आर्ष गुरुकुल नर्मदापुम होशंगाबाद म. प्र. मोहन आर्य
आर्ष गुरुकुल नर्मदापुम होशंगाबाद म. प्र. मोहन आर्य
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आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम सौन्दर्य दृश्य arah gurukul narmadapuram#gurukul #aryasamaj #aryasamajmandir
आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम सौन्दर्य दृश्य arah gurukul narmadapuram#gurukul #aryasamaj #aryasamajmandir
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सुखी जीवन और इंद्रिय वशीकरण कैसे करें/ पूज्य स्वामी ऋतस्पति परिव्राजक जी महाराज arsh gurukul narmada
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आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम् के ब्रह्मचारियों द्वारा प्रस्तुत वैदिक आर्य सिद्धान्त #gurukul #aryasama
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कृपया वीडियो पूरा देखें तथा लाइक कमेंट एवं सब्सक्राइब अवश्य करें #aryasamaj #aryasamajsandhya #aryasamajmantra #aryasamajmission #gurukul #dharma #aryaveerdalsandesh #aryaveeranganadal #children #mohanarya #arshgurukul #arya #aryan
Acharya dhurandhar arya Gurukul narmadapuram / arya samaj karju svarn jayanti samaroh shajapur
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वैदिक सिद्धान्त :- आर्ष गुरुकुल (होशंगाबाद) नर्मदापुरम म.प्र.
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पूज्य स्वामी जी द्वारा गुरुकुल के ब्रह्मचारियों को स्मरण कराए गए कुछ वैदिक सिद्धान्त। सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद
स्वतन्त्रता संग्राम व समाज सुधार में आर्यसमाज का योगदान : मोहन आर्य mohan Arya gurukul narmadapuram
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हमें वेदों की जरुरत क्यों है by मोहन आर्य जी गुरुकुल नर्मदापुरम
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धर्म का स्वरूप
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आर्य वीर दल व्यायाम प्रदर्शन : - आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम् होशंगाबाद _ Mohan gurukul hoshangabad
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महर्षि दयानंद आर्ष कन्या गुरुकुल मोहन बड़ोदिया के वार्षिकोत्सव में उद्बोधन : - मोहन आर्य
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इन्द्रियों को वश में कैसे करें by मोहन आर्य
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वेद की शिक्षा द्वारा सुखी जीवन/ गुरुदेव जी / मोहन आर्य
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सत्यार्थप्रकाश पर विशेष चर्चा (स्वामी ऋतस्पति जी परिव्राजक व ब्रह्मचारी मोहन आर्य श्रुतबन्धु द्वारा)
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Special Programme On The Arrival of Swami Ritaspati and brahmchari Mohan Arya
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सुख और स्वर्ग की प्राप्ति- ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल नर्मदापुरम (म. प्र.)
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राष्ट्र निर्माण जरूरी है by ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
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मनुष्य के कर्त्तव्य कर्म - ब्रह्मचारी मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) आर्ष गुरुकुल होशंगाबाद (म. प्र.)
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गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर गुरुकुल ब्रह्मचारियो का प्रदर्शन(1)
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गुरुकुल होशंगाबाद के वार्षिकोत्सव समारोह पर प्रदर्शन करते हुए ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु)
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स्वतंत्रता दिवस पर ओजस्वी वक्तव्य - ब्र. मोहन आर्य (श्रुतबन्धु) गुरुकुल होशंगाबाद मध्य प्रदेश
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КОМЕНТАРІ

  • @aryakamaldhawan8671
    @aryakamaldhawan8671 23 дні тому

    🚩🌹🕉️🙏🌹🚩

  • @RajanGadhvi-j5o
    @RajanGadhvi-j5o 28 днів тому

    फोन नंबर भेजो 🕉️🙏🏻

  • @vinaymishra832
    @vinaymishra832 Місяць тому

    Jay shree ram

  • @gouravmore8570
    @gouravmore8570 Місяць тому

    Sansar ke samne Satya Ko samne Rakha aapka bahut bahut aabhar

  • @technicalsudeshi6897
    @technicalsudeshi6897 Місяць тому

    🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @lover593
    @lover593 Місяць тому

    ओऊम् 🙏आपका शुभचिंतक ∆सागर

  • @KamalSrivastava-e6k
    @KamalSrivastava-e6k Місяць тому

    क्या यहां पर वानप्रस्थ आश्रम भी है?

  • @khushimore1724
    @khushimore1724 2 місяці тому

    🎉🎊🙏

  • @Vishupatel123
    @Vishupatel123 2 місяці тому

    ❣️🙌😍

  • @parmarthchintan
    @parmarthchintan 2 місяці тому

    वेद किससे डरते हैं इतिहास पुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत। बिभेत्यल्पश्रुताद् वेदो मामयं प्रहरिष्यतीति।। इतिहास और पुराणों के सहायता से ही वेदों के अर्थ का विस्तार एवं समर्थन करना चाहिए। जो इतिहास एवं पुराणों से अनभिज्ञ हैं, उनसे वेद डरते हैं की कहीं यह मुझ पर प्रहार न करदे।

  • @parmarthchintan
    @parmarthchintan 2 місяці тому

    इतिहास-पुराणः पञ्चमो वेदानां वेदः। इसके अनुसार अथर्व-वेद चौथा वेद और इतिहास-पुराण पाँचवा है। भारतीय युद्ध के बाद इतिहास-पुराण के कुरु-पाण्डवों की कथा से मिला कर महाभारत पञ्चम वेद के नाम से विख्यात हुआ है।

  • @parmarthchintan
    @parmarthchintan 2 місяці тому

    पूरी महाभारत को पढ़ें ये दयानंद जी ने क्यों नहीं कहा?

  • @user-oe9js7mm8x
    @user-oe9js7mm8x 2 місяці тому

    Mohan jii hame bhi hona chahiye Tha. ........bharat Mata kii Jaye ❤❤❤

  • @ankitarya7144
    @ankitarya7144 2 місяці тому

    भारत माता की जय

  • @rajendrakumarsharma8225
    @rajendrakumarsharma8225 2 місяці тому

    ब्रह्मचारी जी आपका बहुत बहुत आभार , जो अपने इतिहास के गर्भ में छुपी हुई इतनी महत्वपूर्ण बात को समाज के सामने पुनः प्रस्तुत किया।

  • @gurukul_narmadapurm_mohan_arya
    @gurukul_narmadapurm_mohan_arya 2 місяці тому

    धन्यवाद जी

  • @nanukumar7732
    @nanukumar7732 3 місяці тому

    ❤❤❤❤ Love you sar gi app jasa mahan logo na virod Kiya h Naman h❤

  • @rameshrinwa7595
    @rameshrinwa7595 3 місяці тому

    ओउम सादर नमस्ते

  • @vkpandey2398
    @vkpandey2398 3 місяці тому

    बहुत ही सुंदर, शब्दो से जबाब दिया अभी तक साहित्य मे कमी निकाल रहे थे अबमहापुरुषो मे। 🙏🌹🌹🙏🚩🚩🚩

  • @sannymehta7174
    @sannymehta7174 3 місяці тому

    नमस्ते 🙏

  • @bhuvanchandrabhatt967
    @bhuvanchandrabhatt967 3 місяці тому

    मूर्ख आर्य नमाजियों को ये पता ही नहीं कि वेदों का चरम लक्ष भगवान को जानना है ,जिस बात को स्वयं भगवान गीता जी में स्वयं बोल रहे हैं वेदेश्च सर्वे अहमेव वेद्यो । और भगवान और उनके अवतार एक ही होते हैं ,भगवान के अवतारों में ,एक अवतार अर्चावतार भी है जो भगवान अपने भक्तों विशेष कृपा और उनकी सेवा स्वीकार करने के लिये धारण करते हैं। लेकिन आर्य नमाजियों ने अर्चावतार यानि मूर्ति पूजा का विरोध करके सनातन धर्म को जितना नष्ट भृष्ट करने की कोशिश की उतना शायद ही मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ने वाले मुगलों ने किया होगा । फिर भी ये निर्लज्ज खुद को सनातन धर्म का रक्षक और वेदों का ग्याता कहने का ढिंढोरा पीटते हैं। दयानंद ने तो अपने पूर्वजों पर ही शंका कर दी क्योंकि वो अनादि काल से भगवान के अर्चावतार (मूर्ति पूजा )करते आ रहे थे ऐसे कृत्य वर्णसंकर मलेच्छ ही करते हैं। हरे कृष्ण हरे राम।

  • @KapilRohtagi
    @KapilRohtagi 3 місяці тому

    Om namestagi 🙏 bhaut bhaut subhkamnaya

  • @mohanchpatra9062
    @mohanchpatra9062 3 місяці тому

    🙏🌹🙏ନଂମନମୋଃବେଦାୟୋଃନଂମନମୋଃ🙏🌹🙏

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 3 місяці тому

    दृष्टान्तो भवदुक्त: समीचीनो नास्ति। को भवान् किञ्चिदल्पज्ञ: कुत्र श्रीश्रीजगद्गुरु:। सर्वशास्त्रार्थविज्ञानपरम्पारमवाप्तवान् ।

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 3 місяці тому

    ग्रावाण: प्लवन्ते*इति च श्रुते:

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 3 місяці тому

    वेदे व्याकरणे चैव मीमाम्साशास्त्रसागरे ।पुराणे सर्वशास्त्रेषु राम: सर्वत्र गीयते ।।

  • @parbhakarprasad153
    @parbhakarprasad153 3 місяці тому

    भगवत: मूर्तीपूजाया अनङ्गीकारेण श्रीदयानन्दस्वामिभि: सत्यार्थप्रकाश: वैदिके भारते देशे म्लेच्छधर्माणाम् कटमुल्लेधर्माणाम् प्रसारार्थमेवेति तन्मतखण्डनं सर्वै: सनातनीयै: कार्यम् ।

  • @phoolchandsharma8489
    @phoolchandsharma8489 3 місяці тому

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय

  • @surendrawaghmare9472
    @surendrawaghmare9472 3 місяці тому

    आप सभी लोग खाली सोसियल मिडिया पर बयान बाजी कर रहे हैं और खुद को विद्वान होने का दम्भ भर रहे हैं अगर आप कि बातों में सच्चाई है तो उस पाखंडी अभद्राचार्य के उपर कोर्ट में केस क्यों नहीं करते या आप सभी कि आत्मा आर्य समाज के साथ मर चुकी है

  • @DhiramanTandi
    @DhiramanTandi 3 місяці тому

    Thanks 🙏

  • @manavbhatia7185
    @manavbhatia7185 3 місяці тому

    Achariaji. Ko. Bahut. Thanks. Abhi. Arya. Samaj. Jinda. Hai.

  • @SatyaDhasmana
    @SatyaDhasmana 3 місяці тому

    Pagal hai yeh Andha aur kehta hai no aankh ni chaiye

  • @HaridevSharma-rc1jv
    @HaridevSharma-rc1jv 3 місяці тому

    सत्य सनातन वैदिक धर्म और देशी घी एक सत्य है इस के विपरीत डालडा है जो झूठ का प्रतीक है महर्षि दयानन्द सरस्वती एक सत्य को ही महत्व देते हैं शुद्ध देशी घी खाते हैं शुद्ध देशी घी खाना हरेक के बसकी बात नहीं है जबकि डालडा खाने वाले बहुत है डालडा की अनेक किस्म है ऐसे ही लोगों में रामभद्राचार्य है जो स्वामी दयानन्द सरस्वती पर मित्था आरोप लगा कर डालडा खा रहे हैं। अतः सर्व साधारण सज्जनों से निवेदन है कि असत्य का त्याग और एक सत्य को ही ग्रहण करें। धन्यवाद। आर्य पुत्र।।

  • @ramkrishandhakad1033
    @ramkrishandhakad1033 3 місяці тому

    आपको प्रणाम स्वामी जी

  • @ncertallbookssolutions3117
    @ncertallbookssolutions3117 3 місяці тому

    Swami ji namaste🙏🙏

  • @neetaarya5376
    @neetaarya5376 3 місяці тому

    आचार्य जी नमन है आपको

  • @आचार्यभारद्वाज

    इसी के वशीभूत हुए दयानंद जी...उस काल में जब मीडिया का बहुत बड़ा संसाधन नहीं था उन्होंने वेद शास्त्र प्रणीत परम्पराओं की अत्यंत निर्लज्जता से धज्जिया उड़ाना ही उद्देश्य रखा...दयानंद,विवेकानंद,गांधी,राममोहन,यह सब अंग्रेज प्रणीत हुए!

  • @amitmane941
    @amitmane941 3 місяці тому

    बहुत सम्यक् आचार्य जी।

  • @nijblog
    @nijblog 3 місяці тому

    🙏 प्रणाम स्वामी जी

  • @gourav2019
    @gourav2019 3 місяці тому

    🙏

  • @manshukiarya9602
    @manshukiarya9602 3 місяці тому

    🙏🙏

  • @manshukiarya9602
    @manshukiarya9602 3 місяці тому

    Acharyaji.namaste.

  • @gajanannarkar4724
    @gajanannarkar4724 3 місяці тому

    उत्तम

  • @gajanannarkar4724
    @gajanannarkar4724 3 місяці тому

    उत्तम

  • @govindshindeverynicesir3648
    @govindshindeverynicesir3648 3 місяці тому

    अति सुंदर👌👌

  • @arjunarya2593
    @arjunarya2593 3 місяці тому

    बहुत सुन्दर उदाहरण दिये आचार्य जी

  • @nijblog
    @nijblog 3 місяці тому

    नमस्ते जी अति उत्तम जैसे - सैन्धव का अर्थ है नमक और उच्च कोटि का घोडा होता है | यदि खाना खाते समय कहने पर सैन्धव लेकर आओ तो घोड़ा लाने पर अर्थ गलत होगा यहाँ पर सैन्धव का अर्थ नमक होगा और आखेट आदि में जाने पर सैन्धव का अर्थ घोडा होगा | वैसे ही वेद में भद्रो शब्द का अर्थ राम नहीं है | महर्षि स्वामी दयानंद जी ने सत्यार्थ प्रकाश में रामायण, महाभारत का अनेक जगह वर्णन किया है । काल्पनिक नहीं कहा है । स्व. रामभद्राचार्य जी का आरोप गलत है। वेद ज्ञान का विषय है इतिहास का नहीं।

  • @amitrai4994
    @amitrai4994 3 місяці тому

    सत्य मेव जयते ओ३म्

  • @chandrakantagera5454
    @chandrakantagera5454 3 місяці тому

    राम भद्र आचार्य जैसे पाखंडियों ने इस राष्ट्र की बहुत हानि की है। सदैव लोकेषणा में ही डूबे हुए हैं।

  • @harendersastri7116
    @harendersastri7116 3 місяці тому

    रामभद्राचार्य इतना दोषी नहीं है जितना दोषी वह व्यक्ति है जो आर्य समाज द्वारा पालित और पोषित रहा यश प्रतिष्ठा और पदों को भोक्ता रहा और चुपचाप भारी सभा में स्वामी दयानंद जी के अपमान को सुनकर मुस्कुराता रहा। आर्य समाज के लोगों को सबसे पहले उस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।