- 26
- 22 826
Raghavendra Shukla
Приєднався 10 жов 2016
Hatasha Se Ek Vyakti | हताशा से एक व्यक्ति | Vinod Kumar Shukla | विनोद कुमार शुक्ल
"हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था"
विनोद कुमार शुक्ल की यह कविता पसंदीदा कविताओं में से एक है। मसूरी से वापसी के दौरान (हताशा से तो नहीं, लेकिन) एक मनोरम दृश्य निहारने के लिए ढाल के किसी पत्थर पर जब बैठ गया था, तब श्रेयांश त्रिपाठी ने ये कविता पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने ही इसे रिकॉर्ड किया। सम्पादित किया। उसे यहां दर्ज करने लायक तैयार किया। उन्हें धन्यवाद।
विनोद कुमार शुक्ल की यह कविता पसंदीदा कविताओं में से एक है। मसूरी से वापसी के दौरान (हताशा से तो नहीं, लेकिन) एक मनोरम दृश्य निहारने के लिए ढाल के किसी पत्थर पर जब बैठ गया था, तब श्रेयांश त्रिपाठी ने ये कविता पढ़ने के लिए कहा। उन्होंने ही इसे रिकॉर्ड किया। सम्पादित किया। उसे यहां दर्ज करने लायक तैयार किया। उन्हें धन्यवाद।
Переглядів: 119
Відео
Sarweshwar Dayal Saxena | चांदनी की पांच परतें | Chandni Ki Paanch Paratein | सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Переглядів 1722 роки тому
सर्वेश्वर की पंक्तियों को राघवेंद्र ने पढ़ा है। तमाम चित्र, दृश्य, संगीत इंटरनेट से जुटाए गए हैं। Inshot ऐप्लीकेशन का भी आभार, जहां इसे सम्पादित करना कितना सरल है।
सौ पेड़ों के नाम | Sau Pedon Ke Naam | Vinod Padraj | Hindi Kavita | कविता
Переглядів 3723 роки тому
सौ पेड़ों के नाम साढ़ बीत जाता था पुरवा नहीं चलती थी बरखा नहीं होती थी तो अपनी सांवली चट्टान जैसी पीठ बीजणी की डंडी से खुजाते बाबा कहते थे सौ पेड़ों के नाम लो पुरवा चलेगी बरखा आयेगी पर मुझको तो याद नहीं थे सौ पेड़ों के नाम आम पीपल बड़ शीशम और पलाश खैर खिरनी धोंक नीम बबूल अमलतास फिर मैं चुप हो जाता था बड़े भाई कुछ और नाम जोड़ते थे काका कुछ और अंतत :बाबा ही सौ पेड़ों के नाम लेते थे एक सांस में पुरवा चलने...
Zehaal E Miskeen by Amir Khusro | ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल | Amir Khusrau | Bharat Ek Khoj
Переглядів 12 тис.3 роки тому
ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल (Zehaal e Miskeen Makun Taghaful) अमीर खुसरो (Amir Khusrau) की लिखी हिंदवी-फारसी की पहली ग़ज़ल है। कई कव्वालों ने इसे गया है और सदियों बाद भी इस रोमांटिक ग़ज़ल की लोकप्रियता कम नहीं है। ग़ज़ल का यहां प्रस्तुत वर्जन श्याम बेनेगल निर्देशित 'भारत एक खोज' धारावाहिक का एक हिस्सा है। संगीत वनराज भाटिया ने दिया है। सिंगर मुरलीधर हैं, जो नेपाल के मशहूर अभिनेता और गायक हैं। श्याम ...
Agyeya | अज्ञेय की कविता | यह दीप अकेला (Yah Deep Akela) |
Переглядів 1304 роки тому
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय (agyeya) की कविता यह दीप अकेला स्नेह भरा (yah deep akela) मेरे पसंदीदा कविताओं में से एक है। कहा जाता है कि कविता में दीप अज्ञेय खुद हैं। मानव के एकांत का सामाजिकता में योगदान देने की महत्ता का अर्थ बताते हुए इस कविता में अज्ञेय यह कहना चाहते हैं कि एक अकेले दीप की समृद्धि अधूरी है, अगर वह दीपों की पंक्ति से अलग-थलग ही रहे और दीपावली के संगठन में अपनी भूमिका...
बच्चे काम पर जा रहे हैं (Bachche Kaam Par Jaa Rahe Hain) | Rajesh Joshi | राजेश जोशी
Переглядів 1964 роки тому
राजेश जोशी की कविता बच्चे काम पर जा रहे हैं हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह भयानक है इसे विवरण के तरह लिखा जाना लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे? क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें क्या दीमकों ने खा लिया हैं सारी रंग बिरंगी किताबों को क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं सारे मदरसों की इमारतें क्या सारे मैदान...
कैसे कैसे दृश्य (Kaise Kaise Drishya) | हिंदी कविता | Hindi Kavita | Hindi Poetry
Переглядів 3774 роки тому
कविता का प्रस्तुतीकरण भी कविता को सजीव बना देता है। शताक्षी अस्थाना के स्वर और उनके संगीत के संयोजन से यह गीत बहुत सुंदर रच गया है। गिटार पर खुद शताक्षी हैं और स्वर भी उन्होंने ही दिया है। रचना राघवेंद्र की है।
कहना- सुनना | Kahna-Sunana | Raghavendra Shukla | Hindi Poem
Переглядів 744 роки тому
Video from Raghavendra Shukla
इतना तो अकेला मैं कभी नहीं था । Itna To Akela Main Kabhi Nahin Tha । आर्य भारत । हिंदी कविता
Переглядів 3074 роки тому
भीड़ में सुन सकता था पुकार तुम्हारी अकेले में गिन सकता था तुम्हारी देह की धारी सफर में लगा सकता था वापसी का कयास नींद में महसूस कर सकता था खुद को तुम्हारे पास आक्रोश की सड़क पर तुमसे शांति की अपील पढ़ सकता था किसी जेल में जा गीता-बाइबिल गा सकता था गहरी खान में भी चांदनी नगमा लेकिन वो क्या है कि अब तो महज चंद कदमो में दुः जाते हैं पांव उखड़ने लगता है दमा अब अपनी ही आवाज का अनुगूंज सुना करते हैं अब अ...
अज्ञेय | मैं तुम्हारे ध्यान में हूँ | Main Tumhare Dhyan Mein Hoon
Переглядів 2944 роки тому
सच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय की कविता
रेत जीवन (Ret Jeevan) | हिंदी कविता | Hindi Kavita | Raghavendra Shukla
Переглядів 1054 роки тому
प्राणेश तिवारी के सौजन्य से वीडियो मिला। उन्हीं के मित्र वैभव सिंह की उपस्थिति में कर्मस्थली टाइम्स इंटरनेट के ऑफिस में यह कविता पढ़ी गई। याद के तौर पर यहां भी दर्ज कर रहे हैं। सुनिएगा इयरफोन लगाकर।
Musaafir (मुसाफिर) | Hindi Poetry | हिंदी कविता | Raghavendra Shukla
Переглядів 3534 роки тому
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के लखनऊ ऑफिस में सजी एक छोटी-सी काव्य महफ़िल। प्रस्तुतकर्ता राघवेन्द्र। बतौर श्रोता - रवि सिंह सेंगर, आकांक्षा शर्मा, श्रेयांश त्रिपाठी, कोणार्क, प्राणेश तिवारी, शताक्षी, नीलेश मिश्र की उपस्थिति। वीडियो काजल शर्मा के सौजन्य से मिला, उन्हें बहुत-बहुत आभार। ☺
Udaas Kyon Ho | Nazm: Udaas Ladke | Anurag Anubhav
Переглядів 1345 років тому
Udaas Kyon Ho | Nazm: Udaas Ladke | Anurag Anubhav
Jiske Mag Mein Kuchh Gart Nahin | Raghavendra Shukla | Kavita
Переглядів 3105 років тому
Jiske Mag Mein Kuchh Gart Nahin | Raghavendra Shukla | Kavita
Sabase Urawar Zameen | Hindi Poem | Raghavendra Shukla
Переглядів 1906 років тому
Sabase Urawar Zameen | Hindi Poem | Raghavendra Shukla
Chalo Ek Aisa Diya Ham Jalayein | Happy Deepawali | Hindi Poem
Переглядів 6146 років тому
Chalo Ek Aisa Diya Ham Jalayein | Happy Deepawali | Hindi Poem
Jeevan Jaise Jwaar Bhaata | Hindi Kavita | Raghavendra Shukla
Переглядів 1056 років тому
Jeevan Jaise Jwaar Bhaata | Hindi Kavita | Raghavendra Shukla
Kuchh Chhoota Jaata Ho Jaise | Hindi Poem | Raghavendra Shukla
Переглядів 1456 років тому
Kuchh Chhoota Jaata Ho Jaise | Hindi Poem | Raghavendra Shukla
Samay bahut hai | Hindi Kavita | Raghavendra Shukla
Переглядів 1,8 тис.6 років тому
Samay bahut hai | Hindi Kavita | Raghavendra Shukla
Dr Raahi Masoom Razaa Kavita Ganga Aur Mahadev By Raghavendra Shukla
Переглядів 9047 років тому
Dr Raahi Masoom Razaa Kavita Ganga Aur Mahadev By Raghavendra Shukla
Banaras amazing pictures clicked By Piyush Kunwar Kaushik With Kedarnath Singh Kavita By Raghavendra
Переглядів 3257 років тому
Banaras amazing pictures clicked By Piyush Kunwar Kaushik With Kedarnath Singh Kavita By Raghavendra
Pash Avtar singh | Kavita | Independence Day | Bharat | Raghavendra Shukla
Переглядів 1,3 тис.7 років тому
Pash Avtar singh | Kavita | Independence Day | Bharat | Raghavendra Shukla
Yaadein connections 2017 Indian Institute of Mass Communication New Delhi IIMC Memories
Переглядів 2,1 тис.7 років тому
Yaadein connections 2017 Indian Institute of Mass Communication New Delhi IIMC Memories
Pash Avtar singh sandhu poetry sabse Khatarnaak Hota Hai presented By Local Dibba
Переглядів 1597 років тому
Pash Avtar singh sandhu poetry sabse Khatarnaak Hota Hai presented By Local Dibba
Nice ❤❤
Bht Sundar
Magic ✨
Singer : Nepali Singer Muralidhar
Couldn't find the singer on UA-cam, does he have another name
Wahhhh sufi it’s legend
👍 बहुत खूब 🥰
🙏❣️
जीवन एक पंक्ति में क्या है पाना भी पछताना भी 🥰
बचपन 😢 बाबा माई
बहुत खूब 🥰👏💐👍
Bahut Sundar❤
Kya baat h❤
ज़े हाले मिसकीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैना बनाय बतियाँ। कि ताबे-हिजरा न दारम् ऐ जां न लेहु काहे लगाय छतियाँ॥ शबाने-हिजराँ दराज़ चूं ज़ुल्फ़ो- रोज़े वसलत चूं उम्र कोताह। सखी पिया को जो मैं न देखूँ तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ॥ यकायक अज़दिल दो चश्म जादू बसद फ़रेबम बुबुर्द तसकी। किसे पड़ी है जो जा सुनावे पियारे पी को हमारी बतियाँ॥ चु शमअ सोज़ा चु ज़र्रा हैरां ज़े मेहरे आंमह बगश्तम् आख़िर। न नींद नैनां न अंग चैना न आप आवें न भेजें पतियां॥ ब हक्क़े रोज़े-विसाले दिलवर कि दाद मारा फ़रेब ख़ुसरो। सो पीत मन की दुराय राखों जो जान पाऊँ पिया की घतियां॥
Thanks for the lyrics
Thanks
Humanity ❤
Bhai bina commentry ke ye track kahan se mila aapko. Please bataiye 🙏
Exactly me bhi yahi sochra tha or is me awaz bhi commentary wale SE different he,ho sakte he ke ye movie SE phele different time par record hoa ho
👏
Wah ...!
❤❤❤
😍😍😍
Who is the singer?
Same question
सिंगर मुरलीधर हैं, जो नेपाल के मशहूर अभिनेता और गायक हैं। श्याम बेनेगल ने उन्हें नेपाल के किसी टीवी चैनल के इंटरव्यू में देखा-सुना था और इस गाने के लिए अप्रोच किया था। मुरलीधर पंडित जसराज को अपना गुरु मानते हैं।
@@raghavendrashukla1419 बहुत बहुत शुक्रिया इतनी महत्वपूर्ण जानकारी हमारे साथ सांझा करने के लिए🙏
@@raghavendrashukla1419sir I don't understand Hindi please can you reply in English
@@raahimkhan3926 A singer name Murlidhar, who is/was a famous actor of Nepal. Shyam Benegal heard and saw somewhere him in an interview and approached him. Murlidhar recognized Pandit Jasraj as his master
Excellent... Keep it up 👌
Thanks a lot 😊
Wah
Love ❤
Balanced but unbalanced voice ! 👏🔥
बहुत सुंदर 🏵️
💜
सुंदर❤️
❤
भैया अद्भुत🙏
क्या बात है ।
❤️
जितनी खूबसूरती से लिखा गया है ,उतनी ही खूबसूरती से आवाज़ दिया गया है। अद्भुत .....यह। 1:21 sec का समय माई के किस्से जैसा था जो सुनते सुनते ही अचानक खत्म हो जाता था और हम कह पडते थे अरे! ख़तम हो गया क्या? एक और कहो नो ......एक और कह दो ना....💓
शुक्रिया😍❣️
Aam,amrood,shisham ...
बहुत बहुत आभार
आपको भी आभार। सुंदर कविता के लिए❣️
Tell something about the placement ???
The best...
जीवंत ❤️
शुक्रिया ❤️❤️
👍👍
Subhashish bhai I'm proud of you
Adbhut
Wah kya awaj hai
Aisi adbhut kala Maine aaj tak nahi dekhi
👌👌
Bahut sunder bhaiya
Oh gazab
Kya baat h bhaiya ...bhut accha 👌👌👌
आवाज़ के मायने समझते हो ???... ;)
Mast🙏🙏
👌 अनुज
Nice line bro..
🙏❤️