M L Suriya - Peaceful Profit Monk ध्यान धन साधक
M L Suriya - Peaceful Profit Monk ध्यान धन साधक
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КОМЕНТАРІ

  • @rajeshbarya9938
    @rajeshbarya9938 19 днів тому

    दिगंबर जैन मुनि (नग्न जैन संत) का निर्वाण अनुभव -------------------------------------- ------------------------------------------------ दस साल पहले, मैंने एक कुएं के पास एक दिन बिताया था- दिल्ली के आसपास के प्रसिद्ध जैन संत। वह हाल ही में पश्चिमी (राजस्थान) भारत के एक महत्वपूर्ण जैन अभयारण्य, दिलवाड़ा (माउंट आबू) की यात्रा से लौटे थे। "मैंने वहां एक आदमी को देखा," उसने मुझसे कहा, "जिसने अजीब बातें कही। वह मेरी तरह एक दिगंबर (नग्न जैन संत) भिक्षु था और जैन धर्मग्रंथों का अच्छा जानकार था। लेकिन उसने ऐसा तब कहा जब उसने बड़े मंदिर के पास ध्यान लगाया एक सुबह, उसे पता चला कि सब कुछ वह ही है।" उन्होंने सोचा कि यह एक अनुभव (अनुभव) था जिसका जिक्र निग्रंथ (जैन प्रबुद्ध प्राणी) तब कर रहे होंगे जब वे उस स्थिति के बारे में बात करते हैं जिसमें तीर्थंकर खुद को पाते हैं। तब मैंने रिपोर्ट करने वाले संत को सुझाव दिया कि ऐसा, एकात्मक अनुभव वास्तव में वह नहीं है जो अत्यधिक परमाणुवादी, बहुलवादी, अलगाववादी जैन सिद्धांत सिखाता है। संत ने कुछ देर सोचा, और फिर वह एक उत्तर लेकर आए जिसका महत्व मुझे वर्षों बाद यहीं अमेरिका में तब समझ में आया जब मैंने उस निर्दोष युवा जोड़े को एलएसडी के तहत देखा।'' उन्होंने कहा, ''यदि आप उन्हें इस अनुभव के संदर्भ में पढ़ने के लिए तैयार हैं।" इसका अर्थ यह रहा होगा कि हमें अपने अनुभव को धर्मग्रंथों के संदर्भ में नहीं पढ़ना चाहिए, और कुछ इस तरह भी: "हां, जैन धर्मग्रंथ परमाणुवाद, अलगाववाद, बहुलता सिखाते हैं; लेकिन फिर वे अनेकांत और स्याद, "बहु संदर्भ" और "भी सिखाते हैं। हो सकता है"-- कहने का तात्पर्य यह है कि कोई भी व्यक्ति जो भी प्रस्ताव रखता है, उसे दूसरे प्रस्ताव द्वारा भी अस्वीकार किया जा सकता है।' और मेरा मानना ​​है कि संत ने मुझे एक रहस्य बताया होगा; कि अनेकांत और स्याद भी जैन सिद्धांत का उल्लेख करते हैं, जो शून्य (एकता का अनुभव) अनुभव द्वारा सुधार योग्य या खंडन योग्य है, जिसका खंडन नहीं किया जा सकता है - यह द्वंद्वात्मकता से बच जाता है। --- अगेहनादा भारती की पुस्तक- लाइट एट द सेंटर से- पृष्ठ 72.-------From the book- Light at the Center by Agehanada Bharati-page 72. ----------------- यूनिओ मिस्टिका ---- कैवल्य चेतना का सार्वभौमीकरण. ---- जैन मुनि का उपरोक्त वर्णन एकात्मक चेतना (कैवल्य) के बारे में है जो उन्हें अपने मन में अनंतता प्राप्त कराता है। आत्मा की यह अवस्था वह है जहां वह संपूर्ण ब्रह्मांड, संपूर्ण सृष्टि और तीनों लोकों (त्रिलोकी) के साथ एकता प्राप्त करती है। यह ध्यानात्मक चेतना की सर्वोच्च अवस्था मानी जाती है। आत्मा की इस विशेष अवस्था को चेतना का सार्वभौमीकरण भी कहा जाता है। इस प्रकार की चेतना - मन की एकात्मक स्थिति भी इलेक्ट्रॉनों जैसे परमाणु कणों के ब्रह्मांडीय उलझाव के सिद्धांत को इंगित करती है। जिसे क्वान्टम इन्टेन्गलमेंट कहते हैं । परस्पर निर्भरता, परस्पर जुड़ा हुआ जोड़ने ब्रह्मांड की सभी घटनाओं का अंतर्संबंध। परमाणु कणों के उलझने की इस प्रक्रिया को भारतीय जैन शास्त्रों में कर्म उलझाव के रूप में जाना जाता है।

  • @rajeshbarya9938
    @rajeshbarya9938 20 днів тому

    ध्याता ,ध्यान व ध्येय यह अवस्था जैन धर्म में परम शुक्ल ध्यान की अवस्था मानी जाती है .जहाँ द्रष्टा ,दृश्य और अवलोकन की प्रक्रिया में कोई भेद नहीं रह जाता . इस मौन चेतना के प्राप्त होने पर या जैसे जैसे साधक निर्विकल्प अवस्था को प्राप्त करने लगता है तब विभिन्न एंडोक्राइन ग्लैंड्स - अन्तः स्त्रावी ग्रंथियों की सक्रियता में परिवर्तन आने लगता है इसका अर्थ यही है कि मन ,देह और मस्तिष्क में बायो - फिजिओलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं ,तब उस केवलज्ञानी की अवलोकन क्रिया टनल विजन में बदल जाती है .उदहारण के तौर पर ,जैसे की जब हम किसी दूरबीन binocular या फिर किसी कैमरे से देखते हैं तो हमारी दृष्टि का फोकस केवल उतने ही क्षेत्र पर होता है ,जितना की उस लेंस से दृश्य पटल पर आरहा है . इसी प्रकार एक परम शुक्ल ध्यान को प्राप्त साधक इस प्रकार BINOCULAR VISION को प्राप्त होता है और तब ही ऐसी स्तिथि में ध्याता ,ध्यान और ध्येय , उपासक ,उपास्य और उपासना में भेद नहीं रह जाता .उपास्य के सारे गुण उपासक में प्रवेश करने लगते हैं .ऐसी एकत्व की आध्यात्मिक अवस्था को श्री अरविंद ,चेतना कावैश्विकरण होना कहते है The Universalization of Consciousn . , ज्ञाता ,ज्ञान और ज्ञेय का एक होना ,ध्यान की इस अवस्था को पतंजलि योग सूत्र मे निर्विकल्प ध्यान समाधि कहा गया है। इस निर्विकल्प ध्यान समाधि का विवरण एक योगी ज्योतिजी ने निम्नलिखित प्रकार से दिया। -------------------------------------------------- अचानक ज्योतिजी ( यह ज्योति जी भी बचपन में थियोसोफीकल सोसाइटी, चेन्नई में रहे थे व इन्हें भी भगवान मैत्रेय के व्हीकल के रूप में तैयार करने का प्रयास किया गया था ) ने देखा --- आसमान से एक ज्योतिर्मय अथवा प्रकाशमय पदार्थ सहसा आविर्भूत होकर उनमें प्रवेश कर गया और प्रवेश करके उनकी सत्ता मे मिल गया। इसके बाद उनमे एक अद्भुत परिवर्तन का भाव दिखाई देने लगा। एक अवर्णनीय आनन्द और उल्लास ने उनकी समग्र सत्ता को व्याप्त किया। उनकी अपनी सत्ता जिसका आश्रय लेकर वे हमेशा अपने को " मैं " के रूप मे प्रयोग करते रहे , वह मानो लुप्त हो गया। इस व्यक्तिगत ' अह्मत्व ' के लोप के साथ - साथ उनके ह्रदय में एक अद्भुत अनुभूति का आविर्भाव हुआ , जिसका वर्णन भाषा जरिये नहीं किया जा सकता। उस वक्त उनकी दृष्टि जिधर पड़ी , उधर देखने लगे , जैसे मैं ही वहाँ हूँ। पशु , पक्षी , कीट , पतंग , वृक्ष ,लता जिस किसी पदार्थ की ओर उनकी निगाहें जातीं , उसी पदार्थ को वह अपना स्वरुप समझते थे। अपना व्यक्तिगत " मैं " के तिरोहित हो जाने के बाद वह " मैं " (आत्म ) का भाव जगत की प्रत्येक वस्तु का अबलम्बन करते हुए आत्मप्रकाश करने लगा। तब वे देखने लगे जैसे एक " मैं " (आत्मा ) ही अनन्त "मैं "(आत्मा) के रूप मैं पशु , पक्षी, लता , पत्ते आदि का आकार लेकर प्रकट हुए हैं। इस प्रकार अपने को अपने अनन्त भावों मै देख पाने पर उनमे अपूर्व आनन्द का उल्लास उद्वेलित होने लगा। उस समय मंदिर मैं एक बिल्ली मौजूद थी , शायद वह बिल्ली देवता के भोग के लिए रखे दूध के आकर्षण से वहाँ आयी थी। बिल्ली की ओर दृष्टि -- निक्षेप करने के साथ ही - बिल्ली ही वे हैं , "मैं ही बिल्ली हूँ " यह अनुभूति उनमे उत्पन्न हुई। एक क्षण के लिए वे सोचने लगे की शायद यह अनुभूति उनके मस्तिष्क के विकार का फल है। यह अनुभव करते ही वे उस बिल्ली को पकड़ने के लिए बढ़े। बिल्ली को स्पर्श करने के साथ ही वे फिर बिल्ली को देख नहीं पाये। तब उन्होंने देखा कि -- वे स्वंय बिल्ली हैं। उस समय उनका मानव - देह का संस्कार कुछ समय के लिए लुप्त हो गया था। मानव - देह के साथ लगे हुए सभी भाव तब कुछ देर लिए गायब हो गये थे और इसके साथ ही बिल्ली की देह - वासना और संस्कार तथा प्रकृति - प्रवृति उनके अंतर मे जाग उठी थी। अथवा वास्तव मे - वे बिल्ली बन गये थे , केवल कल्पना से नहीं , भावना रूप मे नहीं , वास्तव रूप मे। बिल्ली के प्रकृति के अनुरूप संस्कार तथा वृति उनमे जाग उठी थी अर्थात बिल्ली को देखकर , बिल्ली को जानकार वे वास्तव मे बिल्ली बन गये थे। इसे ही ईश्वर - दर्शन कहते हैं। ईश्वर - दर्शन माने है --- आत्म - दर्शन। वस्तुओं मे अपने को देखना अर्थात मैं ही सब कुछ हूँ , इस भाव से सर्वत्र आत्म के दर्शन करना , यही ईश्वर दर्शन के सोपान हैं। --------- पुस्तक - साधु दर्शन और सत्प्रसंग -- लेखक - गोपीनाथ कविराज

  • @chanchalvjain3210
    @chanchalvjain3210 Місяць тому

    Jai jinedra

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      @@chanchalvjain3210 जय जिनेंद्र सा

  • @HshJsjz-r2g
    @HshJsjz-r2g Місяць тому

    अहिंसा अगर मैं दुसरे को परिपूर्ण स्वतंत्रता दे सकूं कि न तो मैं तुम्हें दुखी करूंगा और न मैं तुम्हें सुखी करुंगा मैं तुम्हें परिपूर्ण स्वतंत्रता देता हूं तुम जो होना चाहो हो जाओ मैं कोई बाधा नहीं डालूंगा उस भावका नाम अहिंसा है सागर मल सर्राफ

  • @sanjaykumarsamdani2325
    @sanjaykumarsamdani2325 Місяць тому

    Bilkul sahi

  • @sulekhashah9385
    @sulekhashah9385 Місяць тому

    Link bhejiye

  • @sulekhashah9385
    @sulekhashah9385 Місяць тому

    Yah kab aata hai pravachan time bataen please

  • @sulekhashah9385
    @sulekhashah9385 Місяць тому

    Awaaz Sahi Nahin a rahi hai

  • @kiranshah4464
    @kiranshah4464 Місяць тому

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @उत्तमश्लोक
    @उत्तमश्लोक Місяць тому

    अहंकार चमत्कार जो भासता है वह वास्तव धर्म नहीं मिथ्या है वासना भ्रम से हुआ है और पुरुष प्रयत्न करके नष्ट हो जाता है, न मैं हूँ, न मेरा कोई है ‘अहं’’मम’ में कुछ सार नहीं । जब अहंकार शान्त होगा तब दुःख भी कोई न रहेगा । जब ऐसी भावना का निश्चय दृढ़ होगा तब अहंकार नष्ट हो जावेगा और जब अहंकार नष्ट हुआ तब हेयोपादेय बुद्धि भी शान्त हो जावेगी और समता आदिक प्रसन्नता उदय होगी ।

  • @devendrakumarjain1782
    @devendrakumarjain1782 Місяць тому

    आप से कैसे मिलू

  • @vaishalibenshah5803
    @vaishalibenshah5803 Місяць тому

    જય જિનેન્દ્ર શુભ સંધ્યા

  • @riteshdesai8492
    @riteshdesai8492 Місяць тому

    Phone number chahiye kuch puchna hai

  • @IconicAnime352
    @IconicAnime352 Місяць тому

    सभी परमात्माओ को, सादर, जय जिनेन्द्र, नरेंद्र कुमार जैन, जयपुर,🙏🙏🙏

  • @ajitvankudre2115
    @ajitvankudre2115 Місяць тому

    Past Life Regression . Is it correct? Without higher गुणस्थान

  • @jayashribharambe5612
    @jayashribharambe5612 Місяць тому

    Picture is not clear

  • @ushasogani1549
    @ushasogani1549 Місяць тому

    I want joining

  • @ushasogani1549
    @ushasogani1549 Місяць тому

    Bhut sunder charcha

  • @ushasogani1549
    @ushasogani1549 Місяць тому

    Bhut sunder charcha

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      @@ushasogani1549 धन्यवाद

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      @@ushasogani1549 आप अपना नंबर अपर नंबर पर भेज दे आपको ग्रुप में ऐड कर देंगे

  • @Ssavitajain1293
    @Ssavitajain1293 Місяць тому

    जय जिनेन्द्र हम आपसे कैसे गुरप जुड़े भाई साहब जी कृपा करे हमे भी ज्ञान कि बहुत इच्छा है कृपा करे मुझे एड what's group m

  • @Krishnapatel-tt3im
    @Krishnapatel-tt3im Місяць тому

    Ekadam sahi soal science

  • @ajitvankudre2115
    @ajitvankudre2115 Місяць тому

    Past life regression के बारेमे आपका क्या कहना है l

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      This is quite possible . Eg your yesterday to few years and then life is all past . Only thing lower Karnik load and more clarity you can get including past life

  • @anushkajain4366
    @anushkajain4366 2 місяці тому

    Superb

  • @yshah84
    @yshah84 2 місяці тому

    What is Vipassana Meditation in Jainism Context?

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      @@yshah84 vipasna is vishuddh विशुद्घ पश्याना . It goes as man paray gyan in Jainism context . Means seeing the ever changing thing ( Paryay )

    • @yshah84
      @yshah84 2 місяці тому

      @@peacefulprofitmonk man paryay gyan is different. Have you done Vipassana Dhyan Sadhana?

  • @sharmilajain3972
    @sharmilajain3972 2 місяці тому

    Where in chennai.

  • @varshachhajed325
    @varshachhajed325 2 місяці тому

    Apka whatsapp gp he kya muje add hona he 12:31

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      @@varshachhajed325yes we do daily dharm dhyan / meditation practice you may pl share your cell number or contact 9824011121

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      @@varshachhajed325 yes

  • @spacelinkmetalloyds
    @spacelinkmetalloyds 2 місяці тому

    प्रणाम श्रावक जी मैं जब भी ध्यान करने की कोशिश करता हु तो मुझे तो बहुत सारे छोटे छोटे पार्टिकल्स दिखाई देते है और सिर भारी हो जाता है,दो आंखो के बीच में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है।

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      Pl call on this cell number 98240211121 for further guidance

    • @spacelinkmetalloyds
      @spacelinkmetalloyds 2 місяці тому

      @@peacefulprofitmonk प्रणाम श्रावक जी जी जरूर सा ।

  • @ashoka2663
    @ashoka2663 2 місяці тому

    जो वीतराग होता है, वो ही अरिहंत हो सकता है। हर किसी को अरिहंत नहीं बना सकते।😮

  • @sanjaykumarsamdani2325
    @sanjaykumarsamdani2325 2 місяці тому

    Very Good

  • @ajayjain7207
    @ajayjain7207 2 місяці тому

    Sir, Jai Jinendra. Please remove the Buddha image from the background in this video if you are teaching Jainism principles. It is unfortunate that people make mistakes in recognising Jain images and often use Buddha immage in place of Lord Mahaveer Image.

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      Thanks for your observation will ask our technical team to correct it

  • @sureshjainmumbai7006
    @sureshjainmumbai7006 2 місяці тому

    Where's relation with अरिहंत

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      Yes I agree it’s not directly clear but the roadmap स गुप्ति समिति leads to Arihant avastha. Next time will take care to be more clear

  • @sanjaykumarsamdani2325
    @sanjaykumarsamdani2325 2 місяці тому

    Very Good

  • @Maakibawari33
    @Maakibawari33 2 місяці тому

    हर हर महादेव आप को मेरा प्रणाम आप भी अवश्य

  • @Maakibawari33
    @Maakibawari33 2 місяці тому

    जय श्री माता

  • @vipinchowdhary1744
    @vipinchowdhary1744 2 місяці тому

    Aapko arihant kehkar pukar rahe aap koi bhi pratyutar nahi de rahen yeh uchit nahi hai

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      @@vipinchowdhary1744 क्षमा चाहते है 🙏ध्यान रखेंगे आगे अभी तो बहुत यात्रा बाक़ी है

  • @HshJsjz-r2g
    @HshJsjz-r2g 2 місяці тому

    मुझको मुझमें देखना है मैं खुश हूं तो मेरे कारण से दु:खी हूं तो मेरे कारण से अन्य से नहीं सागर मल सर्राफ

  • @spacelinkmetalloyds
    @spacelinkmetalloyds 2 місяці тому

    प्रणाम ध्यान कैसे करे ? बीगनिंग से बताए श्रावकजी।

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk 2 місяці тому

      Can you please join our group daily dharm dhyan pl message me your number to 9427611171

    • @peacefulprofitmonk
      @peacefulprofitmonk Місяць тому

      प्लीज़ कांटैक्ट 9427611171

  • @HshJsjz-r2g
    @HshJsjz-r2g 2 місяці тому

    अति उत्तम जानकारी, सागर मल सर्राफ

  • @spacelinkmetalloyds
    @spacelinkmetalloyds 2 місяці тому

    Dhyaan karne ka kya process hai?

  • @Sangeetakothari1197
    @Sangeetakothari1197 2 місяці тому

    ❤❤❤🎉🎉

  • @anushkajain4366
    @anushkajain4366 6 місяців тому

    Kya baat jordar

  • @emerson8884
    @emerson8884 7 місяців тому

    Promo'SM ☺️

  • @mahaveersaree9376
    @mahaveersaree9376 8 місяців тому

    Annkantvad or sydvad

  • @peacefulprofitmonk
    @peacefulprofitmonk 8 місяців тому

    Yes very true

  • @mahaveersaree9376
    @mahaveersaree9376 8 місяців тому

    जैसे लोहे की बेड़ी बांध ती वैसे ही सोने की बेड़ी भी बांध ती वैसे ही पाप और पुण्य है , कर्ता pan ka bhav Chad kr ye janana ki mu परमात्मा छू , एक द्रव्य दूसरे द्रव्य का कुछ भी कर नही सकता कर्ता pan का वजन उतार देना , बस जानना और जानना, अपने gyak स्वभाव में रमना

  • @anandhishrenik
    @anandhishrenik 9 місяців тому

    How r u sir i m Anandhi from kushalpura

  • @anushkajain4366
    @anushkajain4366 2 роки тому

    बहुत ही गहराई के शब्द है जिनको समझने की जरूरत है।

  • @yashvijain4273
    @yashvijain4273 4 роки тому

    Woww❤ thank you so much for this❤