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Usha Kiran Khan
Приєднався 6 вер 2015
Day 105 Padmshri Tipaniya "KABIR GAYAN"
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से
जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना
एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के
विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के
माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का
पुण्य स्मरण किया जा रहा है। इस समारोह में रामचंद्र खान सामाजिक विज्ञान
पुरस्कार और रामचंद्र खान अनुवाद पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2023 की गई है I
रामचंद्र खान स्मृति समारोह सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन (8 एवं 9 अप्रैल)
को हुआ है । इस दो दिवसीय समारोह में पुरस्कार वितरण के साथ ही साहित्यिक
एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया I यह आयोजन बिहार की
साहित्यिक और सांस्कृतिक परिवेश को समृद्ध करने की दिशा में एक सकारात्मक हस्तक्षेप
है। इस आयोजन में समाज, संस्कृति, कला, राजनीति एवं सिनेमा पर गंभीर चर्चा-परिचर्चा की गयी
। परिचर्चा के साथ-साथ आप सुधी श्रोताओं के लिए सांगीतिक प्रस्तुति
एवं काव्य-संध्या का आयोजन भी हुआ। हम लोकदर्शन न्यास की तरफ से आप सुधी जनों का
हार्दिक स्वागत, वंदन और अभिनंदन करते हैं ।
"कबीर गायन"
पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया एवं साथी
संचालन : प्रो.रवि प्रकाश बबलू
जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना
एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के
विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के
माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का
पुण्य स्मरण किया जा रहा है। इस समारोह में रामचंद्र खान सामाजिक विज्ञान
पुरस्कार और रामचंद्र खान अनुवाद पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2023 की गई है I
रामचंद्र खान स्मृति समारोह सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन (8 एवं 9 अप्रैल)
को हुआ है । इस दो दिवसीय समारोह में पुरस्कार वितरण के साथ ही साहित्यिक
एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया I यह आयोजन बिहार की
साहित्यिक और सांस्कृतिक परिवेश को समृद्ध करने की दिशा में एक सकारात्मक हस्तक्षेप
है। इस आयोजन में समाज, संस्कृति, कला, राजनीति एवं सिनेमा पर गंभीर चर्चा-परिचर्चा की गयी
। परिचर्चा के साथ-साथ आप सुधी श्रोताओं के लिए सांगीतिक प्रस्तुति
एवं काव्य-संध्या का आयोजन भी हुआ। हम लोकदर्शन न्यास की तरफ से आप सुधी जनों का
हार्दिक स्वागत, वंदन और अभिनंदन करते हैं ।
"कबीर गायन"
पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया एवं साथी
संचालन : प्रो.रवि प्रकाश बबलू
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Day 104 Prize Distrbution
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संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
Day 103 Dr Ajay Kumar
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संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
LOKDARSHAN Day 102 Shri Harivansh Narayn
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संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
LOKDARSHAN Day 101Shri Raj Gopal
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संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...