Usha Kiran Khan
Usha Kiran Khan
  • 5
  • 132 806
Day 105 Padmshri Tipaniya "KABIR GAYAN"
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से
जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना
एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के
विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के
माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का
पुण्य स्मरण किया जा रहा है। इस समारोह में रामचंद्र खान सामाजिक विज्ञान
पुरस्कार और रामचंद्र खान अनुवाद पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2023 की गई है I
रामचंद्र खान स्मृति समारोह सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन (8 एवं 9 अप्रैल)
को हुआ है । इस दो दिवसीय समारोह में पुरस्कार वितरण के साथ ही साहित्यिक
एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया I यह आयोजन बिहार की
साहित्यिक और सांस्कृतिक परिवेश को समृद्ध करने की दिशा में एक सकारात्मक हस्तक्षेप
है। इस आयोजन में समाज, संस्कृति, कला, राजनीति एवं सिनेमा पर गंभीर चर्चा-परिचर्चा की गयी
। परिचर्चा के साथ-साथ आप सुधी श्रोताओं के लिए सांगीतिक प्रस्तुति
एवं काव्य-संध्या का आयोजन भी हुआ। हम लोकदर्शन न्यास की तरफ से आप सुधी जनों का
हार्दिक स्वागत, वंदन और अभिनंदन करते हैं ।
"कबीर गायन"
पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपानिया एवं साथी
संचालन : प्रो.रवि प्रकाश बबलू
Переглядів: 132 769

Відео

Day 104 Prize DistrbutionDay 104 Prize Distrbution
Day 104 Prize Distrbution
Переглядів 56Рік тому
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
Day 103 Dr Ajay KumarDay 103 Dr Ajay Kumar
Day 103 Dr Ajay Kumar
Переглядів 32Рік тому
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
LOKDARSHAN Day 102 Shri Harivansh NaraynLOKDARSHAN Day 102 Shri Harivansh Narayn
LOKDARSHAN Day 102 Shri Harivansh Narayn
Переглядів 44Рік тому
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...
LOKDARSHAN Day 101Shri Raj GopalLOKDARSHAN Day 101Shri Raj Gopal
LOKDARSHAN Day 101Shri Raj Gopal
Переглядів 39Рік тому
संस्कृति चिन्तनशील मानव-सभ्यता की ऐसी थाती है जो मनुष्य की चेतना को जड़ से जोड़ने का उपक्रम रचती है। साहित्य और कला के विविध माध्यमों से समाज की चेतना एवं संस्कृति व्याख्यायित होती रही है। लोकदर्शन-न्यास कला, समाज, संस्कृति के विविध अनुशासनों के अंतःसंबंध को व्याख्यायित करने का एक मंच है। इस मंच के माध्यम से साहित्यिक-सांस्कृतिक रुचियों से सम्पन्न कुशल प्रशासक रामचंद्र खान का पुण्य स्मरण किया ज...