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Rural Voice
India
Приєднався 11 чер 2021
Rural Voice is a digital media platform, primarily focused on Agriculture and Rural sectors. It seeks to deliver news and analytical content relevant to "Bharat" in both Hindi and English across three formats: Text, Audio and Video.
रूरल वॉयस कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए समर्पित एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। हमारा उद्देश्य अपनी हिंदी, अंग्रेजी न्यूज पोर्टल, यू ट्यूब चैनल और प्रिंट प्रकाशन रूरल वर्ल्ड मैगजीन के जरिये "भारत" यानी कृषि और ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े लोगों तक खबरें, विश्लेषण, टेक्नोलॉजी और नीतिगत मुद्दों को पहुंचाना व उन्हें सशक्त करना है। जो टैक्स्ट, ऑडियो और विडियो फार्मेट में उपलब्ध है।
रूरल वॉयस कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए समर्पित एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। हमारा उद्देश्य अपनी हिंदी, अंग्रेजी न्यूज पोर्टल, यू ट्यूब चैनल और प्रिंट प्रकाशन रूरल वर्ल्ड मैगजीन के जरिये "भारत" यानी कृषि और ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े लोगों तक खबरें, विश्लेषण, टेक्नोलॉजी और नीतिगत मुद्दों को पहुंचाना व उन्हें सशक्त करना है। जो टैक्स्ट, ऑडियो और विडियो फार्मेट में उपलब्ध है।
डीएपी के लिए मारामारी शुरू, किल्लत से जूझ रहे किसान
अभी रबी सीजन की बुवाई शुरू भी नहीं हुई लेकिन डीएपी के लिए मारामारी शुरू हो गई है। खाद खरीदने के लिए भी किसानों को जूझना पड़ता है।
#DAP #fertilizer #farmers #india
📷Nagar हलचल
#DAP #fertilizer #farmers #india
📷Nagar हलचल
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Відео
इलेक्ट्रिक कारें कैसे खड़ा करेंगी डीएपी का संकट?
Переглядів 12 тис.День тому
फसलों की बुवाई के समय उपयोग होने वाले सबसे अहम उर्वरक, डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के कच्चे माल फॉस्फोरिक एसिड का एक नया दावेदार खड़ा हो गया है। इससे डीएपी के लिए लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर भारत जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस नये दावेदार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार सब्सिडी भी दे रही है। वह दावेदार है इलेक्ट्रिक वाहन यानी ईवी। #EV #Electric #Vehicles #Phoshp...
कृषि आयात-निर्यात पर क्यों हुए ताबड़तोड़ फैसले?
Переглядів 556День тому
केंद्र सरकार ने प्याज व बासमती के निर्यात और खाद्य तेलों के आयात पर अचानक कई बड़े फैसले लिए हैं। प्याज और बासमती चावल के निर्यात पर लागू न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्त को हटा दिया है जबकि सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। ये फैसले ऐसे समय लिए गये जब हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं और मध्य प्रदेश के किसान सोयाबीन का सही दाम न मिलने से नाराज हैं।...
खांडसारी उद्योग पर कंट्रोल की तैयारी, शुगर कंट्रोल ऑर्डर 2024 से बढ़ेगा नियंत्रण
Переглядів 15714 днів тому
केंद्र सरकार चीनी के साथ खांडसारी उद्योग को भी अब नियंत्रण के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। इसके लिए शुगर (कंट्रोल) आर्डर 2024 लाया जाएगा जो शुगर (कंट्रोल) आर्डर 1966 और शुगर प्राइस (कंट्रोल) आर्डर 2018 का स्थान लेगा। नये आर्डर को लागू करने की प्रक्रिया के तहत 24 अगस्त को एक ड्राफ्ट आर्डर जारी किया गया है जिस पर संबंधित पक्षों को 23 सितंबर तक राय देनी है। नये आदेश के तहत पहली बार खांडसारी ...
गेहूं को लेकर क्यों खड़ी हो सकती हैं मुश्किलें?
Переглядів 56721 день тому
रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन के सरकारी आंकड़ों के बीच गेहूं की कीमतों का लगातार बढ़ना, सरकारी खरीद का तीसरे साल लक्ष्य से कम रहना और केंद्रीय पूल में गेहूं के स्टॉक का निचले स्तर पर पहुंचना, एक बड़े गेहूं संकट की आहट है। यह ऐसा मसला है जो गेहूं-चावल के फसल चक्र को तोड़ने की धारणा को भी बदल सकता है। एक अगस्त, 2024 को केंद्रीय पूल में 268.1 ला टन गेहूं था जो 2022 में इसी समय के 266.5 ला टन से तो अधिक है...
कैसे ढाई लाख करोड़ की इंडस्ट्री बनी पोल्ट्री फार्मिंग
Переглядів 121Місяць тому
पोल्ट्री फार्मिंग और बिजनेस को लेकर कुछ आंकड़े आपको चौंका सकते हैं। हर हफ्ते देश के संगठित पोल्ट्री फार्म्स में 14 करोड़ चिक्स प्लेस होते हैं। यानी साल में करीब 728 करोड़ चिक्स। करीब दस फीसदी मोर्टेलिटी रेट्स को शामिल करने के बाद औसतन दो किलो की 650 करोड़ बर्ड हर साल बाजार में बिकने के लिए तैयार होती है। उनका कुल वजन करीब 1300 करोड़ किलो बैठता है। औसतन 200 रुपये किलो के खुदरा मूल्य के आधार पर प...
पंजाब में भूजल संकट कितना गंभीर, पूर्व कृषि आयुक्त से सुनिए
Переглядів 77Місяць тому
“अमृतकाल में कृषि” विषय पर भारत कृषक समाज और रूरल वॉयस की ओर से नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। पंजाब के पूर्व कृषि आयुक्त बलविंदर सिद्धू ने अपने संबोधन में कहा कि गिरते भूजल स्तर की समस्या और इससे निपटने के लिए नीतिगत उपायों पर जोर दिया। उन्होंने देश की खाद्य सुरक्षा और फसल विविधिकरण की चुनौतियों के बारे में भी अपने अनुभव साझा किए। #agriculture #punjab ...
तमाम सरकारी कोशिशों के बावजूद बेकाबू महंगाई
Переглядів 101Місяць тому
आम जनता पर महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। खाद्य महंगाई को काबू में रखना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। अब सरकार 22 की बजाय 38 वस्तुओं की कीमतों की दैनिक निगरानी करेगी। आलू, टमाटर और प्याज की टॉप स्कीम पहले ही फेल हो चुकी है। यह तब है जबकि देश में खाद्यान्न और फल व सब्जियों के बंपर उत्पादन का दावा किया जा रहा है। फिर कहां दिक्कत है? समझा रहे हैं रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरवीर सिंह #inflation #...
टिकैत ने बजट को 10 में से 1.5 अंक क्यों दिया?
Переглядів 2692 місяці тому
भारत किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट ने किसानों को "खाली हाथ" छोड़ दिया है। न एमएसपी गारंटी कानून का जिक्र है, न ही किसानों की कर्जमाफी का। कुल 48 ला करोड रुपये के बजट में देश की अर्थव्यवस्था की धुरी किसानों के हिस्से में केवल 1.52 ला करोड़ रुपये आए। देश की 65 प्रतिशत आबादी को सिर्फ 3 प्रतिशत बजट में सीमित कर दिया। यह ग्रामीण भारत के साथ सबसे बड़ा भेदभाव है। राकेश टिक...
कृषि क्षेत्र बनेगा आर्थिक ग्रोथ का इंजन?
Переглядів 1092 місяці тому
आर्थिक उदारीकरण की थ्योरी को इकोनिक सर्वे 2023-24 में उलटने की कोशिश के साथ एक ईमानदार स्वीकारोक्ति भी कहा जा सकता है। सर्वे में माना गया है कि कृषि भारत का ग्रोथ इंजिन बनने की क्षमता रखता है बशर्ते कि कुछ जरूरी नीतिगत बदलाव किये जाएं। इसके साथ ही इसमें यह बात भी स्वीकार की गई है कि मार्केट इकोनॉमी की जिस थ्योरी में इंडस्ट्रियल ग्रोथ के जरिये लोगों को कृषि से निकालकर उद्योगों और सर्विस सेक्टर म...
बजट के केंद्र में हो किसानों की आय वृद्धि
Переглядів 1472 місяці тому
केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करने जा रही है। यह बजट देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी केंद्र सरकार का पहला बजट है। इस बजट से सरकार की अगले पांच साल का विजन तय होगा। बजट का पूरा फोकस किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित होना चाहिए। इसके लिए किसानों को उपज का सही दाम दिलाने के साथ-साथ उनकी उत्पादकता बढ़ाना भी जरूरी है। #a...
इस तरह कलेक्ट्रेट क्यों पहुंचा किसान?
Переглядів 1362 місяці тому
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में मंगलवार को एक किसान अजीब तरह से जमीन पर लेटते हुए अपनी फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। मजबूर और लाचार बुजुर्ग किसान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 65 वर्षीय किसान शंकरलाल पाटीदार का कहना है कि उसकी 1.76 हेक्टेयर जमीन कलेक्ट्रेट के बाबू ने धोखे से अपने बेटे के नाम करवा दी है। अब वे जबरन जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। पिछले 14 साल से वह अपनी जमीन बचा...
बजट में किसानों के हाथ क्या आएगा?
Переглядів 2042 місяці тому
केंद्र में NDA सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट जल्द ही पेश करने जा रही है। हाल के वर्षों में किसान MSP के मुद्दे सही कई मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे हैं। इस बीच, कृषि की विकास दर बढ़ने की बजाय गिरावट की ओर है। 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विकसित भारत बनाने के लिए कृषि क्षेत्र और किसानों की तरक्की जरूरी है। ऐसे में आगामी बजट से क्या उम्मीदें हैं बता रहे हैं रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरव...
इनोवेशन से बनेगा कृषि में कामयाबी का रास्ता
Переглядів 462 місяці тому
“अमृतकाल में कृषि” विषय पर भारत कृषक समाज और रूरल वॉयस की ओर से नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में वर्ल्ड इकनॉमिक सेंटर के सेंटर फॉर फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवलूशन के प्रमु पुरूषोत्तम कौशिक ने डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के बारे में बताते हुए किसानों की आमदनी बढ़ाने में डिजिटल तकनीक की संभावनाओं के बारे में बताया। #agriculture #inno...
दूध किसानों के लिए मुसीबत बना स्किम्ड मिल्क पाउडर
Переглядів 1842 місяці тому
महाराष्ट्र के दूध किसानों को गाय के दूध के लिए 25 से 26 रुपये लीटर की कीमत मिल रही है. यह पिछले साल 38 रुपये प्रति लीटर तक थी. राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए राज्य सरकार ने 28 जून को पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी घोषित की है. ऐसी नौबत क्यों आयी? करीब माह भर पहले ही देश के सबसे बड़े दूध ब्रांड अमूल, मदर डेयरी और नंदिनी ने दूध की खुदरा कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. इसके विपर...
फिनटेक भर सकते हैं एग्री क्रेडिट का गैप
Переглядів 2732 місяці тому
फिनटेक भर सकते हैं एग्री क्रेडिट का गैप
किसान केंद्रित हों देश की कृषि नीतियां - टी. नंदकुमार, पूर्व कृषि एवं खाद्य सचिव
Переглядів 993 місяці тому
किसान केंद्रित हों देश की कृषि नीतियां - टी. नंदकुमार, पूर्व कृषि एवं खाद्य सचिव
बजट में किसानों को क्या मिलेगा? वित्त मंत्री को मिले ये सुझाव
Переглядів 1653 місяці тому
बजट में किसानों को क्या मिलेगा? वित्त मंत्री को मिले ये सुझाव
कृषि की ग्रोथ के लिए आईटीसी के एग्री बिजनेस हेड शिव कुमार का चार सूत्री फार्मूला
Переглядів 1433 місяці тому
कृषि की ग्रोथ के लिए आईटीसी के एग्री बिजनेस हेड शिव कुमार का चार सूत्री फार्मूला
अबकी बार गठबंधन सरकार, हर कोई हिस्सा मांगेगा!
Переглядів 1103 місяці тому
अबकी बार गठबंधन सरकार, हर कोई हिस्सा मांगेगा!
दालों में आत्मनिर्भरता के दावे क्यों फेल?
Переглядів 1693 місяці тому
दालों में आत्मनिर्भरता के दावे क्यों फेल?
हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा को क्यों है क्लीन स्वीप का भरोसा?
Переглядів 2924 місяці тому
हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा को क्यों है क्लीन स्वीप का भरोसा?
रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का दावा, फिर क्यों करना पड़ सकता है गेहूं का आयात
Переглядів 1624 місяці тому
रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का दावा, फिर क्यों करना पड़ सकता है गेहूं का आयात
क्यों गिरी एग्रीफूडटेक स्टार्टअप की फंडिंग?
Переглядів 1034 місяці тому
क्यों गिरी एग्रीफूडटेक स्टार्टअप की फंडिंग?
महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी की दावेदारी कितनी मजबूत?
Переглядів 1904 місяці тому
महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी की दावेदारी कितनी मजबूत?
दूसरे राउंड में मेनिफेस्टो बना मुद्दा
Переглядів 1455 місяців тому
दूसरे राउंड में मेनिफेस्टो बना मुद्दा
लोक सभा चुनाव: भाजपा की ‘गारंटी’ और कांग्रेस के ‘न्याय’ के बीच किसे चुनेगा किसान
Переглядів 2745 місяців тому
लोक सभा चुनाव: भाजपा की ‘गारंटी’ और कांग्रेस के ‘न्याय’ के बीच किसे चुनेगा किसान
रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नेकॉफ अवॉर्ड्स 2023
Переглядів 1158 місяців тому
रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नेकॉफ अवॉर्ड्स 2023
Good one sir
Organic DAP fertilizer
किसानों के लिए डीएपी की जरूरत रबी फसलों की बुवाई के समय ही अधिक होती है। सीजन शुरू होने को है ऐसे में इसकी किल्लत किसानों की चिंता बढ़ाएगी।
अभी से ये हालत है तो रबी बुवाई के समय क्या होगा
Veri nice information
Good information please use mic to improve sound quality if possible otherwise information is very good
Nmc के आगे अभी सारी बैटरी फेल है आगे परमाणु बैटरी आने वाली है वह बढ़िया है
Sab bahar se aata hai to hum kya sirf bate kar rahe hai. Vishwaguroo hai guroghantal.
सादर नमस्कार सर जी 🎉🎉 बहुत अच्छा विश्लेषण एवम जानकारी।
इसका एक ही हल है, पशुपालन को बढ़ावा दे साथ ही जैविक कल्चर को बढ़ावा दिया जाए साथ ही इसकी खेती करते वाले किसानों को भी रसायन खेती करने वाले किसानों के बराबर सब्सिडी देनी चाहिए।
आदरणीय महोदय आप जी को सादर नमस्ते में किसान हूं और आप जी द्वारा दी गई जानकारी महत्वपूर्ण मेरा मानना है की अगर कृषि क्षेत्र में खाद्य उत्पादन के जरूरी घटकों का उपयोग यंत्रों के संचालन में होता है तो जाहिर है खाद्य उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा और अगर ऐसा होता है तब हमारी स्थिति बहुत अच्छी नहीं रह सकती क्योंकि कृषि ही हमारे देश की रीढ़ है
डीएपी की किल्लत हुई तो उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है
Very informative
Bhot hi jaruru jankari (information)di sir aapne kisano ke liye ye janna samjhna chahiye or vikalp main gobar adhrit kheti ki for aana chiye .
महत्वपूर्ण मुद्दा है, इस तरफ ध्यान देना चाहिए
कभी-कभार सकारात्मक सोच भी रखनी चाहिए । देश की आजादी के बाद से अधिकांश मन्त्री किसान परिवार से ही आये /आते है इसी प्रकार से कृषि वैज्ञानिक भी अधिकांश गांव से आते है।लेकिन वार्तालाप उत्साहपूर्ण है।
बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे का अच्छा विश्लेषण। क्या डी ए पी का कोई अन्य वैकल्पिक विकल्प पर कार्य/अनुसंधान नही किये जा सकते है??
डीएपी का विकल्प आसान नहीं है
PROM
DAP ka koi vikalp nhi h..
प्याज, बासमती पर निर्यात पांबदियां लगाकर किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। ऐसी नीतियां ही खेती को घाटे का सौदा बनाती हैं।
Sir ji pili matar ke kisan ka kya hoga
Very good explainer for laymen to understand.
आपने बहुत सुंदर विश्लेषण किया है।एक बात जरूर है कि किसान को गांव के स्तर पर भी काफी कम कीमत मिलती है ये भी साथ मे ठीक होना चाहिए।
Very informative
सरकार के रिकॉर्ड उत्पादन के आंकड़े विश्वसनीय नहीं लगते। अगर बंपर उत्पादन है तो निर्यात पर पाबंदी और स्टॉक लिमिट क्यों लगानी पड़ी?
देश के लिऐ मोदी ही बेहतर
देश के लिऐ मोदी ही बेहतर
Serious issues indeed
महंगाई रोकने का बोझ भी किसानों पर डाल देते हैं
Effective factor, nice analysis
Good one sir 👏
पूंजीपतियों की सरकार है bjp
फिर किसानों के हाथ खाली
जय किसान
राकेश टिकैत ने केंद्रीय बजट को 10 में से डेढ़ नंबर क्यों दिया?
Rakkesh ko do se neeche ki hi ginti aati h.
कृषि से जुड़ी कई योजनाओं का बजट घटा है
किसानों के लिए निराशाजनक बजट
बजट का फोकस किसानों पर होना चाहिए
बेहद अफसोस है कि बेबस किसान को जमीन बचाने के लिए इस तरह गुहार लगानी पड़ रही है।
किसान की कोई नहीं सुनता...न सरकार न प्रशासन
लाचार और हताश किसान को अपनी फरियाद लगाने के लिए यह तरीका अपनाना पड़ा। दुखद है
Very informative!
Farmers produced needs proper price support and special services for organic/ natural farming
बजट में कृषि क्षेत्र की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। खेती का लाभकारी बनाने के लिए कुछ कारगर उपाय करने चाहिए।
Nice...!👍
Good sir 🎉
Wonderful response
बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब उपभोक्ता दूध का ज्यादा दाम चुका रहे हैं तो पशुपालक किसानों को सही दाम क्यों नहीं रहा है?
👍👍👍👍
👍👍👍
कृषि नीतियों में किसानों के हितों का ध्यान रखना जरूरी है।