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आर्ष गुरुकुल नर्मदापुम होशंगाबाद म. प्र. मोहन आर्य
Приєднався 19 вер 2021
Br. Mohan Arya gurukul hoshangabad narmadapuram m.p.
आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम सौन्दर्य दृश्य arah gurukul narmadapuram#gurukul #aryasamaj #aryasamajmandir
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Відео
स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा महर्षि दयानंद व वेद के प्रति कुतर्कों का समाधान-आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक
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सुखी जीवन और इंद्रिय वशीकरण कैसे करें/ पूज्य स्वामी ऋतस्पति परिव्राजक जी महाराज arsh gurukul narmada
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आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम् के ब्रह्मचारियों द्वारा प्रस्तुत वैदिक आर्य सिद्धान्त #gurukul #aryasama
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कृपया वीडियो पूरा देखें तथा लाइक कमेंट एवं सब्सक्राइब अवश्य करें #aryasamaj #aryasamajsandhya #aryasamajmantra #aryasamajmission #gurukul #dharma #aryaveerdalsandesh #aryaveeranganadal #children #mohanarya #arshgurukul #arya #aryan
Acharya dhurandhar arya Gurukul narmadapuram / arya samaj karju svarn jayanti samaroh shajapur
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Acharya dhurandhar arya Gurukul narmadapuram / arya samaj karju svarn jayanti samaroh shajapur
वैदिक सिद्धान्त :- आर्ष गुरुकुल (होशंगाबाद) नर्मदापुरम म.प्र.
Переглядів 60611 місяців тому
पूज्य स्वामी जी द्वारा गुरुकुल के ब्रह्मचारियों को स्मरण कराए गए कुछ वैदिक सिद्धान्त। सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद
स्वतन्त्रता संग्राम व समाज सुधार में आर्यसमाज का योगदान : मोहन आर्य mohan Arya gurukul narmadapuram
Переглядів 832Рік тому
स्वतन्त्रता संग्राम व समाज सुधार में आर्यसमाज का योगदान : मोहन आर्य mohan Arya gurukul narmadapuram
हमें वेदों की जरुरत क्यों है by मोहन आर्य जी गुरुकुल नर्मदापुरम
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हमें वेदों की जरुरत क्यों है by मोहन आर्य जी गुरुकुल नर्मदापुरम
आर्य वीर दल व्यायाम प्रदर्शन : - आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम् होशंगाबाद _ Mohan gurukul hoshangabad
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आर्य वीर दल व्यायाम प्रदर्शन : - आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम् होशंगाबाद _ Mohan gurukul hoshangabad
महर्षि दयानंद आर्ष कन्या गुरुकुल मोहन बड़ोदिया के वार्षिकोत्सव में उद्बोधन : - मोहन आर्य
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इन्द्रियों को वश में कैसे करें by मोहन आर्य
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वेद की शिक्षा द्वारा सुखी जीवन/ गुरुदेव जी / मोहन आर्य
Переглядів 1,6 тис.2 роки тому
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सत्यार्थप्रकाश पर विशेष चर्चा (स्वामी ऋतस्पति जी परिव्राजक व ब्रह्मचारी मोहन आर्य श्रुतबन्धु द्वारा)
Переглядів 1,1 тис.2 роки тому
सत्यार्थप्रकाश पर विशेष चर्चा (स्वामी ऋतस्पति जी परिव्राजक व ब्रह्मचारी मोहन आर्य श्रुतबन्धु द्वारा)
Special Programme On The Arrival of Swami Ritaspati and brahmchari Mohan Arya
Переглядів 4332 роки тому
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Special Programme On The Arrival of Swami Ritaspati Ji and brahmchari Mohan Arya ji
Переглядів 4732 роки тому
Special Programme On The Arrival of Swami Ritaspati Ji and brahmchari Mohan Arya ji
सुख और स्वर्ग की प्राप्ति- ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम (म. प्र.)
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सु और स्वर्ग की प्राप्ति- ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम (म. प्र.)
राष्ट्र निर्माण जरूरी है by ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
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राष्ट्र निर्माण जरूरी है by ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
मनुष्य के कर्त्तव्य कर्म - ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
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मनुष्य के कर्त्तव्य कर्म - ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर गुरुकुल ब्रह्मचारियो का प्रदर्शन(1)
Переглядів 3 тис.2 роки тому
गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर गुरुकुल ब्रह्मचारियो का प्रदर्शन(1)
गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर गुरुकुल ब्रह्मचारियो का प्रदर्शन(2)
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गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर गुरुकुल ब्रह्मचारियो का प्रदर्शन(2)
गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर प्रदर्शन करते हुए ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)
Переглядів 3,4 тис.2 роки тому
गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर प्रदर्शन करते हुए ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जीवन यात्रा पर उद्बोधन - ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) गुरुकुल होशंगाबाद
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महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की जीवन यात्रा पर उद्बोधन - ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) गुरुकुल होशंगाबाद
संस्कृत भाषा का महत्व- ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद मध्य प्रदेश
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संस्कृत भाषा का महत्व- ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद मध्य प्रदेश
स्वतंत्रता दिवस पर ओजस्वी वक्तव्य - ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) गुरुकुल होशंगाबाद मध्य प्रदेश
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स्वतंत्रता दिवस पर ओजस्वी वक्तव्य - ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) गुरुकुल होशंगाबाद मध्य प्रदेश
🚩🌹🕉️🙏🌹🚩
फोन नंबर भेजो 🕉️🙏🏻
Jay shree ram
Sansar ke samne Satya Ko samne Rakha aapka bahut bahut aabhar
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
ओऊम् 🙏आपका शुभचिंतक ∆सागर
क्या यहां पर वानप्रस्थ आश्रम भी है?
Ji nahi
🎉🎊🙏
❣️🙌😍
वेद किससे डरते हैं इतिहास पुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत। बिभेत्यल्पश्रुताद् वेदो मामयं प्रहरिष्यतीति।। इतिहास और पुराणों के सहायता से ही वेदों के अर्थ का विस्तार एवं समर्थन करना चाहिए। जो इतिहास एवं पुराणों से अनभिज्ञ हैं, उनसे वेद डरते हैं की कहीं यह मुझ पर प्रहार न करदे।
इतिहास-पुराणः पञ्चमो वेदानां वेदः। इसके अनुसार अथर्व-वेद चौथा वेद और इतिहास-पुराण पाँचवा है। भारतीय युद्ध के बाद इतिहास-पुराण के कुरु-पाण्डवों की कथा से मिला कर महाभारत पञ्चम वेद के नाम से विख्यात हुआ है।
पूरी महाभारत को पढ़ें ये दयानंद जी ने क्यों नहीं कहा?
Mohan jii hame bhi hona chahiye Tha. ........bharat Mata kii Jaye ❤❤❤
भारत माता की जय
ब्रह्मचारी जी आपका बहुत बहुत आभार , जो अपने इतिहास के गर्भ में छुपी हुई इतनी महत्वपूर्ण बात को समाज के सामने पुनः प्रस्तुत किया।
धन्यवाद जी
❤❤❤❤ Love you sar gi app jasa mahan logo na virod Kiya h Naman h❤
धन्यवाद जी
ओउम सादर नमस्ते
नमस्ते जी
बहुत ही सुंदर, शब्दो से जबाब दिया अभी तक साहित्य मे कमी निकाल रहे थे अबमहापुरुषो मे। 🙏🌹🌹🙏🚩🚩🚩
धन्यवाद जी
नमस्ते 🙏
नमस्ते जी
मूर्ख आर्य नमाजियों को ये पता ही नहीं कि वेदों का चरम लक्ष भगवान को जानना है ,जिस बात को स्वयं भगवान गीता जी में स्वयं बोल रहे हैं वेदेश्च सर्वे अहमेव वेद्यो । और भगवान और उनके अवतार एक ही होते हैं ,भगवान के अवतारों में ,एक अवतार अर्चावतार भी है जो भगवान अपने भक्तों विशेष कृपा और उनकी सेवा स्वीकार करने के लिये धारण करते हैं। लेकिन आर्य नमाजियों ने अर्चावतार यानि मूर्ति पूजा का विरोध करके सनातन धर्म को जितना नष्ट भृष्ट करने की कोशिश की उतना शायद ही मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ने वाले मुगलों ने किया होगा । फिर भी ये निर्लज्ज खुद को सनातन धर्म का रक्षक और वेदों का ग्याता कहने का ढिंढोरा पीटते हैं। दयानंद ने तो अपने पूर्वजों पर ही शंका कर दी क्योंकि वो अनादि काल से भगवान के अर्चावतार (मूर्ति पूजा )करते आ रहे थे ऐसे कृत्य वर्णसंकर मलेच्छ ही करते हैं। हरे कृष्ण हरे राम।
कृपया पूरा विडिओ देखे
Om namestagi 🙏 bhaut bhaut subhkamnaya
धन्यवाद जी
🙏🌹🙏ନଂମନମୋଃବେଦାୟୋଃନଂମନମୋଃ🙏🌹🙏
धन्यवाद जी
दृष्टान्तो भवदुक्त: समीचीनो नास्ति। को भवान् किञ्चिदल्पज्ञ: कुत्र श्रीश्रीजगद्गुरु:। सर्वशास्त्रार्थविज्ञानपरम्पारमवाप्तवान् ।
ग्रावाण: प्लवन्ते*इति च श्रुते:
वेदे व्याकरणे चैव मीमाम्साशास्त्रसागरे ।पुराणे सर्वशास्त्रेषु राम: सर्वत्र गीयते ।।
भगवत: मूर्तीपूजाया अनङ्गीकारेण श्रीदयानन्दस्वामिभि: सत्यार्थप्रकाश: वैदिके भारते देशे म्लेच्छधर्माणाम् कटमुल्लेधर्माणाम् प्रसारार्थमेवेति तन्मतखण्डनं सर्वै: सनातनीयै: कार्यम् ।
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
@@phoolchandsharma8489 जय हो
आप सभी लोग खाली सोसियल मिडिया पर बयान बाजी कर रहे हैं और खुद को विद्वान होने का दम्भ भर रहे हैं अगर आप कि बातों में सच्चाई है तो उस पाखंडी अभद्राचार्य के उपर कोर्ट में केस क्यों नहीं करते या आप सभी कि आत्मा आर्य समाज के साथ मर चुकी है
Thanks 🙏
Achariaji. Ko. Bahut. Thanks. Abhi. Arya. Samaj. Jinda. Hai.
dhanyavad ji
Pagal hai yeh Andha aur kehta hai no aankh ni chaiye
ji
सत्य सनातन वैदिक धर्म और देशी घी एक सत्य है इस के विपरीत डालडा है जो झूठ का प्रतीक है महर्षि दयानन्द सरस्वती एक सत्य को ही महत्व देते हैं शुद्ध देशी घी खाते हैं शुद्ध देशी घी खाना हरेक के बसकी बात नहीं है जबकि डालडा खाने वाले बहुत है डालडा की अनेक किस्म है ऐसे ही लोगों में रामभद्राचार्य है जो स्वामी दयानन्द सरस्वती पर मित्था आरोप लगा कर डालडा खा रहे हैं। अतः सर्व साधारण सज्जनों से निवेदन है कि असत्य का त्याग और एक सत्य को ही ग्रहण करें। धन्यवाद। आर्य पुत्र।।
dhanyvad ji
आपको प्रणाम स्वामी जी
Swami ji namaste🙏🙏
आचार्य जी नमन है आपको
namaste ji dhanywad
इसी के वशीभूत हुए दयानंद जी...उस काल में जब मीडिया का बहुत बड़ा संसाधन नहीं था उन्होंने वेद शास्त्र प्रणीत परम्पराओं की अत्यंत निर्लज्जता से धज्जिया उड़ाना ही उद्देश्य रखा...दयानंद,विवेकानंद,गांधी,राममोहन,यह सब अंग्रेज प्रणीत हुए!
dhanywad ji
बहुत सम्यक् आचार्य जी।
dhanywad ji
🙏 प्रणाम स्वामी जी
namaste ji
🙏
namaste ji
🙏🙏
namaste ji
Acharyaji.namaste.
namste ji
उत्तम
dhanyvad ji
उत्तम
dhanywad ji
अति सुंदर👌👌
dhanyvad ji
बहुत सुन्दर उदाहरण दिये आचार्य जी
dhanywad ji
नमस्ते जी अति उत्तम जैसे - सैन्धव का अर्थ है नमक और उच्च कोटि का घोडा होता है | यदि खाना खाते समय कहने पर सैन्धव लेकर आओ तो घोड़ा लाने पर अर्थ गलत होगा यहाँ पर सैन्धव का अर्थ नमक होगा और आखेट आदि में जाने पर सैन्धव का अर्थ घोडा होगा | वैसे ही वेद में भद्रो शब्द का अर्थ राम नहीं है | महर्षि स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ प्रकाश में रामायण, महाभारत का अनेक जगह वर्णन किया है । काल्पनिक नहीं कहा है । स्व. रामभद्राचार्य जी का आरोप गलत है। वेद ज्ञान का विषय है इतिहास का नहीं।
dhanywad ji
सत्य मेव जयते ओ३म्
राम भद्र आचार्य जैसे पाखंडियों ने इस राष्ट्र की बहुत हानि की है। सदैव लोकेषणा में ही डूबे हुए हैं।
ji
रामभद्राचार्य इतना दोषी नहीं है जितना दोषी वह व्यक्ति है जो आर्य समाज द्वारा पालित और पोषित रहा यश प्रतिष्ठा और पदों को भोक्ता रहा और चुपचाप भारी सभा में स्वामी दयानंद जी के अपमान को सुनकर मुस्कुराता रहा। आर्य समाज के लोगों को सबसे पहले उस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।