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Dilip L. Vaidya
Приєднався 8 бер 2016
हिंदी:- वैदिक धर्म के सर्वहितकारी तत्वोंका ज्ञान सब मनुष्यों को होवें इस उद्देश्य से महत्वपूर्ण हिंदी तथा मराठी पुस्तकोंका पठन जिज्ञासुओं की सेवा में इस चैनेलके माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है।
मराठी:- वैदिक धर्माची तत्वे सर्वांना माहीत व्हावीत या उद्देशाने विविध महत्वाच्या पुस्तकांचे अभिवाचन करून या चॅनेलवरून प्रसारित करण्यात येत आहे.
गले लगाईए (भाग ८)
हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधीपाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है।
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गले लगाईए..(भाग ७)
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Description:- हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधीपाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है। गले लगाईए इस ...
गले लगाईए (भाग ६)
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Description:- भारत देश में फैले हुए जन्मना जाति व्यवस्था तथा स्पृश्य-अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने देशवासी भाई अपमान और तिरस्कार की जिंदगी से थक-हारकर विधर्मी बनते गए। गले लगाईए इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होनेवाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। पाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित होंगे ऐसी आशा है। गले लगाईए इस पुस्तक की पीडीएफ प्राप्त करने के लिए लिंक..👇 drive.google.com/file/d/1uNg-efLxhDDttZX...
गले लगाईए (भाग ५)
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Description:- हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधीपाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है। गले लगाईए इस ...
गले लगाईए (भाग-४)
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Description:- हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधीपाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है। गले लगाईए इस ...
गले लगाईए (भाग ३)
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Description:- हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधीपाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है। गले लगाईए इस ...
गले लगाईए (भाग २)
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Description:- भारत देश में फैले हुए जन्मना जाति व्यवस्था तथा स्पृश्य-अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने देशवासी भाई अपमान और तिरस्कार की जिंदगी से थक-हारकर विधर्मी बनते गए। गले लगाईए इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होनेवाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। पाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित होंगे ऐसी आशा है। गले लगाईए इस पुस्तक की पीडीएफ प्राप्त करने के लिए लिंक..👇 drive.google.com/file/d/1uNg-efLxhDDttZX...
गले लगाईए (भाग १)
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Description:- हमारे देश में फैली हुई जन्मना जाति व्यवस्था तथा अस्पृश्यता के कारण हमारे अपने भाई अपमान और तिरस्कारमय जीवन जीने को मजबूर हो कर विधर्मी बनते गए। अत:"गले लगाइए" इस पुस्तक में उंच-नीच के कारण होने वाली हानि की सत्य घटनाएँ दी गई हैं। सुधी पाठक/श्रोता गण पुस्तक से प्रेरित हों कर अपने ही दलित कहलाने वाले भाइयों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी हमें ऐसी आशा और विश्वास है। गले लगाईए इस...
डॉ. नयनकुमार आचार्य यांचे नांदेड येथील व्याख्यान
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डॉ. नयनकुमार आचार्य यांचे नांदेड येथील दि.८.१२.२०२४ (रविवार) रोजीचे प्रेरणादायी व्याख्यान. जे व्यक्ती या कार्यक्रमात उपस्थित राहू शकले नाहीत त्यांच्यासाठी या माध्यमातून उपलब्ध करून देण्यात येत आहे.
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव (भाग ६) अंतिम भाग.
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव (भाग ५)
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव (भाग ४)
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव (भाग ३)
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव (भाग २)
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
महर्षि दयानंद का प्रादुर्भाव, भाग-१
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इस पुस्तक में लेखक ने युगप्रवर्तक, महामानव महर्षि दयानंद के गुणों का तथा अतुलनीय परोपकारी कार्यों का संक्षिप्त वर्णन किया है।
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👌👌🙏🙏
डॉ. नयनकुमार आचार्य यांचे नांदेड येथील दि.८.१२.२०२४ (रविवार) रोजीचे प्रेरणादायी व्याख्यान. जे व्यक्ती या कार्यक्रमात उपस्थित राहू शकले नाहीत त्यांच्यासाठी या माध्यमातून उपलब्ध करून देण्यात येत आहे.
बहूत अच्छा सर प्लीज कंटीन्यूव करे🚩
👌👌
धन्यवाद सुरेशजी!!💐
👌👌🙏🙏
बहुत ही सुन्दर विचार हैं
Dhanyawad
Agar ary samajiyo ne rishi dayanand ka kary kiya hota to aj pure bharat me rishi dayanand ka nam gunjata lekin ye ary samaji yokihi niskriyata he ke rishi dayanand ko ujagar nahi karpaye or vivekanand jeysha agyani gargar pahoch gaya iskeliye ary samaj hi doshihe inhe rishi dayanand ke karyose koi lenadena nahi keval sampati par kabjase hi matlab he
स्तुत्य प्रयास..!!!
।। ओ3म् ।।
नमस्ते जी! धन्यवाद!!
Please download following App which will enable you to study online vedic literature written by right from Brahma to Maharshi Dayananda and his scholarly successors.👇 play.google.com/store/apps/details?id=aarsh.sahitya
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ब्रह्मा से लेकर महर्षि दयानन्द सरस्वती पर्यन्त तथा उसके बाद के सभी आर्य विद्वानों द्वारा लिखित सभी आर्ष साहित्य के ऑनलाइन अध्ययन हेतु व साहित्य डाऊनलोड करने हेतु यह ऐप्प डाऊनलोड कीजिए।* play.google.com/store/apps/details?id=aarsh.sahitya
*ब्रह्मा से लेकर महर्षि दयानन्द सरस्वती पर्यन्त तथा उसके बाद के सभी आर्य विद्वानों द्वारा लिखित सभी आर्ष साहित्य के ऑनलाइन अध्ययन हेतु व साहित्य डाऊनलोड करने हेतु यह ऐप्प डाऊनलोड कीजिए।* play.google.com/store/apps/details?id=aarsh.sahitya
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😊
❤❤❤🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏
राष्ट्रीय वीरता को सादर प्रणाम
नमस्ते जी.
Pdf download नहीं हो रही है जी, कृपया समाधान कीजिये
Bahut sundar prayas.
नमस्ते! धन्यवाद महोदय!
ओम नमस्ते
प्रेरक व्यक्तित्व
साधुवाद। शुभ कामना! जिज्ञासु योग वेद साधक!
बाल जीवन सोपान इस पुस्तक के पीडीएफ की लिंक..👇🏻👇🏻 drive.google.com/file/d/1Yoh78FHeLaDZ6F5ijKzNRsNvWhlNVfrI/view?usp=drivesdk
Noble contribute for humanity as well as universal brotherhood
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❤️ Love ❤️ from ❤️ india ❤️ jharkhand ❤️ jamshedpur ❤️ jugsalai ❤️ chaprahiya ❤️ mohallah ❤️ 0:10
❤❤❤❤
Swapandimosh night fall connect to mind man me gandhe vichar naa laaye ghande chal chitra na dekhe....... Night fall nhi hoga jyada problem hai to subh 3 baje uth jaaye.... Or NOTE - sperm production hota rhta WO NIKAL KR HI RAHEGA NIGHT FALL NHI BI HOGA TO JAB AAP SOCH AADI JAOGE JAB KABJ HOGA WO NIKAL KR HI RAHEGA.....GHABRAYE NHI HUM KALYUG KE MODERN TIME HAI HUME DIVYA PURASH NHI BANNA NA HI BHAGWAN KITAB 150 SAAL PURANI HAI US TIME ASA HOTA HOGA AB NHI...... IF YOU ARE IN YOUNG AGE AAPKA SPERM NIKALEGA HI...... NA AAPKA PAHLE JAISA KHANA HAI KHANA BI AK FACTOR HAI.......
Jai shree ram❤❤
Aap sanskrit line bade acche se bolte h
Virya ki rakha hi brahchaya nhi hai... Wo to bahut aashan hai.... Man me bi khayal nhi aana chahiye.... Is next to impossible hai
Wo is book ki summary thi
Maine asharam bapu ki yuva dhan surksha book 7 class me padi thi. Mean is book ki hi copy thi tag bapu ka laga diya
Mashrshi dayanand Or vivekanand...... BJP jaise nhi the RSS ki ideology unke bilkul opposite Thi
There is a lot of unscientific lines
विवाह चांगल्या पद्धतीने समजावून सांगितले खूप खूप धन्यवाद
खूप खूप आभार जी
खूप च छान
वेद रहस्य अतिशय उत्तम ग्रंथ है.
क्या आप इसे थोड़ी आसान भाषा मैं समझाने का प्रयास कर सकते है?
यदि विकासवाद का सिद्धांत गलत है तो फिर भिन्न भिन्न प्राणियों की उत्पत्ति के लिए वैदिक सिद्धांत क्या है ? चर्च के अनुसार तो मनुष्य के लिए इंटेलीजेंट ओरिजन का सिद्धांत सही है।
आप एक बार निष्पक्ष होकर इस प्लेलिस्ट को सुनें: ua-cam.com/play/PLraPREf0N0fOgzAHU5_1YSLOV7s3ZPK8E.html
यदि संभव हो तो सरल तथा सरस शब्दों का प्रयोग किया जाए।
संस्कृतनिष्ठ हिन्दी 01. ज़िंदगी→जीवन 02. ज़िंदा→जीवित 03. ज़रूर→अवश्य 04. ज़रूरी→आवश्यक 05. ज़रूरत→आवश्यकता, प्रयोजन 06. ज़्यादा/ज़ियादा→अधिक 07. सिर्फ़, महज़→केवल, मात्र 08. अगर→यदि 09. इंतज़ार/इंतिज़ार→प्रतीक्षा 10. इंतज़ार करना→बाट जोहना/देखना 11. इंतज़ाम/इंतिज़ाम, बंदोबस्त→प्रबंध, व्यवस्था 12. इजाज़त→अनुमति, आज्ञा 13. माफ़ी→क्षमा 14. इस्तेमाल→काम में लाना, उपयोग, प्रयोग 15. फ़ौरन, जल्दी→उसी समय, तुरंत, तत्काल, तत्क्षण 16. मंज़ूर→स्वीकार 17. मंज़ूर करना→मान लेना, स्वीकार करना 18. मंज़ूरी→स्वीकृति 19. वक़्त→समय, घड़ी, काल, पल 20. मौक़ा→अवसर 21. ज़माना→युग, समय 22. मुलाक़ात→भेंट, परिचय (जैसे-मुलाक़ात कराना→परिचय कराना) 23. ख़ुद→स्वयं 24. ख़ुद-ब-ख़ुद→अपने आप, स्वतः 25. ख़ुदकुशी→आत्महत्या 26. हासिल→प्राप्त (जैसे-तमको क्या हासिल होगा?→तुम्हें क्या मिलेगा?) 27. इलाक़ा→क्षेत्र, प्रदेश 28. फ़ैसला/फ़ैस्ला→निर्णय, निश्चय 29. फ़ायदा→लाभ 30. नुक़सान/नुक़्सान→हानि, क्षति 31. सवाल→प्रश्न 32. जवाब→उत्तर 33. हल→समाधान 34. अख़बार→समाचार-पत्र 35. ख़बर→संदेश, समाचार, सूचना, जानकारी 36. ख़िलाफ़→विरुद्ध 37. मुख़ालिफ़त/ख़िलाफ़त→विरोध 38. फ़िक्र/परवाह→चिंता 39. इशारा→संकेत 40. ऐलान/ए'लान/एलान→घोषणा 41. आख़िरी→अंतिम 42. ख़त्म→समाप्त 43. ख़ातमा, ख़ात्मा, ख़ातिमा, ख़ातिमह→समाप्ति 44. क़त्ल→हत्या 45. क़ातिल→हत्यारा 46. क़ुबूल→स्वीकार 47. आबाद→संपन्न, फलता-फूलता 48. आबादी→जनसंख्या 49. ज़रिया→माध्यम, साधन 50. हक़→अधिकार 51. फ़र्ज़→कर्त्तव्य 52. दाख़िला→प्रवेश 53. कामयाब→सफल 54. कामयाबी→सफलता, लक्ष्य-प्राप्ति 55. तारीफ़/ता'रीफ़→प्रशंसा, बड़ाई, बखान, सराहना, गुणगान, श्लाघा 56. क़ाबिल→योग्य, सक्षम 57. क़ाबिल-ए-ता'रीफ़→प्रशस्य, सराहनीय(श्लाघनीय), प्रशंसनीय, श्लाघ्य 58. क़ाबिलियत/ क़ाबिलीयत/क़ाबिलिय्यत→कौशल, योग्यता, निपुणता, समर्थता, दक्षता, सामर्थ्य, पात्रता 59. मदद→सहायता 60. मौजूद→उपस्थित 61. मौजूदगी→उपस्थिति 62. मौजूदा→वर्तमान 63. 'इलाज/इलाज→उपचार, चिकित्सा, उपाय 64. दोस्त, यार→मित्र, सखा 65. दोस्ती→मित्रता, मैत्री 66. ज़िम्मा→प्रभार, दायित्व 67. ज़िम्मेदार→उत्तरदायी 68. ज़िम्मेदारी→उत्तरदायित्व 69. दरख़्वास्त/दरख़ास्त, गुज़ारिश→प्रार्थना, निवेदन, आग्रह, विनती 70. सियासत→राजनीति 71. असर→प्रभाव 72. जगह→स्थान, स्थल, आस्पद 73. तरह→प्रकार, ढंग 74. तरीक़ा→विधि, प्रकार, ढंग 75. जासूस→गुप्तचर, भेदिया, सूचक 76. शामिल, शरीक→सम्मिलित 77. अंदर→भीतर 78. आज़ाद→स्वतंत्र, स्वाधीन, स्वच्छंद, मुक्त 79. आज़ादी→स्वतंत्रता, स्वाधीनता, स्वच्छंदता, मुक्ति 80. क़रीब→निकट, समीप, पास 81. ज़ख़्म→घाव 82. ज़ख़मी/ज़ख़्मी→घायल 83. ज़मीन/ज़मीं→पृथ्वी, धरती, भूमि 84. ज़हर/ज़ह्र→विष 85. साल→वर्ष, बरस 86. दुनियाँ/दुनिया→संसार, विश्व, जगत् 87. दौलत→धन-संपत्ति 88. ज़ुल्म→अत्याचार 89. ज़ुल्मी/ज़ालिम, बर्बर→अत्याचारी 90. जुर्म→अपराध 91. दफ़्तर, ऑफ़िस→कार्यालय 92. शेर→सिंह 93. कफ़न→मृतचैल, शववस्त्र 94. इनसाफ़/इन्साफ़→न्याय 95. अदालत→न्यायालय 96. ए'तिबार/ऐतबार, यक़ीन→भरोसा, विश्वास 97. किताब→पुस्तक 98. इम्तिहान→परीक्षा 99. आज़माइश→परख 100. साज़िश→षड्यंत्र, कुचक्र, दुरभिसंधि 101. दिक़्क़त→कष्ट, समस्या 102. दिमाग़→मस्तिष्क, बुद्धि, समझ 103. ज़िला'/ज़िला→जनपद 104. ज़रा→थोड़ा, अल्प 105. हमला→आक्रमण, धावा, चढ़ाई, प्रहार 106. शादी→ब्याह, विवाह 107. दुशमन/दुश्मन→बैरी, वैरी, शत्रु 108. ख़ज़ाना→कोष, भंडार, निधि 109. परेशान→व्याकुल, घबराया हुआ, व्यग्र, चिंतित, उद्विग्न, विषण्ण, उदास, दुःखी, विमनस्क, किंकर्तव्यविमूढ़ 110. सफ़ेद→श्वेत, धवल, शुभ्र
111. सिपाही, फ़ौजी→सैनिक 112. सरदी/सर्दी→ठंड, शीत 113. इस्तीफ़ा→त्यागपत्र 114. आराम→विश्राम, सुख, चैन, शान्ति 115. आईना, शीशा→दर्पण, आरसी 116. आसान→सरल, सुगम, सहज, सुलभ 117. आसानी→सुगमता, सरलता, सहजता, सुलभता 118. आफ़त→संकट, दुःख, क्लेश, विपत्ति 119. आम→साधारण, सामान्य 120. आम तौर पर→सामान्यतः, सामान्य रूप से, साधारणतया 121. आमदनी/आम्दनी→आय 122. ज़्यादा होना→बढ़ना, अधिक होना 123. कम होना→घटना, न्यून होना 124. कमी→अभाव, न्यूनता 125. ख़ून→लहू, रक्त, रुधिर 126. तारीख़→दिनांक, तिथि 127. ख़ास→विशेष, विशिष्ट 128. ख़ास तौर से→विशेष रूप से 129. पैदा होना→जन्म लेना, जन्मना 130. हज़ार→सहस्र 131. रेशम→पाट, पाटंबर, कौशेय 132. इनसान/इन्सान, आदमी→मनुष्य, मानव, व्यक्ति, पुरुष, नर 133. इन्सानियत→मानवता, मनुष्यता 134. ज़िद→हठ, ढीठाई 135. ज़िद्दी→हठी, अड़ियल, ढीठ, दुराग्राही 136. सब्ज़ी→शाक, साग, भाजी, शाकभाजी, शाकपत्र/सागपात 137. दरज़ी/दर्ज़ी→शिम्पी, सुइया, सिलकर 138. आसमान→आकाश, गगन, अम्बर, नभ 139. मतलब→तात्पर्य, उद्देश्य, अर्थ/अर्थात्, अभिप्राय, आशय, प्रयोजन 140. बुज़ुर्ग→वृद्ध, बूढ़ा, वयोवृद्ध 141. इज़्ज़त→आदर, सम्मान, प्रतिष्ठा, गौरव 142. ख़त्रा/ख़तरा→भय, विपत्ति, संकट 143. बेहोश→अचेत, चेतनाहीन, मूर्च्छित 144. बेहोशी→मूर्च्छा, अचेतावस्था, अचैतन्य 145. शराब→मदिरा, मद्य, वारुणी 146. मतलबी/मत्लबी→स्वार्थी 147. रोशनी/रौशनी→प्रकाश 148. बेकार→व्यर्थ, गतार्थ, अर्थहीन, अकारथ 149. महफ़िल→समारोह, सभा 150. हिसाब→गणित, गणना, लेखा-जोखा 151. मक़सद/मक़्सद→उद्देश्य, लक्ष्य 152. शायद→कदाचित्, सम्भवतः, स्यात् 153. लाचार, मजबूर→विवश, असहाय, असमर्थ 154. ग़लत→अनुचित, त्रुटिपूर्ण, अशुद्ध, बुरा, असत्य, अनुपयुक्त, दोषपूर्ण, जो ठीक न हो 155. ग़लती→दोष, भूल, अशुद्धि, त्रुटि 156. बाज़→सेन(श्येन), गरुड़ 157. नाश्ता→प्रातराश, कलेवा, कलेऊ, जलपान, पनपियाव, अल्पाहार, ॲंकोर, कोर 158. लेकिन→परन्तु, पर 159. सलाह→परामर्श, उपदेश 160. शर्त→पण/पन, विपण 161. जुर्माना→अर्थदण्ड 162. मुफ़्त→निःशुल्क 163. मुफ़्तख़ोर→रोटीतोड़, टुकड़हा, टुकड़तोड़, रहुवा 164. ख़ुश→प्रसन्न, हर्षित, पुलकित, आनन्दित 165. ख़ुशी→प्रसन्नता, हर्ष, उल्लास/उल्हास/हुलास, आनन्द 166. अस्पताल/हस्पताल→चिकित्सालय, आरोग्यालय, रुग्णालय 167. ताज़ा→अद्यतन, अभिनव, स्वच्छ, नूतन, नवीन, अम्लान, स्मित 168. माहिर→प्रवीण, निपुण, दक्ष, कुशल, पारंगत 169. तोता→सुग्गा, शुक 170. बाज़ार→हाट, पैंठ, पैंठोर, विपणि 171. हर एक→प्रत्येक 172. या→वा, अथवा 173. तशरीफ़/तश्रीफ़ रखिये→विराजिए, आसान ग्रहण करें, बैठिये 174. वॉलेट→बटुआ, झौलिक, मात्राभस्त्रा 175. बेहतरीन→अद्भुत, श्रेष्ठ, सर्वश्रेष्ठ, बहुत बढ़िया, सर्वोत्तम, उत्कृष्ट 176. जान→प्राण 177. जानवर→पशु 178. जोश→उत्साह, उमंग 179. जायदाद→सम्पत्ति 180. तन्ज़→व्यंग्य 181. पुल→सेतु 182. असल/अस्ल में→वास्तव में 183. असली/अस्ली→वास्तविक 184. असलियत/अस्लियत→वास्तविकता 185. बर्फ़→हिम 186. बर्फ़ के पहाड़→हिमशिखर, हिमपर्वत 187. आख़िरकार→अंततः, अन्ततोगत्वा 188. बदला→पलटा, प्रतिशोध 189. इनाम/ईनाम→पुरस्कार 190. अलावा/इलावा→अतिरिक्त, छोड़कर 191. औरत→महिला, स्त्री 192. बाज़ू, आस्तीन→बाँह, भुजा 193. बाज़ूबंद→बिजायठ, अंगद 194. सुस्त→आलसी 195. सुस्ती→आलस, आलस्य 196. बच्चा→बालक 197. बदनाम→कुख्यात, कुप्रसिद्ध 198. बदनामी→कुख्याति 199. ख़याल→विचार 200. सर→सिर 201. सिपाही/ फ़ौजी→सैनिक 202. सज़ा→दण्ड 203. फ़ौज→सेना 204. दर्द→पीड़ा, कष्ट 205. दरवाज़ा→किवाड़, द्वार, कपाट 206. अनार→दाड़िम, मादुलई 207. ग़रीब→निर्धन, अकिंचन, दरिद्र 208. ग़रीबी→निर्धनता, दरिद्रता 209. आवारा→निठल्ला, निकम्मा 210. जादू→चमत्कार 211. कारख़ाना→शिल्पशाला, उद्योगशाला, उद्योग-स्थल 212. रेहन/गिरवी→बंधक 213. ज़मानत→प्रतिभूति, प्रतिभू 214. हवालात/जेलख़ाना→कारावास, बंदीगृह 215. क़ैद/गिरफ़्त→बंधन, कारावास 216. क़ैदी→आबद्ध, कारावासी 217. क़ैद-ए-बा-मशक़्क़त→कठोर कारावास 218. 'उम्र-क़ैद→आजीवन कारावास 219. हिरासत→अभिरक्षा 220. निगरानी→रखवाली, देख-रेख, निरीक्षण
221. ख़बरदार→सावधान, सचेत, चौकस, चौकन्ना 222. गिरफ़्तार करना→पकड़ना, आसेध करना 223. अमीर→धनवान, धनी, धनाढ्य 224. अमीरी→संपन्नता, ठाठ-बाठ, धनाढ्यता 225. बेघर→आवासहीन, आश्रयहीन, गृहविहीन, गृहहीन, निराश्रय, अगतिक, बिना आश्रय, निरालंब 226. नीस्त-ओ-नाबूद→मलिया-मेट करना, नष्ट करना, उजाड़ना, जड़मूल से नष्ट, समूल नष्ट 227. नतीजतन→इसलिए, अतः, इस कारण से, अतएव, तदर्थ, फलस्वरूप, फलतः, परिणामतः, परिणामतया, परिणाम-स्वरूप 228. सलाह-मश्वरा/मशविरा→विचार-विमर्श, बातचीत 229. क़ब्ज़(constipation)→विबन्ध, मलावरोध, आनाह, कोष्ठबद्धता, मलबन्ध 230. बलग़म→श्लेष्मा 231. बवासीर→अर्श 232. बदहज़मी/बदहज़्मी→अपच, अजीर्ण 233. ज़ंग(rust)→मंडूर, किट्ट 234. बहाना→मिस, व्याज 235. हाज़िमः/हाज़मा/हाज़्मा→पाचन, पाचन-शक्ति, पाचन-क्रिया 236. हज़्म करना/ग़बन करना(embezzle)→हड़पना, डकार जाना, खा जाना 237. Leftist→वामपन्थी 238. बर्दाश्त करना→सहना, सहन करना 239. मौसम/मौसिम→वायुमान, वातावरण, समा 240. हवा→वायु, पवन 241. हवाई जहाज़→विमान, वायु-यान, 242. हवाई अड्डा→विमानपत्तन, विमानाश्रय 243. Air hostess→विमान परिचारिका 244. मालिश→संस्कृत के शब्द: संवाहन/अङ्गसंवाहन, मर्दन/अङ्गमर्दन, अभ्यञ्जन, उत्सादन/गात्रोत्सादन, संवाह। हिन्दी के शब्द: मलाई, चम्पी। बाङ्ग्ला: गाटेपा (গাটেপা)। ua-cam.com/video/9-aKZ73Uw8g/v-deo.html 245. तकिया→सिरहाना, उपधान, गडुआ, ढासना संस्कृत- उपधान, गण्डु, उपबर्ह, उपबर्हण, उच्छीर्षक, बालिश, खुरालिक, कशिपु ua-cam.com/video/7UqTngy2mXU/v-deo.html 246. राहगीर/राही, मुसाफ़िर→बटोही, बटोहिया, यात्री, पथिक 247. रहज़न/राहज़न→बटमार 248. दीवार→भीत(भित्ति) 249. सही→ठीक, उचित, उपयुक्त 250. चहारदीवारी→प्राचीर, परकोटा 251. स्याही→मसि 252. साफ़→सुथरा, स्वच्छ, निर्मल, अम्लान, शुद्ध, पवित्र, शुचि 253. सफ़ाई→सुथराई, सुथरापन, स्वच्छता, निर्मलता, पवित्रता, शुद्धता, शुचिता 254. बेरोज़गारी/बेरोज़्गारी, बेकारी→वृत्तिहीनता, अनुद्योगिता 255. बेरोज़गार/बेरोज़्गार, बेकार→निर्जीविक, निरुद्योग, निरुद्यम, निठल्ला 256. रोज़गार/रोज़्गार→जीविका, वृत्ति, व्यवसाय, काम-धंधा, कामकाज (जैसे-बंसीधर रोज़गार/रोज़्गार की तलाश में निकले→बंसीधर कामकाज/काम-धंधे की खोज में निकले) 257. दिल→हृदय, मन 258. दिल का दौरा→हृदयाघात 259. दामाद→पाहुन, जमाई/जँवाई 260. तराज़ू→काँटा, तुला, तौल, धड़ा, पलड़ा 261. हालाँकि→यद्यपि 262. शर्म/हया→लाज, लज्जा, मान-मर्यादा, झेंप, संकोच 263. शरमीला/शर्मीला→लज्जालु, लज्जाशील, संकोची 264. शरमिंदा/शर्मिंदा→लज्जित, लज्जान्वित 265. हमेशा→सदा, सर्वदा, सदैव 266. इनकार/इन्कार करना, मना करना, नामंज़ूर करना, ख़ारिज करना→नकारना, अस्वीकार करना, न मानना, अस्वीकृत करना 267. इनकार/इन्कार, मनाही, नामंज़ूरी→अस्वीकार, निषेध, रोक, अस्वीकृति 268. चंद→थोड़े से, कुछ, कतिपय, कई-एक 269. Self-Contradiction→वदितोव्याघात, परस्पर-विरोध, आत्म-विरोधाभास 270. साबुन→फेनक 271. Confused state, Dilemma→असमंजस, द्वंद्व, दुविधा, उलझन 272. बग़ल→काँख 273. वहशी→पाशविक 274. प्यादा, पैदल→पदाति 275. नाख़ून→नख 276. बन्दूक़→भुशुण्डी 277. तोप→शतघ्नी 278. दरबार→सभा 279. दरबारी→सभासद् 280. जूआ→द्यूत 281. नौकर-चाकर→भृत्य, भृतक, सेवक, दास 282. सूद→ब्याज 283. ग़ौरतलब/ग़ौर-तलब→विचारने योग्य, विचारणीय, ध्यातव्य, ध्यान देने योग्य 284. नामज़द→नामांकित, मनोनीत, प्रसिद्ध 285. फ़सल/फ़स्ल→उपज, खेती 286. रबी→शीतोपज 287. ख़रीफ़→वर्षोपज 288. ज़ाइद/ज़ायद→ग्रीष्मोपज 289. दुश्मनी→वैर(बैर), शत्रुता, डाह 290. आगाह→सचेत
291. मुश्किल→कठिन, दुरूह, कठिनाई, कठिनता 292. ग्रॅजुएट(graduate)→स्नातक 293. पोसट-ग्रॅजुएट(post-graduate)→स्नातकोत्तर 294. पी.ऍच.डी.(Ph.D.)→विद्यावारिधि 295. ग्लोरिफ़ाई(glorify)→महिमामंडित करना 296. मेहनताना, मज़दूरी→पारिश्रमिक 297. ब्रोशर(brochure)→विवरणिका, विवरण पुस्तिका 298. थ़ीसिस(thesis)→शोधपत्र 299. ऍग्रिमॅण्ट(agreement)→अनुबन्ध 300. धोखेबाज़ी→प्रवंचना, ठगी, छलना, छलावा, धोखा, धोका, धूर्तता, ठग्गी, वंचना, प्रतारणा 301. E-mail→वैद्युतडाक 302. Delievery charges→डाकव्यय 303. वॅ़ब्साइट(website)→जालकेन्द्र 304. टेक्नीक(तकनीक technique)→प्रविधि 305. उम्मीदवार→प्रत्याशी, प्रार्थी 306. मुहाजिर(migrant)→प्रवासी, प्रव्रजित 307. ग़ोताख़ोर→पनडुब्बा, मरजिया(उदाहरण - जस मरजिया समुँद धँसि मारे हाथ आल तब सीप) 308. तपेदिक→क्षय, यक्ष्मा 309. Rightist→दक्षिणपन्थी 310. सेक्टर→क्षेत्रक 311. Communalism→जनतन्त्रवाद 312. Socialism→समाजवाद 313. Peninsula→प्रायद्वीप 314. मशहूर→प्रसिद्ध, प्रथित, विख्यात, प्रख्यात, ख्याति-प्राप्त 315. Proteins→प्रथिन