीं वो बनेगी सूर्य ग्रहण। रोहिणी हस्त श्रवण। इन तीनों के जो मालिक बनेगी वो बनेंगे चन्द्रमा गृह। मीनाक्षी, डा। चित्रा, धनिष्ठा। इन तीनों के जो मालिक बनेंगे वो बनेंगे मंगल के हैं। आद्रा, स्वाति। और शतभिषा इन तीनों बनेंगे राहुल गृह पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वा भाद्रपद इन तीनों के मालिक बनेंगे। गुरु बृहस्पति ग्रह है। उससे अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद, इन। तीनों के जो मालिक बनेगी वो बनेंगे। शनि है। अश्लेषा, ज्येष्ठा और युवती इन तीनों का। जो मालिक बनेंगे, वो बनेंगे। तो ये महीने बाद आपको बताया 27 नक्षत्र के बारे में और जो इनके मालिक बनते हैं यानी की। जो इनके मालिक। रहें बनते है वो ही है बनते हैं। तो आपको वीडियो पसंद आई हो तो लाइक करे, शेर करें और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। नमस्कार।
Tattvas Fire/Agni Tattva- Gruhas - Mangal and Surya Gruha Raashi - 1, 5, 9 Earth/Prithvi Tattva - Gruhas - Budh Gruha Raashi - 2, 6, 10 Raashi Air/Vayu - Gruhas - DevGuru Brihaspati, Shani, Rahu aur Ketu Gruhas Raashi - 3, 7, 11 Water/Jaal - Gruhas - ChandraMa and Shukr Gruhas Raashi - 4, 8, 12
Janam Kundli has 9 planets with 7 planets viz. Surya/Sun, Chandra/Moon, Mangal/Mars, Budh/Mercury, Guru/Jupiter, Shukr/Venus, Shani with two remaining planets, Rahu and Ketu that are called Chahaya Gruha or Shadow planets. So let's understand what are the characteristics of each planet in our life. How do they play their role in our life? Like, the Surya Gruha is Pita karak, and 2 minutes away. It is the reason/karak for government jobs, for energy(Urja) and strength(Shakti) in the body, heart, and bones. The second is Chandra Gruha and it is our Mata Karak, Maan(Mind) Karak and all things of liquidity like water etc. come under ChandraMa. Our mind keeps changing its thoughts every second because Chandra is the fastest planet, hence our thoughts keep changing rapidly. Now let's talk about the planet Mangal Gruha(Mars) - It is reason(karak) for our younger brothers and sisters, our courage, the police, army, Land, buildings, vehicles i.e. all the property related things are seen because of Mangal Gruha/Mars. And Mars is linked with our marriage i.e. whatever is seen in the marriage, the biggest role is played by Mars because whatever Mangal Gruha is linked to our physical body/fitness/gyms. It is also the reason of energy and the Anger is also Mangal. So if Mangal is not good in someone's Kundli that means he will tend to get angry and irritable. Now let's talk about planet Budh/Mercury. Budh/Mercury is the reason for Budhi/Intelligence and also for business and Speech. So to see the speech it is very important to see Mercury planet. It also helps tell us what type of business we should be done in life. Now let us talk about Brihaspati/Jupiter, which is the house of Knowledge, Happiness, the significator of children, husband is also Jupiter. Jupiter is also responsible for teaching and has a big role in the Kundli. The person is a good teacher and knowledgeable and able to impact knowledge to others. The horoscope says that Hanuman is intelligent and he will also have the ability to impart knowledge to others. This is told by Dev Guru Brihaspati. Now let us talk about Shukr/Venus was the factor of our origin. And this wife is the gravy, that is, the ruling planet of the wife is also Venus and all the luxurious things in life like hotels, cars, vehicles, perfume, clothes etc. Now let us talk about Shani Gruha/Saturn. Saturn is the factor of job, justice, sorrow, pain, suffering etc. Now let's talk about Rahu Gruha - It is a Chahaya Gruha/Shadow planet of Saturn. It is reason behind lottery, gambling, betting, all this is seen from Rahu planet. So, if Rahu is bad then the person will be linked to gambling and betting and will have a tendency to be interested in these things. And Rahu planet is the cause of technology, so technology is increasing in today's era. Ketu is the cause of Moksh/Salvation and also the cause of illness. So the three planets Saturn, Rahu. Ketu are the planets responsible for the pain and suffering in our life.
Please add translation to video आज लेक्चर टू हैं, जिनको ऑलरेडी का। तो जैसा की हमने पहले ही लेक्चर वन में बताया की ये 12 भाव होते हैं। और उनका क्या क्या मीनिंग होता है? आज हम जानने वाले है की जो ये 12 भाव है इसमें पहले भाव के मालिक कौन बनता है? यह उसकी कुंडली बनती है। और इसमें पहले बहू का जो मालिक बनता है वो मंगल बनता है क्योंकि यहाँ पर जो नंबर है वो एक नंबर है। एक नंबर होता है मेष राशि का। इसको एरीज बोलते है इंग्लिश में। तो इसका मालिक बनाओ मंगल। दूसरे घर का मालिक बनता है शुक्र, क्योंकि यहाँ पर टोरस राशि बनती है। और हिंदी में इसको भी बोलते तो दूसरे घर का सोनी बना शुक्र देव। 30,000 का सोना बनता है बुध देवता जो कि मिथुन राशि होती है। चौथे घर का मालिक बनता है। कर्क राशि का। चन्द्रमा देवता जो कि कैंसर राशि इस को कहा गया है। पांचवें घर का जो मालिक बनता है वो बनता है सूर्य देवता जो की लियो राशि होती है। सिंह राशि होती है। छठे भाव का छठे भाव के स्वामी बनते हैं बुध देवता। ये तीसरे भाव के स्वामी बनते हैं और साथ में छठे भाव के स्वामी बनते हैं। यानी के। मिथुन राशि के और साथ में कन्या राशि के दोनों के ये मालिक बनते। हैं। सातवें भाव के मालिक बनते हैं शुक्र देवता ये लिब्रा राशि होती है लिब्रा साइन होता है ये तो लाना सी। ये दूसरे भाव के स्वामी बनते हैं और साथ में सातवें स्थान के मालिक भी बनते है। आठवें स्थान के मालिक बनते हैं मंगल देवता जो कि पहले भाव के स्वामी बनते हैं। साथ में अष्टम भाव के मालिक भी बनते है। इसको इसको टू रस भी कहा गया। नवी स्थान के मालिक बनते हैं गुरु बृहस्पति देवता जोकि से रिटेलर्स साइन होता है। और साथ में दसवें घर के जो मालिक बनते है वो बनते हैं शनि देव जो की कैप्रिकॉन साइन होता। है करना सी। ज्ञानती स्थान के मालिक बनते हैं। शनि देव जो की 10 वीं के भी मालिक बनते हैं और साथ में ग्यारहवीं के भी और ये एक वायरस साइन होता है। कुंभ साइन यानी की कुंभ राशि होती। बाली स्थान के जो मालिक बनते है वो बनते हैं। गुरु बृहस्पति जो की होता है। मीन राशिः तो ये हमने बताया आपको की ये 12 घर है ये इनकी। 12 राशियां होती है। उनके कौन कौन से मालिक बनते रह? गए। अब हम जानते हैं की जो ये मंगल है, यह पहले भाव के स्वामी भी हैं। अष्टम भाव के भी स्वामी है। इनमें 74 को मूल त्रिकोण होता है। यानी कि किस घर में यह सबसे ज्यादा कंफर्टेबल पर अच्छा रिज़ल्ट देते है। उसको हम बोलते है। मूल त्रिकोण तो मूल त्रिकोण का जो इम्पोर्टेन्स होता है वो होता है की जैसे मंगल हो तो मंगल जो मेज राशि के लिए और। स्कूल में नर्स यानी के। इस कोड पे बने मंगल और मंगल तो इसमें जो सबसे ज्यादा अच्छा रिज़ल्ट देंगे ये देंगे इस कोर्ट में जाएंगे में सबसे ज्यादा ये अच्छा रिज़ल्ट देंगे क्योंकि ये इनकी मूल त्रिकोण राशि है। इसके साथ ही शुक्र देव शुकदेव की जैसे हमने बताया आपको दो राशि होती है वृषभ और तुला। इनमें इनका जो मूल त्रिकोण यानी की किस्मे सबसे ज्यादा कम्फर्टेबल और अच्छा रिज़ल्ट देंगे वो इनकी मौत त्रिकोण राशि बनती है। तुला राशि तुला राशि में शुक्र देवता बहुत अच्छा रिज़ल्ट देते हैं। बुध देवता यानी की जो बुध देवता की जो दो राशि है मिथुन और कन्या। इन दोनों में जो इनकी मूर्ति कौन राशि बनेगी वो एक ही बनेगी कन्या राशी। ये वाली तो कन्या राशि में बुध देवता बहुत अच्छा रिज़ल्ट देंगे। ये इनकी मूर्ति कौनसी बनती है? कर्क कर्क में चंद्रमा यानी कि इनकी तो एक ही राशि होती है कर की तो ये इसमें एक रहेगा। इनका और सिंह यानी सूर्य सूर्य भी। अब उनकी एक राशि होती है तो इनकी एक ये अच्छी राशि यही बनेगी इनकी। हम बड़ी आती हैं। गुरु बृहस्पति गुरु बृहस्पति की दो। राशियां जैसे हमने बताया। ये वाली होती है और साथ में मिनस होती। तो इसमें इनकी जो कंफर्टेबल और मूल त्रिकोण राशि बनेगी वो इनकी बनेगी। ये वाली। ठीक है ना, तो? वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मी। तो इनमे जो बृहस्पतिदेव है, इनकी धनराशि ही सबसे ज्यादा अच्छा रिज़ल्ट देगी। यही इनकी मूल त्रिकोण राशि बनती। अब बारी आती है शनिदेव की शनिदेव की दो रस्सी जैसे हमने बताया मकर और कुंभ। इसमें इनका जो अच्छा रिज़ल्ट होगा कम्फर्टेबल जो इनकी राशि है, अच्छा रिज़ल्ट वाली हैं वो इनकी ये वाली। कुंभ राशि इसमें इनका। सबसे ज्यादा अच्छा रिज़ल्ट हो गयी होगा। तो ये हमने बताया आपको ये ऐसी होती हैं और इनके मालिक बनते हैं हर नासिक के। तो आज कल लेक्चर जो सेकंड है ये हमने कंप्लीट किया है आप सभी को। यह पसंद है वो तो लाइक करे, सब्सक्राइब करे चैनल को शेयर जरूर करें नमस्कार।
Please edit and add transcript जन्म कुंडली क्या होती है और इसके क्या फायदे होते हैं? जन्म कुंडली जन्म Patrika. र ये जो आपको नंबर दिख रहे हैं ये हमारी जीवस कुंडली के भाव होते हैं। 12 भाव होते हैं यह पहला भाव होता है ये दूसरा ऐसे ही 12। भाव होते हैं। पहला भाव उनको क्या दर्शाता है? और जनम कुंडली का क्या फायदा होता है? शादी। बचाओ, पढ़ाई इन सब के जो योग होते हैं वो जन्मकुंडली में बनते हैं। इससे हमारी प्रीडिक्शन निकलती है कि जीवन में कब क्या घटित होगा और किस समय पर घटित होगा ये जन्मकुंडली से पता चलता है। पहला स्थान हमारी पर्सनैलिटी को हमारी बॉडी। हमारी थिन किन्ग ये सब चीज़ पहला स्थान बनाता है जन्मभूमि में। दूसरे स्थान बताता है कुटुम्ब और बानु कितना धन होगा, फैमिली मेंबर्स कैसे होंगे, फैमिली कैसी होगी और हमारी वाणी कैसी होगी, ये सेकंड उससे पता चलता। है कुंडली के। तीसरे घर से। यानी की तीसरे स्थान से पता चलता है। हमारी छोटे भाई बहन का छोटे यात्राएं जीवन में और हमारा पराक्रम हमारी मेहनत ये तीसरे स्थान से पता चलता है। 34 साल से पता चलता है की हमारी माता का सुख माता कैसी होगी, माता की हेल्थ कैसी होगी, प्रॉपर्टी, जमीन, जायदाद इन सबका सुख कैसा रहेगा? कौर वीकली सबका। सुख घर का सुख का सुख जो पता चलता है, हमको फ़ोर था, उससे पता चलता है की चौथा स्थान क्या दर्श। ऐसे ही पांचवें स्थान को दिखाता है संतान सुख, संतान सुख और जो अन सर्टेन स्किन होते है लाइफ में अचानक से और साथ में जो शेयर मार्केट होती। है, वो भी फिफ्थ स्थान। से पता चलता है पांचवे घर से पता चलता है और क्रिएटिविटी कुछ लोग बहुत क्रिएटिव होते हैं। कुछ बच्चे बहुत क्रिएटिव होते। हैं तो वो। हमारा ऑफिस तरह से पता चलता है। उसके बाद आते हैं हम। लो ग्रीन रिपु लिटिगेशन, कोर्ट कचहरी, मुकदमा, बिमारी ये सब छठा घर बताता है। सातवाँ स्थान सातवाँ स्थान वाली जीवनसाथी का होता है। जीवन साथी का पता चलता है कि हमारे जीवन साथी कैसा होगा। उसका स्वभाव कैसा होगा, उसके साथ हमारी कैसी बनेगी? ये हमारा सातवें स्थान दिखाता है और बिज़नेस पार्टनरशिप भी सातवें स्थानीय बताता है। आठवें स्थान मृत्युस्थान होता है। जो भी जीवन में बुरी घटनाएं होती हैं वो सब आठवें स्थान दिखाता है। ससुराल का धर्म आठवें स्थान दिखा रहा है। इसके बाद चलते हैं कन्नौज स्थान पर नौ। अगर बताता है हमारे पिता को पिता का सुख कैसे मिलेगा, हम को भाग्य स्थान होता है न स्थान ये भाग्य दिखाता है कि हम कितने भाग्यशाली हैं, लंबी यात्रा है, विदेश यात्रा है, ये सब नो भाव होता है। दसवें स्थान 10 वां स्थान बताता है। हमारे कर्म को, हमारे कामकाज को, हम जीवन में क्या काम करेंगे, हमारे नेम एंड फेम कैसा होगा? बताता है प्रो फैशन कैसा होगा? 11 वें स्थान बताता है इच्छापूर्ति को डिज़ैर फुलफिलमेंट को और लाभ को जीवन में कितना लाभ मिलेगा, किस काम से क्या लाभ मिलेगा और कितना अच्छा गेन मिलेगा। हमारी लाइफ में ये सब कुछ जन्मस्थान बताता है। बारिश स्थान पर आते हैं जो अंतिम स्थान होता है। जन्म कुंडली में ये हॉस्पिटल का, खर्चों का, जेल यात्रा का और बीते इसमें सैटलमेंट का, फॉरेन सैटलमेंट का ये होता है। इन सबसे पता लगता है तो हमने जाना कि पहले स्थान से लेकर 92 स्थान तक।
bahut sahi jaankari di aapne
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amazing knowledge
You're doing great Bhai. Support from Nepal
Thanku 🙏🙏
Very nice 👍👍👍👍
Nice 🙂