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Приєднався 21 січ 2023
इस पीपल के पेड़ से आती है डरावनी आवाज़ें । यहां 54 लोगों सर धड़ से अलग किया । औरंगाबाद का नरसंहार..
इस पीपल के पेड़ से आती है डरावनी आवाज़ें । यहां 54 लोगों सर धड़ से अलग किया । औरंगाबाद का नरसंहार..
औरंगाबाद जिले के दलेलचक बघौरा नरसंहार की यादें आज भी लोगों की जेहन में है। गांव से लोग पलायन कर चुके हैं। कुछ परिवार ही हैं। 27 मई 1987 की रात यहां के 57 महिला-पुरुष एवं बच्चों की हत्या कर दी गई थी।
दलेलचक-बघौरा नरसंहार। 27 मई 1987 की काली रात। 33 वर्ष पहले की वह याद आज भी लोगों के जेहन से निकली नहीं है। हर साल जब मई महीने की 27 तारीख आती है तो यादें ताजा हो जाती हैं। उनकी आंखों के सामने 33 साल पहले हुए नरसंहार की तस्वीरें घूमने लगती हैं। बिहार के बड़े नरसंहारों की लंबी फेहरिस्त में दलेलचक-बघौरा का नाम प्रमुख है। यहां एक ही रात में एक जाति विशेष के 57 पुरुषों, महिलाओं व बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ने इस नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी।
ढाई वर्ष के बच्चे से लेकर 105 वर्ष की वृद्धा तक का रेत दिया था गला
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के दलेलचक और बघौरा गांव में 27 मई की रात 57 लोगों की हत्या कर दी गई थी। ढ़ाई साल के मासूम से लेकर 105 साल की वृद्ध महिला तक की हत्या कर दी गई थी। स्थानीय लोगों की माने तो शाम सात बजे पांच से सात सौ की संख्या में हथियार के साथ पहुंचे उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया था। बुजुर्गों की माने तो दलेलचक और बघौरा में खूनी लड़ाई की एक कड़ी थी। इसकी प्रतिक्रिया में छेछानी गांव को जला दिया गया था। इससे वहां सात लोग मारे गए थे। इसी तरह सात के बदले 11 का जवाब इस गांव में दिया गया था। इसके बाद सीताथापा पहाड़ पर कुछ लोगों ने बैठक की। उसमें तीन गांवों को जलाने की योजना बनी थी।
दलेलचक-बघौरा नरसंहार। 27 मई 1987 की काली रात। 33 वर्ष पहले की वह याद आज भी लोगों के जेहन से निकली नहीं है। हर साल जब मई महीने की 27 तारीख आती है तो यादें ताजा हो जाती हैं। उनकी आंखों के सामने 33 साल पहले हुए नरसंहार की तस्वीरें घूमने लगती हैं। बिहार के बड़े नरसंहारों की लंबी फेहरिस्त में दलेलचक-बघौरा का नाम प्रमुख है। यहां एक ही रात में एक जाति विशेष के 57 पुरुषों, महिलाओं व बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ने इस नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी।ढाई वर्ष के बच्चे से लेकर 105 वर्ष की वृद्धा तक का रेत दिया था गला। स्थानीय लोगों की माने तो शाम सात बजे पांच से सात सौ की संख्या में हथियार के साथ पहुंचे उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया था। बुजुर्गों की माने तो दलेलचक और बघौरा में खूनी लड़ाई की एक कड़ी थी। इसकी प्रतिक्रिया में छेछानी गांव को जला दिया गया था। इससे वहां सात लोग मारे गए थे। इसी तरह सात के बदले 11 का जवाब इस गांव में दिया गया था। इसके बाद सीताथापा पहाड़ पर कुछ लोगों ने बैठक की। उसमें तीन गांवों को जलाने की योजना बनी थी। 27 मई 1987 शुक्रवार की शाम सात बजे दलेलचक और बघौरा गांव में आगजनी करते हुए ग्रामीणों के हाथ-पांव बांध कर मैदान में उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। कुछ लोगों को जिंदा भी जला दिया गया। बघौरा गांव में जिस पीपल के वृक्ष के नीचे लोगों को काट दिया गया था वहां आज भी उस नरसंहार के निशान हैं। धारदार हथियार से लगे वृक्ष के घाव नहीं भरे हैं।लोगों की माने तो आज भी वहां से डरावनी आवाज आती है। लोग कभी रात में इस क्षेत्र में नहीं जाते हैं। लोगों की माने तो उस वक्त जगह-जगह खून के थक्के जमा थे। घर के बर्तन बिखरे पड़े थे। कीवाड़ व दरवाजे जल चुके थे। हत्यारों ने गांव को घेर कर नारा लगाया था। इसके बाद हत्यारों ने कहा कि खबरदार जो जहां है वहीं रहेगा। इसके बाद लोगों को पकड़कर बांधा गया। एक जगह ले जाकर पेड़ के नीचे हत्या की गई थी। (खून से लाल हो गया था इस कुएं का पानी।घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दूबे, वित्त मंत्री समेत तत्कालीन सभी विभागों के मंत्री पहुंचे थे। उस वक्त तरह-तरह की घोषणा भी की गई थी। गांव में बिजली की रोशनी पहुंचेगी, सिंचाई व्यवस्था होगी, लोगों को नौकरी दी जाएगी लेकिन अभी तक इन दोनों गांव में विकास की कोई किरण नहीं पहुंची। दलेलचक गांव में सिर्फ विद्यालय खोला गया लेकिन उसका संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। बघौरा गांव में सड़ की हालत खराब है। सिंचाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है। सबसे दयनीय हालात बघौरा गांव का है। यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। कुएं के पानी में है लालिमा
बघौरा स्थित वो कुआं जहां मार कर लोगों को डाल दिया गया था उसके पानी में आज भी लालिमा है। बता दें कि इस हत्याकांड के बाद जो लोग रहते थे आज वह भी गांव से भाग गए। अब उस गांव में मात्र दो-तीन घरों में ही लोग रहते हैं। बघौरा गांव के सीताराम जी के परिवार में कोई भी नहीं बचा था।
आठ को हुई थी सजा
इस मामले में बघौरा निवासी सत्येंद्र कुमार सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में करीब 177 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इनमे से आठ लोगों को दोषी करार दिया गया था। बाकी बरी हो गए थे। इन आठ लोगों को हाईकोर्ट ने फांसी की सजा मुकर्रर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए फांस की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी भी कर दिया है।
Disclaimer
इस वीडियो के माध्यम से समाज में घट रही
घटनाओं को लोगों तक पहुंचा कर हम केवल लोगो को जागरूक
करने का कार्य कर रहे हैं तथा इस वीडियो के माध्यम से किसी की भावनाओं को आहत करना हमारा उद्देश्य नहीं है
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Copyright Act 1976, allowance is made for "fair
use" for purposes such as criticism, comment,
news reporting, teaching, scholarship, education
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#@Trendingfact43
@bijendra8
#औरंगाबाद
#newsupdate
औरंगाबाद जिले के दलेलचक बघौरा नरसंहार की यादें आज भी लोगों की जेहन में है। गांव से लोग पलायन कर चुके हैं। कुछ परिवार ही हैं। 27 मई 1987 की रात यहां के 57 महिला-पुरुष एवं बच्चों की हत्या कर दी गई थी।
दलेलचक-बघौरा नरसंहार। 27 मई 1987 की काली रात। 33 वर्ष पहले की वह याद आज भी लोगों के जेहन से निकली नहीं है। हर साल जब मई महीने की 27 तारीख आती है तो यादें ताजा हो जाती हैं। उनकी आंखों के सामने 33 साल पहले हुए नरसंहार की तस्वीरें घूमने लगती हैं। बिहार के बड़े नरसंहारों की लंबी फेहरिस्त में दलेलचक-बघौरा का नाम प्रमुख है। यहां एक ही रात में एक जाति विशेष के 57 पुरुषों, महिलाओं व बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ने इस नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी।
ढाई वर्ष के बच्चे से लेकर 105 वर्ष की वृद्धा तक का रेत दिया था गला
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के दलेलचक और बघौरा गांव में 27 मई की रात 57 लोगों की हत्या कर दी गई थी। ढ़ाई साल के मासूम से लेकर 105 साल की वृद्ध महिला तक की हत्या कर दी गई थी। स्थानीय लोगों की माने तो शाम सात बजे पांच से सात सौ की संख्या में हथियार के साथ पहुंचे उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया था। बुजुर्गों की माने तो दलेलचक और बघौरा में खूनी लड़ाई की एक कड़ी थी। इसकी प्रतिक्रिया में छेछानी गांव को जला दिया गया था। इससे वहां सात लोग मारे गए थे। इसी तरह सात के बदले 11 का जवाब इस गांव में दिया गया था। इसके बाद सीताथापा पहाड़ पर कुछ लोगों ने बैठक की। उसमें तीन गांवों को जलाने की योजना बनी थी।
दलेलचक-बघौरा नरसंहार। 27 मई 1987 की काली रात। 33 वर्ष पहले की वह याद आज भी लोगों के जेहन से निकली नहीं है। हर साल जब मई महीने की 27 तारीख आती है तो यादें ताजा हो जाती हैं। उनकी आंखों के सामने 33 साल पहले हुए नरसंहार की तस्वीरें घूमने लगती हैं। बिहार के बड़े नरसंहारों की लंबी फेहरिस्त में दलेलचक-बघौरा का नाम प्रमुख है। यहां एक ही रात में एक जाति विशेष के 57 पुरुषों, महिलाओं व बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ने इस नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी।ढाई वर्ष के बच्चे से लेकर 105 वर्ष की वृद्धा तक का रेत दिया था गला। स्थानीय लोगों की माने तो शाम सात बजे पांच से सात सौ की संख्या में हथियार के साथ पहुंचे उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया था। बुजुर्गों की माने तो दलेलचक और बघौरा में खूनी लड़ाई की एक कड़ी थी। इसकी प्रतिक्रिया में छेछानी गांव को जला दिया गया था। इससे वहां सात लोग मारे गए थे। इसी तरह सात के बदले 11 का जवाब इस गांव में दिया गया था। इसके बाद सीताथापा पहाड़ पर कुछ लोगों ने बैठक की। उसमें तीन गांवों को जलाने की योजना बनी थी। 27 मई 1987 शुक्रवार की शाम सात बजे दलेलचक और बघौरा गांव में आगजनी करते हुए ग्रामीणों के हाथ-पांव बांध कर मैदान में उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। कुछ लोगों को जिंदा भी जला दिया गया। बघौरा गांव में जिस पीपल के वृक्ष के नीचे लोगों को काट दिया गया था वहां आज भी उस नरसंहार के निशान हैं। धारदार हथियार से लगे वृक्ष के घाव नहीं भरे हैं।लोगों की माने तो आज भी वहां से डरावनी आवाज आती है। लोग कभी रात में इस क्षेत्र में नहीं जाते हैं। लोगों की माने तो उस वक्त जगह-जगह खून के थक्के जमा थे। घर के बर्तन बिखरे पड़े थे। कीवाड़ व दरवाजे जल चुके थे। हत्यारों ने गांव को घेर कर नारा लगाया था। इसके बाद हत्यारों ने कहा कि खबरदार जो जहां है वहीं रहेगा। इसके बाद लोगों को पकड़कर बांधा गया। एक जगह ले जाकर पेड़ के नीचे हत्या की गई थी। (खून से लाल हो गया था इस कुएं का पानी।घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दूबे, वित्त मंत्री समेत तत्कालीन सभी विभागों के मंत्री पहुंचे थे। उस वक्त तरह-तरह की घोषणा भी की गई थी। गांव में बिजली की रोशनी पहुंचेगी, सिंचाई व्यवस्था होगी, लोगों को नौकरी दी जाएगी लेकिन अभी तक इन दोनों गांव में विकास की कोई किरण नहीं पहुंची। दलेलचक गांव में सिर्फ विद्यालय खोला गया लेकिन उसका संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। बघौरा गांव में सड़ की हालत खराब है। सिंचाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है। सबसे दयनीय हालात बघौरा गांव का है। यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। कुएं के पानी में है लालिमा
बघौरा स्थित वो कुआं जहां मार कर लोगों को डाल दिया गया था उसके पानी में आज भी लालिमा है। बता दें कि इस हत्याकांड के बाद जो लोग रहते थे आज वह भी गांव से भाग गए। अब उस गांव में मात्र दो-तीन घरों में ही लोग रहते हैं। बघौरा गांव के सीताराम जी के परिवार में कोई भी नहीं बचा था।
आठ को हुई थी सजा
इस मामले में बघौरा निवासी सत्येंद्र कुमार सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में करीब 177 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इनमे से आठ लोगों को दोषी करार दिया गया था। बाकी बरी हो गए थे। इन आठ लोगों को हाईकोर्ट ने फांसी की सजा मुकर्रर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए फांस की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपितों को बरी भी कर दिया है।
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यूपी में Map ने दिखाया गलत रूट,अधूरे निर्माणधीन पुल से नीचे गिरीकार, तीन की मौत#बदायूं #badaun
Переглядів 5567 днів тому
यूपी में Map ने दिखाया गलत रूट, अधूरे निर्माणधीन पुल से नीचे गिरी कार, तीन की मौत UP Road Accident: बरेली-बदायूं जिले की सीमा पर देर रात एक कार हादसा चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल, कार सवार गाजियाबाद जाने के लिए मैप देखकर शार्टकट रास्ते ढूंढ रहे थे, जो हादसे की वजह बनी. उत्तर प्रदेश के बरेली और बदायूं जिले की सीमा पर एक भीषण सड़क हादसा हुआ. इस हादसे में एक कार टैक्सी रामगंगा नदी पर बने फरीदपुर...
देहरादून में पांच दोस्तों की मृत्यु । Five friends died in Dehradun । CCTV फुटेज viral #viralvideo
Переглядів 10 тис.17 днів тому
Five friends died in Dehradun देहरादून में पांच दोस्तों की मृत्यु । How did this incident happen? उत्तराखंड के देहरादून में दोस्तों के एक समूह के लिए पार्टी के बाद की मौज-मस्ती आखिरी साबित हुई, जब उनकी कार 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक ट्रक से टकरा गई, जिससे उनमें से छह की मौत हो गई। यह दुर्घटना 12 नवंबर को शहर के ओएनजीसी चौक पर हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह समूह पीड़ितों में से...
पेट की हर बीमारी का इलाज । मोटा अनाज । कड़ी मेहनत के बाद मिलती है बाजरा की रोटी । सूख जाती है किसान.
Переглядів 11520 днів тому
पेट की हर बीमारी का इलाज । मोटा अनाज । कड़ी मेहनत के बाद मिलती है रोटी । सू जाती है किसान की बॉडी । #viralvideo #trendingvideo #farming #farmer #मोटाअनाज #कब्ज #पेट की बीमारी
पुलिस ने जड़ा कलेक्टर को थप्पड़ 😱। collector slapped by the police man । जब पता चला तो उड़ गए होश।
Переглядів 188Місяць тому
पुलिस ने जड़ा कलेक्टर को थप्पड़ 😱। collector slapped by the police man । जब पता चला तो उड़ गए होश। #viralvideo #moralstory #moralstories #truestory @Trendingfact43
इतना बड़ा पंखा 😱 । The biggest fan 😱 । खाटू श्याम के दरबार में ।लाइव भव्य दर्शन खाटू श्याम भगवान के
Переглядів 10 тис.Місяць тому
इतना बड़ा पंखा 😱 । The biggest fan 😱 । खाटू श्याम के दरबार में ।लाइव भव्य दर्शन खाटू श्याम भगवान के #viralvideo #खाटू #खाटूश्याम #खाटूश्यामजी #खाटूशयामजी #khatushyam #khatu #khatudham #khatushyamji #facts @Trendingfact43 @bijendra8
गोरखपुर का रामगढ़ ताल। Ramgarh pool of Gorakhpur। #viralvideo #गोरखपुर #facts #gorakhpur .........
Переглядів 51Місяць тому
गोरखपुर शहर के अन्दर स्थित एक विशाल तालाब (ताल) है। यह ७२३ हेक्टेयर (लगभग १८०० एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका परिमाप लगभग १८ किमी है। जनश्रुतियों एवम् बौद्ध ग्रन्थों से पता चलता है कि यह प्राचीन समय छठी शताब्दी में नागवंशी कोलिय गणराज्य की राजधानी थी जिस वंश की गौतम बुद्ध की माता एवम् उनकी पत्नी थी इसलिए प्राचीन काल में गोरखपुर का प्राचीन नाम रामग्राम भी था। इस ताल का केवल गोरखपुर के स्तर ...
Train musium of Gorakhpur | गोरखपुर का रेल संग्रालय |बच्चों को घुमाने के लिए सबसे सस्ती व अच्छी जगह|
Переглядів 140Місяць тому
एक रेलवे संग्रहालय एक संग्रहालय है जो रेल से संबंधित परिवहन के सभी पहलुओं के इतिहास की पड़ताल करता है, जिसमें शामिल हैं: लोकोमोटिव (भाप, डीजल और इलेक्ट्रिक), रेलवे कार, ट्राम और रेलवे सिग्नलिंग उपकरण। वे संग्रहालय के आधार पर ऐतिहासिक उपकरण भी संचालित कर सकते हैं। इस सुन्दर भवन का निर्माण तत्कालीन बंगाल एवं उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा वर्ष 1890 से 1900 के मध्य आवासीय उद्देश्य से किया गया | महाप्रब...
Zoo of Gorakhpur | गोरखपुर का चिड़िया घर | Gorakhpur ka chidiya ghar |🦒#gorakhpur #zoo #viralvideo
Переглядів 229Місяць тому
शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणी उद्यान, गोरखपुर अथवा गोरखपुर चिड़ियाघर एक निर्माणाधीन चिड़ियाघर है। Information- Shaheed Ashfaq Ullah Khan Prani Udyan, Gorakhpur or Gorakhpur Zoological Garden commonly known as Gorakhpur Zoo is a Zoological Garden in Gorakhpur UttarPradesh, India It is named after famous Indian freedom fighter, shahed Asfakqullah khan. With an area of 121.342 acres it will be the ...
भव्य व दिव्य मंदिर गोरखपुर , दर्शन मात्र से ही लाभ होगा #गोरखपुर #गोरखनाथभजन #गोरखपुर मंदिर#temple
Переглядів 271Місяць тому
भव्य व दिव्य मंदिर गोरखपुर , दर्शन मात्र से ही लाभ होगा गोरखनाथ मन्दिर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। बाबा गोरखनाथ के नाम पर इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा है। गोरखनाथ मन्दिर के वर्तमान महंत श्री बाबा योगी आदित्यनाथ जी हैं जो अपनी जाति त्याग कर नाथ जोगी बन गए,जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। मकर संक्रान्ति के अवसर पर यहाँ एक माह चलने वाला विशाल मेला लगता है जो 'खिचड़ी...
अजीबो*गरीब*वास्तविक*घटना 😱 प्रेमिका *ने *कटा *प्रेमी *का *गुप्तांग* #viralvideo #facts #moralstory
Переглядів 27Місяць тому
अजीबो*गरीब*वास्तविक*घटना 😱 प्रेमिका *ने *कटा *प्रेमी *का *गुप्तांग* #viralvideo #facts #moralstory #story
pm internship Online registration kaise kare ? पीएम इंटर्नशिप योजना में आवेदन कैसे करे ? #berojgari
Переглядів 205Місяць тому
Internship Scheme In Hindi: प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना 2024 युवाओं के लिए सुनहरा अवसर लेकर आई है. इस योजना के तहत, टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा, जिसमें उम्मीदवारों को 12 महीने तक हर महीने ₹5,000 दिए जायेंगे. सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना है. योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानना जरूरी हैPM Internsh...
PM Internship Yojana प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना क्या है?आवेदन कब से शुरू,पात्रताआवेदन कैसे करें..
Переглядів 50Місяць тому
PM Internship Yojana 2024: पीएम इंटर्नशिप योजना में सभी बेरोजगार युवाओं को मिलेंगी नौकरी आवेदन जल्द ही शुरू PM Internship Yojana 2024: पीएम इंटर्नशिप योजना में सभी बेरोजगार युवाओं को मिलेंगी नौकरी आवेदन जल्द ही शुरू PM Internship Yojana 2024:- एक नई पहल है, जिसे केंद्र सरकार ने युवा बेरोजगारी को कम करने और उन्हें व्यावसायिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया है। इस योजना का लक्ष्य अगले ...
क्या देख कर पीछे हटा ।🏇🏇
Переглядів 719 тис.Місяць тому
गोवा में आज भीषण हादसा #गोवा#न्यूज़ #viralvideo #viralshorts
Переглядів 266Місяць тому
Jay shree shyam 🌹🙏
Jai shree shyam 💞💞💞
😭😭😭😭😭😭😭😭😔🎎
मेरी तो यह वीडियो देखकर आंखें नम हो गई बहुत ही दुखद घटना हुई होगी उस समय😢
😔😢दुखद
वर्तमान में इंसान इंसान का ही दुश्मन बन गया है😢 बहुत ही दुखद
सर वीडियो को फास्ट क्यों कर दिया है 😂
😂
🎎
ऐसी घटना दुबारा न हो इसी में भगवान से प्रार्थना करता हूं ॐ शांति 🙏
बहुत ही दुर्घटना थी😢
O my god 😭😭😭😭
उसे समय की बहुत ही दर्दनाक घटना थी ये 😢
वीडियो बहुत फास्ट है😢
जी हां 😢
जय श्री श्याम ॐ श्रीं श्याम देवाय नमः 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ओम शांति भगवान आत्मा कोशांति दे 😢
वास्तव में रात में गूगल मैप काम नहीं करता है मैंने भी कई बार आजमाया है so sad 😢
बहुत ही दुखद घटना है भगवान आत्मा को शांति दे और परिवार को इस दुख की घड़ी में , दुख सहन करने कीशक्ति प्रदान करें😢😢
सर वीडियो के अंत में आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है कि 🫡🫡🫡🫡🫡
इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही देखने को मिलती है भगवान दिव्यागत आत्मा को शांति दे और परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे 😢
बहुत ही दुखद घटना भगवान आत्मा को शांति दे 😢
ॐ शांति 😢
साथियों वीडियो की थोड़ी स्पीड से चलाकर देखेंगे तो और भी अधिक वीडियो देखने /सुनने में अच्छा लगेगा 😂❤
बिल्कुल सर 😂
सर जी आप ही थोड़ा फास्ट बोला करिए 😅 लेकिन सर यह घटना बहुत ही दुखद है😢
सर बाद में आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है❤
100% Satya raat mein Google map Kam nahin karta hai 😢
भगवान आत्मा को शांतिदे😢
Jai ho nice horse❤🎉
Jai ho baba ji ki ❤
Jay shree shyam baba aaj meri manokamna Puri kijiye lakhdatar ki jay hare ka sahara ki jay
Mar gye thik hua h q ki sharb peeaker chle gye to asa hi hoga 😅😅😅😅😅
Jai shree syam Baba ❤❤❤❤❤🎉❤❤❤❤❤❤
Soooooi sad
Usmaan saifi ki awaz
Baba hai ? बारासिंघा to nahi hai?
Jay shree shyam baba 🙏🌹
Copy cat ....kisi aur ka video hai ye
Isme Sirf 5 chehre hain 6th Kahan hai? Jo survive hua uska chehra bhi dikhayen.Har video mein 5 chehre hi dikha rahen hain.
Drink and drive case
Voice changer q lagaye ho😅
Red light
Jai Sri Shyam ji ki Jai ho Jai Sri Hanuman ji ki Jai ho
Har Har Mhadev ji ki Jai ho Jai Sri Hanuman ji ki Jai ho
Jai khatu shyam ji ❤❤
हृदय को झकजोर देने वाली घटना😢
भगवान आत्मा कोशांति दे।
सबसे ज्यादा दुख मां आप को हुआ होगा मरने वाले तो मर गए पर मां बाप मरते दम तक बार बार मरते रहेंगे । बहुत ही दुखद ।
Àspw
भाइयों ऐसी पार्टी से क्या फायदा जो हमारी जान की दुश्मन बन जाए 😢 भगवान आत्मा को शांति दे और परिवार वालों को दुख सहन करने की शक्ति दे।
सही कहा भाई आपने आज के युवा अपने मां बाप के बारे में तो ज्यादा सोचते नहीं है । उनके मां बाप को पूछो कितना दुख हुआ होगा।😢
बहुत ही दुखदघटना है😢
भगवान आत्मा को शांति दे और परिवार वालों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें😢
तीन बाण धारी की जय हो❤
घर बैठे मैंने देख लिया गोरखपुर का चिड़ियाघर बाओ 😂
वास्तव में किसान बहुत मेहनत करता है और उसे दो वक्त की रोटी भी चैन से नहीं मिलती है हमारे देश का यह दुर्भाग्य है
बाबा खाटू श्याम की जय तीन बाण धारी की जय❤
यह खाने में अच्छी 😂❤ लगती है
किसान पूरे दिन मेहनत करता है फिर भी उसे भरपेट खाना नहीं मिलता और एक व्यक्ति जो अपने दिमाग से ही लाखों रुपए कमा लेता है यह अंतर होता है किसानों में और अन्य में ❤
वास्तव में यह मोटा अनाज है इसे खाने से हमारा पेट फ्रेश हो जाता है और पेट की विभिन्न बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है❤
कड़ी से खाने में इसका स्वाद और बढ़ जाता है 😋😋
Hare Ke Sahare Ki Jai 🙏🙏 Jai Shree Khatu Shyam ji 🙏🙏
Om Jai Shree Shyam Devaye Namah 🙏🙏